राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए : कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश

राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए : कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश

भारत को पुनर्राष्ट्रीकरण करना है तो औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति पाना होगी : प्रफुल्ल केतकर

एमसीयू में वेस्टर्न मीडिया ऑन इंडिया : इश्यू एंड साल्युशन्स पर विशेष व्याख्यान

मीडिया प्रबंधन एवं पत्रकारिता विभाग द्वारा निकाले गए समाचार पत्र का हुआ विमोचन

भोपाल, 05 अप्रैल, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में वेस्टर्न मीडिया ऑन इंडिया : इश्यू एंड साल्युशन्स विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। मीडिया प्रबंधन विभाग द्वारा स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित इस विशेष व्याख्यान की अध्यक्षता विवि. के कुलपति प्रो.डॉ.केजी.सुरेश ने की, वहीं मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रुप में ऑर्गेनाईजर वीकली के एडीटर प्रफुल्ल केतकर थे। व्याख्यान में कुलसचिव एवं विभागाध्यक्ष मीडिया प्रबंधन विभाग प्रो. डॉ. अविनाश वाजपेयी विशेष रुप से उपस्थित थे। इस अवसर पर मीडिया प्रबंधन विभाग एवं पत्रकारिता विभाग द्वारा निकाले गए समाचार पत्र का विमोचन भी किया गया।

माखनपुरम के स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित व्याख्यान में कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि विदेशी मीडिया ने भारत को लगातार गरीब, लाचार दिखाया है। कोरोना में हमने वैक्सिन बनाया और विश्व के कई देशों तक पहुंचाया। हमारी सोच वसुधैव कुटुम्बकम की रही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद को पश्चिम मीडिया पहले नहीं दिखाता था और इसे दो देशों तक ही सीमित रखता था, लेकिन 9/11 में अमेरिका के ट्वीन टॉवर पर हुए आतंकी हमले के बाद उन्हें आंतकवाद समझ में आया। प्रो. सुरेश ने कहा कि मतभेद, एवं मनभेद अलग हो सकते हैं, विचारधारा भी अलग हो सकती है, लेकिन जब बात व्यापक राष्ट्रहित की आती है तो राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पश्चिमी मीडिया को समझना आवश्यक है।

मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता ऑर्गेनाईजर वीकली के एडीटर प्रफुल्ल केतकर ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादियों को मार दिया जाता है तो वहां का मीडिया आतंकवादियों के मरने की खबर की जगह उसे पाकिस्तान में हस्तक्षेप की खबर बताता है। उन्होंने पुर्तगालियों को धूल चटाने वाली कर्नाटक की रानी अब्बक्का, अंग्रेजों से लोहा लेने वाली रानी लक्ष्मीबाई एवं देवी अहिल्या बाई की वीरता के बारे में भी बताया। श्री केतकर ने बताया कि एक विदेशी यात्री ने भारत को देखने के बाद कहा था कि भारत विश्व का ऐसा पहला देश है, जिसमें राजा ही नहीं रानियों ने भी राज किया है। भारत की मूल अवधारणा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत को पुनर्राष्ट्रीकरण करना है तो हमें औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति पाना होगी। संचालन विद्यार्थी श्रृष्टि द्वारा किया गया, जबकि आभार प्रदर्शन कुलसचिव एवं विभागाध्यक्ष मीडिया प्रबंधन विभाग प्रो. डॉ. अविनाश वाजपेयी ने किया। विशेष व्याख्यान में विवि. के शिक्षक, विद्यार्थी उपस्थित थे।

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पत्रकारिता विश्वविद्यालय में मनाई गई दादा माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में मनाई गई दादा माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती

दादा माखनलाल की जन्मभूमि से लेकर कर्मभूमि तक बनेगी डॉक्यूमेंट्री : कुलपति प्रो. सुरेश

देवर्षि नारद भारतीय ज्ञान खंड एवं छत्रपति शिवाजी महाराज क्रीडांगन2  का हुआ लोकार्पण

भोपाल, 04 अप्रैल, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में गुरुवार को दादा माखनलाल चतुर्वेदी जी की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के बिशनखेड़ी स्थित माखनपुरम परिसर के विक्रमशिला परिसर के स्वामी विवेकानन्द सभागार में व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान की अध्यक्षता कुलपति प्रो.(डॉ.) के.जी. सुरेश ने की। मुख्य वक्ता पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं साहित्यकार मनोज श्रीवास्तव थे। इसके साथ ही जयंती पर नालंदा पुस्तकालय में देवर्षि नारद भारतीय ज्ञान खंड एवं छत्रपति शिवाजी महाराज क्रीडांगन-2  का लोकार्पण भी कुलपति प्रो. सुरेश द्वारा किया गया।

व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि दादा माखनलाल हमारे प्रेरणापुंज हैं। उन्होंने कहा कि दादा की स्मृति को जीवंत रखने के लिए हमने सामुदायिक रेडियो स्टेशन का नाम उनके द्वारा निकाले गए समाचार पत्र कर्मवीर के नाम पर रखा। प्रो. सुरेश ने कहा कि दादा के बाल्यकाल से लेकर युवा अवस्था एवं अंतिम क्षणों में वे जहां-जहां भी रहे हैं, उन स्थानों जिनमें, बाबई (माखननगर) नर्मदापुरम, खंडवा, भोपाल) आदि में जाकर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जी ने दादा को एक भारतीय आत्मा कहा था। प्रो. सुरेश ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा को और आगे ले जाने के लिए  भारतीय भाषा विभाग आगामी सत्र से सिंधी भाषा में डिप्लोमा कोर्स शुरु करने जा रहा है, इसके साथ ही अगले साल मराठी भाषा में डिप्लोमा कोर्स शुरु किया जाएगा। देवर्षि नारद भारतीय ज्ञान खंड का लोकार्पण करते हुए उन्होंने कहा कि यहां भारतीय ज्ञान परंपरा में देवर्षि नारद से लेकर अन्य ग्रंथ उपलब्ध हैं।

मुख्य वक्ता पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं साहित्यकार मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि दादा सकर्म साहित्यकार थे। उन्होंने सागर के रतौना आंदोलन का भी विशेष उल्लेख किया, जिसमें देश का एक बड़ा कसाईखाना खोला जा रहा था। जहां हर साल दो लाख गौवध होते, लेकिन दादा माखनलाल चतुर्वेदी जी की धारदार पैनी पत्रकारिता ने इसे बनने नहीं दिया। व्याख्यान का संचालन विशाखा राजुरकर एवं आभार प्रदर्शन भारतीय भाषा विभाग की विभाग अध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने किया। प्रस्तावना प्रो. शिवकुमार विवेक द्वारा रखी गई। विद्यार्थी नमन अटोलिया एवं अनन्या ने दादा की कविता पुष्प की अभिलाषा की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. डॉ अविनाश वाजपेयी, विभिन्न विभागों के विभाग अध्यक्ष, शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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