Goal with passion is essential for success: Megha Parmar

Goal with passion is essential for success: Megha Parmar

State’s first woman to reach Mount Everest in “Stree Shakti Samvad”  of MCU

Bhopal, 6th July, 2020: Megha Parmar, Madhya Pradesh’s first woman to climb Mount Everest and brand ambassador of ‘Beti Bachao, Beti Padhao’ campaign said that we should set aim for what we want to do or become. Passion is required to achieve any goal. Without passion, you cannot achieve any success or goal.

Megha Parmar, who missed to reach the Mount Everest in her first attempt, said, failure causes frustration but some people in the society increase your confidence. Despite surgery in backbone, she did not give up and finally reached the Everest on May 22, 2019 with Indian flag. She said, woman empowerment will be achieved only by making women self-reliant and independent.

She said, we should carry out physical exercise and yoga for fitness. Sharing her experience, she said, a climber feels frustration as he or she sees bodies of dead climbers on the way to Mount Everest. The shortage of adequate oxygen there is life-threatening. We should plant saplings more and more for protecting the environment.

Goal with passion is essential for success: Megha Parmar State’s first woman to reach Mount Everest in “Stree Shakti Samvad”  of MCU Bhopal, 6th July, 2020: Megha Parmar, Madhya Pradesh’s first woman to climb Mount Everest and brand ambassador of ‘Beti Bachao, Beti Padhao’ campaign said that we should set aim for what we want…

सफलता के लिए लक्ष्य निर्धारण के साथ जुनून जरूरी है – मेघा परमार

सफलता के लिए लक्ष्य निर्धारण के साथ जुनून जरूरी है – मेघा परमार

प्रदेश की पहली महिला एवरेस्ट विजेता मेघा परमार का स्त्री शक्ति संवाद

भोपाल, 06 जुलाई, 2020: दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली मध्यप्रदेश की पहली बेटी और “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान की ब्रांड एंबेसडर मेघा परमार ने अपनी सफलता की रोचक कहानी बयां की है। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल के “स्त्री शक्ति संवाद” श्रंखला के अंतर्गत फेसबुक लाइव के माध्यम से एवरेस्ट विजय के लिए अपने संघर्ष और चुनौतियों का सजीव वृत्तांत सुनाते हुए सुश्री मेघा ने कहा की आप जो कुछ भी करना या बनना चाहते हैं, उसके लिए लक्ष्य तय करना चाहिए, लेकिन लक्ष्य की सफलता के लिए आपमें जुनून होना जरूरी है। जुनून के बिना आप कोई सफलता या लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

अपने पहले प्रयास में माउंट एवरेस्ट विजय से महज 700 फुट पहले ही चूक गईं मेघा परमार ने कहा कि असफलता से हताशा तो आती है, लेकिन समाज में कई लोग आपका हौंसला बढ़ा देते हैं। बाद में रीड की हड्डी का भी ऑपरेशन करा चुकी मेघा ने फिजीकली अनफिट होने के बाद भी हार नहीं मानी और आखिरकार 22 मई 2019 को सुबह 5:00 बजे वह भारत के राष्ट्रीय ध्वज के साथ एवरेस्ट पर जा पहुंची। महिला सशक्तिकरण पर बात करते हुए सुश्री परमार ने कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल अभियान और प्रचार-प्रसार से नहीं बलकी महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वाबलंबी बनने से होगा।

सुश्री परमार ने कहा कि आपको अपनी फिजिकल फिटनेस के लिए रोज कड़ा परिश्रम और मानसिक फिटनेस के लिए आपको योग और प्राणायाम करना चाहिए। सुश्री मेघा ने एवरेस्ट यात्रा की घटनाओं का सजीव वर्णन करते हुए बताया कि किस तरह एक क्लाइंबर को वहां सदियों से मरे हुए लोगों की लाशों से गुजरना पड़ता है, जो आपको हताश करने की कोशिश करता है। वहां ऑक्सीजन का अभाव आपके जीवन को चुनौती देता है। इसलिए जीवन के लिए प्यार से जरूरी ऑक्सीजन है और हम सब को इसके लिए पेड़ जरूर लगाने चाहिए।

सफलता के लिए लक्ष्य निर्धारण के साथ जुनून जरूरी है – मेघा परमार प्रदेश की पहली महिला एवरेस्ट विजेता मेघा परमार का “स्त्री शक्ति संवाद” भोपाल, 06 जुलाई, 2020: दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली मध्यप्रदेश की पहली बेटी और “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान की ब्रांड एंबेसडर मेघा परमार ने अपनी सफलता…