एमसीयू के कुलगुरु प्रो. सुरेश ने केरल के राज्यपाल से की मुलाकात

एमसीयू के कुलगुरु प्रो. सुरेश ने केरल के राज्यपाल से की मुलाकात

विश्वविद्यालय केरल में संयुक्त प्रमाणन कार्यक्रम (ज्वाइंट सर्टिफिकेशन प्रोग्राम) करेगा शुरु

भोपाल, 30 अगस्त, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने आज तिरुवनंतपुरम में राजभवन में केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की। मलयालम साप्ताहिक केसरी द्वारा आयोजित एक सम्मेलन के सिलसिले में केरल के दौरे पर आए प्रो. सुरेश ने श्री खान से मुलाकात की और उन्हें एशिया के पहले और भारत के सबसे बड़े मीडिया विश्वविद्यालय की गतिविधियों और उपलब्धियों से अवगत कराया । उन्होंने राज्यपाल को उज्जैन के महाकाल मंदिर का प्रसाद भी भेंट किया। कोरोना के दौरान श्री खान ने एमसीयू के एक ऑनलाइन सम्मेलन को संबोधित किया था, जिसकी अध्यक्षता तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने की थी।

कुलगुरु प्रो. सुरेश ने राज्यपाल को बताया कि एमसीयू जल्द ही कोझीकोड स्थित महात्मा गांधी संचार महाविद्यालय के साथ डिजिटल मीडिया में संयुक्त प्रमाणन कार्यक्रम (ज्वाइंट सर्टिफिकेशन प्रोग्राम) शुरू करेगा। उन्होंने श्री खान को संकाय और छात्रों को संबोधित करने के लिए भोपाल आमंत्रित भी किया। राज्यपाल श्री खान ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। उन्होंने केरल में संयुक्त प्रमाणपत्र कार्यक्रम शुरू करने के एमसीयू के निर्णय पर प्रसन्नता भी व्यक्त की।

एमसीयू के कुलगुरु प्रो. सुरेश ने केरल के राज्यपाल से की मुलाकात विश्वविद्यालय केरल में संयुक्त प्रमाणन कार्यक्रम (ज्वाइंट सर्टिफिकेशन प्रोग्राम) करेगा शुरु भोपाल, 30 अगस्त, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने आज तिरुवनंतपुरम में राजभवन में केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात…

MCU VC calls on Kerala Governor

MCU VC calls on Kerala Governor

University to start joint certification programme in Kerala

Bhopal, 30 August, 2024: Prof K G Suresh, Vice Chancellor of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication today called on the Governor of Kerala Shri Arif Mohammed Khan at Raj Bhavan in Thiruvananthapuram  today.Dr Suresh, who is visiting Kerala in connection with a conference organised by Malayalam weekly Kesari, met Sh Khan and apprised him about the activities and achievements of Asia’s first & India’s largest media university. He also presented to the Governor Prasad from Ujjain’s Mahakal temple.During Corona, Shri Khan had addressed an online conference of MCU which was chaired by the then Higher Education Minister and current Chief Minister Shri Mohan Yadav. Prof Suresh informed the Governor that soon MCU will start a joint certification programme in digital media with the Kozhikode based Mahatma Gandhi College of Communication.

He also invited Sh Khan to Bhopal to address the faculty and students.Governor Khan accepted the invitation and expressed happiness over MCU’S decision to start joint certificate programmes in Kerala.

MCU VC calls on Kerala Governor University to start joint certification programme in Kerala Bhopal, 30 August, 2024: Prof K G Suresh, Vice Chancellor of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication today called on the Governor of Kerala Shri Arif Mohammed Khan at Raj Bhavan in Thiruvananthapuram  today.Dr Suresh, who is visiting Kerala…

फैक्ट चैक करने के बाद ही खबर प्रसारित करें: संचालक जनसंपर्क गुप्ता

फैक्ट चैक करने के बाद ही खबर प्रसारित करें: संचालक जनसंपर्क गुप्ता

न्यू एज मीडिया, कन्वर्जेंस, सोशल मीडिया व डिजिटल मीडिया कौशल उन्नयन विषय पर संभागीय कार्यशाला आयोजित

