आवश्यक सूचना: भोपाल परिसर के पाठ्यक्रमों के रिक्त स्थानों पर प्रवेश हेतु आवेदन दिनांक 08 अक्टूबर, 2021 तक करने बाबत्
भोपाल, 06 अक्टूबर, 2021: एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय, भोपाल ने आज उच्च शिक्षा स्तर पर शिक्षण और सीखने की प्रथाओं को सुविधाजनक बनाने और मल्टीमीडिया शैक्षिक सामग्री विकसित करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अंतर विश्वविद्यालय संगठन शैक्षिक संचार संघ के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। एमओयू पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश और निदेशक, सीईसी प्रो. जेबी नड्डा ने हस्ताक्षर किए। इससे अब पत्रकारिता विश्वविद्यालय सीईसी का संबद्ध सदस्य बन जाएगा।
एमओयू के तहत विश्वविद्यालय अपने शिक्षाविदों/शिक्षकों को एमओओसीएस, सीईसी प्लेटफॉर्म के लिए डिजिटल सामग्री विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। शैक्षिक संस्थानों को दी जाने वाली डिजिटल सामग्री के अलावा एमओयू में मल्टीमीडिया सामग्री विकास के लिए कार्यशाला और प्रशिक्षण कार्यक्रम, क्षमता निर्माण की भी परिकल्पना की गई है। विशिष्ट ज्ञान क्षेत्रों में डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रदान करने और प्रमाणित करने के लिए संयुक्त रूप से समूहीकृत एमओओसी पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए भी कार्य करेगा
इस अवसर पर प्रो. नड्डा ने कहा कि दो संस्थानों के बीच तालमेल व्यापक शैक्षणिक समुदाय के लिए फायदेमंद साबित होगा। वहीं कुलपति प्रो. सुरेश ने एमओयू को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दिशा में मील का पत्थर बताया।



सीईसी का संबद्ध सदस्य होगा एमसीयू शैक्षिक संचार संघ और माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के बीच एमओयू भोपाल, 06 अक्टूबर, 2021: एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय, भोपाल ने आज उच्च शिक्षा स्तर पर शिक्षण और सीखने की प्रथाओं को सुविधाजनक बनाने और मल्टीमीडिया शैक्षिक सामग्री विकसित…
भोपाल, 02 अक्टूबर, 2021: गांधीजी के जीवन का नियामक तत्व धर्म था। अध्यात्म से गांधीजी को आत्मबल प्राप्त होता था। ‘अनासक्ति योग’ शीर्षक से लिखी गई उनकी पुस्तक में गीता का जो भाष्य किया गया है, उससे गीता के दर्शन को समझने में सहयोग मिलता है। वरिष्ठ पत्रकार श्री राम बहादुर राय ने ये विचार महात्मा गांधी की जयंती पर आयोजित विशेष व्याख्यान ‘गांधीजी की पत्रकारिता’ को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। यह आयोजन माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से किया गया। कार्यक्रम अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि समय की माँग है कि हम अपने भीतर के गांधी को जागृत करें। गांधीजी ने सनातन मूल्यों का प्रतिनिधित्व किया। उन मूल्यों का अनुसरण कर हम आज भी गांधीजी की पत्रकारिता को धरातर पर उतार सकते हैं।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष श्री राम बहादुर राय ने कहा कि गांधीजी की पत्रकारिता मूल्यों की पत्रकारिता थी। गांधीजी समाधान देने वाले राजनेता के रूप में जाने गए। महात्मा गांधीजी ने अपने जीवन में पाँच पुस्तकें लिखीं- हिन्द स्वराज, दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह का इतिहास, आत्मकथा, अनासक्ति योग और मंगल प्रभात। उन्होंने कहा कि पत्रकार के रूप में गांधीजी का जन्म लंदन में हुआ। वहाँ गांधीजी अपने स्वधर्म की रक्षा करना चाहते थे। अपनी माता को दिए गए वचन के कारण वे वहाँ अपने लिए शाकाहारी भोजन खोज रहे थे। वहाँ उन्होंने ‘वेजीटेरियन’ पत्रिका में 9 लेख लिखे। उनकी पत्रकारिता का दूसरा चरण दक्षिण अफ्रीका में शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि ‘इंडियन ओपिनियन’ पत्रिका गांधीजी की पत्रकारिता का दर्पण है। महात्मा गांधी अपनी इस पत्रिका में आत्मनिर्भरता, आश्रम के नियम, स्वास्थ्य, नैतिक जीवन, सामाजिक कार्य, अनुचित शासकीय कानून और सत्याग्रह सहित अन्य विषयों पर सामग्री पढऩे को मिलती है। गांधीजी ने ‘पत्र संपादक के नाम’ स्तम्भ का सबसे अधिक उपयोग किया है। जब वे भारत आए तब उन्होंने देखा कि भारत की पत्रकारिता पूँजी के प्रभाव में है। इसलिए उन्होंने संपादकों को लिखा कि आप अपने संवाददाता चंपारण सत्याग्रह में न भेजें। मुझे कुछ कहना होगा, तो मैं स्वयं ही समाचारपत्रों के कार्यालय में आ जाऊंगा। श्री राय ने कहा कि समाचारपत्र छोटा है या बड़ा, यह महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि उसमें प्रकाशित क्या होता है?
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि गांधीजी ने विश्वसनीयता को पत्रकारिता का पर्यायवाची बना दिया था। वे अपने समाचारपत्रों के लिए विज्ञापन नहीं लेते थे। आज पत्रकारिता के सामने विश्वसनीयता का संकट है। आज की पत्रकारिता को इस चुनौती से बाहर निकलना होगा। मीडिया को टीआरपी और प्रसार की दौड़ से बाहर निकलना होगा। उन्होंने कहा कि हमने व्यक्तिपूजन के चलते गांधीजी को महात्मा तो बना दिया लेकिन उनके मूल्यों का अनुसरण नहीं किया। कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि गांधीजी श्रेष्ठ संचारक थे। वे अपनी चुप्पी से भी संदेश देते थे। यदि वे चुप्पी साध लेते थे तो दंगे भी शांत हो जाते थे। विश्वसनीयता संचारक की शक्ति होती है। गांधीजी की नीयत एवं विश्वसनीयता पर उनसे असहमत लोगों को भी संदेह नहीं था। गांधीजी देश की स्वतंत्रता के लिए प्रयास कर रहे थे।
इससे पूर्व एमसीयू में गठित स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव की आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. श्रीकांत सिंह ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि गांधीजी उच्च कोटि के पत्रकार थे। वे मानते थे कि समाचार-पत्र के अभाव में सत्याग्रह के विचार को जनता तक नहीं पहुँचाया जा सकता। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी ने यंग इंडिया, नवजीवन और हरिजन जैसे समाचार-पत्रों का प्रकाशन किया। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक श्री लालबहादुर ओझा ने किया और आभार ज्ञापन कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी एवं रीवा परिसर के प्रभारी श्री दीपेन्द्र बघेल ने किया।





