भारत का प्राण तत्व है ‘गुरु शिष्य परंपरा’ : डॉ. उमाशंकर पचौरी

भारत का प्राण तत्व है ‘गुरु शिष्य परंपरा’ : डॉ. उमाशंकर पचौरी

जीवन को सार्थक बनाने की शिक्षा देते हैं गुरु : प्रो. केजी सुरेश

व्यास पूजा के प्रसंग पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में ‘गुरु-शिष्य परम्परा’ पर व्याख्यान

भोपाल, 25 जुलाई, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षण मंडल के संयुक्त तत्वावधान में व्यास पूजा के प्रसंग पर ‘गुरु-शिष्य परंपरा’ पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। शिक्षाविद एवं मंडल के अखिल भारतीय महामंत्री डा. उमाशंकर पचौरी ने कहा कि गुरु शिष्य परंपरा भारत का प्राण तत्व है। दुनिया में भारत को गुरु–शिष्य परंपरा के लिए जानते हैं। वहीं, कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि  आदर्श शिक्षक अपने विद्यार्थी को सिर्फ परीक्षा में सफलता पाने के लिए नहीं अपितु जीवन को सफल एवं सार्थक बनाने के लिए तैयार करता है।

मुख्य अतिथि डा. पचौरी ने कहा कि जब शिक्षक गुरुत्व का स्मरण करता है तो उसे शिक्षक का सामर्थ्य ध्यान आता है और शिक्षक का सामर्थ्य क्या है, इसे हम आचार्य चाणक्य, गुरु रामदास और रामकृष्ण परमहंस से लेकर विरजानंद तक के उदाहरणों से समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षक की चिंताएं बढ़ गयीं हैं इसलिए उसका प्रभाव क्षेत्र घट गया है। आवश्यकता है कि शिक्षक अपने गुरुत्व का स्मरण कर अपने चिंता क्षेत्र को घटाए ताकि उसका प्रभाव क्षेत्र बढ़े। डॉ. पचौरी ने कहा कि युग कोई भी हो गुरु–शिष्य परंपरा राष्ट्र का निर्माण करती है। परिवर्तन की प्रक्रिया गुरु से शुरू होती है और उसका वाहक बनता है शिष्य।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि बहुत से लोगों को लगने लगा है कि जानकारियों के लिए गूगल उपलब्ध है तो गुरु की क्या आवश्यकता है? स्मरण रखें कि गूगल या इस तरह की सुविधा ज्ञान का विकल्प नहीं बन सकती। आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस (एआई) में मानवीय स्पर्श नहीं है इसलिए एआई पर आधारित शिक्षा व्यवस्था हमें सर्वांगीण विकास की ओर नहीं ले जा सकती। इसलिए मशीन आधारित कोई भी व्यवस्था गुरु का स्थान नहीं ले सकती है। उन्होंने कहा कि आदर्श शिक्षक को स्वयं को कक्षा में अध्यापन तक सीमित नहीं रखना चाहिए बल्कि विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयास करने चाहिए। इससे पूर्व कार्यक्रम के संयोजक सहायक प्राध्यापक डॉ. मणिकंठन नायर ने व्यास पूजा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि महर्षि वेद व्यास की स्मृति में भारत में व्यास पूजा या गुरु पूजा की परंपरा है। वहीं, कार्यक्रम का संचालन कर रहे सहायक प्राध्यापक लोकेन्द्र सिंह ने कहा कि वेद व्यास ने वेदों के ज्ञान को युगानुकूल करके समाज के समक्ष प्रस्तुत किया। उनके प्रमुख ग्रन्थ ‘महाभारत’ को पंचम वेद कहा जाता है क्योंकि महाभारत में दुनिया का सभी प्रकार का ज्ञान समाहित है। इस अवसर पर भारतीय शिक्षण मंडल के ध्येय वाक्य का पाठ विकाश शर्मा ने किया। सहायक कुलसचिव विवेक सावरिकर ने सरस्वती एवं गुरुवंदना की। आभार प्रदर्शन कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकगण उपस्थित रहे।

