एमसीयू में शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग सेवा होगी शुरू

एमसीयू में शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग सेवा होगी शुरू

भोपाल, 16 अप्रैल, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, कोविड रिस्पांस टीम के गठन के बाद अब विद्यार्थियों, शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए नि:शुल्क मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवा शुरू करेगा। कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि यह परामर्श सेवा कोरोना के चलते लोगों में आ रहे मानसिक अवसाद और तनाव को दूर करने में मदद करेगी।

इसके तहत एकेजी अविहम्स मेडिकल सेंटर के कार्तिक गुप्ता और धारित्री दत्ता गुप्ता टेलीफोन पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों को मनोवैज्ञानिक परामर्श प्रदान करेंगे। कार्तिक गुप्ता सोमवार और शुक्रवार को शाम 6:00 से 7:00 बजे के बीच और धारित्री दत्ता गुप्ता बुधवार शाम 6:00 से 7:00 के बीच टेलीफोन पर परामर्श के लिए उपलब्ध रहेंगे। महिला कर्मचारी और छात्राएं धारित्री दत्ता गुप्ता से संपर्क कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय ने इसके पूर्व कोरोना से प्रभावित विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए कोविड रिस्पांस टीम गठित की थी, जो उन्हें दवाई, मेडिकल सुविधा और अन्य आवश्यक चीजें उपलब्ध करा रही है।

एमसीयू में शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग सेवा होगी शुरू भोपाल, 16 अप्रैल, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, कोविड रिस्पांस टीम के गठन के बाद अब विद्यार्थियों, शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए नि:शुल्क मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवा शुरू करेगा। कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि यह परामर्श सेवा…

MCU to launch free counselling service for students, staff members

MCU to launch free counselling service for students, staff members

Bhopal, 16th April, 2021: Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Bhopal will launch free counseling service of  clinical psychologists for its students and staff members during Covid-19 period, following setting up of Covid Response Team (CRT), on the initiative by Vice Chancellor Prof KG Suresh.

Kaartik Gupta, Clinical Psychologist at AKGs OVIHAMS Medical Centre and Dharitri Dutta Gupta, Clinical Psychologist will provide their services on telephone. Kaartik Gupta will available on Monday and Friday from 6pm – 7pm and Dharitri Dutta Gupta will be on available for telephonic consultations on Wednesdays from 6-7 pm. Women employees and girl students can contact Dharitri Dutta Gupta for their counseling. Vice Chancellor Prof Suresh said: “This is to provide counseling services to those stressed due to Covid 19 prevailing situation, as all are getting adverse information through various media.”

MCU to launch free counselling service for students, staff members Bhopal, 16th April, 2021: Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Bhopal will launch free counseling service of  clinical psychologists for its students and staff members during Covid-19 period, following setting up of Covid Response Team (CRT), on the initiative by Vice Chancellor Prof…

संशोधित निविदा सूचना: विश्‍वविद्यालय के लेखों के वैधानिक अंकेक्षण हेतु वैधानिक अंकेक्षक की नियुक्ति बाबत्। अंतिम तिथि 30 अप्रैल, 2021

निविदा फार्म जमा करने की अंतिम तिथि में 30 अप्रैल, 2021 तक की वृद्धि की गई है…

निविदा फार्म जमा करने की अंतिम तिथि में 30 अप्रैल, 2021 तक की वृद्धि की गई है…

बाबा साहेब की पत्रकारिता में ‘भारत’ की सशक्त उपस्थिति : श्री तरुण विजय

बाबा साहेब की पत्रकारिता में भारत की सशक्त उपस्थिति : श्री तरुण विजय

एक पक्षीय नहीं थे बाबा साहेब के विचार : प्रो. श्रीप्रकाश सिंह

संत साहित्य और भक्ति काव्य से प्रेरित थे बाबा साहेब : प्रो. केजी सुरेश

डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर की 130वीं जयंती के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में संगोष्ठी का आयोजन