ग्वालियर/भोपाल, 30 अगस्त, 2024: जनता हमारे लिखे और बोले पर भरोसा करती है। इसलिए फैक्ट अवश्य चैक करें अर्थात सत्यता की पुष्टि करने के बाद ही खबर प्रसारित करना चाहिए। खबर तथ्यपरक और सही होने से जनता में हमारा भरोसा बढ़ता है। यह बात संचालक जनसंपर्क अंशुल गुप्ता ने न्यू एज मीडिया, कन्वर्जेंस, सोशल मीडिया व डिजिटल मीडिया के कौशल उन्नयन को लेकर गुरुवार को तानसेन रेसीडेंसी में आयोजित हुई संभागीय कार्यशाला में कही। कार्यशाला में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की डीन एवं विभागाध्यक्ष न्यू मीडिया प्रौद्योगिकी डॉ. पी. शशिकला, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी, निदेशक प्रशिक्षण डॉ. जया सुरजानी ने उपयोगी व्याख्यान दिए।

कार्यशाला के प्रथम तकनीकी सत्र में माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय की न्यू मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. पी. शशिकला ने “सोशल मीडिया समाचारों व स्टोरी के फैक्ट चैकिंग के विशेष संदर्भ” में प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने न्यू मीडिया के विविध पहलुओं को विस्तार से समझाया, साथ ही कहा किस प्रकार सोशल मीडिया के उपयोग से शासन की लाभदायक योजनाओं को आम व्यक्ति तक अधिक से अधिक प्रसारित किया जा सकता है और सोशल मीडिया के इस्तेमाल से कैसे ब्रांडिंग की जा सकती है। डॉ. शशिकला ने कहा कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल के लिए आवश्यक है कि हम फैक्ट चैकिंग अवश्य करें। सोशल मीडिया का उपयोग बहुत ही सावधानी से करना चाहिए तथा मिसइन्फोर्मेशन व डिसइन्फोर्मेशन से बचना चाहिए। कार्यशाला में फेक न्यूज के बारे में बताया गया। साथ ही कहा गया कि पत्रकारों को इससे बचना चाहिए व सावधानी से समाचारों व जानकारियों को प्रस्तुतिकरण करना चाहिए। साथ ही डीप फेक के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। इससे बचने के लिये गूगल फैक्ट चैक टूल के बारे में भी कार्यशाला में जानकारी प्रदान की गई।

द्वितीय तकनीकी सत्र में आशीष साहू द्वारा पत्रकारिता के लिये एआई विषय पर प्रस्तुतिकरण किया गया। उन्होंने बताया कि एआई के उपयोग से पत्रकारिता बहुत ही आसान हो गई है तथा कई घंटों का कार्य हम मिनटों में कर सकते हैं। श्री साहू ने चैट जीपीटी का इस्तेमाल को भी विस्तार से समझाया। साथ ही समाचार से संबंधित टूल्स के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कुछ टूल्स निशुल्क होते हैं तो कुछ पेड होते हैं। एआई टूल्स की सटीक व ठीक जानकारी होने से हम कुछ सायबर फ्रॉड से बच सकते हैं। कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी ने कहा कि आज विकास पत्रकारिता को हमारे समाचार माध्यमों में बहुत कम स्थान मिल पा रहा है। सोशल मीडिया की व्यापकता और इससे प्राप्त होने वाले रोजगार के अवसरों के बारे में भी डॉ. वाजपेयी द्वारा जानकारी दी गई।

निदेशक प्रशिक्षण माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय डॉ. जया सुरजानी द्वारा सोशल मीडिया तथा जनसंपर्क विषय पर व्याख्यान दिया गया। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया द्वारा किस प्रकार किसी भी संस्था के लिए प्रभावी ढंग से जनसंपर्क किया जा सकता है। अंत में प्रभारी अपर संचालक जनसंपर्क भोपाल संजय जैन ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यशाला में ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सभी जिलों के जनसंपर्क अधिकारी, सोशल मीडिया हैण्डलर, न्यूज एज मीडिया से जुड़े प्रतिनिधिगण एवं सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर ने भाग लिया।

जनसंपर्क विभाग की सराहनीय पहल जनसंपर्क विभाग ने गुरूवार को ग्वालियर में सोशल एवं डिजीटल मीडिया पर कार्यशाला आयोजन की सराहनीय पहल की। ग्वालियर में सोशल एवं डिजीटल मीडिया पर यह पहली कार्यशाला थी। कार्यशाला में वक्ताओं ने फेक और भ्रामक न्यूज से बचने की सलाह दी।

