बढ़ा है हिन्दी पढ़ने का चलन : प्रियंका ओम

बढ़ा है हिन्दी पढ़ने का चलन : प्रियंका ओम

माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के आयोजन हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह के अंतर्गत कहानीकार सुश्री प्रियंका ओम ने सृजनात्मक लेखन विषय पर रखे विचार, 3 जून को मुंबई से वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर श्री विवेक अग्रवाल वैश्विक आतंकवाद और मीडिया विषय पर होंगे लाइव

भोपाल, 2 जून 2020: हिन्दी कोई नहीं पढ़ता, यही मानसिकता हिन्दी के लेखन एवं अध्ययन में सबसे बड़ी बाधा है। यह मानसिकता छोड़नी होगी। आज हिन्दी में पढऩे का चलन खूब बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी के पाठक एवं लेखक बढ़े हैं। यह कहना है, युवा कहानीकार सुश्री प्रियंका ओम का। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के ‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ के अंतर्गत उन्होंने विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर तंजानियां से लाइव होकर अपना व्याख्यान दिया। 

                कहानीकार सुश्री प्रियंका ओम ने कहा कि लेखन की भाषा-शैली में लगातार परिवर्तन होता है। आज जिस भाषा-शैली में लिखा जा रहा है, निश्चित ही आने वाले समय में उसमें बदलाव आएगा। कई लोग यह प्रश्न उठाते हैं कि वर्तमान लेखन में अंग्रेजी शब्दों की भरमार है। उनका गैर-जरूरी उपयोग किया जा रहा है। हालाँकि, अंग्रेजी के शब्दों का उपयोग पहले भी किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा को कमतर नहीं समझना चाहिए। हिन्दी से मुंह मोडऩा एक तरह से अपने भाई-बहनों से मुंह मोडऩे जैसा है। दुनिया के सभी देश अपनी मातृभाषा में गर्व के साथ बात करते हैं। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि जब वे तंजानियां पहुंची थी तो शुरुआत के कुछ महीने तो उन्होंने अंग्रेजी में संवाद करके काम चला लिया। लेकिन बाद में वहां के दुकानदार, वाहन चालक एवं अन्य लोग उनकी भाषा सीखने का आग्रह करने लगे। उनका कहना था कि उन्हें अंग्रेजी की अपेक्षा अपनी मातृभाषा में संवाद करना अच्छा लगता है।

                सुश्री ओम ने कहा कि जो युवा साहित्य के क्षेत्र में आना चाहते हैं, उन्हें लिखने के साथ-साथ बहुत पढऩा चाहिए। अपने वरिष्ठ लेखकों का लिखा हुआ पढऩा चाहिए, उससे उन्हें भाषा, शिल्प और कथ्य की समझ आएगी। बिना पढ़े लिखना सफलता नहीं दिला सकता।

आज वैश्विक आतंकवाद और मीडिया पर चर्चा :

‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ के अंतर्गत 3 जून को शाम चार बजे मुंबई से वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर एवं लेखक श्री विवेक अग्रवाल ‘वैश्विक आतंकवाद और मीडिया’ विषय पर चर्चा करेंगे। श्री अग्रवाल ने मुंभाई, मुंभाई रिटर्न, खेल खल्लास, नरक सरहद पार और मुठभेड़ जैसी चर्चित पुस्तकें लिखी हैं। उनका व्याख्यान विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर लाइव रहेगा।

विश्वविद्यालय फेसबुक पेज का लिंक – https://www.facebook.com/mcnujc91

बढ़ा है हिन्दी पढ़ने का चलन : प्रियंका ओम माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के आयोजन ‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ के अंतर्गत कहानीकार सुश्री प्रियंका ओम ने ‘सृजनात्मक लेखन’ विषय पर रखे विचार, 3 जून को मुंबई से वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर श्री विवेक अग्रवाल ‘वैश्विक आतंकवाद और मीडिया’ विषय पर होंगे लाइव भोपाल, 2 जून 2020: हिन्दी कोई…

नाट्यशास्त्र में सभी प्रकार के संचार के सिद्धांत मौजूद : डॉ. अधिकारी

नाट्यशास्त्र में सभी प्रकार के संचार के सिद्धांत मौजूद : डॉ. अधिकारी

माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के आयोजन ‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ के अंतर्गत डॉ. निर्मल मणि अधिकारी ने ‘भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में संचार के सूत्र’ विषय पर रखे विचार, 2 जून को तंजानियां से कहानीकार सुश्री प्रियंका ओम रहेंगी लाइव

