अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “पूर्व लोकमंथन” 21 एवं 22 सितंबर को मानव संग्रहालय में होगा

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “पूर्व लोकमंथन” 21 एवं 22 सितंबर को मानव संग्रहालय में होगा

चिकित्सा पद्धति के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना हमारा उद्देश्य : कुलगुरु प्रो. सुरेश

जनजातियां अपनी चिकित्सा प्रणाली से असाध्य रोगों का उपचार कर लेती हैं : निदेशक प्रो. पांडे

सम्मेलन के पोस्टर का हुआ विमोचन

डॉ. सुनीता रेड्डी, श्री लाजपत आहूजा, श्री धीरेन्द्र चतुर्वेदी, प्रो. पी. शशिकला ने भी किया पत्रकारों को संबोधित

भोपाल, 27 अगस्त, 2024: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में 21 एवं 22 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “पूर्व लोकमंथन” का आयोजन होने जा रहा है। “वाचिक परंपरा में प्रचलित हर्बल उपचार प्रणालियां: संरक्षण, संवर्धन और कार्य योजना” विषय पर इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद्, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, प्रज्ञा प्रवाह, एंथोपोस इंडिया फाउंडेशन, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय एवं दंत्तोपंथ ठेंगड़ी शोध संस्थान, भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में यह दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होगा। आईजीआरएमएस के निदेशक प्रो. डॉ. अमिताभ पांडे, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश, एआईएफ अध्यक्ष व कांफ्रेस संयोजक जेएनयू नई दिल्ली की एसो. प्रोफेसर डॉ. सुनीता रेड्डी आयोजन समिति के पदाधिकारी व प्रज्ञा प्रवाह से श्री लाजपत आहूजा एवं श्री धीरेन्द्र चतुर्वेदी, एमसीयू डीन (अकादमिक) प्रो.डॉ. पी. शशिकला ने इस संबंध में पत्रकारों को जानकारी दी।

कांफ्रेस संयोजक डॉ. सुनीता रेड्डी ने बताया कि सम्मेलन में पद्मश्री यानिंग जमोह लेगो (अरुणाचल प्रदेश), विशेष रुप से सम्मेलन में आ रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हर्बल उपचार,गैर संहिताबद्ध हर्बल उपचार, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता, पौधारोपण, स्वास्थ्य संचार आदि विषयों पर शिक्षकों, शोधार्थियों द्वारा शोधपत्र एवं अकादमिक पोस्टर भी प्रस्तुत किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पूर्ण शोध पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 20 सितंबर है।  एमसीयू के कुलगुरु प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय की भूमिका जनसंचार के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इस सम्मेलन को पहुंचाना है एवं चिकित्सा पद्धति के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए देश भर के शोधार्थियों से शोध पत्र भी आमंत्रित किए गए हैं, जिसका बाद में प्रकाशन होगा।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल निदेशक प्रो. डॉ अमिताभ पांडे  ने कहा कि जनजातियां अपनी भाषा, रीति रिवाज, धार्मिक विश्वास विचार एवं परंपराओं से बंधी है। अपनी जीवनोपयोगी के लिये ये वनवासी अधिकतर वन्य प्राणी एवं वनस्पति पर निर्भर रहते हैं, चाहे उनका भोजन हो, तन ढकने के वस्त्र, घर बनाने की सामग्री हो अथवा खेती करने के औजार। यहां तक की रोगों को दूर करने के लिये इनकी अपनी ही चिकित्सा प्रणाली होती है। जिनमें मुख्यत: जड़ी बूटी तक का उपयोग करते हैं। जिसके कारण ये लोग असाध्य से असाध्य रोगों का भी उपचार कर लेते हैं। जंगलों से प्राप्त इन जड़ी बूटियों की इन वनवासियों को अच्छी पहचान रहती है। श्री लाजपत आहूजा ने पूर्व लोकमंथन के बारे मं जानकारी दी एवं लोक के अर्थ को समझाते हुए पूर्व लोकमंथन सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला।

