पत्रकारिता विश्वविद्यालय में आयोजन युवा संसद में छाया रहा रूस-यूक्रेन युद्ध

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में आयोजन युवा संसद में छाया रहा रूस-यूक्रेन युद्ध

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में युवा संसद प्रतियोगिता का आयोजन

भोपाल, 31 मार्च, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित युवा संसद में रूस-यूक्रेन युद्ध के मामले पर स्थगन प्रस्ताव लाया गया। प्रतिपक्ष ने बहस के दौरान कहा कि यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों एवं विद्यार्थियों को सुरक्षित निकालकर भारत लाने की कोई योजना सरकार के पास नहीं है। प्रतिपक्ष के इन आरोपों का जवाब देते हुए सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि यह पहली बार है, जब कैबिनेट मंत्रियों का दल स्वयं युद्ध क्षेत्र से अपने नागरिकों को वापस लेने गया है। सरकार भारतीय नागरिकों को सुरक्षित लाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने बताया कि ऑपरेशन गंगा के अंतर्गत लगभग सभी नागरिकों की स्वदेश वापसी हो चुकी है। इसके साथ ही युवा संसद में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई।

पं. कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ की ओर से आयोजित युवा संसद की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ हुई। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कोरोना योद्धाओं का आभार व्यक्त किया और कहा कि कोरोना महामारी के इन तीन वर्षों में हमने लोकतांत्रिक मूल्यों, अनुशासन एवं कर्तव्यनिष्ठा को और अधिक मजबूत होते देखा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में दुनिया ने भारत के सामर्थ्य को देखा है। हमने एक वर्ष से भी कम समय में 150 करोड़ से अधिक लोगों के टीकाकरण का रिकॉर्ड बना दिया है। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का भी उल्लेख अपने अभिभाषण में किया। उल्लेखनीय है कि युवा संसद में नोक-झोंक तो हुई लेकिन संसदीय कार्य बाधित नहीं हुआ।

प्रश्नकाल में जमकर हुई बहस : प्रश्न काल के दौरान प्रतिपक्ष की ओर से युवा सांसदों ने जरूरी और तीखे प्रश्न पूछे, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार के मुद्दे शामिल रहे। इसके साथ ही सत्ता पक्ष की ओर से मंत्री एवं सांसद बने विद्यार्थियों ने बहुत सधे हुए ढंग से और तथ्यों-तर्कों के आधार पर प्रश्नों का जवाब दिया। प्रश्नकाल में समान नागरिक संहिता का मुद्दा छाया रहा। प्रतिपक्ष ने प्रश्न उठाया कि सरकार चोरी-छिपे समान नागरिक संहिता कानून लाने की तैयारी कर रही है। इस कानून को लेकर अल्पसंख्यक समुदायों में असुरक्षा का वातावरण है। इसके उत्तर में सरकार की ओर से कहा गया कि विपक्ष की आशंका निराधार है। अभी ऐसा कोई कानून लाने की मंशा सरकार की नहीं है। किसी को भी असुरक्षित होने की जरूरत नहीं और जब कानून आएगा भी तो संविधान की मर्यादा में ही आएगा। इसके साथ ही शिक्षा नीति, शिक्षा व्यवस्था, रोजगार, एयर इंडिया, जीडीपी, जीएसटी सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। वहीं, ध्यानाकर्षण सूचना के तहत आयुष्मान योजना को लेकर चर्चा हुई।

युवा संसद की प्रस्तुति के दौरान संसदीय विद्यापीठ की संचालक डॉ. प्रतिमा यादव, जनसंचार विभाग के अध्यक्ष एवं युवा संसद आयोजन के समन्वयक डॉ. आशीष जोशी, एडजंक्ट प्रोफेसर गिरीश उपाध्याय, सांस्कृतिक कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आरती सारंग, सहायक प्राध्यापक श्री लोकेन्द्र सिंह, सुश्री गरिमा पटेल एवं सुश्री जया सुरजानी सहित अन्य उपस्थित रहे। निर्णायक मंडल में मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय के अवरसचिव श्री मुकेश मिश्रा और संसदीय कार्यविभाग के अवरसचिव श्री बृजराजेश्वर शर्मा शामिल रहे। इस अवसर पर निर्णायक मंडल ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन भी किया।

इन्होंने निभाई युवा संसद में भूमिका :