भोपाल, 01 जून 2020: भरतमुनि का नाट्यशास्त्र रामायण और महाभारत काल के पहले का है। वैसे तो इसमें नाट्य के सिद्धांत हैं, किन्तु नाट्यशास्त्र के सम्बन्ध में कहा जाता है कि दुनिया में ऐसा कुछ नहीं, जो इसमें नहीं है, या कहें कि इस दुनिया में जो कुछ है, वह सब नाट्यशास्त्र में सम्मिलित है। इसमें विश्व के सभी विषयों का समावेश है। सभी प्रकार के संचार के सिद्धांत भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में मिलते हैं। संचार को लेकर इसमे कई संभावनाएं हैं। यह विचार संचार शोध के विशेषज्ञ एवं काठमांडू विश्वविद्यालय, नेपाल के प्राध्यापक डॉ. निर्मल मणि अधिकारी ने व्यक्त किये। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के आयोजन ‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ के अंतर्गत उन्होंने ‘भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में संचार के सूत्र’ विषय पर अपना व्याख्यान दिया।

डॉ. निर्मल मणि अधिकारी ने बताया कि जिस समय नाट्यशास्त्र बना था, उस समय केवल आठ रसों का वर्णन था। 9वां रस अभिनव गुप्त ने जोड़ा, जो शांत रस है। उन्होंने यह भी बताया कि संचार का सहृदयीकरण मॉडल सीधे नाट्यशास्त्र से नहीं आया बल्कि इसका प्रादुर्भाव बाद में संचारी विद्वानों ने किया। इसी तरह सहृदयता भी विविधता में एकता के साथ आ गई। मतलब यदि आप ऐसा संचार करते है जो सेंडर से रिसिवर तक सीधे पहुचकर हलचल पैदा कर दे, आपका संचार पूर्ण होता है। संचार करनेवाले में संचार करने की शक्ति होती है कि वह रिसिवर को अभिप्रेरित कर सके।

उन्होंने बताया कि सभी के अंदर भावना और रस का निवास होता है, संचार प्रकिया में हम इसे ही जाग्रत करने का प्रयास करते हैं। हम स्पर्श भाषा से भी लोगों के बीच के संचार भाव को जाग्रत कर सकते हैं। इस तरह नाट्यशास्त्र अपने आप मे एक विश्वकोश है। डॉ. अधिकारी ने कहा कि सजीव और निर्जीव के बीच होने वाले संचार को विभिन्न विषयों में बात कर अध्ययन और अध्यापन करने की आवश्यकता है। इस विषय मे भरपूर शोध हेतु संभावनाएं भी है।

आज रचनात्मक लेखन पर तंजानियां से लाइव होंगी कहानीकार सुश्री प्रियंका ओम:

‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ के अंतर्गत 2 जून को शाम 4:00 बजे ‘रचनात्मक लेखन’ विषय पर तंजानियां से चर्चित कहानीकार सुश्री प्रियंका ओम चर्चा करेंगी। उनकी दो पुस्तकें ‘वो अजीब लड़की’ और ‘मुझे तुम्हारे जाने से नफ़रत है’ युवाओं और साहित्य जगत में काफी चर्चित हुई हैं। यह व्याख्यान भी विवि के फेसबुक पेज लाइव रहेगा।

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नाट्यशास्त्र में सभी प्रकार के संचार के सिद्धांत मौजूद : डॉ. अधिकारी माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के आयोजन ‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ के अंतर्गत डॉ. निर्मल मणि अधिकारी ने ‘भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में संचार के सूत्र’ विषय पर रखे विचार, 2 जून को तंजानियां से कहानीकार सुश्री प्रियंका ओम रहेंगी लाइव भोपाल, 01 जून 2020: भरतमुनि का…

वेब मीडिया में रोजगार की असीम संभावनाएं : जयदीप कर्णिक

वेब मीडिया में रोजगार की असीम संभावनाएं : जयदीप कर्णिक

माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के आयोजन ‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ के अंतर्गत वरिष्ठ पत्रकार जयदीप कर्णिक ने ‘वेब मीडिया में उद्यमिता’ विषय पर रखे विचार, 1 जून को काठमांडू विश्वविद्यालय, नेपाल के प्राध्यापक डॉ. निर्मल मणि का व्याख्यान