इस दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक श्री जे. नंदकुमार, प्रज्ञा प्रवाह के अध्यक्ष प्रो. बृजकिशोर कुठियाला, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो.(डॉ.) के.जी. सुरेश, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के निदेशक प्रो.(डॉ.) अमिताभ पांडे, प्रज्ञा प्रवाह से श्री दीपक शर्मा, श्री विनय दीक्षित, एंथ्रोपोस इंडिया फाउंडेशन की संस्थापक अध्यक्ष एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुनीता रेड्डी, साउथ कैंपस दिल्ली विश्वविद्यालय निदेशक प्रो. श्रीप्रकाश सिंह, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की डीन (अकादमिक) प्रो. (डॉ.) पी. शशिकला, आयोजन समिति के सदस्य डॉ. अमिताभ श्रीवास्तव, श्री धीरेन्द्र चतुर्वेदी, श्री तिलक राज, डॉ. मुकेश कुमार मिश्रा, श्री लाजपत आहूजा, दिल्ली विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कुलपति प्रो.पी.सी जोशी, डॉ. रमेश गौड़, (आईजीएनसीए), जनजातीय अनुसंधान संस्थान भुवनेश्वतर उड़ीसा के निदेशक प्रो. ओटा, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रीता सोनी, डॉ. देबजानी रॉय, क्यूसीआई, केंद्रीय आयुर्वेद एवं सिद्ध अनुसंधान परिषद नई दिल्ली से डॉ. गोयल, डॉ. अभिषेक जोशी आयुर्वेद चिकित्सक (बाली), डॉ. सोबत (थाईलैंड), डॉ. बामदेव सुबेदी, (नेपाल) विशेष रुप से अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि भारत में कई जनजातियों और वनवासियों की अपनी अलग उपचार पद्धतियाँ हैं और वे बीमारियों के इलाज के लिए हर्बल ज्ञान के समृद्ध भंडार पर भरोसा करते हैं। ग्रामीण भारत में, औपचारिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं तक सीमित पहुंच के कारण गैर-संहिताबद्ध हर्बल उपचार अक्सर उपचार की पहली उपलब्ध सुविधा है। स्थानीय चिकित्सक अपने निकटतम वातावरण में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के पौधों और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हैं। हर्बल चिकित्सक जैव विविधता के विशाल ज्ञान के संरक्षक हैं, ऐसे चिकित्सकों का धीरे धीरे लुप्त होते जाना भारत के लिए इस समृद्ध विरासत का नुकसान है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में आयोजित किये जा रहे इस कार्यक्रम के दौरान एक 5 दिवसीय हर्बल हीलर्स वर्कशॉप भी आयोजित की जा रही है, जिसमें चिकित्सक मरीजों का इलाज करेंगे और विभिन्न रोगों में उनके द्वारा उपयोग की जा रही औषधियों के ज्ञान को भी साझा करेंगे।

सत्रों का संचालन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के विद्वान करेंगे। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, विभिन्न संस्थानों के निदेशक, पूर्वी एशियाई देशों और आयुष के विद्वान विभिन्न विषयों पर विमर्श करेंगे। स्थानीय महाविद्यालयों तथा स्कूलों के छात्र, शोधार्थी छात्र तथा आमजन भी हर्बल उपचार के पारंपरिक ज्ञान जो बिना किसी लिखित पाठ के पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होते रहे हैं उसे भी चिकित्सकों के पास प्रत्यक्ष रूप से देख सकेंगे।

इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एशिया के पहले मीडिया विश्वविद्यालय के रूप में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल, मीडिया एवं संचार का दायित्व संभालेगा। साथ ही आईजीआरएमएस भोपाल में आयोजित होने वाले पूर्व लोकमंथन, हीलर्स कॉन्फ्रेंस के लिए अकादमिक भागीदारी व शैक्षणिक संस्थान के रूप में शोध पत्र समीक्षा और प्रकाशन का समन्वय भी करेगा।

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “पूर्व लोकमंथन” 21 एवं 22 सितंबर को मानव संग्रहालय में होगा चिकित्सा पद्धति के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना हमारा उद्देश्य : कुलगुरु प्रो. सुरेश जनजातियां अपनी चिकित्सा प्रणाली से असाध्य रोगों का उपचार कर लेती हैं : निदेशक प्रो. पांडे सम्मेलन के पोस्टर का हुआ विमोचन डॉ. सुनीता रेड्डी, श्री लाजपत आहूजा, श्री धीरेन्द्र…

संस्कृति हमारे आचार-विचार, वेशभूषा एवं मूल्यों में है : कुलगुरु प्रो. सुरेश

संस्कृति हमारे आचार-विचार, वेशभूषा एवं मूल्यों में है : कुलगुरु प्रो. सुरेश

विकृत कंटेंट समाज एवं संस्कृति के लिए बड़ा खतरा : उदय माहुरकर

सूचनाओं का विस्फोट चिंता का विषय : पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा

संस्कृति से राष्ट्र का निर्माण होता है : विकास दवे

भोपाल, 24 अगस्त, 2024:  माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय व मीडिया एंड सोशल मीडिया रिसर्च फाऊंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में संस्कृति और मीडिया की भूमिका विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन माखनपुरम स्थित स्वामी विवेकानंद सभागार में किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. (डॉ) के.जी. सुरेश ने की। जबकि संगोष्ठी के मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त श्री उदय माहुरकर, मुख्य वक्ता मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक श्री विकास दवे, विशिष्ट अतिथि भोपाल पुलिस आयुक्त श्री हरिनारायणचारी मिश्रा थे। इस अवसर पर कुलगुरु प्रोफेसर सुरेश ने कहा कि संस्कृति हमारे आचार-विचार वेशभूषा में है, हमारे मूल्यों में है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति तो हमारे जीवन दर्शन एवं हमारी विरासत में है। प्रो. सुरेश ने कहा कि संस्कृति का अंतिम सत्य समाज एवं राष्ट्र होना चाहिए।

मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त श्री उदय माहुरकर ने ओटीटी प्लेटफार्म पर विकृत कंटेंट को लेकर गहरी नाराजगी जताते हुए इसे समाज एवं संस्कृति के लिए बड़ा खतरा बताया। उन्होंने विकृत सामग्री के लिए कठोर कानून बनाए जाने की मांग की। श्री माहुरकर ने पोर्नोग्राफी को बहुत खतरनाक बताया एवं साथ ही कहा कि दुष्कर्म के पीछे का मुख्य कारण विकृत कंटेंट होता है।

विशिष्ट अतिथि भोपाल पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने कहा कि मीडिया का उद्देश्य सनसनीखेज खबर छापने की जगह सकारात्मक खबरें छापना होना चाहिए। मीडिया का समाज पर बहुत असर पड़ने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति के इस युग में सूचनाओं का विस्फोट हो रहा है, जो कि चिंता का विषय है।  मीडिया एवं तकनीक के दखल से जीवन प्रभावित होने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि जितना परिवर्तन 100 सालों में नहीं हुआ, उतना पिछले एक दशक में हो गया है।

मुख्य वक्ता मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक श्री विकास दवे ने कहा कि भारत का इतिहास गौरवशाली इतिहास रहा है। संस्कृति को पांचवा तत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि संस्कृति से राष्ट्र का निर्माण होता है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ब्रजेश श्रीवास्तव, कार्यक्रम संयोजक श्री शुभम वर्मा, सूत्रधार सुश्री मोनिका अरोरा, श्री भारत भूषण, विवि. के कुलसचिव प्रो. डॉ. अविनाश वाजपेयी, विवि. के शिक्षक एवं विद्यार्थी विशेष रुप से उपस्थित थे।

संस्कृति हमारे आचार-विचार, वेशभूषा एवं मूल्यों में है : कुलगुरु प्रो. सुरेश विकृत कंटेंट समाज एवं संस्कृति के लिए बड़ा खतरा : उदय माहुरकर सूचनाओं का विस्फोट चिंता का विषय : पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा संस्कृति से राष्ट्र का निर्माण होता है : विकास दवे भोपाल, 24 अगस्त, 2024:  माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार…

शोध समाज हित में होना चाहिए : कुलगुरु प्रो. सुरेश

शोध समाज हित में होना चाहिए : कुलगुरु प्रो. सुरेश

डिजिटल मीडिया में अवसर, चुनौती दोनों : राकेश खर

एमसीयू में मीडिया प्रबंधन विभाग एवं दतिया परिसर द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ समापन

भोपाल, 24 अगस्त, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय माखनपुरम बिशनखेड़ी परिसर में मीडिया प्रबंधन विभाग एवं विश्वविद्यालय के दतिया परिसर के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।रोडमैप टू विकसित भारत 2047 विषय पर आयोजित संगोष्ठी के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार श्री राकेश खर थे, वहीं अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के. जी. सुरेश ने की।

सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलगुरु प्रो. सुरेश ने डिजिटल इंडिया के निर्माण में तीन मुख्य बिंदुओं ऐसेसिबिलिटी, अवैलबिलिटी एवं एफॉर्डिबिलिटी पर चर्चा की और बताया कि डिजिटल इंडिया में इनकी बहुत आवश्यकता है। उन्होंने डिजिटल मीडिया में टेक्नोलॉजी की उपयोगिता एवं इसकी चुनौतियों को विस्तार से समझाते हुए बताया कि टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से बढ़ रही है, जिसे हम पकड़ने में अभी असमर्थ है। प्रो. सुरेश ने कहा कि अमृतकाल देश के लिए सर्वोच्य काल रहेगा, इसलिए विश्वविद्यालयों को शोध पर जोर देना होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शोध समाज हित में होना चाहिए।

उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता श्री राकेश खर द्वारा मीडिया विशेषकर डिजिटल मीडिया में आ रही क्रांति के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्होंने नवीन एवं डिजिटल मीडिया के अवसर एवं चुनौतियों के संबंध में उदाहरणों सहित वक्तव्य दिया गया। मीडिया प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ) अविनाश वाजपेयी ने प्रतिभागियों को उनके उत्कृष्ट शोध के लिए बधाई दी एवं इसी तरह शोध करते रहने के लिए प्रेरित किया। दतिया परिसर निदेशक एवं आयोजन सचिव डॉ. कपिल राज चंदोरिया ने बताया कि इस दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश के 22 राज्यों से लगभग 484 से अधिक प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता दी एवं 90 से अधिक शोध पत्र प्राप्त हुए। जिनका प्रकाशन विश्वविद्यालय द्वारा आगामी एक माह में किया जाएगा। अंत में डॉ. चंदोरिया ने आभार प्रदर्शन करते हुए संगोष्ठी का समापन किया।

शोध समाज हित में होना चाहिए : कुलगुरु प्रो. सुरेश डिजिटल मीडिया में अवसर, चुनौती दोनों : राकेश खर एमसीयू में मीडिया प्रबंधन विभाग एवं दतिया परिसर द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ समापन भोपाल, 24 अगस्त, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय माखनपुरम बिशनखेड़ी परिसर में मीडिया प्रबंधन विभाग एवं विश्वविद्यालय…

8 वर्ष बाद एमसीयू करेगा पीएचडी सीटों की घोषणा: कुलगुरु प्रो. के.जी.सुरेश

8 वर्ष बाद एमसीयू करेगा पीएचडी सीटों की घोषणा: कुलगुरु प्रो. के.जी.सुरेश

भोपाल, 22 अगस्त, 2024: 8 वर्ष के लंबे अर्से बाद माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल अगले सप्ताह पीएचडी की सीट घोषित करेगा। एमसीयू के कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने कहा कि पहले मात्र दो विषयों मीडिया अध्ययन एवं कंप्यूटर अनुप्रयोग विषय में पीएचडी उपाधि प्रदान की जाती थी। लेकिन पहली बार विश्वविद्यालय पांच विषयों में पीएचडी की उपाधि प्रदान करेगा। यह पांच विषय जनसंचार, नवीन मीडिया प्रौद्योगिकी, मीडिया प्रबंधन, कंप्यूटर अनुप्रयोग एवं पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान है। पीएचडी में प्रवेश हेतू पात्रता के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अतंर्गत चार वर्षीय शोध स्नातक पाठ्यक्रम भी शामिल होगा। इसके अलावा नेट परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थी भी पीएचडी के लिए पात्र होंगे। पीएचडी संपन्न करने की समय सीमा न्यूनतम तीन वर्ष एवं अधिकतम छह वर्ष रहेगी। आवेदकों को प्रवेश परीक्षा और साक्षात्कार देना होगा। जबकि नेट क्वालीफाईड प्रतिभागियों को केवल साक्षात्कार देना होगा। प्रो. सुरेश ने कहा कि पिछले चार वर्षों में लगभग 3 दर्जन पीएचडी की उपाधि विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की गई है।

8 वर्ष बाद एमसीयू करेगा पीएचडी सीटों की घोषणा: कुलगुरु प्रो. के.जी.सुरेश भोपाल, 22 अगस्त, 2024: 8 वर्ष के लंबे अर्से बाद माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल अगले सप्ताह पीएचडी की सीट घोषित करेगा। एमसीयू के कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने कहा कि पहले मात्र दो विषयों मीडिया अध्ययन एवं कंप्यूटर…

MCU to offer PhD programme after 8 years

MCU to offer PhD programme after 8 years

Bhopal, 22 August, 2024: After a long wait of eight years, Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Bhopal, will announce new seats for its PhD programme next week. According to Vice Chancellor, Prof K G Suresh, earlier the university offered Phd in two disciplines – Mass Communication and Computer Science, whereas this time, it would offer doctoral programs in five disciplines including Mass Communication, New Media Technology, Media Management, Computer Science and Library and Information Science. Graduates who have completed 4 years undergraduate honours programme in research would be eligible to apply, apart from NET qualified candidates. The university would conduct both entrance examination and interviews for the applicants. However, NET qualified candidates would be attending only the interviews, he said. As per UGC regulations, the duration of the PhD programme would be for a minimum of 3 years and a maximum of 6 years. Prof Suresh said the University has streamlined its doctoral program in the last four years and over 35 PhDs have been awarded during the period.

