दक्षिण एशियाई देशों में कोविड के खिलाफ डिजीटल मीडिया की ताकत का भारत ने भरपूर उपयोग किया- जी. सुमनसेकरा

व्यवसाय में विश्वसनीयता आवश्यक, अविश्वसनीय चीनी वैक्सीन की मांग दुनिया में कहीं नहीं है – प्रो. के.जी. सुरेश

‘इनोवेटिव बिजनेस प्रैक्टिसेज इन डिजिटल एरा पर अंतर्राष्ट्रीय वेब कॉन्फ्रेंस में 44 शोध पत्र प्रस्तुत

कॉन्फ्रेंस में अमेरिका, दुबई, श्रीलंका और नेपाल के प्रख्यात अकादमिक विशेषज्ञ सम्मिलित हुए

भोपाल, 30 दिसम्‍बर, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा “इनोवेटिव बिजनेस प्रैक्टिसेज इन डिजिटल एरा” विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का समापन बुधवार को हो गया, कॉन्फ्रेंस में डिजीटल मीडिया और व्यवसाय के विभिन्न विषयों पर 44 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

कांफ्रेंस के समापन सत्र में मुख्य अतिथि कोलंबो चेंबर ऑफ कॉमर्स, श्रीलंका के अध्यक्ष जी. सुमनसेकरा ने पने संबोधन में कहा कि कोरोना महामारी के कठिन दौर में दक्षिण एशियाई देशों ने डिजीटल मीडिया के माध्यम से जागरूकता बढ़ाकर अच्छा काम किया और महामारी को नियंत्रित रख सके, इसमें भारत का प्रयास उल्लेखनीय है। सुमनसेकरा ने कहा कि महामारी के हालात हमें अपनी गतिविधियों को प्रकृति के अनुरूप संचालित करने की मांग करते हैं, जिसे समझने की आवश्यकता है।

समापन सत्र में यूनिवर्सिटी ऑफ क्यूबिक कनाडा में प्रबंधन विभाग के प्रोफेसर डॉ. प्रॉस्पर बर्नार्ड ने डिजीटल मीडिया तकनीक पर अपने शोध पत्र के माध्यम से बताया कि वर्तमान परिदृश्य में डिजीटल मीडिया में आर्टिफीशियस इंटेलिजेंस का उपयोग कर मंद पड़े व्यवसाय सेक्टर को बूस्ट किया जा सकता है। कोविड महामारी के दौर में शिक्षा व्यवस्था पर चर्चा करते हुए डॉ. बर्नार्ड ने कहा कि नई और सामयिक शिक्षा व्यवस्था में डिजीटल मीडिया से प्रभावी और सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं।

सत्र में हैल्थकेयर प्रोफेशनल डॉ. स्वदीप श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड के दौर में जहां कई व्यवसाय ठप्प हो गए वहीं डिजीटल मीडिया ने हैल्थकेयर सेक्टर को मजबीती प्रदान की है, जो अन्य क्षेत्रों के लिए प्रेरणा दे सकती है।

समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश ने अपने संबोधन में कहा कि आज के व्यवसाय में विश्वसनीयता अत्यंत आवश्यक है, चीन के पास कोविड वैक्सीन का भंडार होते हुए भी उसकी मांग दुनिया में कोई नहीं कर रहा है, कारण विश्वसनीयता और पारदर्शिता की है, और यही अब सफल व्यवसाय का मूलमंत्र है, जहां आशंकाओं के लिए कोई जगह नहीं है। प्रो. सुरेश ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस में जो भी अनुसंशाएं आईं हैं विश्वनविद्यालय उनके क्रियान्वयन के लिए हर संभव प्रयास करेगा।

विश्वविद्यालय के मीडिया प्रबंधन विभाग द्वारा 28 से 30 दिसंबर 2020 तक आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में अमेरिका, श्रीलंका, नेपाल दुबई से भी अकादमिक विशेषज्ञों ने भाग लिया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मा. श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन सोमवार को किया था।

तीन दिवसीय इस कांफ्रेंस में 7 तकनीकी सत्रों में 44 शोध पत्र इनोवेटिव बिजनेस प्रैक्टिसेज इन डिजिटल एरा संबंधित विभिन्न विषयों पर प्रस्तुत किए गए। साथ ही विशेषज्ञ मार्गदर्शक के रूप में नेपाल से डॉ. निर्मल मणी अधिकारी; दुबई से डॉक्टर आफताब अहमद; कनाडा से श्री विवेक राव; आईआईएम इंदौर से डॉक्टर एस.आर. दास; ग्वालियर से डॉक्टर यू. होलानी; नेपाल से श्री लक्ष्मण डी. पंत और दिल्ली से डॉ. टिमिरा शुक्ला ने विभिन्न सत्र में संबोधित किया।

इस कांफ्रेंस की चेयरपर्सन प्रो. डॉ. कंचन भाटिया, संयोजक डॉ. कपिल आर. चंदोरिया और सहसंयोजक डॉ. मनीषा वर्मा सहायक प्राध्यापक थीं।