पत्रकार बनें, जज नहीं : सौरभ द्विवेदी

पत्रकार बनें, जज नहीं : सौरभ द्विवेदी

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में
‘डिजिटल मीडिया में चुनाव रिपोर्टिंग’ पर व्याख्यान और ‘फेक न्यूज’ पर कार्यशाला आयोजित

भोपाल, 09 मई, 2019: डिजिटल मीडिया के पत्रकार सौरभ द्विवेदी ने कहा कि चुनाव की रिपोर्टिंग के लिए वह अनेक जगह गए हैं। चुनाव रिपोर्टिंग के दौरान उन्होंने अनुभव किया कि देश के नागरिक उम्मीदों से भरे हुए हैं। वह वोट के लिए इंतजार करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे बदलाव होगा। वहीं, दूसरी ओर वह लोग हैं जो वोटिंग के अवसर पर पिकनिक मनाने चले जाते हैं। भारत की यह दो तस्वीरें हमारे सामने हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्टिंग के दौरान हमें सिर्फ पत्रकारिता करनी चाहिए, जज नहीं बनना चाहिए। हमें ध्यान रखना चाहिए कि जब हम किसी को जज करते हैं, तब कोई हमें भी जज कर रहा होता है। इस अवसर पर कुलपति श्री दीपक तिवारी उपस्थित रहे।

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘डिजिटल मीडिया में चुनाव रिपोर्टिंग’ पर आयोजित विशेष व्याख्यान में ‘द लल्लनटॉप’ वेबसाइट के संपादक श्री द्विवेदी ने कहा कि पत्रकारिता एक जिम्मेदारी का काम है। पत्रकार को एक जिंदगी में कई जिंदगियां जीने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि सरकार के अच्छे काम की प्रशंसा करने पर या सरकार के गलत काम की आलोचना करने पर पत्रकारों को लेबल लगा दिया जाता है। नियमित अध्ययन के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि लोटा पीतल का हो या सोने का, उसे लगातार मांजना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम बेहतर इंसान बने तो पत्रकार बन ही जाएंगे। पत्रकार के भीतर करुणा का भाव होना बहुत आवश्यक है। श्री द्विवेदी ने चुनाव रिपोर्टिंग के दौरान किए जाने वाले फेसबुक लाइव के महत्व को भी बताया और अपने अनेक अनुभव विद्यार्थियों के साथ साझा किए।

इस अवसर पर उनके सहयोगी निखिल वाथ ने ‘फेक न्यूज’ पर कार्यशाला को संबोधित किया। इसमें उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाह ज्यादा खतरनाक है। हमें वही बात सोशल मीडिया पर पोस्ट करनी चाहिए, जो किसी को हम असल जिंदगी में कह सकें। इस कार्यशाला में उन्होंने विद्यार्थियों को फेक न्यूज को पहचानने और उसे रोकने के टिप्स दिए। कई मीडिया संस्थान फैक्ट चैकिंग पर काम कर रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन विद्यार्थी विभव देव शुक्ला ने किया।

पत्रकार बनें, जज नहीं : सौरभ द्विवेदी माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘डिजिटल मीडिया में चुनाव रिपोर्टिंग’ पर व्याख्यान और ‘फेक न्यूज’ पर कार्यशाला आयोजित भोपाल, 09 मई, 2019: डिजिटल मीडिया के पत्रकार सौरभ द्विवेदी ने कहा कि चुनाव की रिपोर्टिंग के लिए वह अनेक जगह गए हैं। चुनाव रिपोर्टिंग के दौरान…

पत्रकारिता विश्वविद्यालय के विभागों की फिल्मों का लोकार्पण

पत्रकारिता विश्वविद्यालय के विभागों की फिल्मों का लोकार्पण

भोपाल, 02 मई, 2019: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों एवं उनमें संचालित मीडिया एवं कंप्यूटर शिक्षा के पाठ्यक्रमों पर केन्द्रित फिल्मों के लोकार्पण कार्यक्रम में कुलपति श्री दीपक तिवारी ने कहा कि दो सप्ताह से भी कम समय में बनायी गई यह फ़िल्में उत्कृष्टता और नवाचार की दिशा में एक प्रयास है। तीन-चार मिनट की इन फिल्मों के माध्यम से विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी यहाँ प्रवेश लेने के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थियों को मिलेगी। फिल्मों का निर्माण विश्वविद्यालय की प्रोडक्शन टीम ने किया है। यह सभी फिल्में विश्वविद्यालय के वीडियो यू-ट्यूब चैनल पर तथा वेबसाइट पर अपलोड की गई है।

विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने प्रोडक्शन टीम और फिल्म निर्माण में शामिल रहे विद्यार्थियों की सराहना की। प्रोडक्शन टीम में परेश उपाध्याय, राहुल खड़िया, मनोज पटेल, डॉ. गजेन्द्र अवास्या, दीपक चौकसे, बापू बाघ, मुकेश चौरासे, चन्द्रमोहन गुर्जर और सुरेश झा शामिल रहे। फिल्म निर्माण व्यवस्था का निदेशन जनसंचार तथा मीडिया शोध विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजीव गुप्ता ने किया।

इस अवसर पर जनसंचार विभाग के विद्यार्थी हिमांशु पाण्डेय, उज्जवल कुमार, करूणेश सिंह, माधवी सिकरवार और अंशिका शुक्ला द्वारा प्रोडयूसर श्री परेश उपाध्याय के मार्गदर्शन में पं. माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती पर बाबई, होशंगाबाद एवं भोपाल में आयोजित कार्यक्रमों के वीडियो फुटेज को सम्पादित कर पुष्पांजलि शीर्षक से एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया।

पत्रकारिता विश्वविद्यालय के विभागों की फिल्मों का लोकार्पण भोपाल, 02 मई, 2019: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों एवं उनमें संचालित मीडिया एवं कंप्यूटर शिक्षा के पाठ्यक्रमों पर केन्द्रित फिल्मों के लोकार्पण कार्यक्रम में कुलपति श्री दीपक तिवारी ने कहा कि दो सप्ताह से भी कम समय में बनायी गई यह…

मुख्य् धारा से वंचित लोग जुड़ रहे है मीडिया से : श्री शास्त्री

मुख्‍य धारा से वंचित लोग जुड़ रहे है मीडिया से :  श्री शास्‍त्री

इंडियन रीडरशिप सर्वे 2019 पर एमसीयू में कार्यशाला आयोजित

भोपाल, 30 अप्रैल, 2019: वरिष्‍ठ पत्रकार श्री ललित शास्‍त्री ने कहा कि विकसित राष्‍ट्रों में प्रिन्‍ट मीडिया सिकुड़ गया है लेकिन भारत में अलग दौर चल रहा है। लोग स्‍मार्ट फोन लेकर चल रहे है और उससे खबरें प्राप्‍त कर रहे है उसके बावजूद समाचार पत्रों का ग्राफ  ऊपर उठ रहा है। मुख्‍य धारा से वंचित लोग मीडिया से भी जुड़ रहे है।

श्री शास्‍त्री माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्‍वविद्यालय में आज इंडियन रीडरशिप सर्वे-2019 को लेकर आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञ के रूप में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।  उन्‍होंने कहा कि इस सर्वे के आंकड़े बहुत कुछ इंगित करते है। प्रिंट मीडिया की वृद्धि को भी जानना जरुरी है। यह आंकड़े प्रिंट मीडिया का ट्रेंड बताते है।

कार्यशाला में कुलपति श्री दीपक तिवारी ने कहा कि इंडियन रीडरशिप सर्वे के माध्‍यम से मीडिया संस्‍थानों को उनके पाठक वर्ग के बारे में जानकारी मिलती है। सर्वे की विस्‍तृत रिपोर्ट से यह पता लगता है कि किस तरह के पाठक वर्ग में कौन सा समाचार पत्र और पत्रिका पढ़ी जा रही है।