भोपाल, 31 मई, 2020: वेब मीडिया के क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में युवा पत्रकार एक उद्यमी के रूप में अपना करियर बना सकते हैं। कोरोना संकट ने वेब मीडिया के महत्व को और अधिक प्रतिपादित कर दिया है। पत्रकारिता में अब ‘वर्क फ्रॉम होम’ की संस्कृति विकसित हो रही है। ये विचार देश के जाने-माने पत्रकार श्री जयदीप कर्णिक ने व्यक्त किया। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के आयोजन ‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ के अंतर्गत उन्होंने ‘वेब मीडिया में उद्यमिता’ विषय पर अपना संबोधन दिया। इस मौके पर उन्होंने अनेक प्रश्नों के उत्तर भी दिए। वेब मीडिया में अपना करियर बनाने वाले युवाओं की जिज्ञासा का समाधान किया।

श्री कर्णिक ने कहा कि हमारे देश में परम्परागत मीडिया एवं टेलीविजन मीडिया एक महंगा उद्योग है जो विज्ञापन आधारित है। विज्ञापन कम मिलने पर परम्परागत मीडिया के सामने तमाम तरह की परेशानियां आने लगती हैं। पत्रकारों पर भी संकट रहता है। जबकि डिजिटल मीडिया में कोई भी व्यक्ति वेबसाइट बनाकर लैपटॉप या फिर मोबाइल से ही काम शुरू कर सकता है। इसमें लागत बहुत कम है। सबसे अच्छी बात यह है कि वह स्वयं ही रिपोर्टर, मालिक एवं सम्पादक होता है। कम पूँजी में वेव मीडिया में उद्यमी बन सकते हैं।

उन्होंने कहा कि आप सफल तभी होंगे जब आपकी वेबसाइट पर सामग्री गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय होगी। वेबमीडिया के स्टार्टअप को चाहिए कि वे पर्यावरण, विज्ञान, आर्थिक, जनजातीय, गाँव जैसे विषयों पर काम करें। हिंदी भाषा में इन विषयों पर काम करने की खूब संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा कि उद्यमी बनने के लिए जोश, ऊर्जा और विषय का ज्ञान आवश्यक है। जब आप पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेंगे तो सफलता निश्चित ही मिलेगी।

आज शाम 4:00 बजे काठमांडू विश्वविद्यालय, नेपाल के प्राध्यापक डॉ. निर्मल मणि का व्याख्यान :  

‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ के अंतर्गत 1 जून को शाम 4:00 बजे ‘भरतमुनि के नाट्य शास्त्र में संचार के सूत्र’ विषय पर काठमांडू विश्वविद्यालय, नेपाल के प्राध्यापक डॉ. निर्मल मणि अधिकारी व्याख्यान देंगे। यह व्याख्यान भी विवि के फेसबुक पेज लाइव रहेगा।

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वेब मीडिया में रोजगार की असीम संभावनाएं : जयदीप कर्णिक माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के आयोजन ‘हिन्दी पत्रकारिता सप्ताह’ के अंतर्गत वरिष्ठ पत्रकार जयदीप कर्णिक ने ‘वेब मीडिया में उद्यमिता’ विषय पर रखे विचार, 1 जून को काठमांडू विश्वविद्यालय, नेपाल के प्राध्यापक डॉ. निर्मल मणि का व्याख्यान भोपाल, 31 मई, 2020: वेब मीडिया के क्षेत्र में…

बलिदानी पत्रकार आज भी देते हैं प्रेरणा : माननीय राज्यपाल

बलिदानी पत्रकार आज भी देते हैं प्रेरणा : माननीय राज्यपाल

माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित हिंदी पत्रकारिता सप्ताह का शुभारंभ, 31 मई को शाम 4 बजे वेब मीडिया में उद्यमिता विषय पर व्याख्यान

