एमसीयू की डॉ. उर्वशी परमार को पत्रकारिता शिक्षा में उत्कृष्ट कार्य के लिए मिला सम्मान

एमसीयू की डॉ. उर्वशी परमार को पत्रकारिता शिक्षा में उत्कृष्ट कार्य के लिए मिला सम्मान

स्टेट प्रेस क्लब के आयोजन ‘भारतीय पत्रकारिता महोत्सव-2021’ में दिया गया सम्मान

भोपाल, 22 फरवरी, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ. उर्वशी परमार को ‘भारतीय पत्रकारिता महोत्सव-2021’ में पत्रकारिता शिक्षा में उत्कृष्ट कार्य के लिये सम्मानित किया गया। स्टेट प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश द्वारा 19 से 21 फरवरी, 2021 को इंदौर में भारतीय पत्रकारिता महोत्सव का आयोजन किया गया। हर वर्ष पत्रकारिता के बदलते आयामों को लेकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष का आयोजन पत्रकारिता के सशक्त हस्ताक्षर राजेन्द्र माथुर, राहुल बारपुते, प्रभाष जोशी, माणिकचंद वाजपेयी एवं शरद जोशी की स्मृतियों को समर्पित रहा।

यह कार्यक्रम मीडिया के ज्वलंत मुद्दों जैसे मीडिया की लक्ष्मण रेखा, देश की प्रगति और मीडिया, महिला मुद्दे और मीडिया, कोरोनाकाल और पत्रकारिता आदि विषयों पर केन्द्रित रहा। कार्यक्रम के अंतिम दिन पत्रकारिता क्षेत्र से जुड़े लोगों को मीडिया अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसी दौरान विश्वविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ. उर्वशी परमार को ‘मीडिया शिक्षा अवार्ड’ दिया गया। इस अवसर पर देश के प्रख्यात एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रभु चावला, श्री आशुतोष, श्री श्रीवर्धन त्रिवेदी, भारतीय फिल्म एवं टेलीविज़न डायरेक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अशोक पंडित एवं मध्य प्रदेश के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। तीन दिवसीय पत्रकारिता महोत्सव में देश की कई जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की, जिनमें प्रमुख रूप से पांचजन्य के सम्पादक श्री हितेश शंकर, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति श्री बल्देव भाई शर्मा और साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे सहित अन्य ने अपने विचार व्यक्त किये।

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रोमांचक मुकाबले में कुलसचिव इलेवन को मिली विजय

रोमांचक मुकाबले में कुलसचिव इलेवन को मिली विजय

एमसीयू में कुलपति इलेवन एवं कुलसचिव इलेवन के बीच मैत्री मैच, नारायण शर्मा बने मैन ऑफ द मैच

भोपाल, 20 फरवरी, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा शनिवार को कुलपति इलेवन एवं कुलसचिव इलेवन के बीच एक मैत्री मैच का आयोजन किया गया। आखिरी ओवर तक चले इस रोमांचक मुकाबले में कुलसचिव इलेवन ने कुलपति इलेवन की टीम तीन विकेट से हराया। टी-20 मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए कुलपति इलेवन ने 156 रन बनाये। कुलसचिव इलेवन ने आखिरी ओवर में सात विकेट के नुक्सान पर लक्ष्य को प्राप्त कर लिया।

कुलसचिव इलेवन के पहले ही दो ओवर में तीन विकेट गिर गए थे, उसके बाद टीम को कप्तान लोकेन्द्र सिंह और ओपनर बल्लेबाज नारायण शर्मा ने संभाला। कप्तान लोकेन्द्र सिंह ने एक छका और 7 चौके लगाते हुए 46 रन की कप्तानी पारी खेली। वहीं नारायण शर्मा ने 4 छक्कों एवं 3 चौकों की मदद से 65 रन बनाये। दोनों की बल्लेबाजी ने टीम को मजबूती दी और जीत के नज़दीक पहुँचाया। राहुल कुमार ने दो छक्के लगाते हुए मैच को पूरी तरह कुलसचिव इलेवन के पक्ष में कर दिया। इससे पूर्व कुलपति इलेवन की ओर से ओपनर बल्लेबाज गोपाल वर्मा के शानदार 54 रन, कप्तान मनोज पटेल के 23 रन एवं ओपनर बल्लेबाज अरुण खोबरे के 18 रनों की सधी हुई पारी खेली। यह मैच स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के मैदान पर खेला गया।

