परंपरागत पैथी सर्वश्रेष्ठ है : श्री इंदर सिंह परमार

परंपरागत पैथी सर्वश्रेष्ठ है : श्री इंदर सिंह परमार

मानव संग्रहालय में दो दिवसीय अंतर राष्ट्रीय सम्मेलन पूर्व लोक मंथन का हुआ समापन

भोपाल, 22 सितम्बर, 2024: परंपरागत पैथी सर्वश्रेष्ठ है। यह कहना है मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इंदर सिंह परमार का। वे मानव संग्रहालय में “वाचिक परंपरा में प्रचलित हर्बल उपचार प्रणालियां : संरक्षण, संवर्धन और कार्य योजना” विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पूर्व लोकमंथन के समापन पर बोल रहे थे। संबोधन के बाद श्री परमार जनजातीय वैद्य शिविर में भी पहुंचे, जहां देश भर के 18 राज्यों से आए जनजातीय समाज के पारंपरिक लोक प्राकृतिक चिकित्सक से भी मिले। सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज लोग एलोपैथी पर निर्भर हो गए हैं, जबकि परंपरागत पैथी सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने परंपरागत पैथी के दस्तावेजीकरण करने की बात कही। श्री परमार ने भारतीय परंपरागत ज्ञान को पूंजी बताते हुए कहा कि यह भारत के समाज में रचा बसा है। उन्होंने पूर्व लोकमंथन सम्मेलन की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार की ओर से इस विषय में सकारात्मक सहयोग प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर सम्मेलन में आए सुझावों का एक ड्राफ्ट भी आयुष मंत्री श्री इंदर सिंह परमार को सौंपा गया। उल्लेखनीय है कि भारत की देशज परंपरा को स्थानीय स्तर पर लोक में निवास करने वाले चिकित्सकों ने सैकड़ों वर्षों से संरक्षित करके रखा है। यह वंश परम्परा और अनुभव के आधार पर स्थानीय स्तर पर ही चिकित्सा उपलब्ध कराती है। विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक, प्रखर वक्ता एवं विचारक जे. नंदकुमार, एमसीयू के कुलसचिव प्रो. डॉ. अविनाश वाजपेई, डीन (अकादमिक) प्रो. (डॉ.) पी. शशिकला, सम्मेलन की संयोजक डॉ. सुनीता रेड्डी, मानव संग्रहालय के निदेशक प्रो. (डॉ) अमिताभ पांडे व श्री पीसी जोशी ने की एवं अपने विचार भी व्यक्त किए। सुश्री सुदीपा रॉय ने आभार प्रदर्शन किया। पूर्व लोकमंथन सम्मेलन का आयोजन प्रज्ञा प्रवाह, दत्तोपंत ठेंगड़ी शोध संस्थान, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सहयोग से मानव संग्रहालय में आयोजित किया गया।

परंपरागत पैथी सर्वश्रेष्ठ है : श्री इंदर सिंह परमार मानव संग्रहालय में दो दिवसीय अंतर राष्ट्रीय सम्मेलन पूर्व लोक मंथन का हुआ समापन भोपाल, 22 सितम्बर, 2024: परंपरागत पैथी सर्वश्रेष्ठ है। यह कहना है मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इंदर सिंह परमार का। वे मानव संग्रहालय में “वाचिक परंपरा…

मानव संग्रहालय में केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके ने अंतर राष्ट्रीय सम्मेलन पूर्व लोकमंथन का किया शुभारंभ

मानव संग्रहालय में केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके ने अंतर राष्ट्रीय सम्मेलन पूर्व लोकमंथन का किया शुभारंभ