MCU to offer PhD programme after 8 years Bhopal, 22 August, 2024: After a long wait of eight years, Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Bhopal, will announce new seats for its PhD programme next week. According to Vice Chancellor, Prof K G Suresh, earlier the university offered Phd in two disciplines -…

आजादी के साथ पत्रकारिता करें : कुलगुरु प्रो. सुरेश

आजादी के साथ पत्रकारिता करें : कुलगुरु प्रो. सुरेश

महिलाओं को पत्रकारिता में रहना है तो, शेर की तरह रहना होगा : प्रो. संगीता प्रणवेंद्र

एमसीयू में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा विशेष व्याख्यान

भोपाल, 21 अगस्त, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा “अपाचुनिटीज एंड चैलेंजेस बिफोर वूमेन जर्नलिस्ट” विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। स्वामी विवेकानन्द सभागार में आयोजित व्याख्यान की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो.(डॉ.) के.जी. सुरेश ने की, जबकि मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता आईआईएमसी में प्रोफेसर डॉ. संगीता प्रणवेंद्र थीं। अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. सुरेश ने महिला पत्रकारों की चुनौतियों के विभिन्न उदाहरण देते हुए कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में नाम कमा रही हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय में मीडिया की छात्राओं से कहा कि वे आजादी के साथ पत्रकारिता करें। प्रो. सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता में महिलाएं अपने कमिटमेंट की वजह से आगे बढ़ेंगी। उन्होंने विद्यार्थियों को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ ही प्रैक्टिकल नॉलेज लेने को भी कहा। उन्होंने कहा कि इसके लिए विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के एमसीयू टीवी दर्शन स्टुडियो एवं रेडियो कर्मवीर में जाना चाहिए।

भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली की प्रोफेसर डॉ. संगीता प्रणवेंद्र ने कहा कि स्टूडियो में जो दिखता है, वह असली दुनिया नहीं है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता करते वक्त खबर करना मकसद होना चाहिए, न की खबर बनना। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पत्रकारिता में रहना है तो, शेर की तरह रहना होगा। उन्होंने फील्ड में आने वाली चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान समय में महिला पत्रकारों की ट्रोलिंग ज्यादा हो रही है। प्रो. संगीता ने कहा कि पारिवारिक जिम्मेदारियां और काम का वर्कलोड महिला पत्रकारों के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता वह पेशा है, जिसको लोग बहुत उम्मीद से देखते हैं और पत्रकारों से बहुत उम्मीद करते हैं। पत्रकार हर खबर को समग्र दृष्टि से देखने की बात करते हुए उन्होंने जेंडर बैलेंस पर भी अपने विचार व्यक्त किए। विशेष व्याख्यान का संचालन छात्रा गीतांजलि ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन डॉ. गरिमा पटेल द्वारा किया गया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान में विभाग के प्राध्यापक श्री राहुल खड़िया, श्री मुकेश चौरासे, डॉ. मनोज पटेल, डॉ. रामदीन त्यागी, सुश्री प्रियंका सोनकर, डॉ. अरुण खोबरे, अतिथि विद्वान एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

आजादी के साथ पत्रकारिता करें : कुलगुरु प्रो. सुरेश महिलाओं को पत्रकारिता में रहना है तो, शेर की तरह रहना होगा : प्रो. संगीता प्रणवेंद्र एमसीयू में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा विशेष व्याख्यान भोपाल, 21 अगस्त, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा “अपाचुनिटीज एंड चैलेंजेस बिफोर वूमेन जर्नलिस्ट”…

एमसीयू में अंशकालिक सांध्यकालीन पाठ्यक्रम में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 अगस्त

एमसीयू में अंशकालिक सांध्यकालीन पाठ्यक्रम में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 अगस्त

