सत्र जनवरी, 2022 के नामांकन/पंजीयन निरस्तीकरण आदेश
भोपाल, 24 सितम्बर, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने उप-राष्ट्रपति एवं विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष श्री जगदीप धनखड़ से नई दिल्ली में भेंट की। उप-राष्ट्रपति निवास में हुई मुलाकात में प्रो. सुरेश ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों से अवगत कराया। उल्लेखनीय है कि एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय होने का गौरव रखने वाले माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष देश के उप-राष्ट्रपति हैं।
कुलपति प्रो. सुरेश ने कुलाध्यक्ष एवं उप-राष्ट्रपति को विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि भोपाल के निकट बिशनखेड़ी में पचास एकड़ में स्वयं का भवन बनकर तैयार हो चुका है, और शीघ्र ही पूरा विश्वविद्यालय यहां शिफ्ट होने वाला है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में अकादमिक भवन, प्रशासनिक भवन, विशाल सभागार के साथ ही गर्ल्स हॉस्टल, बायस हॉस्टल, कैंटिन, कर्मचारियों,अधिकारियों, शिक्षकों के लिए कैंपस के भीतर ही निवास की भी सुविधा भी उपलब्ध है। प्रो.सुरेश ने उपराष्ट्रपति को बताया कि इस साल पिछले वर्ष से ज्यादा विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। गौरतलब है कि विगत वर्ष एक लाख तीन हजार विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया था।
विवि. के कुलपति प्रो. सुरेश ने उप-राष्ट्रपति को बताया कि विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत नए पाठ्यक्रमों को भी पिछले साल ही शुरु कर दिया है। उन्होंने बताया कि देश एवं राज्य में पत्रकारिता के पाठ्यक्रम को शुरु करने वाला भी यह देश का पहला विश्वविद्यालय है, जिसने बहुत तेजी से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को अपनाया। इसके साथ ही कुलपति प्रो, सुरेश ने बताया कि इंडिया टुडे की टॉप-10 सूची में भी पत्रकारिता विश्वविद्यालय को शामिल किया गया है, उन्होंने कहा कि इस सूची में शामिल होने वाला यह देश का पहला हिंदी पत्रकारिता का संस्थान है। गौरतलब है कि द वीक ने भी पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम अपनी सूची में शामिल किया है।
प्रो. सुरेश ने उप-राष्ट्रपति श्री धनखड़ को बताया कि इसी वर्ष विवि के बिशनखेड़ी स्थित नवीन कैंपस में तीन दिवसीय राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का भी आयोजन हुआ था, जिसमें देश के ख्याति प्राप्त अभिनेता, निर्माता, निर्देशक, कलाकारों ने भाग लिया था और तत्पश्चात सिनेमा अध्ययन विभाग का गठन भी हुआ था। विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष एवं देश के उप- राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर उत्सुकता एवं खुशी व्यक्त की। उन्होंने कुलपति प्रो. केजी सुरेश को उपलब्धियों के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए विश्वविद्यालय के प्रगति की कामना की और इससे संबंधित और जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आग्रह कियाl



उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की भेंट विश्वविद्यालय की गतिविधियों की दी जानकारी उप-राष्ट्रपति ने जताई खुशी. प्रगति की कामना की पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष हैं उपराष्ट्रपति भोपाल, 24 सितम्बर, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने उप-राष्ट्रपति एवं विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष श्री जगदीप…
भोपाल, 21 सितम्बर, 2022: यदि आप पत्रकारिता, मीडिया, प्रबंधन, कम्प्यूटर, आदि के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं, तो एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सीधे प्रवेश ले सकते हैं। विश्वविद्यालय ने प्रवेश की अंतिम तिथि बढ़ाकर 25 सितंबर कर दी है। विश्वविद्यालय के भोपाल, रीवा, खंडवा एवं दतिया परिसर में एमपी ऑनलाइन पोर्टल के जरिए विद्यार्थी अब प्रवेश के लिए सीधे आवेदन कर सकते हैं। इसी के साथ अंशकालिक सांध्यकालीन पाठ्यक्रमों में भी ऑनलाईन आवेदन की अंतिम तिथि 25 सितंबर तक कर दी गई है। सांध्यकालीन पाठ्यक्रमों में योगिक स्वास्थ्य प्रबंधन, इवेंट मैनेजमेंट, वीडियो प्रोडक्शन, सायबर सिक्योरिटी, फिल्म जर्नलिज्म, मोबाइल जर्नलिज्म, सोशल मीडिया मैनेजमेंट, रुरल जर्नलिज्म में पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम शामिल हैं। इन पाठ्यक्रमों में विद्यार्थी, गृहणी, कर्मचारी, अधिकारी भी प्रवेश ले सकते हैं। पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं हैं। विश्वविद्यालय ने ऐसे विद्यार्थियों को भी मौका दिया है जिन्होंने पूर्व में किसी अन्य पाठ्यक्रम में ऑनलाइन आवेदन किया गया था, लेकिन किन्हीं कारणों से वे प्रवेश नहीं ले पाए, ऐसे विद्यार्थी भी अपने आवेदन क्रमांक एवं जन्मतिथि के माध्यम से Admission Application Form (mponline.gov.in) क्लिक कर उपलब्ध पाठ्यक्रम हेतु आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए विद्यार्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट एवं एमपी ऑनलाइन की वेबसाइट देख सकते हैं।
पत्रकारिता विश्वविद्यालय में प्रवेश का अंतिम अवसर 25 सितंबर तक कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन भोपाल, 21 सितम्बर, 2022: यदि आप पत्रकारिता, मीडिया, प्रबंधन, कम्प्यूटर, आदि के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं, तो एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सीधे प्रवेश ले सकते हैं। विश्वविद्यालय ने प्रवेश की…
भोपाल, 15 सितम्बर, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा दूरदर्शन के स्थापना दिवस पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। दूरदर्शन की समकालीन प्रासंगिकता विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में मुख्य वक्ता दूरदर्शन भोपाल की संयुक्त निदेशक समाचार सुश्री पूजी पी.वर्धन थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।
दूरदर्शन भोपाल की संयुक्त निदेशक समाचार एवं मुख्य वक्ता सुश्री पूजी पी.वर्धन ने कहा कि दूरदर्शन ने देश में राष्ट्रीय एकता को जाग्रत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि खेल से लेकर मनोरंजन तक दूरदर्शन ने अपनी सकारात्मक छवि बनाई है। सुश्री वर्धन ने दूरदर्शन को सबसे विश्वनीय बताते हुए कहा कि जहां कोई नहीं जाना चाहता वहां दूरदर्शन पहुंचा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद कोविड जागरुकता में सबसे अहम भूमिका दूरदर्शन ने निभाई है।
कुलपति प्रो केजी सुरेश ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि दूरदर्शन कई निजी चैनल्स की जननी है। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन की तुलना किसी के साथ की ही नहीं जा सकती। प्रो. सुरेश ने कहा कि दूरदर्शन की भूमिका लोक प्रसारक की है और उसका उद्देश्य जनहित के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन की शुरुआत से अभी तक कई परिवर्तन हुए हैं जिसके वे भी स्वयं साक्षी रहे हैं। कुलपति प्रो. सुरेश ने उनके द्वारा शुरु किए गए दूरदर्शन के कई कार्यक्रमों का भी जिक्र किया। गुड न्यूज इंडिया की बात करते हुए उन्होंने कहा कि दूरदर्शन के कई प्रारंभिक कार्यक्रमों को शुरु करने में उनकी भूमिका रही है। प्रो सुरेश ने पल्स पोलियो के सफल कैंपेन का श्रेय दूरदर्शन को दिया और कहा कि देश को पोलियो मुक्त बनाने में दूरदर्शन का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इसी तरह एचआईवी कैंपेन में भी दूरदर्शन ने बहुत अहम भूमिका निभाई है। दूरदर्शन को नेतृत्व की भूमिका में बताते हुए उन्होंने कहा कि इस पर बाजारवाद कभी हावी नहीं हुआ है।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीकांत सिंह ने विषय प्रवर्तन किया। आभार प्रदर्शन प्रोफेसर डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर एवं विशेष अधिकारी डॉ. अरुण कुमार खोबरे ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अविनाश वापजेयी, विभाग के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।




दूरदर्शन ने कोविड जागरुकता में सबसे अहम भूमिका निभाई – पूजा पी वर्धन दूरदर्शन कई निजी चैनल्स की जननी – कुलपति प्रो केजी सुरेश पत्रकारिता विश्वविद्यालय में दूरदर्शन स्थापना दिवस पर कार्यक्रम सम्पन्न भोपाल, 15 सितम्बर, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा दूरदर्शन के स्थापना दिवस पर एक विशेष व्याख्यान…
भोपाल, 15 सितम्बर, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय नायकों के योगदान पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग एवं अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के सहयोग से विश्वविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात फिल्म निर्माता एवं निर्देशक अशोक शरण, मुख्य वक्ता राजभवन में जनजातीय प्रकोष्ठ के विधि सलाहकार विक्रांत सिंह कुमरे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।