भोपाल, 30 मई, 2020: आज हमें उन पत्रकारों को याद करना चाहिए, जिन्होंने अपनी लेखनी से समाज जागरण का कार्य किया, जिन्होंने समाज की समस्याओं के समाधान दिए हैं। भारत के यशस्वी पत्रकारों ने अपनी कलम से स्वतंत्रता आंदोलन को धारदार बना दिया था। अनेक पत्रकारों ने छोटे-छोटे समाचार पत्र निकालकर स्वतंत्रता की अलख जगाई। भारत में ऐसे भी पत्रकार हुए हैं, जिन्होंने सामाजिक सौहार्द के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी। ये लोग आज भी पत्रकारिता एवं पत्रकारों को प्रेरणा देते हैं। यह विचार मध्यप्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने हिंदी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित ऑनलाइन व्याख्यान में व्यक्त किए।

            माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में माननीय राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने ‘शिक्षा, पत्रकारिता एवं जीवन मूल्य’ विषय पर अपने संबोधन में कहा कि हमें पूर्वजों से जो इतिहास धरोहर के रूप में मिला है, उसे देखना जरूरी है। महापुरुषों के संघर्ष और उनकी वैचारिक प्रतिबद्धता को देखकर, उससे प्रेरित होकर रास्ता निकालने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिस समय पत्रकारिता मिशन थी, तब पत्रकारिता का उद्देश्य शोहरत नहीं था। उस समय पत्रकारिता विदेशी गुलामी के प्रति जो जनाक्रोश था, उसकी अभिव्यक्ति थी। उस समय समाज की विकृतियों को दूर करने और उसके जागरण के लिए पत्रकारिता का उपयोग किया जाता था। किंतु, धीरे-धीरे यह प्रतिबद्धता कम होने लगी। इसी कारण आज जो स्थिति है, उसमें बहुत कम ऐसे लोग उभर रहे हैं, जिनमें बौद्धिक क्षमता, आत्मबल, प्रतिबद्धता और सामाजिक उद्देश्य के लिए संघर्ष करने का साहस दिखता हो।

            उन्होंने कहा कि सामाजिक समस्याओं के प्रति पत्रकारों की निश्चित अवधारणा एवं विचार जब लेखनीबद्ध होते हैं, तो वे ज्वाला बन जाते हैं। आपातकाल के दौर की साहसिक पत्रकारिता का भी उल्लेख माननीय राज्यपाल ने किया। सोशल मीडिया के दुरुपयोग के प्रति भी उन्होंने चेताया और उसे रोकने के लिए आगे आने की बात कही।

            इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि हिंदी के विस्तार में हिंदी पत्रकारिता का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने बताया कि बांग्लाभाषी कोलकाता से हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत हुई। कोलकाता भारतीय भाषायी पत्रकारिता का सबसे बड़ा केंद्र रहा है। पंडित जुगलकिशोर शुक्ल ने 30 मई, 1826 को उदंत्त मार्तंड का प्रकाशन कर हिंदी पत्रकारिता की नींव रखी। उन्होंने बताया कि आगामी सात दिन तक ‘हिंदी पत्रकारिता सप्ताह’ के अंतर्गत विश्वविद्यालय विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर भी ऑनलाइन व्याख्यान आयोजित कराने जा रहा है।

आज का व्याख्यान :

31 मई को शाम 4:00 बजे से ‘वेब मीडिया में उद्यमिता’ विषय पर वरिष्ठ पत्रकार श्री जयदीप कर्णिक का व्याख्यान रहेगा।  

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बलिदानी पत्रकार आज भी देते हैं प्रेरणा : माननीय राज्यपाल माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित ‘हिंदी पत्रकारिता सप्ताह’ का शुभारंभ, 31 मई को शाम 4 बजे ‘वेब मीडिया में उद्यमिता’ विषय पर व्याख्यान भोपाल, 30 मई, 2020: आज हमें उन पत्रकारों को याद करना चाहिए, जिन्होंने अपनी लेखनी से समाज जागरण का कार्य…

हिंदी पत्रकारिता सप्ताह का शुभारम्भ करेंगे राज्यपाल

हिंदी पत्रकारिता सप्ताह का शुभारम्भ करेंगे राज्यपाल

माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर शिक्षा, पत्रकारिता और जीवनमूल्य विषय पर संबोधित करेंगे राज्यपाल, हिंदी पत्रकारिता सप्ताह के अंतर्गत 30 मई, 2020 से 6 जून, 2020 तक महत्वपूर्ण व्याख्यान