भारत का प्राण तत्व है ‘गुरु शिष्य परंपरा’ : डॉ. उमाशंकर पचौरी जीवन को सार्थक बनाने की शिक्षा देते हैं गुरु : प्रो. केजी सुरेश व्यास पूजा के प्रसंग पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में ‘गुरु-शिष्य परम्परा’ पर व्याख्यान भोपाल, 25 जुलाई, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षण मंडल के संयुक्त तत्वावधान…

एमसीयू ने प्रारंभ किया देश का प्रथम पब्लिक रिलेशंस एंड एडवरटायजिंग रिसर्च जर्नल

एमसीयू ने प्रारंभ किया देश का प्रथम पब्लिक रिलेशंस एंड एडवरटायजिंग रिसर्च जर्नल

यूनाइटेड नेशंस इनवायर्नमेंट प्रोग्राम के पूर्व कार्यकारी निदेशक डॉ. एरिक सोलहेम ने किया विमोचन

भोपाल, 24 जुलाई, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एंव संचार विश्वविद्यालय के विज्ञापन एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा एडवरटायजिंग एवं पब्लिक रिलेशंस पर देश के पहले ऑनलाइन रिसर्च जर्नल का प्रकाशन प्रारंभ किया गया है। ‘जर्नल ऑफ पब्लिक रिलेशंस एंड एडवरटायजिंग (जेपीआरए)’ के प्रथम अंक का विमोचन विश्वविद्यालय के बिसनखेड़ी स्थित नवीन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में यूनाइटेड नेशंस इनवायर्नमेंट प्रोग्राम के छठवें कार्यकारी निदेशक नार्वे के डॉ. एरिक सोलहेम एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी.सुरेश द्वारा किया गया। एमसीयू द्वारा प्रकाशित किया गया यह जर्नल एडवरटायजिंग एवं पब्लिक रिलेशंस के क्षेत्र में देश का पहला ऑनलाइन रिसर्च जर्नल है। यह पीअर रिव्‍यूड रिसर्च जर्नल है।

विमोचन कार्यक्रम में डॉ. एरिक सोलेहम ने कहा कि पब्लिक रिलेशंस एवं एडवरटायजिंग के क्षेत्र में शोध की व्यापक संभावनायें हैं। इस क्षेत्र में शोध को प्रोत्साहित करने का विश्वविद्यालय का यह प्रयास बहुत ही सराहनीय है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी.सुरेश इस रिसर्च जर्नल के एडीटर इन चीफ हैं। विज्ञापन एवं जनसम्पर्क विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. पवित्र श्रीवास्तव इसके संपादक हैं। जनसम्पर्क एवं विज्ञापन के क्षेत्र के प्रख्यात विशेषज्ञ इस शोध पत्रिका के सम्पादक मण्डल में सलाहकार के रूप में शामिल हैं। इसमें प्रमुख रूप से बिजनेस वर्ल्ड के एडीटर इन चीफ श्री अनुराग बत्रा, आईआईएमसी की पूर्व प्राध्यापक प्रो. जयश्री जेठवानी, पीआरएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजीत पाठक, डैफोडिल इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ढाका, बांग्लादेश के एडवाइजर प्रो. उज्जवल अनु चौधरी और ग्रे मैटर्स कम्युनिकेशन के डायरेक्टर डॉ. नवनीत आनंद आदि शामिल हैं।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी.सुरेश ने बताया कि मास कम्युनिकेशन एवं मीडिया पर अनेक शोध पत्रिकायें प्रकाशित हो रही हैं परन्तु विज्ञापन एवं जनसम्पर्क पर शोध पत्रिका का अभाव था। इसी कमी को पूरा करने के लिए एमसीयू द्वारा देश का पहला पीअर रिव्‍यूड रिसर्च जर्नल पब्लिक रिलेशंस एंड एडवरटायजिंग (जेपीआरए) का प्रकाशन किया गया है। यह रिसर्च जर्नल एडवरटायजिंग एंड पब्लिक रिलेशंस के क्षेत्र में रिसर्च करने वाले युवाओं एवं प्रोफेशनल्स को अपने शोध कार्यों को प्रकाशित करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध करायेगा। प्रत्येक छह माह की अवधि में ऑनलाइन प्रकाशित होने वाले इस जर्नल को सीएसआईआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंड कम्युनिकेशन एंड पॉलिसी रिसर्च की ओर से आईएसएसएन नंबर प्रदान किया गया है।

इस जर्नल के एसोसिएट एडीटर डॉ. गजेन्‍द्र अवास्‍या, डॉ. जया सुरजानी, डॉ. अनिता सोनी एवं सुश्री गरिमा पटेल हैं। यह रिसर्च जर्नल विश्वविद्यालय की वेबसाइट एमसीयूडॉटएसीडॉट इन पर लॉगिन कर देखा जा सकता है।

एमसीयू ने प्रारंभ किया देश का प्रथम पब्लिक रिलेशंस एंड एडवरटायजिंग रिसर्च जर्नल यूनाइटेड नेशंस इनवायर्नमेंट प्रोग्राम के पूर्व कार्यकारी निदेशक डॉ. एरिक सोलहेम ने किया विमोचन भोपाल, 24 जुलाई, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एंव संचार विश्वविद्यालय के विज्ञापन एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा एडवरटायजिंग एवं पब्लिक रिलेशंस पर देश के पहले ऑनलाइन रिसर्च जर्नल…

MCU launches country’s first Public Relations and Advertising Research Journal

MCU launches country’s first Public Relations and Advertising Research Journal

Dr. Eric Solheim, Executive Director of the United Nations Environment Program, released the first issue of the journal

Bhopal, 24 July 2022: The Department of Advertising and Public Relations of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism  and Communication has started publication of the country’s first online research journal on Advertising and Public Relations. The first issue of the Journal of Public Relations and Advertising (JPRA) was released at a prestigious event at the university’s campus in Bisankhedi by the sixth executive director of the United Nations Environment Programme, Dr. Eric Solheim of Norway and the Vice-Chancellor of the University Prof. K.G.Suresh.The Peer Review Researchjournal, published by MCU, is country’s first online research journal in the field of advertising and public relations.

Speaking at the launch event, Dr. Eric Solheim said that there is a wide scope for research in the field of public relations and advertising and University’s effort to encourage research in this area is highly commendable. Vice-Chancellor of the University Prof. K.G.Suresh is the Editor-in-Chief of this research journal andHead of the Department of Advertising and Public Relations, Prof. Pavitra Srivastava is the editor. Eminent experts in the field of public relations and advertising are included in the editorial board of this research journal as consultants. Prominent among them include Shri Anurag Batra, Editor-in-Chief, Business World, Former Professor of IIMC, Prof. Jayashree Jethwani ,National President of PRSI ,Dr. Ajit Pathak, Daffodil International University Dhaka, Bangladesh, Advisor Prof. Bright Anu Chaudhary and Director of Grey Matter Communication Dr Navneet Anand.

Vice-Chancellor of the University Prof. K.G. Suresh said that many research journals on mass communication and media are being published but there was a lack of research journal on advertising and public relations. To meet this shortfall, the country’s first peer review research journal Public Relations and Advertising (JPRA) has been published by MCU. The research journal will provide an online platform to young people and professionals doing research in the field of advertising and public relations to publish their research works. The journal, published online every six months, has been provided with the ISSN number by CSIR-National Institute of Science Communication and Policy Research.Dr. Gajendra Avasya, Dr. Jaya Surjani, Dr. Anita Soni and Ms. Garima Patel are the Associate Editors of this journal. This research journal accessed by logging in to the university’s website mcu.ac.in.

