सच्ची घटनाओं एवं प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित हैं कहानियां : डॉ. आशा नैथानी दायमा

सच्ची घटनाओं एवं प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित हैं कहानियां : डॉ. आशा नैथानी दायमा

अनुच्छेद-35ए के कारण बड़ा वर्ग बुनियादी अधिकारों से था वंचित : प्रो. केजी सुरेश

एमसीयू में पुस्तक ‘जम्मू-कश्मीर : सच तो यही है’ पर चर्चा

भोपाल, 13 जुलाई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के प्रकाशन विभाग की ओर से साहित्यकार डॉ. आशा नैथानी दायमा की पुस्तक ‘जम्मू-कश्मीर : सच तो यही है’ पर चर्चा का आयोजन किया गया। पुस्तक में शामिल कहानियां अनुच्छेद-35ए से संबंधित सत्य घटनाओं पर केंद्रित हैं। डॉ. दायमा ने कहानी ‘उजड़े हुए लोग’ का पाठ किया और अन्य कहानियों पर चर्चा की। कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि कहानियां बताती हैं कि जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जाति एवं अन्य वर्ग के लोगों को अनुच्छेद-35ए के कारण किस प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। जम्मू-कश्मीर में रहने वाली बड़ी जनसंख्या बुनियादी अधिकारों से भी वंचित थी।       

कार्यक्रम में सहायक प्राध्यापक एवं जनसंपर्क अधिकारी लोकेन्द्र सिंह से पुस्तक पर चर्चा के दौरान डॉ. आशा नैथानी दायमा ने बताया कि पुस्तक में शामिल उनकी कहानियां जम्मू-कश्मीर की सच्ची घटनाओं एवं प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित हैं। कहानियां लिखने से पहले उन्होंने जम्मू-कश्मीर में लोगों के साथ लंबा समय बिताया है। ये कहानियां जम्मू-कश्मीर के उस सच को दिखाती हैं, जिस पर लंबे समय तक पर्दा रहा। लोग अनुच्छेद-370 के बारे में तो चर्चा करते थे लेकिन उन्हें अनुच्छेद-35ए के बारे में जानकारी ही नहीं थी। अनुच्छेद-35ए के कारण वहाँ एक बड़े वर्ग को बुनियादी अधिकारों से भी वंचित रखा गया। इस अनुच्छेद के निष्प्रभावी होने वहाँ इन लोगों के जीवन में बदलाव दिख रहा है। उनको सही मायनों में अब जाकर स्वतंत्रता मिली है। डॉ. दायमा ने अपनी दूसरी कहानियों रुखसाना मेरी जान, लहूलुहान गोरखा और हमारा हीरो है यह पर भी बातचीत की।

अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विलय भारत में बाकी रियासतों की तरह ही हुआ था। लेकिन कुछ लोगों ने जम्मू-कश्मीर को लेकर भ्रम का वातावरण बनाया। जम्मू-कश्मीर के कुछ लोगों को भ्रमित करके उनके मन में अलगाव की भावना पैदा की गई। जबकि जम्मू-कश्मीर भी भारत के बाकी राज्यों की तरह ही है। जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र और राष्ट्रीय विचार के लेखकों एवं साहित्यकारों के कारण अलगाव की भावना समाप्त हो रही है। जम्मू-कश्मीर का वातावरण बदल रहा है।

कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वय सहायक प्राध्यापक लोकेन्द्र सिंह ने किया। आभार प्रदर्शन प्रकाशन विभाग की निदेशक डॉ. कंचन भाटिया ने किया। कार्यक्रम में कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी एवं अन्य शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी भी ऑनलाइन शामिल हुए।

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पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में शामिल होगी एनसीसी

पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में शामिल होगी एनसीसी

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में संस्थान की पहल

जनरल इलेक्टिव क्रेडिट कोर्स के रूप में जुड़ेगी एनसीसी

भोपाल, 30 जून, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय अपने विभिन्न पाठ्यक्रमों में एनसीसी को एक जनरल इलेक्टीव क्रेडिट कोर्स (विषय) के रूप में शामिल कर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर एक कदम आगे बढ़ गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत नेशनल केडिट कोर (एनसीसी) को एक जनरल इलेक्टिव क्रेडिट कोर्स के रूप में शामिल करने के सम्बन्ध में मंगलवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश के साथ एनसीसी ग्रुप हेडक्वाटर्स ब्रिग्रेडियर श्री संजय घोष एवं 4एमपी बटालियन एनसीसी के कमांडिग ऑफिसर कर्नल प्रशांत कुमार, सीनियर अंडर ऑफिसर अभय पांडे की बैठक आयोजित की गई।

बैठक में चर्चा के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के दिशा निर्देशों के अनुसार आगामी शैक्षणिक सत्र से एनसीसी एक जनरल इलेक्टिव क्रेडिट कोर्स के रूप में विश्वविद्यालय में अध्ययन हेतु शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इससे मीडिया एवं आईटी पाठ्यक्रमों के विद्यार्थी एनसीसी को एक विषय के रूप में अपनी डिग्री में शामिल कर सकेंगे। आगामी शैक्षणिक सत्र से विश्वविद्यालय के स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में एनसीसी एक जनरल इलेक्टिव क्रेडिट कोर्स के रूप में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को उपलब्ध होगा।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के एनसीसी ट्रूप के कैडेड्स ने एनसीसी ग्रुप हेडक्वाटर्स ब्रिग्रेडियर संजय घोष एवं 4एमपी बटालियन एनसीसी के कमांडिग ऑफिसर कर्नल प्रशांत कुमार का स्वागत किया। इस बैठक में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी,  प्रो. सी.पी. अग्रवाल, प्रो. पी. शशिकला के साथ ही एनस.सी ट्रूप के असिस्टेंट एन.सी.सी. ऑफिसर लेफ्टिनेंट मुकेश कुमार चौरासे भी उपस्थित थे।

पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में शामिल होगी एनसीसी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में संस्थान की पहल जनरल इलेक्टिव क्रेडिट कोर्स के रूप में जुड़ेगी एनसीसी भोपाल, 30 जून, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय अपने विभिन्न पाठ्यक्रमों में एनसीसी को एक जनरल इलेक्टीव क्रेडिट कोर्स (विषय) के रूप में शामिल कर राष्ट्रीय…