भोपाल, 29 मई, 2020: मध्यप्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री लालाजी टंडन हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर शनिवार को अपराह्न 3:00 बजे ‘हिंदी पत्रकारिता सप्ताह’ का शुभारम्भ करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से किया जा रहा है। इस अवसर पर राज्यपाल विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज से 3:00 बजे ‘शिक्षा, पत्रकारिता और जीवनमूल्य’ विषय पर अपना संबोधन देंगे। उल्लेखनीय है कि पहले हिंदी समाचार पत्र ‘उदन्त मार्तंड’ के प्रकाशन की स्मृति में हिंदी पत्रकारिता दिवस का आयोजन किया जाता है। हिंदी पत्रकारिता सप्ताह के अंतर्गत पहली बार पत्रकारिता एवं संचार के विद्यार्थियों के लिए सात दिन ऑनलाइन व्याख्यान आयोजित होंगे। 31 मई से लेकर 6 जून तक सभी व्याख्यान विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर शाम 4:00 बजे प्रसारित होंगे।

            कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने बताया कि पत्रकारिता सप्ताह के अंतर्गत माननीय राज्यपाल महोदय के संबोधन के बाद अगले दिन से सात दिन तक सात महत्वपूर्ण व्याख्यान कराए जाएंगे। सभी व्याख्यान विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर प्रतिदिन 4:00 बजे से लाइव होंगे। 31 मई को ‘वेब मीडिया में उद्यमिता’ विषय पर वरिष्ठ पत्रकार श्री जयदीप कार्णिक (दिल्ली), 1 जून को ‘भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में संचार के सूत्र’ विषय पर काठमाण्डू विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. निर्मल मणि अधिकारी (नेपाल), 2 जून को ‘सृजनात्मक लेखन’ पर प्रख्यात कहानीकार सुश्री प्रियंका ओम (तंजानिया), 3 जून को ‘वैश्विक आतंकवाद और मीडिया’ विषय पर प्रख्यात क्राइम रिपोर्टर एवं लेखक श्री विवेक अग्रवाल (मुंबई), 4 जून को ‘बदलती दुनिया में रेडियो’ विषय पर बीबीसी मीडिया एक्शन की पत्रकार सुश्री शेफाली चतुर्वेदी, 5 जून को ‘आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, मोहाली के प्रो. सिद्धार्थ शेखर सिंह और 6 जून को ‘कोविड-19 की चुनौतियां और मीडिया’ विषय पर रिलायंस कम्युनिकेशंस के प्रेसिडेंट एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री उमेश उपाध्याय के व्याख्यान होंगे।

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हिंदी पत्रकारिता सप्ताह का शुभारम्भ करेंगे राज्यपाल माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर ‘शिक्षा, पत्रकारिता और जीवनमूल्य’ विषय पर संबोधित करेंगे राज्यपाल, हिंदी पत्रकारिता सप्ताह के अंतर्गत 30 मई, 2020 से 6 जून, 2020 तक महत्वपूर्ण व्याख्यान भोपाल, 29 मई, 2020: मध्यप्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री लालाजी टंडन हिंदी पत्रकारिता दिवस के…

राज्यपाल का विशेष व्याख्यान माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर 30 मई को

राज्यपाल का विशेष व्याख्यान माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर 30 मई को

हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर शिक्षा, पत्रकारिता और जीवनमूल्य विषय पर संबोधित करेंगे राज्यपाल, पत्रकारिता सप्ताह के 30 मई, 2020 से 6 जून, 2020 तक अंतर्गत सात दिन-सात व्याख्यान

भोपाल, 28 मई, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में 30 मई से 6 जून तक ‘हिंदी पत्रकारिता सप्ताह’ का आयोजन किया जा रहा है। इसका शुभारम्भ 30 मई, शनिवार को अपराह्न 3:00 बजे माननीय राज्यपाल श्री लालजी टंडन करेंगे। विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर 3:00 बजे से माननीय राज्यपाल के विशेष व्याख्यान का लाइव प्रसारण किया जाएगा। राज्यपाल महोदय ‘शिक्षा, पत्रकारिता और जीवनमूल्य’ विषय पर अपना संबोधन देंगे।

            कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने बताया कि पत्रकारिता सप्ताह के अंतर्गत माननीय राज्यपाल महोदय के संबोधन के बाद अगले दिन से सात दिन तक सात महत्वपूर्ण व्याख्यान कराए जाएंगे। सभी व्याख्यान विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर प्रतिदिन 4:00 बजे से लाइव होंगे। 31 मई को ‘वेब मीडिया में उद्यमिता’ विषय पर वरिष्ठ पत्रकार श्री जयदीप कार्णिक (दिल्ली), 1 जून को ‘भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में संचार के सूत्र’ विषय पर काठमाण्डू विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. निर्मल मणि अधिकारी (नेपाल), 2 जून को ‘सृजनात्मक लेखन’ पर प्रख्यात उपन्यासकार सुश्री प्रियंका ओम (तंजानिया), 3 जून को ‘वैश्विक आतंकवाद और मीडिया’ विषय पर प्रख्यात क्राइम रिपोर्टर एवं लेखक श्री विवेक अग्रवाल (मुंबई), 4 जून को ‘बदलती दुनिया में रेडियो’ विषय पर बीबीसी मीडिया एक्शन की पत्रकार सुश्री शेफाली चतुर्वेदी, 5 जून को ‘आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, मोहाली के प्रो. सिद्धार्थ शेखर सिंह और 6 जून को ‘कोविड-19 की चुनौतियां और मीडिया’ विषय पर रिलायंस कम्युनिकेशंस के प्रेसिडेंट एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री उमेश उपाध्याय के व्याख्यान होंगे।

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राज्यपाल का विशेष व्याख्यान माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर ‘शिक्षा, पत्रकारिता और जीवनमूल्य’ विषय पर संबोधित करेंगे राज्यपाल, पत्रकारिता सप्ताह के 30 मई, 2020 से 6 जून, 2020 तक अंतर्गत सात दिन-सात व्याख्यान भोपाल, 28 मई, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय…

मीडिया और आईटी पाठ्यक्रम के लिए माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रारंभ

मीडिया और आईटी पाठ्यक्रम के लिए माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रारंभ

सभी विभागाध्यक्षों एवं प्राध्यापकों के साथ चर्चा कर कुलपति ने लिया निर्णय, सभी स्नातक एवं स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश की सूचना जारी

भोपाल, 27 मई, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय द्विवेदी ने सभी विभागाध्यक्षों एवं प्राध्यापकों के साथ बुधवार को ऑनलाइन बैठक की, जिसमें पूर्व में संचालित सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद पाठ्यक्रमों एवं प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। मीडिया और आईटी के क्षेत्र में करियर बनाने की चाह रखने वाले विद्यार्थी विश्वविद्यालय के भोपाल, रीवा एवं खंडवा परिसर में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। एमपी ऑनलाइन की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। आवेदन की अंतिम तिथि 31 जुलाई है।

            बैठक में कुलपति प्रो. द्विवेदी ने कहा कि लॉकडाउन के कारण विद्यार्थी पाठ्यक्रमों की जानकारी के लिए परिसर में नहीं आ सकते, इसलिए विद्यार्थियों को अधिक से अधिक जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराई जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रवेश की सूचना के लिए भी सबको मिलकर प्रयास करने चाहिए ताकि प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी अधिक से अधिक युवाओं तक पहुँच सके। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय में मीडिया, कम्प्यूटर, आईटी और प्रबंधन के रोजगारोन्मुखी स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम संचालित होते हैं।

मीडिया के प्रमुख स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम हैं : एमए (पत्रकारिता), एमए (डिजिटल जर्नलिज्म), एमए-एपीआर (विज्ञापन एवं जनसंपर्क), एमए-बीजे (ब्राडकास्ट पत्रकारिता), एमए-एमसी (जनसंचार), एमएससी-ईएम (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया), एमएससी-एमआर (मीडिया शोध), एमएससी-एफपी (फिल्म प्रोडक्शन), एमएससी-एनएम (नवीन मीडिया)। विश्वविद्यालय में मीडिया प्रबंधन का स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम एमबीए (मीडिया बिजनेस मैनेजमेंट) है। एमफिल (मीडिया अध्ययन) में भी प्रवेश के लिए आवेदन आमंत्रित हैं।