फैक्ट चैक करने के बाद ही खबर प्रसारित करें: संचालक जनसंपर्क गुप्ता न्यू एज मीडिया, कन्वर्जेंस, सोशल मीडिया व डिजिटल मीडिया कौशल उन्नयन विषय पर संभागीय कार्यशाला आयोजित ग्वालियर/भोपाल, 30 अगस्त, 2024: जनता हमारे लिखे और बोले पर भरोसा करती है। इसलिए फैक्ट अवश्य चैक करें अर्थात सत्यता की पुष्टि करने के बाद ही खबर…

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “पूर्व लोकमंथन” 21 एवं 22 सितंबर को मानव संग्रहालय में होगा

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “पूर्व लोकमंथन” 21 एवं 22 सितंबर को मानव संग्रहालय में होगा

चिकित्सा पद्धति के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना हमारा उद्देश्य : कुलगुरु प्रो. सुरेश

जनजातियां अपनी चिकित्सा प्रणाली से असाध्य रोगों का उपचार कर लेती हैं : निदेशक प्रो. पांडे

सम्मेलन के पोस्टर का हुआ विमोचन

डॉ. सुनीता रेड्डी, श्री लाजपत आहूजा, श्री धीरेन्द्र चतुर्वेदी, प्रो. पी. शशिकला ने भी किया पत्रकारों को संबोधित

भोपाल, 27 अगस्त, 2024: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में 21 एवं 22 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “पूर्व लोकमंथन” का आयोजन होने जा रहा है। “वाचिक परंपरा में प्रचलित हर्बल उपचार प्रणालियां: संरक्षण, संवर्धन और कार्य योजना” विषय पर इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद्, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, प्रज्ञा प्रवाह, एंथोपोस इंडिया फाउंडेशन, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय एवं दंत्तोपंथ ठेंगड़ी शोध संस्थान, भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में यह दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होगा। आईजीआरएमएस के निदेशक प्रो. डॉ. अमिताभ पांडे, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश, एआईएफ अध्यक्ष व कांफ्रेस संयोजक जेएनयू नई दिल्ली की एसो. प्रोफेसर डॉ. सुनीता रेड्डी आयोजन समिति के पदाधिकारी व प्रज्ञा प्रवाह से श्री लाजपत आहूजा एवं श्री धीरेन्द्र चतुर्वेदी, एमसीयू डीन (अकादमिक) प्रो.डॉ. पी. शशिकला ने इस संबंध में पत्रकारों को जानकारी दी।

कांफ्रेस संयोजक डॉ. सुनीता रेड्डी ने बताया कि सम्मेलन में पद्मश्री यानिंग जमोह लेगो (अरुणाचल प्रदेश), विशेष रुप से सम्मेलन में आ रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हर्बल उपचार,गैर संहिताबद्ध हर्बल उपचार, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता, पौधारोपण, स्वास्थ्य संचार आदि विषयों पर शिक्षकों, शोधार्थियों द्वारा शोधपत्र एवं अकादमिक पोस्टर भी प्रस्तुत किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पूर्ण शोध पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 20 सितंबर है।  एमसीयू के कुलगुरु प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय की भूमिका जनसंचार के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इस सम्मेलन को पहुंचाना है एवं चिकित्सा पद्धति के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए देश भर के शोधार्थियों से शोध पत्र भी आमंत्रित किए गए हैं, जिसका बाद में प्रकाशन होगा।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल निदेशक प्रो. डॉ अमिताभ पांडे  ने कहा कि जनजातियां अपनी भाषा, रीति रिवाज, धार्मिक विश्वास विचार एवं परंपराओं से बंधी है। अपनी जीवनोपयोगी के लिये ये वनवासी अधिकतर वन्य प्राणी एवं वनस्पति पर निर्भर रहते हैं, चाहे उनका भोजन हो, तन ढकने के वस्त्र, घर बनाने की सामग्री हो अथवा खेती करने के औजार। यहां तक की रोगों को दूर करने के लिये इनकी अपनी ही चिकित्सा प्रणाली होती है। जिनमें मुख्यत: जड़ी बूटी तक का उपयोग करते हैं। जिसके कारण ये लोग असाध्य से असाध्य रोगों का भी उपचार कर लेते हैं। जंगलों से प्राप्त इन जड़ी बूटियों की इन वनवासियों को अच्छी पहचान रहती है। श्री लाजपत आहूजा ने पूर्व लोकमंथन के बारे मं जानकारी दी एवं लोक के अर्थ को समझाते हुए पूर्व लोकमंथन सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला।