5 दिवसीय जनजातीय वैद्य शिविर का भी हुआ शुभारंभ

भोपाल, 21 सितम्बर, 2024: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में केन्द्रीय राज्यमंत्री (जनजातीय मामले) श्री दुर्गादास उइके ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पूर्व लोकमंथन का शुभारंभ किया। सम्मेलन में तीन पद्मश्री से सम्मानित हस्तियां सुश्री यानु लेगो, सुश्री लक्ष्मी कुट्टी, श्री अर्जुन सिंह धुर्वे का विशेष रुप से उपस्थित थे, जिनका सम्मान केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री उइके द्वारा शॉल एवं स्मृति चिन्ह देकर किया गया। इससे पहले एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री उईके एवं श्री जे. नंदकुमार द्वारा तटीय ग्राम प्रदर्शनी के दो नारियल के पेड़ भी लगाए गए। इसके बाद पांच दिवसीय जनजातीय वैद्य शिविर एवं कार्यशाला का भी शुभारंभ श्री उइके द्वारा किया गया। इस अवसर पर आसाम एवं मिज़ोरम के जनजातीय समाज ने श्री उइके का दुशाला देकर सम्मान किया। सम्मेलन में शोध सारांश की बुकलेट का भी विमोचन किया गया।  इस अवसर पर केन्द्रीय राज्यमंत्री (जनजातीय मामले) श्री दुर्गादास उइके ने कहा कि जनजातीय समाज प्रकृति के पूजक हैं। श्री उइके ने पूर्व लोकमंथन की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह आयोजन राष्ट्रीय चेतना को जगाने का काम कर रहा है। अपने उद्बोधन में उन्होंने जनजातीय समाज के विभिन्न उदाहरण दिए, जिनमें भगवान राम द्वारा सबरी के झूठे बेर खाना, पांडव के वनवास और उनका जनजातीय समाज के बीच रहना, भीम की हिडम्बा से शादी करना, बेटे घटोत्कक्ष का जन्म, उसके बाद बेटे बर्बरीक का जन्म एवं बर्बरीक की वीरता और खाटू श्याम के नाम से उनका विख्यात हो जाना। सम्राट घनानंद से बदला लेने के लिए और रणनीति बनाने के लिए चाणक्य का जनजातीय समाज के बीच रहना और उनकी सहायता लेना। पूर्व लोकमंथन को प्रेरणादाई बताते हुए उन्होंने सम्मेलन में आए सभी लोगों से भारत को स्वर्णिम राष्ट्र बनाने की अपील की। अखिल भारतीय प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक श्री जे. नंदकुमार ने कहा कि भारत की संवाद परंपरा पश्चिम से पूर्व की है। उन्होंने कहा कि लोक यानी ओरिजनालिटी है। उन्होंने सनातनी कॉन्टेपरी दृष्टि पर विचार व्यक्त करते हुए भाग्यनगर में होने वाले लोकमंथन के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने पारंपरिक चिकित्सा को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाए जाने की बात कही। उन्होंने शोध के विभिन्न वैज्ञानिक मापदंडों(पैरामीटर्स) पर विशेष प्रकाश डाला। प्रो. सुरेश ने कहा पारम्परिक लोक चिकित्सकों की ईलाज की इन तकनीकों को आमजन तक पहुंचाने के लिए संचार की बहुत आवश्यकता है।  वरिष्ठ आईएएस व निदेशक जनजातीय शोध संस्थान श्री विनोद सेमवाल ने कहा कि प्रकृति हमको सिखाती है। उन्होंने जनजातीय ज्ञान को लिपिबद्ध करने की बात कही। साथ ही उन्होंने लोगों से कहा कि प्रकृति के ज्ञान, वेद पुराण, परम्परा आदि पर विश्वास करें। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के निदेशक प्रो.(डॉ.) अमिताभ पांडे ने जनजातीय समाज के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज बहुत समृद्ध है और वे इतने आधुनिक थे कि घर का निर्माण बिना एक भी कील ठोके उनके द्वारा किया गया है। उन्होंने जनजातीय समाज की इन धरोहरों को संग्रहित करने की बात कही। शुभारंभ सत्र में पूर्व लोकमंथन सम्मेलन की रुपरेखा पर एंथ्रोपोस इंडिया फाउंडेशन की संस्थापक अध्यक्ष जेएनयू एसो. प्रोफेसर व संयोजक डॉ. सुनीता रेड्डी ने प्रकाश डाला। सम्मेलन का संचालन मोह. रेहान एवं सुश्री अनुकृति बाजपई ने किया। आभार प्रदर्शन दत्तोपंत ठेंगड़ी शोध संस्थान के निदेशक डॉ. मुकेश मिश्रा द्वारा किया गया। इसके बाद विभिन्न सत्रों में शोधार्थियों द्वारा अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