कार्यशाला में मीडिया प्रबंधन विभाग की सहायक प्राध्‍यापक सुश्री मनीषा वर्मा ने आईआरएस के प्रबंधकीय पक्ष को बताया, उन्‍होंने बताया कि काउंसिल ने 3.24 लाख उत्‍तरदाताओं के बीच सर्वे कर मीडिया और उपभोक्‍ताओं के व्यवहार को लेकर जानकारी जुटाई है। सर्वे के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में पाठक संख्‍या बढ़ रही है और प्रिंट मीडिया आज भी एक मजबूत माध्‍यम है। पत्रकारिता विभाग के सहायक प्राध्‍यापक श्री लोकेन्‍द्र सिंह राजपूत ने कहा कि भारत में प्रिंट मीडिया की वृद्धि उन विदेशी विशेषज्ञों के दावे के बिलकुल उलट है जिसमें उन्‍होंने कहा है कि 2040 तक प्रिंट मीडिया समाप्‍त हो जायेगा। आईआरएस सर्वे के अनुसार हिन्‍दी की पाठक संख्‍या में एक करोड़ का इजाफा हुआ है और पत्रिकाओं ने 90 लाख नये पाठक जोड़े है। जनसंचार विभाग के अध्‍यापक श्री साकेत दुबे ने कहा कि आईआरएस के आंकड़े वैकल्पिक मीडिया के बारे में कुछ नहीं बताते है। उन्‍होंने यह भी कहा कि इस सर्वे से प्रिंट मीडिया  के बारे में संख्‍यात्‍मक जानकारी ही मिलती है गुणात्‍मक नहीं। मीडिया प्रबंधन विभाग के प्राध्‍यापक डॉ. अविनाश वाजपेयी ने कार्यशाला का संचालन किया। कार्यशाला में विभिन्‍न विभागों के विद्यार्थी और शिक्षकगण उपस्थित थे।

मुख्‍य धारा से वंचित लोग जुड़ रहे है मीडिया से :  श्री शास्‍त्री इंडियन रीडरशिप सर्वे 2019 पर एमसीयू में कार्यशाला आयोजित भोपाल, 30 अप्रैल, 2019: वरिष्‍ठ पत्रकार श्री ललित शास्‍त्री ने कहा कि विकसित राष्‍ट्रों में प्रिन्‍ट मीडिया सिकुड़ गया है लेकिन भारत में अलग दौर चल रहा है। लोग स्‍मार्ट फोन लेकर चल रहे…

सही उत्त‍र पाने के लिए सही प्रश्न करना आवश्य क : सुश्री सिंह

सही उत्‍तर पाने के लिए सही प्रश्‍न करना आवश्‍यक : सुश्री सिंह

भोपाल, 23 अप्रैल, 2019: वरिष्‍ठ पत्रकार सुश्री रोहिणी सिंह ने कहा कि एक पत्रकार में सवाल करने की बुनियादी और स्‍वाभाविक खूबी होना चाहिए। सही उत्‍तर पाने के लिए हमें सही प्रश्‍न करना आवश्‍यक है।

वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्‍वविद्यालय में मॉडल यूनाइटेड नेशन्‍स कॉन्‍फ्रेंस को लेकर आयोजित जागरूकता कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित कर रही थी। उन्‍होंने कहा कि मीडिया ही है जो सत्‍ता और किसी भी विचारधारा के बीच संतुलन बना सकता है। उन्‍होंने कहा कि मीडिया के विद्यार्थियों को समाचार पत्रों के लेख, संपादकीय आदि पढ़ना चाहिए, इससे उन्‍हें प्रोपेगण्‍डा और सच्‍चाई के बीच का फर्क पता लगेगा। पत्रकार का किसी विचारधारा या राजनीतिक दल के प्रति व्‍यक्तिगत रूप से झुकाव हो सकता है लेकिन उसके पेशे में वह नहीं झलकना  चाहि‍ए।

विश्‍वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने इस अवसर पर कहा कि विश्‍वविद्यालय पाठ्यक्रम में गुणवत्‍ता बढ़ाने को लेकर कार्य कर रहा है। मीडिया के विद्यार्थियों को कक्षा में पढ़ाई, परीक्षा के अतिरिक्‍त विश्‍व भर की व्‍यवस्‍थाओं को भी जानना, समझना आवश्‍यक है। मॉडल यूनाइटेड नेशन्‍स कांफ्रेंस इस दिशा में विद्यार्थियों की मदद करेगी। कार्यक्रम में पत्रकार अमुल्या गोपालकृष्णन भी मौजूद थी।

कार्यशाला में एमयूएन सोसायटी की छात्रा सुश्री अंकिता दास ने एमयूएन कॉन्‍फ्रेस के उद्देश्‍य, कार्यप्रणाली और छात्र-छात्राओं को उससे होने वाले लाभ के बारे में बताया। कार्यशाला में विश्‍वविद्यालय के विभिन्‍न विभागों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। विश्‍वविद्यालय एमयूएन कॉन्‍फ्रेस आयोजित करने जा रहा है। इस संबंध में आज विश्‍वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई थी।