इस दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक श्री जे. नंदकुमार, प्रज्ञा प्रवाह के अध्यक्ष प्रो. बृजकिशोर कुठियाला, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो.(डॉ.) के.जी. सुरेश, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के निदेशक प्रो.(डॉ.) अमिताभ पांडे, प्रज्ञा प्रवाह से श्री दीपक शर्मा, श्री विनय दीक्षित, एंथ्रोपोस इंडिया फाउंडेशन की संस्थापक अध्यक्ष एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुनीता रेड्डी, साउथ कैंपस दिल्ली विश्वविद्यालय निदेशक प्रो. श्रीप्रकाश सिंह, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की डीन (अकादमिक) प्रो. (डॉ.) पी. शशिकला, आयोजन समिति के सदस्य डॉ. अमिताभ श्रीवास्तव, श्री धीरेन्द्र चतुर्वेदी, श्री तिलक राज, डॉ. मुकेश कुमार मिश्रा, श्री लाजपत आहूजा, दिल्ली विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कुलपति प्रो.पी.सी जोशी, डॉ. रमेश गौड़, (आईजीएनसीए), जनजातीय अनुसंधान संस्थान भुवनेश्वतर उड़ीसा के निदेशक प्रो. ओटा, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रीता सोनी, डॉ. देबजानी रॉय, क्यूसीआई, केंद्रीय आयुर्वेद एवं सिद्ध अनुसंधान परिषद नई दिल्ली से डॉ. गोयल, डॉ. अभिषेक जोशी आयुर्वेद चिकित्सक (बाली), डॉ. सोबत (थाईलैंड), डॉ. बामदेव सुबेदी, (नेपाल) विशेष रुप से अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि भारत में कई जनजातियों और वनवासियों की अपनी अलग उपचार पद्धतियाँ हैं और वे बीमारियों के इलाज के लिए हर्बल ज्ञान के समृद्ध भंडार पर भरोसा करते हैं। ग्रामीण भारत में, औपचारिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं तक सीमित पहुंच के कारण गैर-संहिताबद्ध हर्बल उपचार अक्सर उपचार की पहली उपलब्ध सुविधा है। स्थानीय चिकित्सक अपने निकटतम वातावरण में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के पौधों और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हैं। हर्बल चिकित्सक जैव विविधता के विशाल ज्ञान के संरक्षक हैं, ऐसे चिकित्सकों का धीरे धीरे लुप्त होते जाना भारत के लिए इस समृद्ध विरासत का नुकसान है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में आयोजित किये जा रहे इस कार्यक्रम के दौरान एक 5 दिवसीय हर्बल हीलर्स वर्कशॉप भी आयोजित की जा रही है, जिसमें चिकित्सक मरीजों का इलाज करेंगे और विभिन्न रोगों में उनके द्वारा उपयोग की जा रही औषधियों के ज्ञान को भी साझा करेंगे।

सत्रों का संचालन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के विद्वान करेंगे। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, विभिन्न संस्थानों के निदेशक, पूर्वी एशियाई देशों और आयुष के विद्वान विभिन्न विषयों पर विमर्श करेंगे। स्थानीय महाविद्यालयों तथा स्कूलों के छात्र, शोधार्थी छात्र तथा आमजन भी हर्बल उपचार के पारंपरिक ज्ञान जो बिना किसी लिखित पाठ के पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होते रहे हैं उसे भी चिकित्सकों के पास प्रत्यक्ष रूप से देख सकेंगे।

इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एशिया के पहले मीडिया विश्वविद्यालय के रूप में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल, मीडिया एवं संचार का दायित्व संभालेगा। साथ ही आईजीआरएमएस भोपाल में आयोजित होने वाले पूर्व लोकमंथन, हीलर्स कॉन्फ्रेंस के लिए अकादमिक भागीदारी व शैक्षणिक संस्थान के रूप में शोध पत्र समीक्षा और प्रकाशन का समन्वय भी करेगा।