दो दिवसीय अंतर राष्ट्रीय पूर्व लोकमंथन सम्मेलन का रविवार को समापन होगा। समापन समारोह के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। समापन समारोह में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के निदेशक प्रो डॉ अमिताभ पांडे, संयोजक डॉ सुनीता रेड्डी, डॉ. सुशील के. श्रीवास्तव उपस्थित रहेंगे।

मानव संग्रहालय में विशेष रुप से जनजातीय वैद्य शिविर एवं कार्यशाला का भी आयोजन किया गया है, जो 25 सितंबर तक है। यहां लगभग 18 राज्यों से आए हुए जनजातियों द्वारा 44 स्टॉल लगाए गए हैं। यहाँ जनजातीय वैद्यों द्वारा उनके उपचार पद्धतियों का लाइव प्रदर्शन किया जा रहा है। साथ ही प्राकृतिक उपचार, पारंपरिक उपचार तकनीकों और औषधीय पौधों के बारे में जानने के लिए प्रतिदिन इंटरेक्टिव सत्रों का आयोजन भी हो रहा है। वहीं जनजातीय पारंपरिक लोक चिकित्सा में उपयोग की जाने वाली पारंपरिक जड़ी बूटियों, औषधीय पौधों का प्रदर्शन किया जा रहा है।

मानव संग्रहालय में केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके ने अंतर राष्ट्रीय सम्मेलन पूर्व लोकमंथन का किया शुभारंभ 5 दिवसीय जनजातीय वैद्य शिविर का भी हुआ शुभारंभ भोपाल, 21 सितम्बर, 2024: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में केन्द्रीय राज्यमंत्री (जनजातीय मामले) श्री दुर्गादास उइके ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पूर्व लोकमंथन का शुभारंभ किया। सम्मेलन में…

केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पूर्व लोकमंथन का आज करेंगे शुभारंभ

केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पूर्व लोकमंथन का आज करेंगे शुभारंभ

मानव संग्रहालय में 21 व 22 सितंबर को होगा आयोजन

पांच दिन चलेगा जनजातीय वैद्य शिविर

भोपाल, 20 सितम्बर, 2024: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में 21 एवं 22 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “पूर्व लोकमंथन” का आयोजन होने जा रहा है। “वाचिक परंपरा में प्रचलित हर्बल उपचार प्रणालियां: संरक्षण, संवर्धन और कार्य योजना” विषय पर इस दो अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ केंद्रीय राज्यमंत्री (जनजातीय मामले) श्री दुर्गादास उइके करेंगे। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद्, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, प्रज्ञा प्रवाह, दंत्तोपंत ठेंगड़ी शोध संस्थान भोपाल, एंथ्रोपोस इंडिया फाउंडेशन एवं माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में यह सम्मेलन मानव संग्रहालय के आवृत्ति भवन में होगा। सम्मेलन में शोध पत्रों का वाचन होगा। सम्मेलन में पद्मश्री से सम्मानित हस्तियां भी विशेष रूप से शिरकत करेंगी।