सभी पाठ्यक्रम रोजगारोन्मुखी और उपयोगी : कुलगुरु प्रो. सुरेश

9 अंशकालिक सांध्यकालीन पाठयक्रमों में पीजी डिप्लोमा

भोपाल, 19 अगस्त, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में अंशकालिक सांध्यकालीन पाठ्यक्रम में प्रवेश की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। सांध्यकालीन पाठ्यक्रम प्रभारी श्री प्रदीप डेहरिया ने जानकारी देते हुए बताया विश्वविद्यालय के एमपी नगर सिटी कैंपस स्थित विकास भवन में 9 अंशकालिक सांध्यकालीन पीजी डिप्लोमा पाठयक्रमों के लिए 31 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जा हैं। जिनमें योगिक स्वास्थ्य प्रबंधन, सोशल मीडिया मैनेजमेंट,फिल्म जर्नलिज्म, मोबाइल जर्नलिज्म  रुरल जर्नलिज्म, वीडियो प्रोडक्शन, इवेंट मैनेजमेंट,साइबर सिक्योरिटी, ड्रामा एंड एक्टिंग पाठ्यक्रम हैं। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने बताया कि ये सभी पाठ्यक्रम इंडस्ट्री की डिमांड को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये पाठ्यक्रम रोजगारोन्मुखी हैं और कैरियर के लिए बहुत ही उपयोगी हैं। प्रो. सुरेश ने कहा कि जो लोग निजी या सरकारी विभागों, संस्थाओं में कार्यरत हैं और 10 से 5 बजे के बीच कक्षाएं नहीं आ सकते हैं, उनके लिए विशेष रूप से ये पाठयक्रम तैयार किए गए हैं। जिसकी कक्षाएं शाम 5.30 से 7.30 बजे तक लगती हैं। सांध्यकालीन पाठ्यक्रम प्रभारी श्री डहेरिया ने बताया कि इसमें कोई भी कर्मचारी,अधिकारी, विद्यार्थी, महिलाएं, गृहणी या कोई अन्य व्यक्ति भी जो निर्धारित योग्यता रखता है वह ऑनलाइन माध्यम से प्रवेश ले सकता है। इन पाठ्यक्रमों में आयु सीमा का कोई बंधन नहीं है। अधिक जानकारी के लिए एमसीयू की अधिकृत वेबसाइट www.mcu.ac.in को देखा जा सकता है।

एमसीयू में अंशकालिक सांध्यकालीन पाठ्यक्रम में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 अगस्त सभी पाठ्यक्रम रोजगारोन्मुखी और उपयोगी : कुलगुरु प्रो. सुरेश 9 अंशकालिक सांध्यकालीन पाठयक्रमों में पीजी डिप्लोमा भोपाल, 19 अगस्त, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में अंशकालिक सांध्यकालीन पाठ्यक्रम में प्रवेश की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। सांध्यकालीन पाठ्यक्रम प्रभारी श्री…

एमसीयू ने मीडिया में गलत सूचनाओं से निपटने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया

एमसीयू ने मीडिया में गलत सूचनाओं से निपटने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया

शिक्षक हमारे युवाओं को डिजिटल युग की चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार करने में सबसे महत्वपूर्ण हैं – प्रो. के.जी. सुरेश

भोपाल, 18 अगस्त, 2024: मीडिया में गलत सूचनाओं के प्रसार से निपटने के लिए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने संयुक्त रूप से शिक्षकों के लिए दो दिवसीय मीडिया साक्षरता कार्यशाला का आयोजन किया। विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में पूरे भारत से प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के 60 से अधिक शिक्षक एकत्रित हुए।विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. के.जी. सुरेश ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में गलत सूचनाओं के प्रसार का मुकाबला करने और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि “शिक्षक हमारे युवाओं को डिजिटल युग की चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार करने में सबसे आगे होना चाहिए।” यह कार्यशाला उन्हें मीडिया साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संगठन सचिव महेंद्र कपूर ने अपने संबोधन में संगठन की उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि यह भारत में सबसे बड़ा शिक्षक संगठन है, जिसके 12 लाख से अधिक सदस्य हैं। कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को मीडिया परिदृश्य की व्यापक समझ प्रदान करना था, जिससे वे डिजिटल युग की जटिलताओं को समझने में समाज का प्रभावी ढंग से मार्गदर्शन कर सकें। स्वागत द्बोधन में विश्वविद्यालय की प्रशिक्षण निदेशक प्रो. जया सुरजानी ने शिक्षकों को आधुनिक मीडिया की जटिलताओं को समझने और लोगों को इस ज्ञान को प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए तैयार करने के महत्व पर जोर दिया। दो दिन के विभिन्न सत्रों में मीडिया की समझ, मीडिया प्रबंधन के लिए उपकरण और तकनीक, गलत सूचना और भ्रामक सूचनाओं को समझने और मीडिया उपभोग के नैतिक मुद्दे सहित कई विषयों को शामिल किया गया। श्री दीपक शर्मा, डॉ. रामदीन त्यागी, श्री गिरीश उपाध्याय, डॉ. मनोज पटेल, श्री आशुतोष सिंह ठाकुर, डॉ. पी. शशिकला और दर्शन कुमार सहित विशेषज्ञों के एक पैनल ने मीडिया साक्षरता एवं जागरूकता पर अपनी अंतर्दृष्टि और विशेषज्ञता से देशबर सा आए शिक्षकों को मार्गदर्शन दिया, जिससे प्रतिभागियों के लिए मूल्यवान दृष्टिकोण और व्यावहारिक मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