पत्रकारिता में स्नातक पाठ्यक्रम हैं : बीए-एमसी (जनसंचार), बीएससी-ईएम (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया), बीएससी-एमएम (मल्टी मीडिया), बीबीए-ई-कॉमर्स, बीए-जर्नलिज्म एंड क्रिएटिव राइटिंग, बीटेक-प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग। इस वर्ष बैचलर ऑफ लाइब्रेरी एंड इंफोर्मेशन साइंसेज में भी प्रवेश हेतु आवेदन आमंत्रित हैं।

कम्प्यूटर एवं आईटी के पाठ्यक्रम : विश्वविद्यालय की पहचान मीडिया पाठ्यक्रमों के साथ ही कंप्यूटर शिक्षा के क्षेत्र में भी है। विश्वविद्यालय की ओर से बीसीए, एमसीए के साथ-साथ एमएससी-इंफोर्मेशन एंड सायबर सिक्युरिटी जैसे नवीनतम विद्या के पाठ्यक्रम भी संचालित किए जा रहे हैं।

            कोरोना संक्रमण एवं लॉकलाउन के समय में विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखकर विश्वविद्यालय द्वारा संचालित इन सभी पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाया जा रहा है। आवेदन की प्रक्रिया और पाठ्यक्रमों के विस्तृत विवरण के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट (www.mcu.ac.in) पर विजिट किया जा सकता है। अन्य किसी प्रकार की जानकारी के लिए दूरभाष नंबर- 0755-2553523 पर संपर्क किया जा सकता है।

मीडिया और आईटी पाठ्यक्रम के लिए माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रारंभ सभी विभागाध्यक्षों एवं प्राध्यापकों के साथ चर्चा कर कुलपति ने लिया निर्णय, सभी स्नातक एवं स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश की सूचना जारी भोपाल, 27 मई, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय द्विवेदी ने सभी विभागाध्यक्षों एवं प्राध्यापकों…

50 एकड़ के परिसर में शुरू होगा नया शैक्षणिक सत्र

50 एकड़ के परिसर में शुरू होगा नया शैक्षणिक सत्र

कुलपति एवं अन्य अधिकारियों ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के नये परिसर का किया निरीक्षण

भोपाल, 23 मई, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का नया शैक्षणिक सत्र विशनखेड़ी में 50 एकड़ भूमि पर निर्मित नये परिसर में प्रारंभ होगा। परिसर के निर्माण कार्य की प्रगति का निरीक्षण करने के लिए शनिवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय द्विवेदी विशनखेड़ी पहुँचे। इस दौरान परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजेश पाठक, उप-कुलसचिव दीपेन्द्र बघेल और गृह निर्माण मंडल के उपायुक्त एमके साहू एवं टीएम त्रिवेदी भी उपस्थित थे। कुलपति ने इंटीरियर कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश गृह निर्माण मंडल के अधिकारियों को दिए हैं, ताकि कोरोना संक्रमण के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए नये परिसर में नया शैक्षणिक सत्र प्रारंभ किया जा सके।

            निरीक्षण के दौरान कुलपति प्रो. द्विवेदी ने कक्षाओं, छात्रावास एवं अकादमिक भवन को पूर्णरूप से तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रशासनिक भवन एवं शिक्षक-कर्मचारी आवासीय परिसर के निर्माण कार्य का भी निरीक्षण किया और जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के बाद भी शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना आवश्यक होगा। इसलिए नये सत्र के लिए नये परिसर की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय प्रशासन अपना नया सत्र नये परिसर में ही शुरू करना चाहता है। गृह निर्माण मंडल के अधिकारियों ने जुलाई तक परिसर तैयार करने का भरोसा दिलाया है। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय का नया परिसर 50 एकड़ भूमि पर विस्तारित है। यहाँ विभागवार आधुनिक स्टूडियो एवं कम्प्युटर प्रयोगशालाएं भी बन रही हैं। परिसर का निर्माण एवं इंटीरियर कार्य अपने अंतिम चरण में पहुँच गया है।

50 एकड़ के परिसर में शुरू होगा नया शैक्षणिक सत्र कुलपति एवं अन्य अधिकारियों ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के नये परिसर का किया निरीक्षण भोपाल, 23 मई, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का नया शैक्षणिक सत्र विशनखेड़ी में 50 एकड़ भूमि पर निर्मित नये परिसर में प्रारंभ होगा।…