नारायण शर्मा को विजयी पारी के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने ‘मैन ऑफ द मैच’ का पुरस्कार दिया। जबकि 5 विकेट लेने वाले निशांत जैन को बेहतरीन गेंदबाजी के लिए ‘बेस्ट बॉलर’, 54 रनों की अर्धशतकीय पारी खेलने वाले गोपाल वर्मा को ‘बेस्ट बैट्समैन’ और शानदार फील्डिंग करने के लिए मनोज पटेल को ‘बेस्ट फील्डर’ का पुरस्कार कुलपति प्रो. सुरेश ने दिया।  पुरस्कार वितरण समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने दोनों ही टीमों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं । खिलाड़ियों की खेल भावना की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि आप सभी खिलाड़ी इसी तरह से खेलते रहें। खेल गतिविधियों के लिए विश्वविद्यालय आपकी पूरी मदद करेगा। इस मौके पर कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी, डीन अकादमिक प्रो. पवित्र श्रीवास्तव, प्रो. अनुराग सीठा, सहायक कुलसचिव श्री अशोक पांडे,  खेल समन्वयक श्री सतेंद्र डहेरिया, सहायक प्राध्यापक डॉ. रंजन सिंह सहित स्कोप कॉलेज के डायरेक्टर एवं प्रिंसिपल के साथ ही एक्सिस बैंक के अधिकारी भी विशेष तौर पर उपस्थित थे।

रोमांचक मुकाबले में कुलसचिव इलेवन को मिली विजय एमसीयू में कुलपति इलेवन एवं कुलसचिव इलेवन के बीच मैत्री मैच, नारायण शर्मा बने मैन ऑफ द मैच भोपाल, 20 फरवरी, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा शनिवार को कुलपति इलेवन एवं कुलसचिव इलेवन के बीच एक मैत्री मैच का आयोजन किया गया। आखिरी…

जो ट्रांसफार्मेशन कर पाएगा, वही आगे बढ़ पाएगा : प्रो. केजी सुरेश

जो ट्रांसफार्मेशन कर पाएगा, वही आगे बढ़ पाएगा : प्रो. केजी सुरेश

बदलाव अच्छे के लिए होता है, इसलिए डरना नहीं चाहिए : श्री राजीव अग्रवाल

शिक्षा में विशेष योगदान के लिए कुलपति प्रो. केजी सुरेश का सम्मान, राष्ट्रीय प्रबंधन दिवस पर एमसीयू एवं भोपाल मैनेजमेंट एसोसिशन का संयुक्त आयोजन

भोपाल, 19 फरवरी, 2021: बदलाव को हमें स्वीकार करना चाहिए। अपनी मानसिकता और अपनी सोच में भी बदलाव लाना होगा। आज के समय में जो ट्रांसफार्मेशन कर पाएगा, वही समय के साथ आगे बढ़ पाएगा। यह विचार कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय एवं भोपाल मैनेजमेंट एसोसिशन की ओर से राष्ट्रीय प्रबंधन दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए भोपाल मैनेजमेंट एसोसिशन द्वारा कुलपति प्रो. सुरेश को सम्मानित किया गया।

