एमसीयू के 30 साल के इतिहास में रिकॉर्ड प्रवेश : प्रो. केजी सुरेश

विश्वविद्यालय के परिसरों एवं सम्बद्ध अध्ययन संस्थाओं में 1 लाख 3 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने लिया प्रवेश

भोपाल, 28 दिसम्‍बर, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय के 30 वर्ष के इतिहास में इस वर्ष सबसे अधिक प्रवेश हुए हैं। मीडिया और कंप्यूटर के पाठ्यक्रमों में 1 लाख 3 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। विश्वविद्यालय से सम्बद्ध अध्ययन संस्थाओं के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में उन्होंने यह बात कही। इस कार्यशाला में भोपाल संभाग की 75 संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।

कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि विद्यार्थियों के व्यापकों हितों को विश्वविद्यालय ने हमेशा ध्यान में रखा है। विश्वविद्यालय अपनी अध्ययन संस्थाओं के साथ मिलकर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। हमारा प्रयास है कि हमसे सम्बद्ध अध्ययन संस्थाएं मजबूत हों और उनकी गुणवत्ता बढ़े। संस्थाओं के संकाय सदस्यों के प्रशिक्षण एवं उनके शैक्षणिक विकास के लिए कार्यक्रम संचालित करने की भी योजना है। कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि हमारा प्रयास है कि इस वर्ष हम एमपी ऑनलाइन की जगह अपनी स्वयं की व्यवस्था निर्मित करें। ऐसा करके हम आत्मनिर्भरता की ओर अपने कदम बढ़ाएंगे। तीन दशक की यात्रा के बाद अब समय आ गया है कि विश्वविद्यालय आत्मनिर्भर हो। यह संतोष की बात है कि एमसीयू प्रत्येक परिस्थिति में अपने अकादमिक कैलेंडर का लगभग 100 प्रतिशत पालन करता है। समय पर परीक्षाएं और परीक्षा परिणाम घोषित करने में हमारी पहचान है।

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली संस्थाएं होंगी पुरस्कृत:

कुलपति प्रो. सुरेश ने घोषणा की है कि विश्वविद्यालय की ओर से प्रत्येक संभाग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली तीन अध्ययन संस्थाओं को पुरस्कृत किया जाएगा। इसी तरह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को भी स्वर्ण पदक दिया जाएगा। यह प्रयास स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए है।

इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजेश पाठक ने परीक्षा सम्बन्धी जानकारी दी और सम्बद्ध अध्ययन संस्थाओं के निदेशक डॉ. मनीष माहेश्वरी ने स्वागत उद्बोधन दिया। कार्यशाला का संचालन एवं विषय प्रवर्तन सहायक कुलसचिव श्री विवेक सावरीकर ने किया। वहीं, सम्बद्ध अध्ययन संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपनी कठिनाईयां भी बतायीं और भविष्य के लिए सुझाव भी प्रस्तुत किये। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने किया। इस अवसर पर डीन अकादमिक प्रो. पी. शशिकला सहित विभिन्न विभागों के अध्यक्ष उपस्थित रहे।