पत्र PDF में…
14 अक्टूबर 2025
विश्वविद्यालय के सभी पूर्व विद्यार्थी मित्रो,
आप सबको नमस्कार। दिवाली सबके लिए मंगलमय हो। आशा है सब सपरिवार स्वस्थ और सानंद होंगे।
गत माह दो दिन के लिए अचानक दिल्ली जाना हुआ था। सूचना पाकर कुछ पूर्व विद्यार्थी एक जगह इकट्ठा हो गए। हम कुछ देर साथ बैठे। यह सुझाया गया कि कुछ समय के अंतराल में अलग-अलग स्थानों पर हम मिलते रहें। कभी भोपाल में भी पूर्व विद्यार्थियों का मिलन हो। मिलने-जुलने और निरंतर संपर्क में रहने का सुझाव स्वागतयोग्य था। गत फरवरी में विश्वविद्यालय में आते ही तय किया था कि पूर्व विद्यार्थियों का एक विस्तृत डेटा बनना चाहिए। वे कहाँ कार्यरत हैं? किस बैच और विभाग से हैं? उनका कॅरिअर किन-किन पड़ावों से होकर गुजरा है? विशेष उपलब्धियाँ?
दिल्ली के मित्रों के बीच प्रस्तुत मेरे प्रस्ताव को आप सबके बीच दोहराना चाहता हूँ। आप सब अपने अनुभव लिखें। विश्वविद्यालय से निकलने के बाद विभिन्न मीडिया संस्थानों में अपने कार्य के अनुभवों पर लिखें। अपने संघर्ष की कहानी कहें। दस-बीस-तीस-पैंतीस साल की यात्रा में हम सबने केवल मीडिया ही नहीं, देश में बहुत कुछ बदलते हुए देखा है। एक समय केवल प्रिंट मीडिया था। फिर टीवी और डिजिटल मीडिया के नए अध्याय खुले, जहाँ बहुत तेजी से तकनीकी बदलाव होते हमने देखे हैं।
ये सारे अनुभव लिखे जाने चाहिए। कॅरिअर के आरंभ में उदार सीनियर मिले होंगे, जिन्होंने सही समय पर सही मार्गदर्शन और मदद की होगी, लिखकर उन्हें याद करें। पहला कवरेज, पहली खबर, पहली बायलाइन, पहला लाइव, पहली विदेश यात्रा, पहली किताब, पहले संपादक, इन सबके बारे में लिखें। अपने परिवार की चर्चा करें। दो-ढाई हजार शब्दों में अपनी कहानी। और अधिक लिखेंगे तो भी स्वागत है।
हम सबके इन साझा अनुभवों पर एक पुस्तक की योजना है। 30 नवंबर तक सभी के आलेख मिल जाएंगे तो जनवरी तक इसके प्रकाशन की तैयारी की जा सकती है। विश्वविद्यालय यह पहल करेगा। इस पुस्तक के लोकार्पण के बहाने भोपाल में पूर्व विद्यार्थियों का एक समागम किया जा सकता है। आलेख अधिक होंगे तो दूसरे और तीसरे भाग का प्रकाशन भी संभव है। अपना पूरा प्रोफाइल अलग से लिखें। कुछ अच्छे फोटो भी भेजें।
मैंने यह भी तय किया है कि तीन महीने के अंतराल में दिल्ली आना होता रहे और हर बार एक पूर्व निर्धारित स्थान और समय पर हम मिलते रहें। सब एक साथ एक जगह आ पाएँ, यह व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। जब जिसे जहाँ सुविधा हो, हम मिलें। इसके अलावा मैं विभिन्न मीडिया संस्थानों के न्यूजरूम की परिक्रमा भी कर रहा हूँ। विश्वविद्यालय के होनहार विद्यार्थी हर कहीं मिल रहे हैं। यह क्रम निरंतर रहेगा।
बीते 35 वर्षों में इस विश्वविद्यालय से पढ़कर निकले विद्यार्थियों में मीडिया के विविध क्षेत्रों अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। अनेक संपादक और पत्रकार के अलावा अच्छे लेखक और कवि के रूप में भी सामने आए हैं। अनेक पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। आरंभिक वर्षों में निकले विद्यार्थी अपनी आयु और अनुभव के एक ऊँचे और अग्रणी स्थान पर हैं। मैं स्वयं यहीं पढ़ा हूँ। केवल एक ही बैच के विद्यार्थी मेरे सीनियर हैं और वो पहला बैच था। अधिकतर मेरे बाद के ही हैं। मेरा प्रस्ताव आप सबको है।
कृपया समय सीमा में अपने अनुभव vcoffice@mcu.ac.in पर मेल करें। पुन: दीप पर्व की असीम मंगलकामनाएँ।
आपका ही-
विजय मनोहर तिवारी
कुलगुरु