एआईएमए 65वें स्थापना दिवस एवं 15 वें राष्ट्रीय प्रबंधन दिवस के अवसर पर ‘ट्रांसफार्मिंग फॉर कम्युनिटी’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि हमें कन्फर्ट जोन से बाहर निकलना होगा। सीमित दुनिया से बाहर निकलकर, हमें व्यापक दृष्टिकोण से देखना होगा। उन्होंने रिफार्म और ट्रांसफार्मेशन के अंतर को भी समझाया। प्रो. सुरेश ने कहा कि अंदर से जो बदलाव आता है, वही ट्रांसफार्मेशन है। उन्होंने कहा कि ट्रांसफार्मेशन के लिए उद्देश्य के साथ ही नीयत का होना भी बहुत आवश्यक है।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं एसोसिएशन ऑफ आल इंडस्ट्रीज, मंडीदीप के अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल ने कहा कि जिंदगी में कोई भी बदलाव एक दिन में नहीं आता है। बदलाव लाने के लिए नियमितता जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें हर दिन कुछ-न-कुछ नया सीखना चाहिए। श्री अग्रवाल ने चेन्ज और ट्रांसफार्मेशन के अंतर को भी समझाया। उन्होंने कहा कि चेन्ज थोड़े समय के लिए होता है। उन्होंने कहा कि शिकायत करना छोड़कर यदि अपनी ऊर्जा का उपयोग सकारात्मक कार्यों में करेंगे, तो आप बड़ा बदलाव ला सकते हैं। श्री अग्रवाल ने नकारात्मक लोगों से दूरी बनाने एवं सकारात्मक लोगों के साथ रहने का गुरुमंत्र भी विद्यार्थियों को दिया ।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के मीडिया प्रबंधन विभाग द्वारा दिसंबर 2020 में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेस में प्रस्तुत शोध-पत्रों की पुस्तक एवं प्रबंधन वाणी का भी इस अवसर पर विमोचन किया गया। इस अवसर पर बीएमए के पदाधिकारी भी उपस्थित हुए। कार्यक्रम का संचालन श्री आरजी द्विवेदी ने किया। आभार प्रदर्शन श्री विश्वास भुषे द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी भी उपस्थित थे।

जो ट्रांसफार्मेशन कर पाएगा, वही आगे बढ़ पाएगा : प्रो. केजी सुरेश बदलाव अच्छे के लिए होता है, इसलिए डरना नहीं चाहिए : श्री राजीव अग्रवाल शिक्षा में विशेष योगदान के लिए कुलपति प्रो. केजी सुरेश का सम्मान, राष्ट्रीय प्रबंधन दिवस पर एमसीयू एवं भोपाल मैनेजमेंट एसोसिशन का संयुक्त आयोजन भोपाल, 19 फरवरी, 2021: बदलाव…

कविता श्रृंगार रस से नहीं, राष्ट्रीयता की सर्वोच्चता के उद्घोष से अमर होती है : श्रीधर पराड़कर

कविता श्रृंगार रस से नहीं, राष्ट्रीयता की सर्वोच्चता के उद्घोष से अमर होती है : श्रीधर पराड़कर

‘पुष्प की अभिलाषा’ के मूल्य और इसके शाश्वत संदेश ने शताब्दी वर्ष के लिए अभिप्रेत किया : प्रो. केजी सुरेश

पत्रकारिता में अपने अंदर के जीवित पुष्प की अभिलाषा का प्रकटीकरण आवश्यक : डॉ. विकास दवे

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘पुष्प की अभिलाषा’ के शताब्दी वर्ष का शुभारंभ, वर्षभर होंगे साहित्यिक आयोजन

भोपाल, 16 फरवरी, 2021: अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संगठन मंत्री श्री श्रीधर पराड़कर ने कहा कि ‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता इसलिए कालजयी है क्योंकि वह श्रृंगार रस की कविता नहीं अपितु राष्ट्रीयता को सर्वस्व समर्पण करने के भाव वाली अद्भुत और प्रेरक कविता है। बसंत पंचमी के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से प्रखर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, कवि, साहित्यकार पं. माखनलाल चतुर्वेदी की कालजयी काव्य रचना ‘पुष्प की अभिलाषा’ के शताब्दी वर्ष का शुभारंभ किया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय इस प्रसंग को लेकर दादा माखनलाल चतुर्वेदी की कर्मस्थली  से जन्मस्थली तक वर्षभर साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन करेगे।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री पराड़कर ने कहा कि ‘पुष्प की अभिलाषा’ स्वांत सुखाय की प्रचलित धारणा को तोड़ती है, जिसका मतलब स्वयं के आनंद के लिए लिखने रहा है। परन्तु स्वांत सुखाय का सही अर्थ यह है कि हमारे लेखन में ‘स्व का अंत’ होना चाहिए अर्थात लेखन अपके स्वयं के विचार, मत और धारणाओं से मुक्त हो। ऐसे ही लेखन की आवश्यकता आज भी समाज को है। उन्होंने कहा कि किसी भी विधा में उत्कृष्ट रचना के लिए वेदना, संवेदना और समर्पण की आवश्यकता रहती है। पं. माखनलाल चतुर्वेदी ने देश और समाज के लिए सर्वस्व समर्पित कर दिया था।