सही उत्‍तर पाने के लिए सही प्रश्‍न करना आवश्‍यक : सुश्री सिंह भोपाल, 23 अप्रैल, 2019: वरिष्‍ठ पत्रकार सुश्री रोहिणी सिंह ने कहा कि एक पत्रकार में सवाल करने की बुनियादी और स्‍वाभाविक खूबी होना चाहिए। सही उत्‍तर पाने के लिए हमें सही प्रश्‍न करना आवश्‍यक है। वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्‍वविद्यालय…

एमसीयू में प्रवेश प्रारंभ, ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित

एमसीयू में प्रवेश प्रारंभ, ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित

भोपाल, 22 अप्रैल, 2019: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के भोपाल परिसर में मीडिया, मीडिया प्रबंधन, कंप्यूटर और न्यू मीडिया के विभिन्न स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। प्रवेश हेतु ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए हैं। इन नवाचारी पाठयक्रमों का  सिलेबस मीडिया जगत की आवश्‍यकताओं को ध्‍यान में रखकर मीडिया और अकादमिक विशेषज्ञों की सलाह लेकर तैयार किया गया है। पाठयक्रमों में अब अधिक जोर व्‍यावहारिक प्रशिक्षण पर होगा। पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों की क्षमता और कौशल को बढ़ाने के लिये आउटकम बेस्‍ड लर्निगं प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

शैक्षणिक सत्र 2019-20 में विश्वविद्यालय में एम.ए. (पत्रकारिता), एम.ए. (जनसंचार), एम.ए. (विज्ञापन और जनसंपर्क), एम. एससी. (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया), एम. एससी. (फिल्म प्रोडक्शन), एम. एससी. (न्यू मीडिया), एम.बी.ए. (मीडिया बिज़नस मैनेजमेंट), एम.सी.ए. (3 वर्षीय और 2 वर्षीय लेटरल एंट्री) पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाएगा। सभी पाठ्यक्रमों के लिए MPOnline के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन भेजे जा सकते हैं। आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 31 मई है।

पाठ्यक्रमों में प्रवेश विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से दिया जाएगा। प्रवेश परीक्षा 9 जून को देश के चुनिंदा शहरों में आयोजित की जाएगी। विस्तृत जानकारी के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.mcu.ac.in पर जानकारी उपलब्ध है यहां से आप विवरणिका भी डाउनलोड कर सकते हैं। विश्वविद्यालय के टेलीफोन न. 0755-2553523 से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

एमसीयू में प्रवेश प्रारंभ, ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित भोपाल, 22 अप्रैल, 2019: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के भोपाल परिसर में मीडिया, मीडिया प्रबंधन, कंप्यूटर और न्यू मीडिया के विभिन्न स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। प्रवेश हेतु ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए हैं। इन नवाचारी पाठयक्रमों का  सिलेबस…

पत्रकारों को बाल अधिकारों के लिए कार्य करना चाहिए – माइकल स्टीवन जुमा

पत्रकारों को बाल अधिकारों के लिए कार्य करना चाहिए – माइकल स्टीवन जुमा

भोपाल 12 अप्रैल, 2019: यूनिसेफ के भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय के प्रमुख श्री माइकल स्टीवन जुमा ने कहा कि पत्रकारों को बाल अधिकारों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और बाल अधिकारों से संबंधित मुद्दों पर रिपोर्टिंग करनी चाहिए।

वे यूनिसेफ तथा माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के तत्त्वावधान में आयोजित एक संगोष्ठी में बोल रहे थे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने श्री जुमा का स्वागत किया और उनका परिचय दिया।

श्री जुमा ने कार्यक्रम में शामिल विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बाल अधिकारों की बात की एवं भावी पत्रकारों को बाल अधिकार पर रिपोर्टिंग करने के लिए प्रेरित किया और लड़कियों से जुड़े संवेदनशील मुद्दों की रिपोर्टिंग में गोपनीयता बरतने की सलाह दी। साथ ही साथ मीडिया कानून और आचार को पालन करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि हर एक बच्चे को शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ का अधिकार है। माइकल स्टीवन जुमा ने बाल अधिकारों के सिद्धांतों को लेकर कहा कि पहला सिद्धांत यह है कि हर एक बच्चे को समानता का अधिकार है, चाहे वह किसी भी रंग, जाति या धर्म से सम्बद्ध हो। दूसरे सिद्धांत की बात करते हुए उन्होंने संवेदनशील मामलों में गोपनीयता बरक़रार रखने की बात की। तीसरे सिद्धांत के बारे में उन्होंने कहा कि हर बच्चे को जीवित रहने का तथा खुशहाल जीवन जीने का अधिकार है।