एमसीयू ने मीडिया में गलत सूचनाओं से निपटने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया शिक्षक हमारे युवाओं को डिजिटल युग की चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार करने में सबसे महत्वपूर्ण हैं – प्रो. के.जी. सुरेश भोपाल, 18 अगस्त, 2024: मीडिया में गलत सूचनाओं के प्रसार से निपटने के लिए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं…

डिजिटल युग में तकनीक का सदुपयोग करें : कुलगुरु प्रो. सुरेश

डिजिटल युग में तकनीक का सदुपयोग करें : कुलगुरु प्रो. सुरेश

स्टोरी टेलिंग कहानी है, कथानक गढ़ा जाता है : दीपक शर्मा

एमसीयू में मीडिया वर्कशॉप फॉर टीचर्स विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ

भोपाल, 17 अगस्त, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के माखनपुरम परिसर में “मीडिया वर्कशॉप फॉर टीचर्स” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। स्वामी विवेकानन्द सभागार में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो.(डॉ.) के. जी. सुरेश ने की। प्रथम दिवस शुभारंभ सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलगुरु प्रो.सुरेश ने कहा कि आज सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया ने क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है। लेकिन इसमें कोई नियमन (रेगुलेशन) नहीं है। उन्होंने सिटीजन जर्नलिज्म के पश्चिमी सिद्धांत को नकारते हुए कहा कि नागरिक संचारक हो सकता है, लेकिन नागरिक पत्रकार नहीं हो सकता है। जैसे डॉक्टर और वकील बनने के लिए कुछ जरुरी योग्यताएं एवं डिग्री आवश्यक है, वैसे ही पत्रकारिता के लिए भी कुछ जरुरी मानक हैं। प्रो. सुरेश ने कहा कि आज नकारात्मक आख्यान (नेरेटिव) बहुत बढ़ते जा रहा है,जिसे सकारात्मक आख्यान से काउंटर किया जाना चाहिए। उन्होंने मिस इन्फॉर्मेशन डिस इन्फॉर्मेशन को समझाते हुए कहा कि अज्ञानतावश सूचना को फॉरवर्ड करना मिस इन्फॉर्मेशन है, जबकि जानबूझकर गलत सूचना को आगे भेजना डिस इन्फॉर्मेशन है। उन्होंने कहा कि हमारे सामने आज चुनौतियां क्या है ? अवसर क्या है ? इसे देखते हुए तकनीक का सदुपयोग जरुर करना चाहिए।

विषय विशेषज्ञ श्री दीपक शर्मा ने नेरेटिव और स्टोरी टेलिंग को समझाते हुए कहा कि स्टोरी टेलिंग कहानी है और कथानक वह है, जो गढ़ा जाता है। उन्होंने आज के विद्यार्थियों में अख़बार कम पढ़ने और नहीं पढ़ने पर चिंता जताई। उन्होंने बौद्धिकता पर कहा कि जो भी अपनी बुद्धि का उपयोग करता है वह बौद्धिक है। वर्कशॉप में विश्वविद्यालय के राजभाषा अधिकारी तथा प्रोड्यूसर डॉ. रामदीन त्यागी ने “मीडिया सहभागिता के लिए उपकरण और तकनीकें : विभिन्न मीडिया प्लेटफार्म का अवलोकन” विषय केन्द्रित तकनीकी सत्र में शिक्षकों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया टूल्स जहां एक ओर सूचनाओं के आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सामाजिक दूरियों का कारण भी बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को सोशल मीडिया टूल्स का उपयोग समझ और राष्ट्र हित में करने की जरूरत है।  एडजंक्ड प्रोफेसर श्री गिरीश उपाध्याय एवं प्रोड्यूसर डॉ. मनोज पटेल ने “हैंड्स ऑन प्रैक्टिस विथ मीडिया टूल्स” के उपयोग पर प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए शिक्षाविद् तथा अध्यापक श्री महेंद्र कपूर, प्रोफेसर नारायण लाल गुप्ता, डॉ. दर्शन भारती, डॉ योगेश गुप्ता एवं श्री बसंत जिंदल आदि भी मार्गदर्शन के लिए उपस्थित रहे। कार्यशाला का संयोजन, कार्यक्रम संयोजक श्री दीपक चौकसे ने किया एवं संचालन निदेशक प्रशिक्षण डॉ. जया सुरजानी द्वारा किया गया।