इस दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के निदेशक प्रो.(डॉ.) अमिताभ पांडे,  प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक श्री जे. नंदकुमार, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलगुरु एवं जनसंपर्क आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, पूर्व कुलगुरु प्रो.(डॉ.) के.जी. सुरेश साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कुलपति प्रो.पी.सी जोशी, डॉ. रमेश गौड़, (आईजीएनसीए), जनजातीय अनुसंधान संस्थान भुवनेश्वतर उड़ीसा के निदेशक प्रो. ओटा, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रीता सोनी, डॉ. देबजानी रॉय, क्यूसीआई, एनईआईएफएम के निदेशक डॉ. रोबिन्द्र टेरोन, केंद्रीय आयुर्वेद एवं सिद्ध अनुसंधान परिषद नई दिल्ली से डॉ. गोयल, डॉ. जया, ऐड. डिर. मोटा, राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान दिल्ली की विशेष निदेशक डॉ. नूपुर तिवारी, डॉ. अभिषेक जोशी आयुर्वेद चिकित्सक (बाली), डॉ. सोबत (थाईलैंड), डॉ. बामदेव सुबेदी, (नेपाल) विशेष रुप से अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित रहेंगे।

सम्मेलन में 5 दिवसीय जनजातीय वैद्य शिविर एवं कार्यशाला भी आयोजित की जा रही है, जिसमें लोक चिकित्सक मरीजों का पारंपरिक इलाज करेंगे और विभिन्न रोगों में उनके द्वारा उपयोग की जा रही औषधियों के ज्ञान को भी साझा करेंगे। इसमें लगभग 18 राज्यों से 100 हीलर्स आएंगे।

उल्लेखनीय है कि भारत में कई जनजातियों की अपनी पारंपरिक उपचार पद्धतियाँ हैं और वे बीमारियों के इलाज के लिए हर्बल ज्ञान के समृद्ध भंडार पर भरोसा करते हैं। ग्रामीण भारत में, औपचारिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं तक सीमित पहुंच के कारण गैर-संहिताबद्ध हर्बल उपचार अक्सर उपचार की पहली उपलब्ध सुविधा है। स्थानीय चिकित्सक अपने निकटतम वातावरण में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के पौधों और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हैं।

ये पारंपरिक लोक चिकित्सक जैव विविधता के विशाल ज्ञान के संरक्षक हैं, ऐसे चिकित्सकों का धीरे धीरे लुप्त होते जाना भारत के लिए इस समृद्ध विरासत का नुकसान है। संगोष्ठी की संयोजक डॉ.सुनीता रेड्डी ने बताया कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, विभिन्न संस्थानों के निदेशक, पूर्वी एशियाई देशों और आयुष के विद्वान विभिन्न विषयों पर विमर्श करेंगे। स्थानीय महाविद्यालयों तथा स्कूलों के छात्र, शोधार्थी छात्र तथा आमजन भी हर्बल उपचार के पारंपरिक ज्ञान जो बिना किसी लिखित पाठ के पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होते रहे हैं उसे भी चिकित्सकों के पास प्रत्यक्ष रूप से देख सकेंगे। जनजातीय वैद्य शिविर आम नागरिकों के लिए 5 दिन 25 सितंबर तक चलाया जाएगा।

 

केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पूर्व लोकमंथन का आज करेंगे शुभारंभ मानव संग्रहालय में 21 व 22 सितंबर को होगा आयोजन पांच दिन चलेगा जनजातीय वैद्य शिविर भोपाल, 20 सितम्बर, 2024: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में 21 एवं 22 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “पूर्व लोकमंथन” का आयोजन होने जा रहा है।…

एमसीयू में कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिवस पर विश्वविद्यालय को दी तीन सौगात

एमसीयू में कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिवस पर विश्वविद्यालय को दी तीन सौगात

माखनपुरम निवासियों ने किया सम्मान

भोपाल, 17 सितम्बर, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो.(डॉ.) के. जी. सुरेश ने अपने अंतिम कार्य दिवस पर विश्वविद्यालय में कर्मचारियों और विद्यार्थियों के कल्याण हेतु झूला घर समेत तीन महत्वपूर्ण कार्यों को निष्पादित किया। इसमें सीएसआर के तहत स्टेट बैंक ऑफ़ इण्डिया के माध्यम से डेढ़ लाख रुपए का वात्सल्य झूला घर (क्रेच) की स्थापना, भोपाल के 34 अस्पतालों में सीजीएचएस दरों पर कर्मचारियों एवं उनके परिजनों के लिए ओपीडी सुविधा और नालंदा पुस्तकालय में वेब ओपेक सुविधा की शुरुआत शामिल है।