भोपाल, 14 अप्रैल, 2021: बाबा साहेब डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर के संबंध में जब हम चर्चा करते हैं तो उनके पत्रकारीय जीवन पर अधिक ध्यान नहीं जाता है। जबकि वे एक आदर्श एवं मिशनरी संपादक रहे हैं। भारतीय पत्रकारिता में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। पत्रकारिता के विद्यार्थियों को उनके पत्रकारीय जीवन का अध्ययन करना चाहिए। यह विचार प्रख्यात पत्रकार-लेखक श्री तरुण विजय ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से बाबा साहेब की 130वीं जयंती प्रसंग पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक प्रो. श्रीप्रकाश सिंह थे और अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।

‘वर्तमान में बाबा साहेब डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर के विचारों की प्रासंगिकता’ विषय पर आयोजित व्याख्यान में पूर्व राज्यसभा सांसद श्री तरुण विजय ने कहा कि अम्बेडकर साहब ने मूकनायक, बहिष्कृत भारत और प्रबुद्ध भारत जैसे समाचारपत्रों का प्रकाशन किया है। उनके समाचारपत्रों के शीर्षक से ही स्पष्ट पता चलता है कि उनकी पत्रकारिता का हेतु क्या था? इसी तरह बाबा साहेब ने एक छापाखाना खोला, जिसका नाम रखा- भारत भूषण छापाखाना। बाबा साहेब की समूची पत्रकारिता में ‘भारत’ उपस्थित रहा है। इसलिए उन्हें एक वर्ग तक सीमित कर देना ठीक बात नहीं है। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर संपूर्ण भारत के, प्रत्येक वर्ग के, प्रत्येक जाति के आदर्श हैं। अम्बेडकर की प्रत्येक वाणी में भारतीयता की रक्षा, भारतीय संस्कृति की रक्षा, भारत के भूगोल की रक्षा का विचार है। उन्होंने कहा कि डा. भीमराव अम्बेडकर राष्ट्रीयता के प्रतीक हैं। उन्होंने संविधान निर्माण के समय संस्कृत भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने प्रत्येक प्रकार का अन्याय सहते हुए राष्ट्रीयता की रक्षा की। श्री विजय ने कहा कि समरसता का मार्ग अम्बेडकर के विचारों के विरुद्ध जाकर नहीं हो सकता। समरसता का मार्ग हिंसा का नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा कुंभ है- विचारों का कुंभ है। सबसे बड़ी गंगा है- समरसता की गंगा है। हिन्दू समाज को जातिगत भेदभाव को त्यागना चाहिए। बड़ी जाति का अहंकार टूटना चाहिए। कोई जाति बड़ी नहीं। हम सब समान हैं। उन्होंने कहा कि पहले से भी अधिक आज के समय में डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर के विचारों की प्रासंगकिता है।

अपना विचार थोपा नहीं, कोई विचार छोड़ा भी नहीं : प्रो. श्रीप्रकाश सिंह

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. श्रीप्रकाश सिंह ने कहा कि बाबा साहेब का विचार कहीं से भी एक पक्षीय नहीं है। वे संपूर्ण समाज के लिए चिंतनशील रहते थे। बाबा साहेब ने दुनिया के लगभग 60 संविधानों का अध्ययन किया था। संविधान के निर्माण के समय बाबा साहेब ने अपना एक भी विचार संविधान सभा पर थोपा नहीं था। इसमें भी एक खूबसूरती है कि उन्होंने कोई विचार थोपा नहीं और कोई विचार छोड़ा नहीं। सब विचारों को समाहित किया। संविधान निर्माण का ज्यादातर कार्य सर्वसम्मति से पूर्ण हुआ है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सदस्य रहे प्रो. श्रीप्रकाश सिंह कहते हैं कि बाबा साहेब के संबंध में कोई भी पूर्वाग्रह बनाने से पहले हमें उनका मौलिक लेखन एवं भाषण पढऩा चाहिए। भारत सरकार ने इसे प्रकाशित किया है। उनके मौलिक लेखन का अध्ययन करने के बाद बाबा साहेब हमें ठीक प्रकार से समझ आएंगे। उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उस कथन का उल्लेख किया, जिसमें अटलजी कहते हैं कि “मैं डॉ. अम्बेडकर को समग्रता में देखने का कार्य अभी तक नहीं कर सका हूँ। दरअसल, उनका व्यक्तित्व बहुत विशाल एवं विराट है। बाबा साहेब के मूल्यांकन में आज निस्पृहता का अभाव है”। प्रो. सिंह कहते हैं कि निष्पक्षता एवं पूर्वाग्रहों को हटा कर बाबा साहेब का मूल्यांकन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब शिक्षा को बहुत महत्व देते थे। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता से पूर्व ही शिक्षा के महत्व एवं उसकी गुणवत्ता पर प्रकाश डालना शुरू कर दिया था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उन सब बातों का ध्यान रखा गया है, जिन पर बाबा साहेब जोर देते थे। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब कहते थे कि शिक्षित हों, संगठित हों और संघर्ष करो। लेकिन आज की स्थिति में यह उलट गया है, जो कि ठीक नहीं। शिक्षा के बिना सही उद्देश्य के लिए संघर्ष नहीं किया जा सकता। बाबा साहेब ने अपने जीवन में पहले शिक्षा प्राप्त की, उसके बाद समतापूर्ण समाज के निर्माण के लिए संघर्ष किया।