डिजिटल युग में तकनीक का सदुपयोग करें : कुलगुरु प्रो. सुरेश स्टोरी टेलिंग कहानी है, कथानक गढ़ा जाता है : दीपक शर्मा एमसीयू में मीडिया वर्कशॉप फॉर टीचर्स विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ भोपाल, 17 अगस्त, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के माखनपुरम परिसर में “मीडिया वर्कशॉप फॉर टीचर्स” विषय…

एमसीयू ने धूमधाम से मनाया अपना स्थापना दिवस

एमसीयू ने धूमधाम से मनाया अपना स्थापना दिवस

34 वर्ष संघर्ष की यात्रा रही है : कुलगुरु प्रो. डॉ. के.जी.सुरेश

माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय मेरा मायका है : डॉ. सच्चिदानंद जोशी

भोपाल, 16 अगस्त 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के माखनपुरम परिसस बिशनखेड़ी में विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रथम स्थापना दिवस समारोह में विशेष रुप से विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रथम कुलसचिव रहे एवं वर्तमान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली संस्कृति विभाग भारत सरकार के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। समारोह की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. डॉ. के.जी.सुरेश ने की। इस अवसर पर पौधारोपण किया गया एवं कम्प्यूटर अनुप्रयोग विभाग के सभागार श्रीनिवास रामानुजन का शुभारंभ भी किया गया।इसके साथ ही गणेश शंकर विद्यार्थी सभागार में विकल्प, मीडिया मीमांसा, एवं एपीआर के जर्नल का विमोचन भी कुलगुरु प्रो.सुरेश एवं डॉ. जोशी द्वारा किया गया। इसके पूर्व भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर ट्रॉजिट हॉस्टल में बाबा साहेब के छायाचित्र का अनावरण भी किया गया।

गणेश शंकर विद्यार्थी सभागार में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में कुलगुरु प्रो. सुरेश ने कहा कि 34 वर्ष की यह यात्रा, संघर्ष की यात्रा रही है। उन्होंने कहा कि जब 1990 में विश्वविद्यालय की स्थापना हुई, तब मात्र दो कमरे थे लेकिन हमारे प्रेरणापुंज दादा माखनलाल की पुण्ययाई से आज विश्वविद्यालय का स्वयं का पचास एकड़ का भव्य माखनपुरम परिसर है। प्रो. सुरेश ने कहा कि हर व्यक्ति का जन्मदिवस होता है, और हमारे विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 16 अगस्त 1990 में विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी थी, इसलिए आज 16 अगस्त को हम अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालय के 1600 अध्ययन केंद्र और पांच परिसरों में डेढ़ लाख से अधिक विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। कंप्यूटर शिक्षा को गांव गांव तक पहुंचाने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने दम पर कई नवाचार किए हैं।

मुख्य अतिथि डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि यह भावनात्मक अवसर है। उन्होंने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से उनका संबंध नाभि-नाल जैसा है और यह विश्वविद्यालय उनका मायका है। उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर आज तक के अपने कई खट्टे-मीठे अनुभवों को साझा किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के समय पर परीक्षा एवं समय पर परिणाम की प्रशंषा की। डॉ.जोशी ने विद्यार्थियों से कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास को अब आपको आगे लेकर जाना है। डॉ सच्चिदानंद जोशी ने विकसित भारत 2047: उत्तर सत्य और मीडिया की भूमिका पर भी सारगर्भित व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा की मीडिया के नाम पर बढ़ा चढ़ाकर अनर्गल आख्यान पैदा कर देश में माहौल खराब करने के कुछ लोग प्रयास कर रहे हैं और समाज को इन तत्वों से सावधान रहना चाहिए। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति हुई, जिसने सभी का मन मोह लिया। इस अवसर पर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. एस. के. जैन, फीस विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. रविंद्र कण्हेरे, बाबा साहब अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ, के पूर्व कुलाधिपति डॉ.बरतुनिया तथा समाजसेवी श्री हेमंत मुक्तिबोध विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डॉ. अविनाश वाजपेयी, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

एमसीयू ने धूमधाम से मनाया अपना स्थापना दिवस 34 वर्ष संघर्ष की यात्रा रही है : कुलगुरु प्रो. डॉ. के.जी.सुरेश माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय मेरा मायका है : डॉ. सच्चिदानंद जोशी भोपाल, 16 अगस्त 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के माखनपुरम परिसस बिशनखेड़ी में विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।…