प्रो. सुरेश ने कहा कि झूला घर की स्थापना से महिला कर्मचारियों को अपने छोटे बच्चों को सुरक्षित देखरेख की व्यवस्था की जा सकेगी, जिसके अंतर्गत उनके खाने खेलने की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है, इससे महिला कर्मचारी निश्चिंत होकर अपने काम काज में ध्यान दे सकती हैं। वेब ओपेक के अंर्तगत संकाय और विद्यार्थी दुनियां में कहीं भी बैठकर विश्वविद्यालय की वेबसाइट के जरिए पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों की सूची देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि 34 अस्पतालों के साथ अनुबंध करने से कर्मचारियों एवं उनके परिजनों को डॉक्टरी सलाह और ईलाज में काफ़ी रियायत मिलेगी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. (डॉ.) अविनाश वाजपेयी, पुस्तकालय विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.आरती सारंग, विधि अधिकारी श्री दीपक चौकसे समेत संकाय, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। इधर विश्वविद्यालय के माखमपुरम में निवासरत रहवासी परिसर के शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं उनके परिजनों द्वारा कार्यकाल के अंतिम दिवस कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उनका भव्य स्वागत और सम्मान किया गया। इस मौके पर प्रो. सुरेश ने कहा कि वे इस प्रेम और सम्मान को पाकर अभिभूत हैं। गौरतलब है कि 50 एकड़ के हराभरा परिसर माखनपुरम प्रो. सुरेश के कार्यकाल में पिछले वर्ष 2023 में शिफ्ट हुआ था। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. (डॉ) अविनाश वाजपेयी भी उपस्थित थे।

एमसीयू में कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिवस पर विश्वविद्यालय को दी तीन सौगात माखनपुरम निवासियों ने किया सम्मान भोपाल, 17 सितम्बर, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो.(डॉ.) के. जी. सुरेश ने अपने अंतिम कार्य दिवस पर विश्वविद्यालय में कर्मचारियों और विद्यार्थियों के कल्याण हेतु…

विश्व बंधुत्व दिवस पर एमसीयू में बीएसएनएल के टॉवर का कुलगुरु प्रो. सुरेश ने किया लोकार्पण

विश्व बंधुत्व दिवस पर एमसीयू में बीएसएनएल के टॉवर का कुलगुरु प्रो. सुरेश ने किया लोकार्पण

