स्वामी विवेकानंद के आदर्श को जीवन में उतारें विद्यार्थी : प्रो. केजी सुरेश

पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों की विशेष कक्षा को कुलपति ने किया संबोधित

भोपाल, 05 जनवरी, 2020:  स्वामी विवेकानंद का जीवन साधारण नहीं था, उनका व्यक्तित्व सभी युवाओं को प्रेरणा देता है। उनके विचार युवाओं को राह दिखाते हैं। विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद के आदर्श को अपने जीवन में उतरना चाहिए। यह विचार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों की विशेष कक्षा को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।

कोरोना महामारी के कारण लम्बे समय से बंद कक्षाएं प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए शुरू हो रहीं हैं। लम्बे समय बाद विभाग में आये विद्यार्थियों का स्वागत कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने किया। पत्रकारिता विभाग की ओर से पहले दिन एमए(पत्रकारिता) के तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए विशेष कक्षा आयोजित की, जिसमें कुलपति ने विद्यार्थियों को कहा कि स्वामी विवेकानंद कहते थे कि जब भी आप कोई नया काम करोगे तो लोग हँसेंगे, उसके बाद लोग आपके काम का विरोध करेंगे लेकिन आप इस सबकी परवाह किये बिना ईमानदारी और समर्पण से कार्य करते रहे तो लोग आपके काम का समर्थन करेंगे। इसलिए आप जब भी नयी शुरुआत करें तो लोगों की नकारात्मक प्रतिक्रियाओं से हतोत्साहित न हों। स्वामी विवेकानंद के इस विचार को सदैव ध्यान रखें।

दिया कलम की सार्थकता का मंत्र:

कुलपति प्रो. सुरेश ने विद्यार्थियों से कहा कि संचार का बहुत महत्व है। संचार, सभी समस्याओं का समाधान है। यदि कहीं कोई समस्या है तो उसकी जड़ में कहीं न कहीं संवादहीनता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता यदि निजी स्वार्थों के लिए इस्तेमाल हो तो पत्रकारिता और दूसरे व्यवसाय में बहुत फर्क नहीं। अगर हम अपनी लेखनी से अपने परिवार के अलावा किसी और जरूरतमंद की मदद कर सकें और उसके जीवन में परिवर्तन ला सकें तो यह हमारी कलम की सार्थकता है। उन्होंने कहा कि पत्रकार को संवेदनशील होना चाहिए। विशेष कक्षा को विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने भी संबोधित किया। विशेष कक्षा का संचालन प्रोड्यूसर डॉ. रामदीन त्यागी ने किया। इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डॉ. मणिकंठन नायर, डॉ. रंजन सिंह, श्री सतेन्द्र डेहरिया और लोकेन्द्र सिंह सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।