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “पूर्व लोकमंथन” 21 एवं 22 सितंबर को मानव संग्रहालय में होगा चिकित्सा पद्धति के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना हमारा उद्देश्य : कुलगुरु प्रो. सुरेश जनजातियां अपनी चिकित्सा प्रणाली से असाध्य रोगों का उपचार कर लेती हैं : निदेशक प्रो. पांडे सम्मेलन के पोस्टर का हुआ विमोचन डॉ. सुनीता रेड्डी, श्री लाजपत आहूजा, श्री धीरेन्द्र…

संस्कृति हमारे आचार-विचार, वेशभूषा एवं मूल्यों में है : कुलगुरु प्रो. सुरेश

संस्कृति हमारे आचार-विचार, वेशभूषा एवं मूल्यों में है : कुलगुरु प्रो. सुरेश

विकृत कंटेंट समाज एवं संस्कृति के लिए बड़ा खतरा : उदय माहुरकर

सूचनाओं का विस्फोट चिंता का विषय : पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा

संस्कृति से राष्ट्र का निर्माण होता है : विकास दवे

भोपाल, 24 अगस्त, 2024:  माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय व मीडिया एंड सोशल मीडिया रिसर्च फाऊंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में संस्कृति और मीडिया की भूमिका विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन माखनपुरम स्थित स्वामी विवेकानंद सभागार में किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. (डॉ) के.जी. सुरेश ने की। जबकि संगोष्ठी के मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त श्री उदय माहुरकर, मुख्य वक्ता मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक श्री विकास दवे, विशिष्ट अतिथि भोपाल पुलिस आयुक्त श्री हरिनारायणचारी मिश्रा थे। इस अवसर पर कुलगुरु प्रोफेसर सुरेश ने कहा कि संस्कृति हमारे आचार-विचार वेशभूषा में है, हमारे मूल्यों में है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति तो हमारे जीवन दर्शन एवं हमारी विरासत में है। प्रो. सुरेश ने कहा कि संस्कृति का अंतिम सत्य समाज एवं राष्ट्र होना चाहिए।

मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त श्री उदय माहुरकर ने ओटीटी प्लेटफार्म पर विकृत कंटेंट को लेकर गहरी नाराजगी जताते हुए इसे समाज एवं संस्कृति के लिए बड़ा खतरा बताया। उन्होंने विकृत सामग्री के लिए कठोर कानून बनाए जाने की मांग की। श्री माहुरकर ने पोर्नोग्राफी को बहुत खतरनाक बताया एवं साथ ही कहा कि दुष्कर्म के पीछे का मुख्य कारण विकृत कंटेंट होता है।

विशिष्ट अतिथि भोपाल पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने कहा कि मीडिया का उद्देश्य सनसनीखेज खबर छापने की जगह सकारात्मक खबरें छापना होना चाहिए। मीडिया का समाज पर बहुत असर पड़ने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति के इस युग में सूचनाओं का विस्फोट हो रहा है, जो कि चिंता का विषय है।  मीडिया एवं तकनीक के दखल से जीवन प्रभावित होने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि जितना परिवर्तन 100 सालों में नहीं हुआ, उतना पिछले एक दशक में हो गया है।

मुख्य वक्ता मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक श्री विकास दवे ने कहा कि भारत का इतिहास गौरवशाली इतिहास रहा है। संस्कृति को पांचवा तत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि संस्कृति से राष्ट्र का निर्माण होता है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ब्रजेश श्रीवास्तव, कार्यक्रम संयोजक श्री शुभम वर्मा, सूत्रधार सुश्री मोनिका अरोरा, श्री भारत भूषण, विवि. के कुलसचिव प्रो. डॉ. अविनाश वाजपेयी, विवि. के शिक्षक एवं विद्यार्थी विशेष रुप से उपस्थित थे।

संस्कृति हमारे आचार-विचार, वेशभूषा एवं मूल्यों में है : कुलगुरु प्रो. सुरेश विकृत कंटेंट समाज एवं संस्कृति के लिए बड़ा खतरा : उदय माहुरकर सूचनाओं का विस्फोट चिंता का विषय : पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा संस्कृति से राष्ट्र का निर्माण होता है : विकास दवे भोपाल, 24 अगस्त, 2024:  माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार…