सामाजिक स्वतंत्रता के अभाव में राजनैतिक स्वतंत्रता का कोई मूल्य नहीं : प्रो. केजी सुरेश

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि जिस समय गांधीजी राजनैतिक स्वतंत्रता की बात कर रहे थे, उसी समय बाबा साहेब सामाजिक स्वतंत्रता की बात करते थे। बाबा साहेब का मानना था कि सामाजिक स्वतंत्रता के अभाव में राजनैतिक स्वतंत्रता को कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की राजनीति जोडऩे वाली थी। यदि उनकी राजनीति बांटने की होती तो वे गांधीजी के साथ पूना-पैक्ट नहीं करते। अनेक असहमतियों के बाद भी संविधान निर्माण के काम को स्वीकार नहीं करते और न ही स्वतंत्र भारत की सरकार में कानून मंत्री की जिम्मेदारी संभालते।

कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि अस्पृश्य समाज को आवाज देने के लिए बाबा साहेब ने 1920 में मूकनायक समाचारपत्र शुरू किया। इसके लिए उन्हें शाहूजी महाराज से 2500 रुपये का सहयोग भी प्राप्त हुआ। बाबा साहेब संत साहित्य एवं भक्ति काव्य से प्रेरित थे। उन्होंने तुकाराम के साहित्य से प्रेरित होकर अपने समाचारपत्र को मूकनायक नाम दिया। बाबा साहेब ने पत्रकारिता के पूर्वाग्रह को उस समय पहचान लिया था। 1951 में अपना त्यागपत्र देते समय भी उन्होंने मीडिया के पूर्वाग्रह और पक्षपातपूर्ण रवैये की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब पत्रकारिता और पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. गजेन्द्र सिंह अवास्या ने किया और आभार व्यक्त प्रभारी कुलसचिव प्रो. पवित्र श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी ऑनलाइन जुड़े।

बाबा साहेब की पत्रकारिता में ‘भारत’ की सशक्त उपस्थिति : श्री तरुण विजय एक पक्षीय नहीं थे बाबा साहेब के विचार : प्रो. श्रीप्रकाश सिंह संत साहित्य और भक्ति काव्य से प्रेरित थे बाबा साहेब : प्रो. केजी सुरेश डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर की 130वीं जयंती के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार…

एमसीयू में गठित हुई कोविड-19 रिस्पॉन्स टीम

एमसीयू में गठित हुई कोविड-19 रिस्पॉन्स टीम

विश्वविद्यालय स्टाफ एवं विद्यार्थियों और उनके परिवार का करेगी सहयोग

भोपाल, 09 अप्रैल, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने अपने सामाजिक दायित्व की पूर्ति के लिए कोविड रिस्पॉन्स टीम (सीआरटी) का गठन किया है। यह टीम विश्वविद्यालय स्टाफ एवं विद्यार्थियों या उनके परिवार को कोविड संक्रमित होने पर तत्काल आवश्यक सहायता और राहत प्रदान करेगी। कुलपति प्रो. केजी सुरेश की रचनात्मक पहल पर गठित यह टीम विश्वविद्यालय की एनएसएस और एनसीसी इकाई के सहयोग से कोविड-19 प्रोटोकॉल के सम्बन्ध में जन जागरूकता अभियान भी चला रही है। 

