युवा पीढ़ी रामचरित मानस का गहन अध्ययन करे : कुलपति प्रो. सुरेश

युवा पीढ़ी रामचरित मानस का गहन अध्ययन करे : कुलपति प्रो. सुरेश

साहित्य के स्त्रोत हैं राम : प्रो. संजीव शर्मा

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में रामाख्यानका समापन

भोपाल, 25 जनवरी, 2024:  माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय “रामाख्यान” के समापन अवसर पर रामाख्यान में संचार के सूत्र विषय पर महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.(डॉ.) संजीव कुमार शर्मा ने अपने विचार व्यक्त किए। भरतमुनि शोधपीठ के तत्वाधान में आयोजित इस व्याख्यान की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने की।

प्रो. सुरेश ने कहा कि श्रीरामचरित मानस जीवन की मार्गदर्शिका बन गई है। उन्होंने कहा कि रामाख्यान ने हमारी सोच एवं नजरिए को बदल दिया है। कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि विक्रमशिला, तक्षशिला एवं नालंदा जैसे विश्वविद्यालय के कारण ही भारत विश्व गुरु था और इसकी एक अलग ही पहचान थी। उन्होंने कहा कि ये भवन नहीं भावना है, इसीलिए हमारे विश्वविद्यालय के भवनों के नाम विक्रमशिला, तक्षशिला एवं नालंदा के नाम पर रखे गए हैं। उन्होंने युवा पीढ़ी को रामचरित मानस का गहन अध्ययन करने की बात कही। साथ ही कहा कि हमें कब,कहां, कैसे और क्या बोलना है, ये सीखना बहुत जरूरी है।

महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने समाज विज्ञान को संचार का एक रुप बताया। उन्होंने कहा कि भारत में प्रश्न पूछने की परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि संवाद, संप्रेषण की परंपरा जिज्ञासाओं से शुरू हुई। प्रो. शर्मा ने शिव-पार्वती, राम-जटायु संवाद आदि कई उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि तुलसीदास जी संस्कृत के मर्मज्ञ थे, लेकिन उन्होंने अवधि में श्रीरामचरित मानस लिखी। प्रो.शर्मा ने कहा कि हमें भाषा के प्रति सजग होना चाहिए। उन्होंने रामचरित की प्रंशषा की तो वहीं राम को साहित्य का स्त्रोत बताया।

व्याख्यान का संचालन एवं संयोजन प्रो. गिरीश उपाध्याय ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन जनसंचार विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. आरती सारंग ने किया। व्याख्यान में विवि. के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

युवा पीढ़ी रामचरित मानस का गहन अध्ययन करे : कुलपति प्रो. सुरेश साहित्य के स्त्रोत हैं राम : प्रो. संजीव शर्मा पत्रकारिता विश्वविद्यालय में ‘रामाख्यान’ का समापन भोपाल, 25 जनवरी, 2024:  माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय “रामाख्यान” के समापन अवसर पर रामाख्यान में संचार के सूत्र विषय पर महात्मा गांधी…

हमारे ग्रंथों में जो है, वो कहीं नहीं : कुलपति प्रो.के.जी. सुरेश

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माता कैकेयी ने राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनाया : डॉ. संजय श्रीवास्तव

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में ‘रामाख्यान’ का दूसरा दिन

भोपाल, 24 जनवरी, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय “रामाख्यान” के दूसरे मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एवं स्टडीज फरीदाबाद हरियाणा के कुलपति डॉ. संजय श्रीवास्तव ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर भोपाल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील भार्गव विशेष रुप से उपस्थित थे। भरतमुनि शोधपीठ के तत्वाधान में आयोजित इस व्याख्यान की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने की।

व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने कहा कि रामाख्यान नाम रखने का उद्देश्य बौद्धिक केंद्र होने के नाते विवेचना एवं अध्ययन करना है। रामाख्यान से प्रेरणा लेने की बात करते हुए प्रो. सुरेश ने कहा कि हमारे ग्रंथों में जो है वो कहीं नहीं है। उन्होंने टीम वर्क एवं प्रबंधन के जरिए रामचरित मानस को समझाया। प्रो. सुरेश ने नेतृत्वकर्ता को अच्छा होने की बात कहते हुए कहा कि टीम वर्क बहुत आवश्यक है। प्रो. सुरेश ने कहा कि रामचरित मानस में बहुत से ऐसे प्रसंग हैं जो सिखाते हैं कि सफलता पूर्वक जीवन जिया जा सकता है।

राम, रामचरित मानस एवं प्रबंधन के सूत्र विषय पर विचार व्यक्त करते हुए मुख्य वक्ता डॉ. संजय श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों से कहा कि श्रीरामचरित मानस एवं गीता का अध्ययन उन्हें जरुर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे वे अपने जीवन में सफल भी होंगे एवं जीवन को साकार भी कर सकते हैं। उन्होंने माता-पिता की महिमा भी बताई और कहा कि उनके आशीर्वाद से आप बहुत आगे बढ़ सकते हैं। डॉ. श्रीवास्तव ने लीडरशिप क्वालिटी के नौ गुण बताए। उन्होंने कहा कि एक अच्छे नेतृत्वकर्ता या सीईओ के अंदर ये सभी गुण होना बहुत आवश्यक है। उन्होंने रामायण का उदाहरण देते हुए माता कौशल्या, सुमित्रा एवं कैकेयी के भी कुछ प्रसंग बताए एवं कहा कि माता कैकेयी ने राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनाया।

भोपाल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील भार्गव ने अकादमिक एवं इंडष्ट्री के विशेषज्ञों की बात करते हुए लीडरशिप के बारे में बताया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जो भी नेतृत्व के गुण सीखना चाहते हैं वे भोपाल मैनेजमेंट एसोसिएशन से जरुर जुड़े।

व्याख्यान का संचालन एवं संयोजन प्रो. गिरीश उपाध्याय ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी ने किया। व्याख्यान में विवि. के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

हमारे ग्रंथों में जो है, वो कहीं नहीं : कुलपति प्रो.के.जी. सुरेश माता कैकेयी ने राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनाया : डॉ. संजय श्रीवास्तव पत्रकारिता विश्वविद्यालय में ‘रामाख्यान’ का दूसरा दिन भोपाल, 24 जनवरी, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय “रामाख्यान” के दूसरे मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च…