अंजली (राष्ट्रपति), श्रुति सुमन (लोकसभा अध्यक्ष), नीतेश गर्ग (प्रधानमंत्री), ईशा अहमद (नेता प्रतिपक्ष), विवेक कुमार सिंह (गृहमंत्री), जिया जय सिंह (वित्त मंत्री), नीतेश उचबगले (शिक्षा मंत्री ), पूजा सेन (स्वास्थ्य मंत्री), अनामिका पाठक (विदेश एवं नागरिक उड्डयन मंत्री), अमृत प्रकाश (श्रम एवं रोजगार मंत्री), साहिल कुमार (सहकारिता मंत्री), अनुष्का त्यागी (सामाजिक न्याय मंत्री), जितेन्द्र (संसदीय कार्यमंत्री), अमीषा कछावा (सांसद), शिवी कछावा (सांसद), तन्वी (सांसद), प्रतिपक्ष के सांसद राजन, निधि रावतिया, रुचि तिवारी, अंकिता मिश्रा, कपिल मिश्रा, आकांक्षा राज, आकाश कुमार, सजल कुमार, सुरभी विश्वकर्मा, स्नेहा श्रीवास्तव, कैलाश कुशवाह (मार्शल), मोहम्मद सोहेल (मार्शल), शिवी बाजपेयी (महासचिव), सुशील कुमार (रिपोर्टर) एवं अवनीश चौधरी (रिपोर्टर)।

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में आयोजन युवा संसद में छाया रहा रूस-यूक्रेन युद्ध माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में युवा संसद प्रतियोगिता का आयोजन भोपाल, 31 मार्च, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित युवा संसद में रूस-यूक्रेन युद्ध के मामले पर स्थगन प्रस्ताव लाया गया। प्रतिपक्ष ने बहस के दौरान कहा…

रासेयो शिविर में श्रमदान कर पर्यावरण को बचाने का लिया संकल्प

रासेयो शिविर में श्रमदान कर पर्यावरण को बचाने का लिया संकल्प

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई का तीसरा दिन

भोपाल, 10 मार्च, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा ग्राम बिशनखेड़ी में आयोजित सात दिवसीय विशेष इकाई शिविर के तीसरे दिन ‘वित्तीय साक्षरता’ पर आधारित कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसमें आरबीआई के अधिकारियों द्वारा बैंकिंग से संबंधित जानकारी दी गई।

रासेयो शिविर में स्वयंसेवकों के दिन की शुरुआत सुबह 6:00 बजे योग और प्राणायाम से हुई। इसके साथ ही शिविर नायक प्रवीण कुशवाहा के नेतृत्व में प्रभात फेरी निकालकर ग्रामवासियों को योग का महत्व बताया गया। तत्पश्चात शिविर की आदर्श दिनचर्या के अनुसार परियोजना कार्य में शिविर एवं इसके इसके आसपास की खाली जगहों की साफ-सफाई कर पॉलीथिन मुक्त किया गया एवं पौधों की क्यारियों को साफ कर पानी दिया गया। इस कार्य में शिविरार्थियों ने पर्यावरण को बचाने का भी संकल्प लिया।

दोपहर 2:00 बजे बौद्धिक सत्र में ‘वित्तीय साक्षरता’ विषय पर आरबीआई के सहायक महाप्रबंधक मयंक सक्सेना, प्रबंधक अनिल हसानी एवं सहायक प्रबंधक सौम्या कोडाटी ने शिविरार्थियों को जानकारी दी। उन्होंने एटीएम से संबंधित समस्याओं को लेकर बताया कि यदि एटीएम से लेनदेन करते समय अकाउंट से पैसे कट जाएं या एटीएम में फंस जाएं तो बैंक को 5 दिन के अंदर पैसे ग्राहक के अकाउंट में ट्रांसफर करना पड़ते हैं। 5 दिन से अधिक का समय होने पर प्रतिदिन 100 रुपए की दर से बैंकों को पेनाल्टी देनी पड़ती है। उन्होंने बैंकिंग लोकपाल योजना के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गजेन्द्र सिंह अवास्या उपस्थित रहे।

रासेयो शिविर में श्रमदान कर पर्यावरण को बचाने का लिया संकल्प माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई का तीसरा दिन भोपाल, 10 मार्च, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा ग्राम बिशनखेड़ी में आयोजित सात दिवसीय विशेष इकाई शिविर के तीसरे दिन…

