फेक कंटेंट के पहचान की पद्धति को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए : प्रो. केजी सुरेश

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में फैकल्टी के लिए ‘फैक्टशाला’ का आयोजन

भोपाल, 22 अक्‍टूबर, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि सभी शिक्षकों को प्रयास करना चाहिए कि वे अपनी कक्षाओं में विद्यार्थियों को फेक कंटेंट की पहचान करने का प्रशिक्षण दें। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए फेक कंटेंट की पहचान करने की पद्धति को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने की आवश्यकता है। हालाँकि, अनेक समाचार संस्थाओं ने फेक कंटेंट की परीक्षण करना शुरू किया है। लेकिन, उनकी अपनी सीमा है। फेक कंटेंट इतना अधिक आ रहा है कि इसे रोकने के लिए बड़े स्तर पर लोगों को जागरूक करना आवश्यक है। विश्वविद्यालय के न्यू मीडिया तकनीकी विभाग की ओर से फैकल्टी के लिए आयोजित ‘फैक्टशाला’ को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. सुरेश ने उक्त विचार व्यक्त किए।

‘फैक्टशाला’ की प्रशिक्षक एवं न्यू मीडिया तकनीकी विभाग की अध्यक्ष प्रो. शशिकला ने बताया कि यह कार्यशाला दो दिवसीय थी। पहले दिन चयनित विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया, वहीं दूसरे दिन कार्यशाला में शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल हुए। उन्होंने बताया कि ‘फैक्टशाला’ सही समाचार एवं सूचना की पहचान के लिए इंटरन्यूज और डेटालीड्स का संयुक्त कार्यक्रम है, जो गूगल की पहल ‘गूगल न्यूज इनिशिएटिव’ द्वारा समर्थित है। कार्यशाला में फोटो, पोस्टर एवं वीडियो की वास्तविकता को पहचान करने का अभ्यास कराया गया। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने आभार व्यक्त किया।