उन्होंने विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वो अपने आसपास के बच्चों से बात करे और अगर उन्हें कोई तकलीफ है तो उसको निवारण करें।  उन्होंने भारत की न्यायपालिका और कानून को काफी सार्थक बताया जो बाल अधिकारों की सुरक्षा करता है।

श्री जुमा के अनुसार आज के समय में यौन शोषण, बाल श्रम, कुपोषण बाल अधिकारों के संदर्भ में सबसे बड़ी चुनौती हैI भावी पत्रकारों को इंगित करते हुए उन्होंने इन समस्याओं पर काम करने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने बताया कि “18 से कम उम्र के बच्चो का  बाल यौन शोषण, तस्करी, बाल श्रम और हानिकारक, पारंपरिक कुप्रथाओं, जैसे- बाल विवाह, हिंसा, शोषण और बच्चों के खिलाफ शोषण को रोकने और प्रतिक्रिया देने के लिए यूनिसेफ ‘बाल संरक्षण’ शब्द का उपयोग करता है।” बाल अधिकारों के सम्बन्ध में उन्होंने गोपनीयता एवं संवेदनशीलता को रिपोर्टिंग का मूल आधार बताया।

पत्रकारों को बाल अधिकारों के लिए कार्य करना चाहिए – माइकल स्टीवन जुमा भोपाल 12 अप्रैल, 2019: यूनिसेफ के भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय के प्रमुख श्री माइकल स्टीवन जुमा ने कहा कि पत्रकारों को बाल अधिकारों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और बाल अधिकारों से संबंधित मुद्दों पर रिपोर्टिंग करनी चाहिए। वे यूनिसेफ तथा माखनलाल चतुर्वेदी…

तकनीक को बनाए टूल, उसे नॉलेज नहीं मानिए : श्री बाजपेयी

तकनीक को बनाए टूल, उसे नॉलेज नहीं मानिए : श्री बाजपेयी

भारत में घर सबसे बड़ी पाठशाला : डॉ. आचार्य

विश्वविद्यालय में गुणवत्ता बढ़ाएंगे : कुलपति श्री तिवारी

पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में विशेष व्याख्यान और प्रतिभा- 2019 का पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित

भोपाल, 04 अप्रैल, 2019: प्रख्यात न्यूज एंकर श्री पुण्य प्रसून बाजपेयी ने कहा कि कहा कि हमें तकनीक को ज्ञान का आधार नहीं बनाना चाहिए। तकनीक से आ रही सूचनाएं ज्ञान नहीं हैं। हमें तकनीक का उपयोग कर सूचनाएं एकत्र करना चाहिए और उनका विश्लेषण कर वास्तविकता को जनता के सामने ले जाना चाहिए। दुनिया में तकनीक को टूल की तरह उपयोग किया जा रहा है। तकनीक व्यक्तियों का विकल्प नहीं हो सकती। श्री बाजपेयी माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से स्वतंत्रता सेनानी और संपादक माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती के अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुरेश आचार्य थे और अध्यक्षता कुलपति श्री दीपक तिवारी ने की।

‘तकनीक के दौर में मूल्यों की पत्रकारिता’ विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में श्री बाजपेयी ने कहा कि तकनीक ने सूचनाओं का अंबार लगा दिया है। तकनीक ने परिवार और आपसी संबंधों को समाप्त कर दिया है। तकनीक ने संवाद के तरीकों को भी बदल दिया है। यहाँ तक कि उसने साहित्य सृजन को भी खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि आज की दिक्कत यह है कि तकनीक के जरिए आ रही सूचनाओं को ही हमने ज्ञान मान लिया है। भारत के भीतर तकनीक के जरिए फैक्ट रखे जा रहे हैं। उन्होंने अनेक उदाहरणों से समझाया कि डाटा आखिरी सच नहीं होता है। पत्रकार को उस डाटा के पीछे जाना चाहिए। पत्रकार को सरकारी आंकड़ों का विश्लेषण करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्ण सत्य कुछ भी नहीं है। संपादक भी अपने अनुभव से चीजों को परखते हैं, वह भी पूर्ण नहीं है। श्री बाजपेयी ने कहा कि एक ओर तकनीक ने विश्लेषण की सुविधा भी दी है।