बच्चों की मन की सुनें, उनके साथ समय बिताएं : वीरेंद्र मिश्रा

बच्चों की मन की सुनें, उनके साथ समय बिताएं : वीरेंद्र मिश्रा

बच्चों को क्या देखना है, क्या नहीं, माता-पिता करें तय : प्रो. केजी सुरेश

एमसीयू में यूनिसेफ के सहयोग से जनसंपर्क अधिकारियों के कार्यशाला का आयोजन

भोपाल, 09 मार्च, 2022: आजकल माता-पिता ने अपने बच्चों को समय देना छोड़ दिया है, जिसके चलते बच्चे सोशल मीडिया को समय दे रहे हैं। सोशल मीडिया की लत के चलते कई बच्चों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी। सोशल मीडिया में परोसी जा रही सामग्री बच्चों को मानसिक विकार की ओर ले जा रही है। यह कहना है, पीएचक्यू एआईजी भोपाल श्री वीरेंद्र मिश्रा का। यह बात उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल और यूनिसेफ मध्यप्रदेश के सहयोग से जनसंपर्क अधिकारियों के एक कार्यशाला के दौरान कही। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया समाज के हितकर होने के साथ ही नौनिहालों के लिए दिशा निर्देशन का भी काम करती है लेकिन सही मार्गदर्शन के साथ इसका उपयोग किया जाए। कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि बच्चों के अधिकार के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने बच्चों के खेलने के अधिकार पर बोलते हुए कहा कि हमें हर रिहायशी इलाकों में बच्चों के लिए पार्क उपलब्ध कराना चाहिए।

प्रो. सुरेश ने कहा कि सोशल मीडिया में बच्चों की प्राइवेसी के साथ खिलवाड़ हो रहा है। कई सामाजिक मुद्दों में बच्चों की मदद से वीडियो बनाकर लाखों लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों को क्या देखना चाहिए, क्या नहीं देखना चाहिए, इसकी पहल सभी माता-पिता अपने स्तर पर अपने घर से करें। क्योंकि स्कूल के बाद सबसे अधिक समय बच्चों का घर में बीतता है। उन्होंने कहा कि होटल एवं कारखाने में काम करने वाले बच्चों के हित में हमें आवाज उठानी पड़ेगी। इसकी पहल सभी लोग अपने स्तर पर करें। उन्होंने बताया कि आज तकनीक की सहायता से वीडियो के साथ खिलवाड़ किया जा जाता है बच्चों को इस तकनीक के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है, जिसके चलते उनके दिमाग में बुरा प्रभाव पड़ता है। कई सोशल मीडिया गेम के चलते बच्चों को अपनी जान गंवाई पड़ी। हमें इससे सीखना होगा।

वहीं, मुख्य वक्ता श्री वीरेंद्र मिश्रा ने कहा कि सोशल मीडिया का उपयोग करते समय इस बात का ध्यान रखें कि बच्चों के अधिकारों से जुड़े कानूनों का हनन तो नहीं हो रहा है। कार्यशाला ने दौरान उन्होंने जेजेएक्ट सहित कई कानूनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर यूनिसेफ के स्वास्थ्य संचार विशेषज्ञ श्री अनिल गुलाटी ने कहा कि सोशल मीडिया में अन्य अखबारों और टेलीविजन में बच्चों के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए खबरें लिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि खबरों में किसी अपराध की दशा में बच्चों की पहचान नहीं देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में बच्चों के अधिकारों पर हमें जागरूक होना चाहिए।

कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव डॉ. अविनाश बाजपेयी ने और धन्यवाद ज्ञापन यूनिसेफ कार्यक्रम के विश्वविद्यालय के समन्वयक मणिकंठन नायर ने किया।

बच्चों की मन की सुनें, उनके साथ समय बिताएं : वीरेंद्र मिश्रा बच्चों को क्या देखना है, क्या नहीं, माता-पिता करें तय : प्रो. केजी सुरेश एमसीयू में यूनिसेफ के सहयोग से जनसंपर्क अधिकारियों के कार्यशाला का आयोजन भोपाल, 09 मार्च, 2022: आजकल माता-पिता ने अपने बच्चों को समय देना छोड़ दिया है, जिसके चलते…

समाज को जोड़ने का कार्य करती है एनएसएस : प्रो. केजी सुरेश

समाज को जोड़ने का कार्य करती है एनएसएस : प्रो. केजी सुरेश

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई का सात दिवसीय विशेष शिविर ग्राम बिशन खेड़ी में 8 से 14 मार्च तक

भोपाल, 09 मार्च, 2022: ग्राम बिशनखेड़ी में आयोजित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता को समझने के लिए समाज से जुड़ना आवश्यक है। एनएसएस सामाजिक सरोकार का कार्य करती है। इसके माध्यम से ग्रामीण परिवेश को जानने का अवसर मिलता है। साथ ही व्यक्तित्व में अनगिनत परिवर्तन आते हैं। शिविर का आयोजन 8 से 14 मार्च तक होगा, जिसमें विद्यार्थी विभिन्न गतिविधियों का संचालन करेंगे।