MCU launches country’s first Public Relations and Advertising Research Journal Dr. Eric Solheim, Executive Director of the United Nations Environment Program, released the first issue of the journal Bhopal, 24 July 2022: The Department of Advertising and Public Relations of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism  and Communication has started publication of the country’s first…

अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी तंत्र, दोनों के लिए लाभदायक है हरित ऊर्जा : डॉ. एरिक सोलहेम

अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी तंत्र, दोनों के लिए लाभदायक है हरित ऊर्जा : डॉ. एरिक सोलहेम

हमारी संस्कृति देती है पर्यावरण संरक्षण का संस्कार : प्रो. केजी सुरेश

एमसीयू के नवीन परिसर में ‘पर्यावरण संरक्षण संगोष्ठी’ का आयोजन

भोपाल, 21 जुलाई, 2022: ग्रीन रिन्यूएबल एनर्जी (हरित नवीनीकरण ऊर्जा), इकोनॉमी और इकोलॉजी दोनों के लिए लाभदायक है। भारत में सौर ऊर्जा के उत्पादन की बहुत संभावनाएं हैं। इस बात की सराहना करनी चाहिए कि भारत के प्रधानमंत्री ने कार्बन उत्सर्जन को रोकने और ग्रीन एनर्जी के उत्पादन का संकल्प लिया है। यह विचार यूनाईटेड नेशनल इन्वायरमेंटल प्रोग्राम के पूर्व कार्यकारी निदेशक, नॉर्वे के डॉ. एरिक सोलहेम ने व्यक्त किए। वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित पर्यावरण संरक्षण संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस अवसर पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि भारत की संस्कृति का केंद्रीय विचार है–पर्यावरण संरक्षण। इसलिए आज आवश्यता है कि हम अपनी संस्कृति, परंपरा और मूल्यों का स्मरण करें, जो हमें पर्यावरण संरक्षण का संस्कार देते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के पत्रकारों को पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक रूप से कार्य करना चाहिए।

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ. सोलहेम ने कहा कि एक समय था जब बीजिंग दुनिया का सबसे अधिक प्रदूषित शहर था लेकिन आम नागरिकों के सहयोग से उन्होंने बीजिंग की सूरत बदल दी है। जब चीन के लोग बीजिंग में प्रदूषण को कम कर सकते हैं तब भारत के नागरिक तो यह कर ही सकते हैं। नागरिकों के सहयोग और जागरूकता के बिना पर्यावरण संरक्षण संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत तेजी से आगे बढ़नेवाला राष्ट्र है। वर्तमान समय में भारत के सामने पर्यावरण संरक्षण भी बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को स्वीकार करके बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सबको मिलकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने में पत्रकार और पत्रकारिता संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। जनसंचार के माध्यम पर्यावरण संरक्षण को जनांदोलन बना सकते हैं।

भारत बन सकता है सोलर पावर:

डॉ. सोलहेम ने कहा कि चीन के बाद सोलर एनर्जी के उत्पादन में भारत दूसरे स्थान पर है। वहीं, कम लागत के मामले में सौर ऊर्जा उत्पादन में भारत सबसे आगे है। भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन के प्रयास बड़े स्तर पर किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के उत्पादन में मध्यप्रदेश के प्रयास भी उल्लेखनीय हैं। इस क्षेत्र में मध्यप्रदेश में अभी और संभावनाएं हैं। भारत की स्थिति ऐसी है कि वह वैश्विक स्तर पर सोलर पावर बन सकता है।

डॉ. सोलहेम ने कहा कि ऊर्जा के उत्पादन से बहुत प्रदूषण होता है। इसलिए हमें ऊर्जा के नवीनीकरण और पुनरुपयोग पर अधिक ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि ग्रीन एनर्जी का उपयोग करके हम पृथ्वी की सेवा करते हैं। अपने उद्बोधन में डॉ. सोलहेम ने रानी लक्ष्मीबाई और माखनलाल चतुर्वेदी को भी याद किया।

पर्यावरण संरक्षण हमारे लिए बहुत संवेदनशील मुद्दा : कुलपति प्रो. सुरेश

हमने यूं ही वसुधैव कुटुंबकम् की बात नहीं कही, बल्कि हम वर्षों से इस विचार को जी रहे हैं। हमने प्रकृति के साथ आत्मीय संबंध बनाए। इसलिए पर्यावरण संरक्षण हमारे लिए बहुत संवेदनशील मुद्दा है। राजस्थान का चिपको आंदोलन बताता है कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारा किस तरह का समर्पण है। भारत के धर्मगुरु एवं धार्मिक संस्थान भी पर्यावरण संरक्षण के प्रयास करते हैं और इस पर जोर देते हैं। कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और विश्वविद्यालय की महापरिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान प्रतिदिन एक पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं।