श्री बाजपेयी ने कहा कि आज तकनीक का मतलब हमारे हाथ में स्मार्टफोन से है। स्मार्टफोन हमारी जरूरत बन गया है। उन्होंने कहा कि आज सत्ता और तकनीक के बीच पत्रकारों को खड़े होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत में तकनीक का विस्तार तो खूब हुआ है लेकिन पत्रकारों का विस्तार नहीं हुआ है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुरेश आचार्य ने कहा कि भारत का अन्नदाता बहुत हिम्मतवाला है। उन्होंने कहा कि घर सबसे बड़ी पाठशाला है। यह देश निवृत्ति और प्रवृत्ति सहित सब प्रकार के विचार को समेटकर चलता है। इसलिए यहाँ लोकतंत्र अधिक ताकतवर है। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया, क्योंकि हम भूखे नहीं मरते थे। भारत धनी और सम्पन्न था। भारत अर्थात् संसार का भरण-पोषण करने वाला।

सभी विचारधाराओं को पढऩा चाहिए :

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति श्री दीपक तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता के विद्यार्थियों को सभी विचारधाराओं को पढऩा चाहिए। अच्छे विचार जहाँ से भी आएं, उनका स्वागत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपनी 29 वर्ष की यात्रा में खूब विस्तार किया है, अब हम शिक्षा में गुणवत्ता के लिए कार्य करेंगे। आउटकम बेस्ड लर्निंग पर आधारित पाठ्यक्रम तैयार करेंगे। ताकि यहाँ से निकलने वाले विद्यार्थियों को आसानी से अवसर प्राप्त हों। दादा माखनलाल चतुर्वेदी का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को समझने के लिए दादा प्रतीक हैं। उन्होंने अपने जीवन के 12 वर्ष जेल में बिताए। कुलपति श्री तिवारी ने कहा कि दादा माखनलाल चतुर्वेदी ने जब कर्मवीर का प्रकाशन प्रारंभ किया तो उन्होंने अपने समाचार-पत्र के लिए आचार संहिता बनाई। दादा ने लिखा कि ‘कर्मवीर’ संपादन और ‘कर्मवीर परिवार’ की कठिनाइयों का उल्लेख न करना। कभी धन के लिए अपील न निकालना। ग्राहक संख्या बढ़ाने के लिए ‘कर्मवीर’ के कालमों में न लिखना। क्रांतिकारी पार्टी के खिलाफ वक्तव्य नहीं छापना। सनसनीखेज खबरें नहीं छापना और विज्ञापन जुटाने के लिए किसी आदमी की नियुक्ति न करना। उन्होंने कहा कि हम अज्ञान को ज्ञान नहीं बनने देंगे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वार्षिक उत्सव प्रतिभा-2019 की विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किए गए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित पुस्तक “कबीर वाणी में संचार पद्धति/परम्परा” का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर प्रकाशन विभाग से डॉ. पवित्र श्रीवास्तव एवं लेखक साकेत दुबे उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सहायक कुलसचिव श्री विवेक सावरीकर और आभार प्रदर्शन प्रोफेसर डॉ. श्रीकांत सिंह ने किया।

तकनीक को बनाए टूल, उसे नॉलेज नहीं मानिए : श्री बाजपेयी भारत में घर सबसे बड़ी पाठशाला : डॉ. आचार्य विश्वविद्यालय में गुणवत्ता बढ़ाएंगे : कुलपति श्री तिवारी पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में विशेष व्याख्यान और प्रतिभा- 2019 का पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित भोपाल, 04 अप्रैल, 2019: प्रख्यात न्यूज एंकर श्री…

स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी, कवि और संपादक पं. माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्‍वविद्यालय द्वारा माखननगर में व्‍याख्‍यानमाला का आयोजन किया गया

भोपाल, 03 अप्रैल, 2019: स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी, कवि और संपादक पं. माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्‍वविद्यालय द्वारा माखननगर में व्‍याख्‍यानमाला का आयोजन किया गया। उसी अवसर के छायाचित्र:-

भोपाल, 03 अप्रैल, 2019: स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी, कवि और संपादक पं. माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्‍वविद्यालय द्वारा माखननगर में व्‍याख्‍यानमाला का आयोजन किया गया। उसी अवसर के छायाचित्र:-

