गांधी के आंदोलन और नवजागरण में माखनलाल चतुर्वेदी का अद्वितीय योगदान: श्रीधर

बापू और दादा की पुण्यतिथि पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में विशेष व्याख्यान

भोपाल, 30 जनवरी, 2020: महात्मा गांधी जब आज़ादी की लड़ाई को जनांदोलन बना रहे थे, तब मध्य भारत में माखनलाल चतुर्वेदी अपने समाचार पत्र ‘कर्मवीर’ के माध्यम से आजादी और नवजागरण की अलग जगा रहे थे। यह बातें सप्रे संग्रहालय के संस्थापक निदेशक विजयदत्त श्रीधर ने गुरुवार को यहां अपने मुख्य वक्तव्य में कहीं। वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनके अनुयायी व स्वतंत्रता सेनानी माखनलाल चतुर्वेदी की पुण्यतिथि पर विशेष व्याख्यान में अपनी बात रख रहे थे।

श्रीधर ने कहा कि दादा माखनलाल चतुर्वेदी के समाचार पत्र ‘कर्मवीर’ को 17 जनवरी को 100 वर्ष पूर्ण हुए हैं। उनकी पत्रकारिता निबंध लेखन की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान आने के बाद प्रारंभ हुई। माधवराव सप्रे ने उन्हें ‘प्रभा’ के संपादन की जिम्मेदारी सौंपी। दादा ने 1927 में भरतपुर संपादक सम्मेलन में उन्होंने पत्रकारिता के शिक्षण के लिए एक अच्छे संस्थान की आवश्यकता को रेखांकित किया था। उस सम्मेलन में उन्होंने पत्रकारिता की जिम्मेदारी पर भी महत्वपूर्ण वक्तव्य दिया था, जिसे आज पढ़ाये जाने की जरूरत है। विजयदत्त श्रीधर ने बताया कि महात्मा गांधी पर पहली कविता माखनलाल जी ने लिखी, जो `प्रताप’ में प्रकाशित हुई। उन्होंने रतौना गोरक्षा सत्याग्रह और झंडा आंदोलन में माखनलाल चतुर्वेदी के योगदान को रेखांकित किया।

इस अवसर पर कुलपति दीपक तिवारी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि विविधता ही भारत है। विविधता ही भारत की ताकत है। विविधता बचेगी तो भारत बचेगा और भारत बचेगा तो दुनिया बचेगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय माखनलाल जी के भाव को आगे बढ़ा रहा है। विवि ने दादा की जन्मस्थली बाबई में उनकी स्मृति में पुस्तकालय की स्थापना की है।

17 जून को रतौना आंदोलन के 100 वर्ष पूर्ण होने पर विश्वविद्यालय सागर में संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है। इस अवसर पर प्रो. बीएस निगम ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कुलाधिसचिव डॉ. श्रीकांत सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया और कार्यक्रम का संचालन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग की अध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने किया।