गांधीजी के जीवन का नियामक तत्व था धर्म : श्री रामबहादुर राय अपने भीतर के गांधी को जागृत करें हम : प्रो. केजी सुरेश स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव पर्व के अंतर्गत एवं गांधी जयंती के प्रसंग पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में विशेष व्याख्यान ‘गांधीजी की पत्रकारिता’ का आयोजन भोपाल, 02 अक्टूबर,…
भोपाल, 28 सितम्बर, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव पर्व के अंतर्गत एनसीसी एवं एनएसएस की इकाई द्वारा पर्यावरण सप्ताह पर दो दिवसीय स्वच्छता एवं पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस क्रम में मंगलवार को कुलपति प्रो. केजी सुरेश सहित अन्य प्राध्यापकों और स्वयंसेवकों ने पौधारोपण किया। इससे पूर्व कार्यक्रम के पहले दिन एनएसएस और एनसीसी के स्वयंसेवकों ने विश्वविद्यालय परिसर में स्वच्छता अभियान चलाकर श्रमदान किया और इसके प्रति जागरूक भी किया।
एनसीसी एवं एनएसएस की इकाई से जुड़े स्वयंसेवकों के कार्यों की सराहना करते हुए कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि आज पर्यावरण वैश्विक चुनौती बना हुआ है। ऐसे में आवश्यक है कि हम सब मिलकर पर्यावरण की रक्षा और संवर्धन करें। सबको याद रखना होगा कि प्रकृति संरक्षण हम सबका साझा दायित्व है। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सुरेश ने स्वयंसेवकों को स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया। पौधरोपण के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह अवास्या और एएनओ लेफ्टिनेंट श्री मुकेश चौरासे सहित एनएसएस और एनसीसी के कैडेट्स उपस्थित रहे।




प्रकृति संरक्षण हमारा साझा दायित्व – कुलपति प्रो. केजी सुरेश स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव पर्व के अंतर्गत एमसीयू की एनसीसी और एनएसएस इकाई ने कराया पौधरोपण भोपाल, 28 सितम्बर, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव पर्व के अंतर्गत एनसीसी एवं एनएसएस की इकाई द्वारा पर्यावरण सप्ताह पर दो…