एमसीयू में विशेष व्याख्यान, प्रतिभा -2019 का पुरस्कार वितरण आज

एमसीयू में विशेष व्याख्यान, प्रतिभा -2019 का पुरस्कार वितरण आज

प्रख्यात पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे

भोपाल, 3 अप्रैल, 2019: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, कवि एवं संपादक प. माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती के अवसर पर गुरुवार, 4 अप्रैल को विशेष व्याख्यान का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वार्षिक सांस्कृतिक एवं खेलकूद कार्यक्रम प्रतिभा-2019 का पुरस्कार वितरण भी किया जाएगा।

समन्‍वय भवन, टी.टी.नगर में आयोजित इस कार्यक्रम के प्रख्‍यात पत्रकार श्री पुण्‍य प्रसून वाजपेयी मुख्‍य वक्‍ता होंगे। कार्यक्रम के  विशिष्‍ठ  अतिथि  प्रख्‍यात  साहित्‍यकार  एवं डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार  विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेश आचार्य होंगे। कार्यक्रम की अध्‍यक्षता विश्‍वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी करेंगे। यह कार्यक्रम दोपहर 12 बजे प्रारंभ होगा।

इसके बाद अपरान्ह 2.30 बजे विश्‍वविद्यालय के वार्षिक सांस्‍कृतिक एवं खेलकूद कार्यक्रम का पुरस्‍कार वितरण समारोह आयोजन किया जाएगा। विश्वविद्यालय में 9 से 17 फरवरी के बीच वार्षिक सांस्‍कृतिक एवं खेलकूद कार्यक्रम प्रतिभा-2019 का आयोजन किया गया था जिसमें खेलकूद की 5 और सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों से सम्बंधित 28 प्रतिस्पर्धाओं में विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। उनके विजेताओं को समारोह में सम्मानित किया जाएगा।

एमसीयू में विशेष व्याख्यान, प्रतिभा -2019 का पुरस्कार वितरण आज प्रख्यात पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे भोपाल, 3 अप्रैल, 2019: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, कवि एवं संपादक प. माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती के अवसर पर गुरुवार, 4 अप्रैल को विशेष व्याख्यान का आयोजन किया जा…

मीडिया आचार संहिता विधेयक सर्वसम्मति से पारित

मीडिया आचार संहिता विधेयक सर्वसम्मति से पारित

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में युवा संसद प्रतियोगिता का आयोजन

भोपाल, 30 मार्च, 2019: पत्रकारिता की विश्वसनीयता को बढ़ाने, राष्ट्रीय महत्व के विषयों एवं संवेदनशील मुद्दों पर मीडिया कवरेज हेतु दिशा-निर्देश तय करने और फेक न्यूज पर नियंत्रण पाने के लिए युवा संसद में मीडिया के लिए आचार संहित पर सार्थक चर्चा हुई। सत्ता पक्ष एवं प्रतिपक्ष दोनों की ओर से इस बात पर सहमति जताई गई कि मीडिया की निष्पक्षता और स्वायत्तता को बनाए रखते हुए वर्तमान परिस्थितियों में मीडिया आचार संहिता विधेयक की आवश्यकता है। विधेयक प्रस्तुत करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री आकाश द्विवेदी ने कहा कि यह विधेयक लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को मजबूत बनाएगा। इस कानून के लागू होने के बाद पत्रकारिता की विश्वसनीयता और अधिक मजबूत हो सकेगी। लंबी चर्चा के बाद सदन में मीडिया आचार संहिता विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इसके साथ ही माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित युवा संसद में पुलवामा, जम्मू-कश्मीर, नोटबंदी, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर भी सार्थक बहस हुई।

पं. कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ की ओर से माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में आयोजित युवा संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण भी हुआ। राष्ट्रपति समक्ष जैन ने अपने अभिभाषण में कहा कि युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने, सड़क, पानी बिजली, स्वच्छता जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाने में सरकार के अब तक के प्रयास सराहनीय रहे हैं। सरकार के प्रयासों से भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लग गया है। शासकीय कामकाज में पारदर्शिता बढ़ी है। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार के समक्ष नक्सलवाद, आतंकवाद, कुपोषण और गरीबी जैसी कई चुनौतियां हैं, जिनसे निपटने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्रपति ने पुलवामा आतंकी हमले में बलिदान हुए जवानों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने महात्मा गांधी की १५०वीं जयंती को व्यापक पैमाने पर मनाने का आह्वान भी किया।

प्रश्नकाल में जमकर हुई बहस :