संगोष्ठी से पूर्व परिसर में मुख्य अतिथि डॉ. एरिक सोलहेम और कुलपति प्रो. केजी सुरेश सहित अन्य अतिथियों ने पौधरोपण किया। इस अवसर पर पर्यावरण कार्यकर्ता आर. एच. लता, कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी, कंप्यूटर विभाग के अध्यक्ष प्रो. सीपी अग्रवाल, संगोष्ठी के संयोजक श्री शैलेश सिंघल एवं श्री तन्मय अग्रवाल सहित नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री विनोद गुप्ता ने किया।

विज्ञापन एवं जनसंपर्क पर केंद्रित शोध जर्नल का विमोचन:

इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित विज्ञापन एवं जनसंपर्क पर केंद्रित शोध जर्नल के पहले अंक का विमोचन किया गया। यह भारत का पहला शोध जर्नल है जो विज्ञापन एवं जनसंपर्क पर केंद्रित है। शोध जनरल के संपादक प्रो. पवित्र श्रीवास्तव इस अवसर पर उपस्थित रहे।

पर्यावरण संरक्षण के लिए इन्हें मिले पुरस्कार:

इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए ओजस्वी पुरस्कारों की घोषणा की गई। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर को ओजस्वी चैंपियन ऑफ ब्रदरहुड अवॉर्ड–2022 दिया गया। इस मौके पर उनका शुभकामना संदेश भी प्रसारित किया गया। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने के लिए श्री प्रवीण गुगनानी, डॉ. मीना अग्रवाल, डॉ. एचआर नागेंद्र, श्री संजीव अग्रवाल, सुश्री नव्या सुरेश, महामंडलेश्वर डॉ. नरसिंह दास, डॉ. वीरेंद्र सिंह, गुरुनाथ डॉ. मोक्षगुंडम, प्रो. प्रशांत बरेदर और डॉ. योगेंद्र कुमार सक्सेना को ओजस्वी अवार्ड दिए गए।

अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी तंत्र, दोनों के लिए लाभदायक है हरित ऊर्जा : डॉ. एरिक सोलहेम हमारी संस्कृति देती है पर्यावरण संरक्षण का संस्कार : प्रो. केजी सुरेश एमसीयू के नवीन परिसर में ‘पर्यावरण संरक्षण संगोष्ठी’ का आयोजन भोपाल, 21 जुलाई, 2022: ग्रीन रिन्यूएबल एनर्जी (हरित नवीनीकरण ऊर्जा), इकोनॉमी और इकोलॉजी दोनों के लिए लाभदायक है।…

एमसीयू में इन्वायरमेंटल कान्क्लेव 2022 का आयोजन आज

एमसीयू में इन्वायरमेंटल कान्क्लेव 2022 का आयोजन आज

भोपाल, 20 जुलाई, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के बिसनखेड़ी स्थित नवीन परिसर में गुरुवार को 4:00 बजे से इन्वायरमेंटल कनजरवेशन कान्क्लेव-2022 का आयोजन है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यूनाईटेड नेशनल इन्वायरमेंटल प्रोग्राम के कार्यकारी अधिकारी नॉर्वे के डॉ. एरिक सोलहेम होंगे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग होंगे और अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश करेंगे। यूथ ऑफ इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक श्री शैलेश सिंघल एवं श्री तन्मय अग्रवाल इस कार्यक्रम के मुख्य आयोजक हैं। दोपहर 4 बजे पौधारोपण होगा। इसके पश्चात पर्यावरण संबंधित सत्रों  के अलावा इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं को ओजस्वी चेम्पियन अवार्ड से सम्मानित भी किया जायेगा।