कुलपति प्रो. सुरेश ने एनएसएस के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिविर समाप्त होने के बाद आपके जीवन में नये परिवर्तन आएंगे। एनएसएस की गतिविधियां आपको अनुशासन में रहना सिखाती हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना विषम परिस्थितियों में निर्णय लेने की क्षमता विकसित करती है। उन्होंने यह भी कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह अवास्या एवं शिविर नायक प्रवीण कुमार कुशवाहा सहित अन्य स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

समाज को जोड़ने का कार्य करती है एनएसएस : प्रो. केजी सुरेश माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई का सात दिवसीय विशेष शिविर ग्राम बिशन खेड़ी में 8 से 14 मार्च तक भोपाल, 09 मार्च, 2022: ग्राम बिशनखेड़ी में आयोजित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय…

स्त्री के अंदर असीमित क्षमता और शक्ति : कुलपति प्रो केजी सुरेश

स्त्री के अंदर असीमित क्षमता और शक्ति : कुलपति प्रो केजी सुरेश

अपने घर से होना चाहिए महिला सशक्तिकरण की शुरुआत : मोनिका अरोरा

आत्मरक्षा प्रशिक्षण से महिलाओं में आत्मविश्वास जागता है : ब्रीज त्रिपाठी

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में महिला : कल, आज और कलविषय पर संगोष्ठी का आयोजन

भोपाल, 08 मार्च, 2022: स्त्री के अंदर असीमित क्षमता है और कई क्षेत्रों में वह पुरुषों से भी आगे है। ये कहना है माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश का। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति ने ‘महिला : कल, आज और कल’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता श्रीमती मोनिका अरोरा एवं विशेष अतिथि आत्मरक्षा प्रशिक्षक श्रीमती ब्रीज त्रिपाठी थीं।

कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बारे में समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने पुरुषों को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता भी जताई। कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि फेमिनिस्ट होने की नहीं बल्कि फैमिलिस्ट होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आजकल बेटियों के शोषण के ज्यादा मामले देखे जा रहे हैं। यह चिंता का विषय है, इस सम्बन्ध में आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। इस अवसर पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्राओं एवं महिलाओं के लिए सेल्फ डिफेंस कोर्स की शुरुआत करने जा रहा है।

कार्यक्रम ऑनलाइन संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता एवं मुख्य अतिथि श्रीमती मोनिका अरोरा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाएं शिक्षित एवं सम्मानित रही हैं। वैदिककाल से लेकर आधुनिक समय के अनेक उदाहरण बताते हुए श्रीमती अरोरा ने कहा कि वित्त विभाग मां लक्ष्मी के पास रहा है, शिक्षा मंत्रालय मां सरस्वती के पास एवं रक्षा मंत्रालय मां काली के पास रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में महिलाओं के लिए बहुत से कठोर कानून बने हुए हैं लेकिन इसके बावजूद महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं जो कि चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण की शुरुआत अपने घर से होना चाहिए।

विशेष अतिथि आत्मरक्षा प्रशिक्षक एवं शिक्षा परामर्शदाता की सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती ब्रीज त्रिपाठी ने कहा कि लड़कियों का आत्मरक्षा के प्रशिक्षण के लिए रोका जाता है जबकि ट्रेनिंग के बाद महिलाओं का आत्मविश्वास बहुत बढ़ जाता है। इसलिए महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण दिलाए जाने पर उन्होंने बल दिया।

सफाईकर्मियों का सम्मान:

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विश्वविद्यालय में स्वच्छता कार्य से जुडी महिलाओं का सम्मान भी किया गया। कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने सभी सफाईकर्मियों को मंच पर आमंत्रित करके पुष्प भेंट करके उनका स्वागत और सम्मान किया। इसके साथ ही महिला दिवस के सन्दर्भ में आईसीसी द्वारा निबंध, कविता और फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। निबंध और कविता का विषय ‘भारत की स्वतंत्रता में महिलाओं की भूमिका’ और फोटोग्राफी का विषय ‘नारी’ था। प्रतियोगिताएं में विश्वविद्यालय के सभी परिसरों के कर्मचारियों, अधिकारियों एवं शिक्षकों ने सहभागिता की। इस अवसर पर विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने महिला सशक्तिकरण विषय पर लघु नाटिका की प्रस्तुति की। इसके साथ ही पत्रकारिता विभाग द्वारा प्रायोगिक समाचारपत्र ‘विकल्प’ के महिला दिवस विशेषांक का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर उन्होंने सेल्फ डिफेंस के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स भी छात्राओं को दिए। कार्यक्रम में डीन अकादमिक प्रो. पी. शशिकला, सहायक कुलसचिव श्री विवेक सावरीकर, विभाग अध्यक्ष, संकाय सदस्य, महिला कर्मचारी विशेष रूप से उपस्थित थीं।

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