कुलपति प्रो. केजी सुरेश का कहना है कि विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश शासन और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रारंभ किए गए ‘स्वास्थ्य आग्रह’ अभियान का समर्थन करते हुए इसमें अपना सहयोग देगा।

कोविड रिस्पॉन्स टीम अपने विश्वविद्यालय में कोविड-19 पीड़ित सदस्यों और परिवारों का डाटा रखते हुए ऐसे पीड़ितों को आवश्यकता अनुसार प्रशासनिक, चिकित्सीय व्यवस्था, वित्तीय और यातायात सहायता प्रदान कर रही है। इसके अंतर्गत जरूरतमंद सदस्यों को कठिन समय में अस्पताल एवं आवश्यक दवाइयों की व्यवस्था, राशन अथवा अन्य सामग्री की व्यवस्था और आवागमन की सुविधा प्रदान करने का प्रावधान रखा गया है। कुलपति के निर्देश पर नगद राशि के फंड की भी व्यवस्था की गई है, जिससे आवश्यकता पड़ने पर पीड़ित परिवार को तत्काल वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा सके।

एमसीयू में गठित हुई कोविड-19 रिस्पॉन्स टीम विश्वविद्यालय स्टाफ एवं विद्यार्थियों और उनके परिवार का करेगी सहयोग भोपाल, 09 अप्रैल, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने अपने सामाजिक दायित्व की पूर्ति के लिए कोविड रिस्पॉन्स टीम (सीआरटी) का गठन किया है। यह टीम विश्वविद्यालय स्टाफ एवं विद्यार्थियों या उनके परिवार को कोविड संक्रमित…

एमसीयू में गठित हुई कोविड-19 रिस्पॉन्स टीम

एमसीयू में गठित हुई कोविड-19 रिस्पॉन्स टीम

विश्वविद्यालय स्टाफ एवं विद्यार्थियों और उनके परिवार का करेगी सहयोग

भोपाल, 09 अप्रैल, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने अपने सामाजिक दायित्व की पूर्ति के लिए कोविड रिस्पॉन्स टीम (सीआरटी) का गठन किया है। यह टीम विश्वविद्यालय स्टाफ एवं विद्यार्थियों या उनके परिवार को कोविड संक्रमित होने पर तत्काल आवश्यक सहायता और राहत प्रदान करेगी। कुलपति प्रो. केजी सुरेश की रचनात्मक पहल पर गठित यह टीम विश्वविद्यालय की एनएसएस और एनसीसी इकाई के सहयोग से कोविड-19 प्रोटोकॉल के सम्बन्ध में जन जागरूकता अभियान भी चला रही है। 

कुलपति प्रो. केजी सुरेश का कहना है कि विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश शासन और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रारंभ किए गए ‘स्वास्थ्य आग्रह’ अभियान का समर्थन करते हुए इसमें अपना सहयोग देगा।

कोविड रिस्पॉन्स टीम अपने विश्वविद्यालय में कोविड-19 पीड़ित सदस्यों और परिवारों का डाटा रखते हुए ऐसे पीड़ितों को आवश्यकता अनुसार प्रशासनिक, चिकित्सीय व्यवस्था, वित्तीय और यातायात सहायता प्रदान कर रही है। इसके अंतर्गत जरूरतमंद सदस्यों को कठिन समय में अस्पताल एवं आवश्यक दवाइयों की व्यवस्था, राशन अथवा अन्य सामग्री की व्यवस्था और आवागमन की सुविधा प्रदान करने का प्रावधान रखा गया है। कुलपति के निर्देश पर नगद राशि के फंड की भी व्यवस्था की गई है, जिससे आवश्यकता पड़ने पर पीड़ित परिवार को तत्काल वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा सके।

एमसीयू में गठित हुई कोविड-19 रिस्पॉन्स टीम विश्वविद्यालय स्टाफ एवं विद्यार्थियों और उनके परिवार का करेगी सहयोग भोपाल, 09 अप्रैल, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने अपने सामाजिक दायित्व की पूर्ति के लिए कोविड रिस्पॉन्स टीम (सीआरटी) का गठन किया है। यह टीम विश्वविद्यालय स्टाफ एवं विद्यार्थियों या उनके परिवार को कोविड संक्रमित…