एमसीयू में इन्वायरमेंटल कान्क्लेव 2022 का आयोजन आज भोपाल, 20 जुलाई, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के बिसनखेड़ी स्थित नवीन परिसर में गुरुवार को 4:00 बजे से इन्वायरमेंटल कनजरवेशन कान्क्लेव-2022 का आयोजन है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यूनाईटेड नेशनल इन्वायरमेंटल प्रोग्राम के कार्यकारी अधिकारी नॉर्वे के डॉ. एरिक सोलहेम होंगे। कार्यक्रम के…

आवश्‍यक सूचना: शैक्षणिक सत्र 2022-23 की प्रवेश परीक्षा के Admit Card Download करने बाबत्

:: आवश्‍यक सूचना ::

शैक्षणिक सत्र 2022-23 की प्रवेश परीक्षा के Admit Card दिनांक 20 जुलाई से 24 जुलाई 2022 तक Download किये जा सकते हैं। Admit Card Download करने हेतु दिये गये लिंक https://mcrpv.mponline.gov.in/portal/ पर क्लिक करें। विद्यार्थी अपना Form Number एवं DOB को Fill करने के पश्‍चात Group Select करके Admit Card Download/Print कर सकते हैं।

नागपुर एवं दरभंगा प्रवेश परीक्षा केन्‍द्र चयन करने वाले विद्यार्थियों को उनके द्वारा चुने गये Exam Center Preference 2 के आधार पर प्रवेश परीक्षा केन्‍द्र आवंटित का Admit Card जारी किया गया है।

:: आवश्‍यक सूचना :: शैक्षणिक सत्र 2022-23 की प्रवेश परीक्षा के Admit Card दिनांक 20 जुलाई से 24 जुलाई 2022 तक Download किये जा सकते हैं। Admit Card Download करने हेतु दिये गये लिंक https://mcrpv.mponline.gov.in/portal/ पर क्लिक करें। विद्यार्थी अपना Form Number एवं DOB को Fill करने के पश्‍चात Group Select करके Admit Card Download/Print कर सकते हैं। नागपुर एवं दरभंगा प्रवेश परीक्षा केन्‍द्र चयन करने वाले विद्यार्थियों को उनके द्वारा चुने गये…

एनसीसी के बाद अब एमसीयू में पढ़ाया जाएगा एनएसएस : प्रो. केजी सुरेश

एनसीसी के बाद अब एमसीयू में पढ़ाया जाएगा एनएसएस : प्रो. केजी सुरेश

भोपाल, 14 जुलाई, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के बाद अब राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) को जेनरिक इलेक्टिव क्रेडिट कोर्स के रूप में शामिल कर लिया है। इसको लेकर हुई बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एनएसएस का कोर्स पाठ्यक्रम में शामिल किया गया गया है। विद्यार्थी अब पत्रकारिता के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर सामाजिक जागरूकता के कार्यक्रम चलाएंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय बिसनखेड़ी स्थित अपने नये परिसर के आसपास के गांवों को भी गोद लेगा। एनएसएस और पत्रकारिता के साझा उद्देश्य हैं, इस पाठ्यक्रम से विद्यार्थियों में व्यक्तित्व विकास होगा।

पाठ्यक्रम के बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में बाहरी विषय विशेषज्ञ के रूप में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अनंत कुमार सक्सेना और कार्यक्रम अधिकारी मुक्त इकाई श्री राहुल सिंह परिहार एवं विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव प्रो. अविनाश बाजपेई एवं डीन एकेडमिक प्रो. पी. शशिकला शामिल रहीं। बैठक में पाठ्यक्रम को बेहतर बनाने के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। वहीं, पाठ्यक्रम के समन्वयक डॉ. गजेंद्र सिंह अवास्या ने बताया कि यह कोर्स 5 क्रेडिट का होगा और स्नातक के विद्यार्थी जेनरिक इलेक्टिव के रूप में ले सकेंगे।

एनसीसी के बाद अब एमसीयू में पढ़ाया जाएगा एनएसएस : प्रो. केजी सुरेश भोपाल, 14 जुलाई, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के बाद अब राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) को जेनरिक इलेक्टिव क्रेडिट कोर्स के रूप में शामिल कर लिया है। इसको लेकर हुई बोर्ड ऑफ स्टडीज की…