शोध समाज हित में होना चाहिए : कुलगुरु प्रो. सुरेश

शोध समाज हित में होना चाहिए : कुलगुरु प्रो. सुरेश

डिजिटल मीडिया में अवसर, चुनौती दोनों : राकेश खर

एमसीयू में मीडिया प्रबंधन विभाग एवं दतिया परिसर द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ समापन

भोपाल, 24 अगस्त, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय माखनपुरम बिशनखेड़ी परिसर में मीडिया प्रबंधन विभाग एवं विश्वविद्यालय के दतिया परिसर के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।रोडमैप टू विकसित भारत 2047 विषय पर आयोजित संगोष्ठी के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार श्री राकेश खर थे, वहीं अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के. जी. सुरेश ने की।

सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलगुरु प्रो. सुरेश ने डिजिटल इंडिया के निर्माण में तीन मुख्य बिंदुओं ऐसेसिबिलिटी, अवैलबिलिटी एवं एफॉर्डिबिलिटी पर चर्चा की और बताया कि डिजिटल इंडिया में इनकी बहुत आवश्यकता है। उन्होंने डिजिटल मीडिया में टेक्नोलॉजी की उपयोगिता एवं इसकी चुनौतियों को विस्तार से समझाते हुए बताया कि टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से बढ़ रही है, जिसे हम पकड़ने में अभी असमर्थ है। प्रो. सुरेश ने कहा कि अमृतकाल देश के लिए सर्वोच्य काल रहेगा, इसलिए विश्वविद्यालयों को शोध पर जोर देना होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शोध समाज हित में होना चाहिए।

उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता श्री राकेश खर द्वारा मीडिया विशेषकर डिजिटल मीडिया में आ रही क्रांति के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्होंने नवीन एवं डिजिटल मीडिया के अवसर एवं चुनौतियों के संबंध में उदाहरणों सहित वक्तव्य दिया गया। मीडिया प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ) अविनाश वाजपेयी ने प्रतिभागियों को उनके उत्कृष्ट शोध के लिए बधाई दी एवं इसी तरह शोध करते रहने के लिए प्रेरित किया। दतिया परिसर निदेशक एवं आयोजन सचिव डॉ. कपिल राज चंदोरिया ने बताया कि इस दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश के 22 राज्यों से लगभग 484 से अधिक प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता दी एवं 90 से अधिक शोध पत्र प्राप्त हुए। जिनका प्रकाशन विश्वविद्यालय द्वारा आगामी एक माह में किया जाएगा। अंत में डॉ. चंदोरिया ने आभार प्रदर्शन करते हुए संगोष्ठी का समापन किया।

शोध समाज हित में होना चाहिए : कुलगुरु प्रो. सुरेश डिजिटल मीडिया में अवसर, चुनौती दोनों : राकेश खर एमसीयू में मीडिया प्रबंधन विभाग एवं दतिया परिसर द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ समापन भोपाल, 24 अगस्त, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय माखनपुरम बिशनखेड़ी परिसर में मीडिया प्रबंधन विभाग एवं विश्वविद्यालय…

8 वर्ष बाद एमसीयू करेगा पीएचडी सीटों की घोषणा: कुलगुरु प्रो. के.जी.सुरेश

8 वर्ष बाद एमसीयू करेगा पीएचडी सीटों की घोषणा: कुलगुरु प्रो. के.जी.सुरेश

भोपाल, 22 अगस्त, 2024: 8 वर्ष के लंबे अर्से बाद माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल अगले सप्ताह पीएचडी की सीट घोषित करेगा। एमसीयू के कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने कहा कि पहले मात्र दो विषयों मीडिया अध्ययन एवं कंप्यूटर अनुप्रयोग विषय में पीएचडी उपाधि प्रदान की जाती थी। लेकिन पहली बार विश्वविद्यालय पांच विषयों में पीएचडी की उपाधि प्रदान करेगा। यह पांच विषय जनसंचार, नवीन मीडिया प्रौद्योगिकी, मीडिया प्रबंधन, कंप्यूटर अनुप्रयोग एवं पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान है। पीएचडी में प्रवेश हेतू पात्रता के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अतंर्गत चार वर्षीय शोध स्नातक पाठ्यक्रम भी शामिल होगा। इसके अलावा नेट परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थी भी पीएचडी के लिए पात्र होंगे। पीएचडी संपन्न करने की समय सीमा न्यूनतम तीन वर्ष एवं अधिकतम छह वर्ष रहेगी। आवेदकों को प्रवेश परीक्षा और साक्षात्कार देना होगा। जबकि नेट क्वालीफाईड प्रतिभागियों को केवल साक्षात्कार देना होगा। प्रो. सुरेश ने कहा कि पिछले चार वर्षों में लगभग 3 दर्जन पीएचडी की उपाधि विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की गई है।

