अधिसूचना: परीक्षा सत्र मई-जून, 2021 की परीक्षा की उत्तर-पुस्तिका भेजने बाबत्
भोपाल, जुलाई, 2021: राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की पहली वर्षगांठ पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ। कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने पहले ही वर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप 7 पाठ्यक्रम शुरू करने पर हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एनईपी-2020 के पश्चात अब शिक्षा एक आजीवन प्रक्रिया बन गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि अब व्यक्ति जब चाहे तब अध्ययन कर सकता है। एनईपी-2020 ने शिक्षा के प्रति मानसिकता को बदल दिया है।
कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप 5 मीडिया और 2 कंप्यूटर एवं अन्य विषय के पाठ्यक्रम विकसित करने में हम अग्रणी संस्थान हैं। हमने मीडिया के आधारभूत पाठ्यक्रम विकसित किये हैं। एमसीयू के प्राध्यापकों के समूह ने पाठ्यक्रमों को अधिक समावेशी बनाया है। उन्होंने बताया कि एनसीसी और पाठ्येत्तर गतिविधियों को भी पाठ्यक्रम के रूप में शामिल किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भी जोर देती है। इसलिए विश्वविद्यालय में शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए बनाई गई समिति के समन्वयक प्रो. सीपी अग्रवाल ने वर्षभर में किये गए कार्यों का ब्यौरा रखा। उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए विषय विशेषज्ञों के साथ प्रत्यक्ष और ऑनलाइन कार्यशालाएं आयोजित की गईं। वहीं, डीन अकादमिक प्रो. पी. शशिकला ने कहा कि भविष्य के लिए हम प्रशिक्षण और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एडुविजन जैसे आयोजन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर एक दृष्टिपथ तैयार करने में महत्वपूर्ण सहयोग दिया। कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने विषय प्रवर्तन किया। इस अवसर पर सभी विभागों के अध्यक्षों ने पाठ्यक्रमों के संबंध में अपने विचार एवं सुझाव प्रस्तुत किये।
प्रधानमंत्री मोदी के व्याख्यान को सुना:
विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों एवं अधिकारियों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की पहली वर्षगांठ के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्याख्यान को सामूहिक सुना और उसके बाद महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा भी की। इस अवसर पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश भी उपस्थित रहे।




एमसीयू में इसी वर्ष से लागू होंगे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार 7 पाठ्यक्रम एनईपी-2020 के बाद आजीवन प्रक्रिया बन गई है शिक्षा : प्रो. केजी सुरेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की पहली वर्षगांठ पर एमसीयू में समीक्षा बैठक का आयोजन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्याख्यान पर चर्चा भोपाल, जुलाई, 2021: राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की…
भोपाल, 22 जुलाई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘ऊर्जा संरक्षण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण’ विषय पर जन-जागरूकता कार्यक्रम में पेट्रोलियम कंजर्वेशन रिसर्च एसोसिएशन, भारत सरकार के विषय विशेषज्ञ श्री विनीत कौशिक ने कहा कि दुनिया में आ रही आपदाएं स्पष्ट संकेत कर रही हैं कि हमें पर्यावरण के संरक्षण के संबंध में सचेत हो जाना चाहिए। हमें अपनी जीवनशैली को सुधारना चाहिए, अन्यथा बहुत देर हो जाएगी। वहीं, कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय के विसनखेड़ी स्थित नवनिर्मित परिसर और रीवा के नवनिर्मित परिसर में जल एवं ऊर्जा संरक्षण के उपाय किए गए हैं। हम अपने परिसरों को ईको-फ्रेंडली बनाने के प्रयास करेंगे। परिसर के अंदर साइकिल और बैट्री से संचालित वाहनों के उपयोग पर जोर होगा।
ऊर्जा संरक्षण के छोटे-छोटे उपायों के माध्यम से किस प्रकार हम समूचे पर्यावरण का संरक्षण कर सकते हैं? ऊर्जा सरंक्षण के विशेषज्ञ विनीत कौशिक ने पावर पॉइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से यह जानकारी एमसीयू के शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों के साथ साझा की। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार ऊर्जा संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास कर रही है। ऊर्जा के वैकल्पिक एवं अक्षय स्रोत पर भारत में पिछले कुछ वर्षों में सराहनीय कार्य हुआ है। दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत सरकार ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से विकास किया है। श्री कौशिक ने बताया कि ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रही भारत सरकार की संस्था पीसीआरए के उद्देश्य ऊर्जा का उचित उपयोग, पर्यावरण संरक्षण, धारणीय विकास की ओर बढऩा और नागरिकों की जीवनशैली की गुणवत्ता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि हम नये तकनीक वाले साधनों का उपयोग करके ऊर्जा खपत को कम कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है। लोगों ने साइकिल का उपयोग पुन: प्रारंभ किया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि ऊर्जा एवं पर्यावरण संरक्षण सबके लिए महत्वूपर्ण विषय है। इस संबंध में समाज के प्रत्येक व्यक्ति को ठीक जानकारी होनी चाहिए। समाज तक पर्यावरण, ऊर्जा एवं प्रकृति संरक्षण के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी पहुँचाने में पत्रकार एवं पत्रकारिता के विद्यार्थी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का उद्देश्य समाज में जागरूकता लाना है। ऊर्जा संरक्षण को लेकर मीडिया में कवरेज बढऩा चाहिए। पत्रकारिता के विद्यार्थी भी सोशल मीडिया, माइक्रो ब्लॉगिंग एवं ब्लॉगिंग के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण को लेकर जागरूकता ला सकते हैं। इससे पूर्व पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने विषय प्रवर्तन किया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डॉ. मणिकंठन नायर ने किया और आभार ज्ञापन कुलसचिव प्रो. अविनाश बाजपेयी ने किया।




पर्यावरण संरक्षण का संकेत दे रही हैं आपदाएं : विनीत कौशिक एमसीयू के नवनिर्मित परिसर जल एवं ऊर्जा संरक्षण के अनुकूल : प्रो. केजी सुरेश माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘ऊर्जा संरक्षण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण’ विषय पर जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन भोपाल, 22 जुलाई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं…