डाक्युमेंट्री फिल्म निर्माण में है अच्छा करियर : श्री अशोक शरण

डाक्युमेंट्री फिल्म निर्माण में है अच्छा करियर : श्री अशोक शरण

समाज का प्रबोधन करती हैं डाक्युमेंट्री फिल्म : प्रो. केजी सुरेश

एमसीयू में ‘वृत्तचित्र निर्माण कला’ पर विशेष व्याख्यान का आयोजन, डाक्युमेंट्री निर्माण की बारीकियों पर की चर्चा

भोपाल, 18 अगस्‍त, 2021: डाक्युमेंट्री फिल्म निर्माण को करियर के रूप में अपनाया जा सकता है। इस क्षेत्र में काम करने के लिए बहुत अवसर हैं। देश-दुनिया में अनेक संस्थाएं हैं, जो डाक्युमेंट्री फिल्में बनवाती हैं और खरीदती भी हैं। इस क्षेत्र में प्रसिद्धि और पैसा, दोनों हैं। यह बात प्रख्यात फिल्म निर्माता-निर्देशक श्री अशोक शरण ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘वृत्तचित्र निर्माण कला’ पर आयोजित विशेष व्याख्यान में कही। कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि डाक्युमेंट्री फिल्में समाज का प्रबोधन करती हैं। फिल्म के लिए विषय का चयन बहुत सावधानी से करना चाहिए।

 डाक्युमेंट्री फिल्म (वृत्तचित्र) निर्माण की बारीकियों के संदर्भ में बताते हुए फिल्मकार श्री अशोक शरण ने कहा कि डाक्युमेंट्री फिल्म एक दस्तावेज की तरह होती है। इसमें तथ्यों के आधार पर फिल्म बनती है। इसलिए अच्छी डोक्युमेंट्री बनाने के लिए शोध पर अधिक समय लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले वृत्तचित्र दिखाना बहुत कठिन होता था। लेकिन अब अनेक माध्यम आ गए हैं जिनके माध्यम से हम अपने काम को समाज तक ले जा सकते हैं। आज डॉक्युमेंट्री फिल्म बनाकर आप उसे यूट्यूब या फेसबुक पर अपलोड कर सकते हैं।

टीमवर्क है डाक्युमेंट्री फिल्म निर्माण:

श्री शरण ने कहा कि डाक्युमेंट्री फिल्म निर्माण टीमवर्क है। अच्छी डाक्युमेंट्री फिल्म बनाने के लिए टीम में निर्देशक, संपादक, कैमरापर्सन, पटकथा लेखक और अध्ययन/शोध करने वाला व्यक्ति होना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल बायोपिक बनाने और देखने का चलन बढ़ा है। प्रमुख लोगों के बायोपिक खूब पसंद किए जा रहे हैं। बायोपिक बनाते समय हमारे पास दोनों विधाएं हैं- फीचर फिल्म और डाक्युमेंट्री। फीचर फिल्म में हम रचनात्मक स्वतंत्रता लेकर कुछ बातों को बदल सकते हैं। जबकि डाक्युमेंट्री में हमें फैक्ट पर ही बताना होता है।

फरवरी 2022 में भोपाल में राष्ट्रीय फिल्मोत्सव का आयोजन:

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि डाक्युमेंट्री फिल्म निर्माण के लिए हमें ऐसे विषयों का चयन करना चाहिए, जो समाज को प्रेरणा दें। डाक्युमेंट्री फिल्म निर्माण एक गंभीर काम है। इसके लिए अध्ययन और सामाजिक दृष्टि चाहिए। फिल्म के माध्यम से हम समाज को एक सार्थक दिशा दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि डाक्युमेंट्री फिल्में समाज का प्रबोधन करती हैं। प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि भोपाल में 18 से 20 फरवरी, 2022 को चित्र भारती राष्ट्रीय शॉर्ट फिल्मोत्सव का आयोजन होना है। इस फिल्मोत्सव में अपनी फिल्में 30 नवंबर तक भेजी जा सकती हैं। डॉक्युमेंट्री फिल्म निर्माताओं के साथ ही पत्रकारिता एवं संचार क्षेत्र के विद्यार्थियों को इस फिल्मोत्सव में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से किया गया। कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वयन विभाग के अध्यक्ष प्रो. पवित्र श्रीवास्तव ने किया। आभार ज्ञापन कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने किया। कार्यक्रम में शिक्षकों के साथ विद्यार्थी भी जुड़े। फिल्म निर्माता श्री अशोक शरण ने इस अवसर पर विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया।

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माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय और विक्रम विश्वविद्यालय के बीच एमओयू

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय और विक्रम विश्वविद्यालय के बीच एमओयू

एमओयू से लाभान्वित होंगे जनसंचार एवं विविध क्षेत्रों के विद्यार्थी

भोपाल, 17 अगस्‍त, 2021: विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के वाग्देवी भवन में स्थित हिन्दी अध्ययनशाला में आयोजित समारोह में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, भोपाल और विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के मध्य एमओयू साइन किया गया है। जनसंचार एवं विविध विषयों के शिक्षण, शोध एवं बहुआयामी अकादमिक गतिविधियों के विस्तार की दृष्टि से यह एमओयू किया गया है। एमसीयू के कुलपति प्रो. केजी सुरेश और विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालयों की सार्थकता इस बात में है कि समाज में वैज्ञानिक सोच का विकास हो। एमओयू के माध्यम से दोनों विश्वविद्यालयों के शिक्षकों, विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को पर्याप्त सहयोग मिलेगा। विज्ञान एवं संचार दोनों ही क्षेत्रों में कार्य करने के लिए गति मिलेगी। आने वाले दौर में दोनों विश्वविद्यालय विज्ञान संप्रेषण एवं विज्ञान पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करेंगे। कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि एमसीयू ने वर्षभर स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहा है। अमृत महोत्सव की श्रृंखला में अब दोनों विश्वविद्यालय मिलकर कार्य करेंगे। भारत की स्वतंत्रता से जुड़े समाचारपत्रों, पत्रिकाओं और पत्रकारों का अध्ययन एवं उनसे सम्बंधित साहित्य का प्रकाशन विक्रम विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के साथ मिलकर किया जायेगा।

वहीं, कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि दोनों विश्वविद्यालयों के बीच हुआ यह एमओयू अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा संचालित अनेक पाठ्यक्रमों का लाभ विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को मिलेगा। जनसंचार के साथ ही अनेक विषय क्षेत्रों के विद्यार्थी एवं शोधार्थी इसके माध्यम से लाभान्वित होंगे। जब हम समूह के रूप में कार्य करते हैं, तब बहुत सार्थक परिणाम सामने आते हैं। इस दिशा में यह एमओयू सार्थक सिद्ध होगा। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक, कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा, प्रो. प्रेमलता चुटैल, प्रो. गीता नायक, डॉ. जगदीश चंद्र शर्मा, माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल के श्री राजेश शर्मा सहित अनेक अधिकारी एवं शिक्षकगण उपस्थित थे। इस अवसर पर कुलपतिद्वय ने वाग्देवी भवन में जनसंचार पाठ्यक्रम के लिए स्टूडियो, फोटोग्राफ एवं मीडिया प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय और विक्रम विश्वविद्यालय के बीच एमओयू एमओयू से लाभान्वित होंगे जनसंचार एवं विविध क्षेत्रों के विद्यार्थी भोपाल, 17 अगस्‍त, 2021: विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के वाग्देवी भवन में स्थित हिन्दी अध्ययनशाला में आयोजित समारोह में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, भोपाल और विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के मध्य…