राजभवन में जनजातीय प्रकोष्ठ के विधि सलाहकार एवं मुख्य वक्ता विक्रांत सिंह कुमरे ने कहा कि लोग जलियावाला हत्याकांड को जानते हैं, लेकिन 1855 में दस हजार जनजातीय शहीदों की शहादत के बारे में नहीं जानते हैं। श्री कुमरे ने पत्रकारिता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दैनिक इतिहास लिखता है। पत्रकारिता में नैतिक मूल्य अभी भी विद्मान है और इस क्षेत्र के लोगों को जनजातीय समुदाय के योगदान के बारे में हमेशा लिखते रहना चाहिए।
मुख्य अतिथि प्रख्यात फिल्म निर्माता एवं निर्देशक अशोक शरण ने कहा कि उन्होंने 18 वर्ष की उम्र से ही अपना जीवन इस समुदाय के समर्पित कर दिया है। आदिवासी समुदाय पर दौ सौ से ज्यादा फिल्में, डाक्यूमेंट्री बना चुके हैं श्री शरण ने कहा कि मैं अपनी फिल्मों में ऐसे इतिहास के बारे में बताता हूं जिसे न तो बताया गया है, न ही दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि अपने जीवन का बहुत सा हिस्सा जनजातीय समुदाय के लोगों के साथ जंगल, सुदूर क्षेत्र में उनके साथ रहें हैं इसलिए उनको करीब से देखा है, जाना है और उस अनभिज्ञ इतिहास पर उनकी ज्यादातर फिल्में और डाक्युमेंट्री होती हैं। जो जागत है सो पावत है जो सोवत है वो खोवत है का गुरु मंत्र देते हुए उन्होंने विद्यार्थियों से आव्हान किया वे भी ऐसे ही अनुछुए विषयों पर फिल्में बनाएं।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि स्वाधीनता संग्राम राजनीतिक संघर्ष नहीं था, ये सांस्कृतिक, सामाजिक, पारम्परिक मूल्यों का संघर्ष था। अपनी संस्कृति को बचाने के लिए जनजातीय समुदाय ने संघर्ष किया था। उन्होंने कहा कि उनके कारण ही आज हम स्वतंत्र हैं। कुलपति प्रो. सुरेश ने इस अवसर पर जनजातीय संचार पर एक शोध पीठ स्थापित करने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एक पुस्तक भी प्रकाशित करने जा रहा है, जिसमें स्वधीनता संग्राम करने वाले क्रांतिकारियों के बारे में बताया जाएगा। प्रो. सुरेश ने कहा कि अभी तक कई फिल्मों में भी जनजातीय समाज का नकारात्मक चित्रण किया गया है, जिन्होंने फिल्में बनाई हैं वो शायद ही कभी वनों में गए होंगे। और यदि वे गए होते तो ऐसी फिल्में नहीं बनाते । प्रो. सुरेश ने विद्यार्थियों से कहा कि राजपथ से कर्तव्य पथ पर चलना ही आजादी है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली के उप-निदेशक आरके दुबे ने कहा कि 65 वें संविधान संशोधन में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति की समस्या छुआछूत है, लेकिन अनुसूचित जनजाति की समस्या इससे अलग है क्योंकि वे सुदूर अंचलों में निवास करते हैं। उन्होंने आयोग के गठन, कार्य व शक्तियों आदि के बारे में बताया।
आजादी के अमृत महोत्सव समिति के अध्यक्ष डॉ. श्रीकांत सिंह ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों के जनजातीय नायकों का हमारे देश की आजादी के योगदान में बहुत योगदान रहा है लेकिन कम ही लोग इस बारे जानते हैं। उन्होंने कोल, परगना, नागा आंदोलन के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि हजारों नायकों का बलिदान तो इतिहास में दर्ज ही नहीं हो पाया है।
इस अवसर विश्वविद्यालय के परिसर में जनजातीय नायकों के योगदान पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने फीता काटकर प्रदर्शनी का उदघाटन किया। अतिथियों एवं विद्यार्थियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
आभार प्रदर्शन डॉ. गजेंद्र सिंह अवास्या द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. आर.डी.त्यागी ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अविनाश वापजेयी, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अतिथि शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।






जो जागत है सो पावत है – अशोक शरण संस्कृति को बचाने में जनजातीय वीरों का बड़ा योगदान – कुलपति प्रो. केजी सुरेश जनजातीय संचार पर शोधपीठ होगी स्थापित – कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की घोषणा जनजातीय शहीदों की शहादत को याद रखें – विक्रांत सिंह कुमरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में जनजातीय नायकों के योगदान…