समाज के लिए फायदेमंद डिजीटल मीडिया के दुरुपयोग पर लगे लगाम – पी.सी. शर्मा

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में डिजीटल कम्युनिकेशन पर अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस संपन्न

डिजीटल कम्युनिकेशन के विभिन्न विषयों पर 80 से अधिक शोधपत्र प्रस्तुत

भोपाल, 11 नवम्बर, 2019: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में सोमवार को “डिजीटल कम्युनिकेशन: ए चैलेंज फॉर डेवलपिंग नेशन्स” विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का समापन हो गया। IMPRESS-ICSSR द्वारा प्रायोजित इस कॉन्फ्रेंस के समापन सत्र को मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने संबोधित किया। श्री शर्मा ने कहा कि डिजीटल मीडिया के विकास ने समाज को काफी सहूलियतें दी हैं, अब सूचना तेजी से हर हाथ में पहुंच रही है, लेकिन भ्रामक और झूठी सूचनाएं समाज के लिए खतरनाक हो सकती हैं। डिजीटल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने और फेक न्यूज की चुनौती से निपटने में मीडिया संस्थान, शिक्षक और विद्यार्थियों की भूमिका कारगर हो सकती है। श्री शर्मा ने विभिन्न राज्यों से आए शोधकर्ताओं को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया।

समापन सत्र में कॉन्फ्रेंस के लिए एम्सटर्डम (नीदरलैंड) से विशेष रूप से उपस्थित पत्रकार सुश्री टेंजा वैन बर्गेन ने कहा कि वे कॉन्फ्रेंस में मिले अत्यधिक सम्मान से अभिभूत हैं। श्री पी.सी. शर्मा ने सुश्री बर्गेन को विश्वविद्यालय में दुबारा आने का आमंत्रण दिया, वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने सुश्री बर्गेन को कॉन्फ्रेंस में अपने अकादमिक और पत्रकारीय अनुभव साझा करने के लिए धन्यवाद दिया। समापन सत्र में वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण दुबे ने भी डिजीटल मीडिया पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अंत में कॉन्फ्रेंस के संयोजक प्रो. डॉ. पवित्र श्रीवास्तव ने सहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।

सोमवार को तीसरे दिन विभिन्न तकनीकी सत्रों में विषय विशेषज्ञों के रूप में डॉ. दिवाकर शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार श्री पंकज श्रीवास्तव एवं प्रो. विष्णु राजगढ़िया ने डिजीटल मीडिया के संदर्भ में अपने विचार रखे। कॉन्फ्रेंस के तीन दिनों में विभिन्न तकनीकी सत्रों में डिजीटल कम्युनिकेशन एवं मीडिया विषय पर करीब 80 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव डॉ. श्रीकांत सिंह, कार्यक्रम संयोजक डॉ. पवित्र श्रीवास्तव, सह-संयोजक डॉ. अविनाश वाजपेयी, कुलसचिव श्री दीपेंद्र बघेल समेत विश्वविद्यालय के शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।