‘पुष्प की अभिलाषा’ के शताब्दी वर्ष के शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि आमतौर पर व्यक्तियों और संस्थाओं का शताब्दी वर्ष मनाया जाता है, परन्तु संभवतः यह देश में पहली बार है, जब किसी कविता का शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। यह माखनलाल जी इस कविता के उस मूल्य और उसमे समाहित शाश्वत संदेश की वजह से है, जो राष्ट्र को सर्वोच्च स्थान देता। पुष्प की अभिलाषा कविता का यह शताब्दी वर्ष पंडित माखनलाल जी के विचारों और उनकी पत्रकारिता के स्मरण, प्रसार और अनुसरण का एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसे हम सार्थक करेंगे। उन्होंने कुलभूषण जाधव के प्रकरण में हुई रिपोर्टिंग का उल्लेख करते हुए कहा कि निष्पक्षता और तटस्थता, राष्ट्रीयता से बढ़कर नहीं होनी चाहिए।

मुख्य अतिथि एवं मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने कहा कि हम सबको अपने अंदर के उस जीवित पुष्प की अभिलाषा को पहचानना जरूरी है, जो व्यक्ति हित के स्थान पर राष्ट्र हित की बात करता है। पत्रकारिता में इसी पुष्प की अभिलाषा का प्रकटीकरण सच्ची पत्रकारिता होगा। आज के दौर में राष्ट्र सर्वोपरि का मंत्र ही माखनलालजी की पत्रकारिता का सम्मान होगा। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की सचिव सुश्री रेणु तिवारी ने अपने उद्बोधन में माखनलाल जी के परिवार में आचार-विचार संस्कृति और अनुकरणीय परंपराओं से जुड़े प्रसंग साझा किए। उन्होंने कहा कि पुष्प की अभिलाषा कविता को माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में पढ़ाया जाना आवश्यक है।

इस कार्यक्रम में जन्मस्थली बाबई से पधारे कलाकारों हिमांशु सिंह ‘हार्दिक’ और करण सिंह ने ‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता की संगीतमयी प्रस्तुति दी। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने इसी कविता पर केंद्रित एक लघु नाटिका का मंचन किया। बसंत पंचमी के अवसर पर विश्वविद्यालय में पुस्तकालय विभाग की ओर से सरस्वती पूजा का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर दादा माखनलाल चतुर्वेदी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर केन्द्रित आलेख, भाषण एवं काव्य पाठ प्रतियोगिताएं के पुरस्कारों का भी वितरण किया गया। कार्यक्रम का समन्वयन एवं संचालन सहायक प्राध्यापक लोकेंद्र सिंह ने किया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का संचालन सहायक कुलसचिव विवेक सावरीकर, प्रतियोगिताओं का समन्वयन सहायक प्राध्यापक डॉ. अरुण खोबरे ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने किया।

कविता श्रृंगार रस से नहीं, राष्ट्रीयता की सर्वोच्चता के उद्घोष से अमर होती है : श्रीधर पराड़कर ‘पुष्प की अभिलाषा’ के मूल्य और इसके शाश्वत संदेश ने शताब्दी वर्ष के लिए अभिप्रेत किया : प्रो. केजी सुरेश पत्रकारिता में अपने अंदर के जीवित पुष्प की अभिलाषा का प्रकटीकरण आवश्यक : डॉ. विकास दवे माखनलाल चतुर्वेदी…