स्वामी विवेकानंद से बड़ा कोई हीरो नहीं है : अमिताभ श्रीवास्तव

भोपाल, 11 सितम्बर, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में विश्व बंधुत्व दिवस पर बीएसएनएल के 4जी मोबाइल टॉवर का लोकार्पण कुलगुरु प्रो. (डॉ) के. जी. सुरेश द्वारा किया गया। प्रो. सुरेश ने कहा कि मोबाइल टॉवर लगने से माखनपुरम परिसर में कनेक्टिविटी बहुत ज्यादा अच्छी हो जायेगी जिसका लाभ शोधार्थियों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों को मिलेगा। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो (डॉ) अविनाश वाजपेयी, बीएसएनएल के महाप्रबंधक महेंद्र सिंह, डीजीएम अविनाश सिंह, एजीएम धीरज सिंह समेत स्टॉफ के कर्मचारी भी उपस्थित थे। पिछले वर्ष विश्वविद्यालय परिसर में जिओ टावर की स्थापना हुई थी। वहीं दूसरी ओर एमसीयू एवं विवेकानंद केंद्र भोपाल शाखा के संयुक्त तत्वावधान में विश्व बंधुत्व दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. सुरेश ने की, वहीं मुख्य वक्ता विवेकानन्द केंद्र के सह नगर प्रमुख श्री अमिताभ श्रीवास्तव थे एवं विशिष्ट वक्ता इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो.डॉ. मोनिका वर्मा थी।इस अवसर पर संचार शोध विभाग की त्रैमासिक पत्रिका सिनोपसिया का विमोचन भी किया गया। अपने उद्बोधन में कुलगुरु प्रो. सुरेश ने कहा कि शुरुआती जीवन में उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के साहित्य का अध्ययन किया, जिससे उनका जीवन ही बदल गया। प्रोफेसर सुरेश ने विवेकानंद जी को क्रांतिकारी विचारक बताया। उन्होंने कहा कि विवेकानंद राजनीति से परे थे। उन्होंने विद्यार्थियों से विवेकानंद के साहित्य का अध्ययन करने को कहा। स अवसर पर मुख्य वक्ता श्री अमिताभ श्रीवास्तव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद से बड़ा कोई हीरो नहीं है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपना हीरो स्वामी विवेकानंद जी को बनाएं, सुभाष चंद्र बोस को बनाएं या भगत सिंह बनाएं। उन्होंने कहा कि केवल एक विचार आपके हृदय में अगर स्थापित हो जाए तो आपका जीवन बदल सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वह कम से कम एक विचार को अपने अंदर जरुर स्थापित करें और उसके प्रति पूरा जीवन समर्पित कर दें। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग की विभागाध्यक्ष एवं विशिष्ट वक्ता प्रो. डॉ. मोनिका वर्मा ने विवेकानंद जी को युग पुरुष बताया और उनसे राष्ट्रभक्ति और सफलता के गुण सीखने की बात कही। प्रोफेसर मोनिका ने स्वामी विवेकानंद की 10 महत्वपूर्ण बातों को विशेष तौर पर बताया और विद्यार्थियों से कहा कि वह इन बातों पर अमल करें। कार्यक्रम का संचालन छात्रा आयुषी एवं प्रतीक शर्मा ने किया, वहीं आभार प्रदर्शन वरिष्ठ पत्रकार श्री पंकज पाठक के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संयोजन सांस्कृतिक समन्वयक डॉ. अरुण कुमार खोबरे के द्वारा किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

विश्व बंधुत्व दिवस पर एमसीयू में बीएसएनएल के टॉवर का कुलगुरु प्रो. सुरेश ने किया लोकार्पण स्वामी विवेकानंद से बड़ा कोई हीरो नहीं है : अमिताभ श्रीवास्तव भोपाल, 11 सितम्बर, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में विश्व बंधुत्व दिवस पर बीएसएनएल के 4जी मोबाइल टॉवर का लोकार्पण कुलगुरु प्रो. (डॉ) के. जी.…

VC Inaugurates BSNL Tower at MCU Campus

VC Inaugurates BSNL Tower at MCU Campus

Universal Brotherhood Day celebrated

Bhopal, 11 September, 2024: Vice Chancellor Prof K G Suresh today inaugurated a BSNL 4G tower at Makhanpuram campus of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication today. BSNL General Manager Shri Mahendra Singh Dhakad and other officers were present on the occasion. Speaking on the occasion, Prof Suresh said the installation of the tower would enhance mobile and internet connectivity in the campus and nearby areas. Earlier, the university had installed a Jio tower at its campus. The university also celebrated Universal Brotherhood Day in collaboration with the Vivekananda Kendra. Shri Amitabh Shrivtastav was the keynote speaker on the occasion. Prof Suresh urged students to read Swami Vivekananda and described the patriot monk as his inspiration, while Shrivastav said Swami Vivekananda, Netaji Bose, Bhagat Singh and other freedom fighters and not film celebrities should be the heroes for the younger generation.

VC Inaugurates BSNL Tower at MCU Campus Universal Brotherhood Day celebrated Bhopal, 11 September, 2024: Vice Chancellor Prof K G Suresh today inaugurated a BSNL 4G tower at Makhanpuram campus of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication today. BSNL General Manager Shri Mahendra Singh Dhakad and other officers were present on the occasion.…