सिनेमा लेखन में महत्वपूर्ण है कल्पनाशीलताः अशोक मिश्र

पांच दिवसीय फिल्म एप्रीसिएशन कार्यशाला का शुभारंभ

भोपाल,14 अक्टूबर, 2019: प्रख्यात पटकथा लेखक एवं फिल्मकार श्री अशोक मिश्र का कहना है कि फिल्म निर्माण एक कठिन विधा है, वहीं उसकी समीक्षा के लिए दृष्टि और समझ जरूरी है। वे यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित पांच दिवसीय फिल्म एप्रीसिएशन कार्यशाला के शुभारंभ सत्र में मुख्यवक्ता के रुप में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि सिनेमा पूरी दुनिया की दास्तां कहने वाली विधा है। स्क्रीन प्ले एक तरह से किसी की जिंदगी को दिखाना होता है। एक ही कहानी को पांच लेखक पांच तरह से लिखेंगे। इसलिए इस विधा में हमारी कल्पनाशीलता और दृष्टि बहुत महत्त्वपूर्ण हो जाती है। श्री मिश्र ने कहा कि सिनेमा में जो अधूरापन आ रहा है, उसे दूर करने की जरूरत है। इसलिए कई बार भारत जैसे कहानियों के देश में भी कथाओं का अकाल लगता है। इसके लिए नई पीढ़ी को नई नजर और संवेदना विकसित करने की आवश्यकता है।

मुंबई से आई फिल्मकार सुश्री तनुजा चतुर्वेदी ने कहा कि दुनिया का सबसे युवा आर्ट फार्म सिनेमा ही है, क्योंकि इसमें हमेशा संभावनाएं बनी और बची रहती हैं। यहां सब प्रकार की कलाओं को एक मंच पर समन्वित किया जा सकता है। हमारी कहानी कहने की जो परंपरा है, उससे सिनेमा को हमेशा शक्ति मिलती है। फिल्मकार श्री सुनील शुक्ला ने कहा कि फिल्म डिजायन का एक उत्कृष्ट नमूना है। कैसे देखें से क्या देखें, ये ज्यादा जरूरी बात है। इससे फिल्म की समझ विकसित होती है। फिल्म बनाना एक लंबी प्रक्रिया है, इसकी बेहतर समझ अभ्यास और अध्ययन से ही आती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति श्री दीपक तिवारी ने कहा कि फिल्म एप्रीसिएशन एक विशेषज्ञतापूर्ण कार्य है। मनोरंजन उद्योग जिस प्रकार विकसित हो रहा है, उसमें संभावनाएं बहुत हैं। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि देश को बहुत सारे अच्छे फिल्ममेकर्स का इंतजार है, क्योंकि जहां मुख्यधारा का मीडिया असफल हो रहा है, वहां फिल्में अपनी बात कह रही हैं। श्री तिवारी ने कहा कि सिनेमा एक बहुत शक्तिशाली माध्यम है, जिसमें बदलाव लाने की शक्ति है।

कार्यक्रम का संचालन कार्यशाला के संयोजक और जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डा.संजीव गुप्ता ने किया। सिनेमा को समर्पित इस पांच दिवसीय कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में प्रख्यात पटकथा लेखक श्री अशोक मिश्र (मुंबई), मप्र नाट्य विद्यालय के निदेशक श्री आलोक चटर्जी, जाने-माने लेखक श्री उदयन वाजपेयी, फिल्मकार तनूजा चतुर्वेदी (मुंबई), शिव कदम (औरंगाबाद), अनवर जमाल (दिल्ली), फिल्म समीक्षक डा. अनिल चौबे प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करेंगे।