प्रश्नकाल के दौरान प्रतिपक्ष की ओर से युवा सांसदों ने जरूरी और तीखे प्रश्न पूछे, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा, महिला शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार के मुद्दे शामिल रहे। नोटबंदी पर सदन में जोरदार हंगामा हुआ। विपक्ष की ओर से सरकार पर आरोप लगाए गए कि सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक जैसी संस्था की स्वायत्तता में दखल देते हुए नोटबंदी जैसा गैर-जरूरी कदम उठाया, जिसके कारण देश की जनता और अर्थव्यवस्था को भारी परेशानी उठानी पड़ी। सत्ता पक्ष ने विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज किया और नोटबंदी की उपलब्धियों को गिनाया। वहीं, विपक्ष की ओर से पुलवामा आतंकी हमले पर स्थगन प्रस्ताव लाया गया। जम्मू-कश्मीर की सांसद सुमैया खान ने पुलवामा आतंकी हमले को सरकार की असफलता बताया। सुश्री खान ने जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही हिंसक घटनाओं के लिए भी सरकार की नीतियों को जिम्मेदार बताया। इसके जवाब में गृहमंत्री बने विद्यार्थी आयुष ओझा ने बताया कि उनके कार्यकाल में आतंकी घटनाओं का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की उपलब्धियों को भी उन्होंने सदन में रखा। गृहमंत्री ओझा ने यह भी बताया कि पिछले चार-पाँच वर्षों में आतंकी घटनाओं में बहुत कमी आई है। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री अजय पाटीदार ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के विषयों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सत्ता और प्रतिपक्ष, दोनों को मिलकर राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने के प्रयास करने चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों और उनके आकाओं को सबक सिखाया है। वहीं, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में नेता प्रतिपक्ष निशा यादव ने एसएससी स्कैम को उठाया। मानव संसाधन विकास मंत्री अंशिता त्रिपाठी ने इसका जवाब दिया।

युवा संसद की प्रस्तुति के दौरान निर्णायक मंडल में पंडित कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ की संचालक डॉ. प्रतिमा यादव, मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय के अवरसचिव श्री मुकेश मिश्रा, शासकीय राज्य स्तरीय विधि महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. बीके चौरसिया उपस्थित रहे। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आरती सारंग, युवा संसद के आयोजन के समन्वयक अरुण खोबरे एवं सहायक प्राध्यापक लोकेन्द्र सिंह राजपूत उपस्थित रहे। इस अवसर पर निर्णायक मंडल ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन भी किया।

इन्होंने निभाई युवा संसद में भूमिका :

समक्ष जैन (राष्ट्रपति), रश्मि प्रिया (सभापति), अजय पाटीदार (प्रधानमंत्री), आयुष ओझा (गृहमंत्री), अर्पित दुबे (संसदीय कार्यमंत्री), पूजा गुप्ता (वित्त मंत्री), लक्ष्मण कुमार (सूचना एवं प्रोद्योगिकी मंत्री), अंशिता त्रिपाठी (मानव संसाधन विकास मंत्री), आकाश द्विवेदी (सूचना एवं प्रसारण मंत्री), लीसा गंगवानी (विदेश मंत्री), चित्रांशी सक्सेना (महिला एवं बाल विकास मंत्री), निकिता ध्रुवे (कृषि मंत्री), ऋषव राय (सदस्य) एवं निशा यादव (नेता प्रतिपक्ष)। विपक्षी सांसद के रूप में सुमैया खान, दीप्ति तोमर, शोभित श्रीवास्तव, मानसी सिन्हा, विपिन तिवारी, विनय कुमार यादव, हिमांशु पांडे ने अपनी भूमिका निभाई। शशांक मणि पाण्डेय (महासचिव), प्रद्युम्न दांगी (प्रतिवेदक), राहुल विश्वकर्मा (प्रतिवेदक), ईशा अहमद (मार्शल) और सुमित वारबे (मार्शल)।

मीडिया आचार संहिता विधेयक सर्वसम्मति से पारित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में युवा संसद प्रतियोगिता का आयोजन भोपाल, 30 मार्च, 2019: पत्रकारिता की विश्वसनीयता को बढ़ाने, राष्ट्रीय महत्व के विषयों एवं संवेदनशील मुद्दों पर मीडिया कवरेज हेतु दिशा-निर्देश तय करने और फेक न्यूज पर नियंत्रण पाने के लिए युवा संसद में मीडिया…