8 वर्ष बाद एमसीयू करेगा पीएचडी सीटों की घोषणा: कुलगुरु प्रो. के.जी.सुरेश भोपाल, 22 अगस्त, 2024: 8 वर्ष के लंबे अर्से बाद माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल अगले सप्ताह पीएचडी की सीट घोषित करेगा। एमसीयू के कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने कहा कि पहले मात्र दो विषयों मीडिया अध्ययन एवं कंप्यूटर…

MCU to offer PhD programme after 8 years

MCU to offer PhD programme after 8 years

Bhopal, 22 August, 2024: After a long wait of eight years, Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Bhopal, will announce new seats for its PhD programme next week. According to Vice Chancellor, Prof K G Suresh, earlier the university offered Phd in two disciplines – Mass Communication and Computer Science, whereas this time, it would offer doctoral programs in five disciplines including Mass Communication, New Media Technology, Media Management, Computer Science and Library and Information Science. Graduates who have completed 4 years undergraduate honours programme in research would be eligible to apply, apart from NET qualified candidates. The university would conduct both entrance examination and interviews for the applicants. However, NET qualified candidates would be attending only the interviews, he said. As per UGC regulations, the duration of the PhD programme would be for a minimum of 3 years and a maximum of 6 years. Prof Suresh said the University has streamlined its doctoral program in the last four years and over 35 PhDs have been awarded during the period.

MCU to offer PhD programme after 8 years Bhopal, 22 August, 2024: After a long wait of eight years, Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Bhopal, will announce new seats for its PhD programme next week. According to Vice Chancellor, Prof K G Suresh, earlier the university offered Phd in two disciplines -…

आजादी के साथ पत्रकारिता करें : कुलगुरु प्रो. सुरेश

आजादी के साथ पत्रकारिता करें : कुलगुरु प्रो. सुरेश

महिलाओं को पत्रकारिता में रहना है तो, शेर की तरह रहना होगा : प्रो. संगीता प्रणवेंद्र

एमसीयू में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा विशेष व्याख्यान

भोपाल, 21 अगस्त, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा “अपाचुनिटीज एंड चैलेंजेस बिफोर वूमेन जर्नलिस्ट” विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। स्वामी विवेकानन्द सभागार में आयोजित व्याख्यान की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो.(डॉ.) के.जी. सुरेश ने की, जबकि मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता आईआईएमसी में प्रोफेसर डॉ. संगीता प्रणवेंद्र थीं। अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. सुरेश ने महिला पत्रकारों की चुनौतियों के विभिन्न उदाहरण देते हुए कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में नाम कमा रही हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय में मीडिया की छात्राओं से कहा कि वे आजादी के साथ पत्रकारिता करें। प्रो. सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता में महिलाएं अपने कमिटमेंट की वजह से आगे बढ़ेंगी। उन्होंने विद्यार्थियों को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ ही प्रैक्टिकल नॉलेज लेने को भी कहा। उन्होंने कहा कि इसके लिए विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के एमसीयू टीवी दर्शन स्टुडियो एवं रेडियो कर्मवीर में जाना चाहिए।

भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली की प्रोफेसर डॉ. संगीता प्रणवेंद्र ने कहा कि स्टूडियो में जो दिखता है, वह असली दुनिया नहीं है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता करते वक्त खबर करना मकसद होना चाहिए, न की खबर बनना। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पत्रकारिता में रहना है तो, शेर की तरह रहना होगा। उन्होंने फील्ड में आने वाली चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान समय में महिला पत्रकारों की ट्रोलिंग ज्यादा हो रही है। प्रो. संगीता ने कहा कि पारिवारिक जिम्मेदारियां और काम का वर्कलोड महिला पत्रकारों के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता वह पेशा है, जिसको लोग बहुत उम्मीद से देखते हैं और पत्रकारों से बहुत उम्मीद करते हैं। पत्रकार हर खबर को समग्र दृष्टि से देखने की बात करते हुए उन्होंने जेंडर बैलेंस पर भी अपने विचार व्यक्त किए। विशेष व्याख्यान का संचालन छात्रा गीतांजलि ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन डॉ. गरिमा पटेल द्वारा किया गया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान में विभाग के प्राध्यापक श्री राहुल खड़िया, श्री मुकेश चौरासे, डॉ. मनोज पटेल, डॉ. रामदीन त्यागी, सुश्री प्रियंका सोनकर, डॉ. अरुण खोबरे, अतिथि विद्वान एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

आजादी के साथ पत्रकारिता करें : कुलगुरु प्रो. सुरेश महिलाओं को पत्रकारिता में रहना है तो, शेर की तरह रहना होगा : प्रो. संगीता प्रणवेंद्र एमसीयू में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा विशेष व्याख्यान भोपाल, 21 अगस्त, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा “अपाचुनिटीज एंड चैलेंजेस बिफोर वूमेन जर्नलिस्ट”…

एमसीयू में अंशकालिक सांध्यकालीन पाठ्यक्रम में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 अगस्त

एमसीयू में अंशकालिक सांध्यकालीन पाठ्यक्रम में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 अगस्त

सभी पाठ्यक्रम रोजगारोन्मुखी और उपयोगी : कुलगुरु प्रो. सुरेश

9 अंशकालिक सांध्यकालीन पाठयक्रमों में पीजी डिप्लोमा

भोपाल, 19 अगस्त, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में अंशकालिक सांध्यकालीन पाठ्यक्रम में प्रवेश की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। सांध्यकालीन पाठ्यक्रम प्रभारी श्री प्रदीप डेहरिया ने जानकारी देते हुए बताया विश्वविद्यालय के एमपी नगर सिटी कैंपस स्थित विकास भवन में 9 अंशकालिक सांध्यकालीन पीजी डिप्लोमा पाठयक्रमों के लिए 31 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जा हैं। जिनमें योगिक स्वास्थ्य प्रबंधन, सोशल मीडिया मैनेजमेंट,फिल्म जर्नलिज्म, मोबाइल जर्नलिज्म  रुरल जर्नलिज्म, वीडियो प्रोडक्शन, इवेंट मैनेजमेंट,साइबर सिक्योरिटी, ड्रामा एंड एक्टिंग पाठ्यक्रम हैं। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने बताया कि ये सभी पाठ्यक्रम इंडस्ट्री की डिमांड को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये पाठ्यक्रम रोजगारोन्मुखी हैं और कैरियर के लिए बहुत ही उपयोगी हैं। प्रो. सुरेश ने कहा कि जो लोग निजी या सरकारी विभागों, संस्थाओं में कार्यरत हैं और 10 से 5 बजे के बीच कक्षाएं नहीं आ सकते हैं, उनके लिए विशेष रूप से ये पाठयक्रम तैयार किए गए हैं। जिसकी कक्षाएं शाम 5.30 से 7.30 बजे तक लगती हैं। सांध्यकालीन पाठ्यक्रम प्रभारी श्री डहेरिया ने बताया कि इसमें कोई भी कर्मचारी,अधिकारी, विद्यार्थी, महिलाएं, गृहणी या कोई अन्य व्यक्ति भी जो निर्धारित योग्यता रखता है वह ऑनलाइन माध्यम से प्रवेश ले सकता है। इन पाठ्यक्रमों में आयु सीमा का कोई बंधन नहीं है। अधिक जानकारी के लिए एमसीयू की अधिकृत वेबसाइट www.mcu.ac.in को देखा जा सकता है।

एमसीयू में अंशकालिक सांध्यकालीन पाठ्यक्रम में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 अगस्त सभी पाठ्यक्रम रोजगारोन्मुखी और उपयोगी : कुलगुरु प्रो. सुरेश 9 अंशकालिक सांध्यकालीन पाठयक्रमों में पीजी डिप्लोमा भोपाल, 19 अगस्त, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में अंशकालिक सांध्यकालीन पाठ्यक्रम में प्रवेश की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। सांध्यकालीन पाठ्यक्रम प्रभारी श्री…