राजनीति नहीं, विकास हो प्राथमिक – श्री गिरिजाशंकर

राजनीति नहीं, विकास हो प्राथमिक – श्री गिरिजाशंकर

पत्रकारिता इतिहास, लेकिन बिखरे हुए मोती की तरह : कुलपति प्रो.सुरेश

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में वरिष्ठ पत्रकार श्री गिरिजा शंकर की पुस्तकों पर चर्चा

भोपाल, 11 मई, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में बुधवार को वरिष्ठ पत्रकार श्री गिरिजा शंकर की पुस्तक ‘समकालीन राजनीति मध्यप्रदेश’ एवं ‘चुनावी राजनीति मध्यप्रदेश’ पर चर्चा का आयोजन किया गया। पुस्तकालय विभाग द्वारा राधेश्याम शर्मा सभागार में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन पुस्तकालय विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. आरती सारंग ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डॉ. अविनाश वाजपेयी द्वारा किया गया।

वरिष्ठ पत्रकार श्री गिरिजा शंकर ने अपनी पुस्तक पर चर्चा करते हुए कहा कि जो तथ्य चुनावी मुद्दों का प्रभावित करते हैं, उन तथ्यों को उन्होंने अपनी पुस्तक में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि इसमें उनके द्वारा किसी पत्रकार की पुस्तक या अखबारों में छपने वाली खबरों, कतरनों से अलग हटकर तथ्यात्मक आधार पर पुस्तक को लिखा है। श्री गिरिजा शंकर ने आजादी के पहले एवं बाद में मध्यप्रदेश की राजनीति को पुस्तक चर्चा के दौरान बहुत ही रोचकता एवं गंभीरता के साथ बताया।

राजनीति पर बात करते हुए श्री गिरिजाशंकर ने कहा कि आज राजनीति प्राथमिकता हो गई है जबकि विकास को प्राथमिकता होना चाहिए था। उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि चुनाव में प्रबंधन होना बहुत जरूरी है एवं प्रबंधन से ही चुनाव जीते जाते हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश की राजनीति से जुड़े कुछ रोचक किस्से भी सुनाए। श्री गिरिजा शंकर ने कहा कि यदि लोकतंत्र को मजबूत करना है तो युवाओं, महिलाओं एवं किसानों के सशक्तिकरण से पहले नेताओं का सशक्तिकरण किया जाना आवश्यक है बाकी सभी का सशक्तिकरण अपने आप हो जाएगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने श्री गिरिजाशंकर की दोनों पुस्तकों की सराहना करते हुए कहा कि यदि विद्यार्थियों को मध्यप्रदेश की राजनीति को जानना-समझना है तो इन पुस्तकों को अवश्य पढ़ना चाहिए। प्रो. सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता एक इतिहास है लेकिन बिखरे हुए मोती की तरह है। उन्होंने कहा इन मोतियों को इकट्ठा किया जाना बहुत आवश्यक है। प्रो. सुरेश ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके अंतर्गत 75 वर्षों में प्रदेश की राजनीति में क्या-क्या हुआ इसे लिखने की आवश्यकता है। उन्होंने श्रुति एवं स्मृति की बात करते हुए कहा कि हम संतुष्टि में जीवन जीने वाले संतुष्ट प्राणी रहे हैं, यही वजह रही कि हमने कई चीजों का दस्तावेजीकरण नहीं किया।

राजनीति नहीं, विकास हो प्राथमिक – श्री गिरिजाशंकर पत्रकारिता इतिहास, लेकिन बिखरे हुए मोती की तरह : कुलपति प्रो.सुरेश पत्रकारिता विश्वविद्यालय में वरिष्ठ पत्रकार श्री गिरिजा शंकर की पुस्तकों पर चर्चा भोपाल, 11 मई, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में बुधवार को वरिष्ठ पत्रकार श्री गिरिजा शंकर की पुस्तक ‘समकालीन राजनीति मध्यप्रदेश’…

प्रार्थना सही नहीं होगी तो उत्तर भी सही नहीं होगा : डॉ. उमा शंकर पांडे

प्रार्थना सही नहीं होगी तो उत्तर भी सही नहीं होगा : डॉ. उमा शंकर पांडे

भोपाल, 09 मई, 2022: डाटा जर्नलिज्म में पहली चुनौती है कि सोर्स क्या है? डाटा कहाँ से लाएं? इसका समाधान है– डिजिटल रिसोर्स और सबसे आसान तरीका है गूगल। लेकिन गूगल बाबा के दरबार में अर्जी कैसे लगाई जाए? प्रार्थना सही नहीं होगी तो उत्तर भी सही नहीं मिल पाएगा। गूगल पावर टिप्स, सही सवाल पूछना यह बस एक छोटा सा भाग है डाटा जर्नलिज्म का। यह बात डॉ. उमा शंकर पांडे ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय डाटा जर्नलिज्म कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में कही। एमसीयू में विद्यार्थियों को डेटा जर्नलिज्म के प्रशिक्षण हेतु तीन दिवसीय डेटा जर्नलिज्म कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

जून-जुलाई में भी ऐसे सत्रों का आयोजन किया जाएगा : कुलपति प्रो. केजी सुरेश

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि इंडस्ट्री और एकेडमिक्स कहीं ना कहीं संपर्क सूत्र में नहीं रह पाते हैं। विद्यार्थी फील्ड के लिए तैयार हो इसलिए विश्वविद्यालय द्वारा स्क्रिप्ट राइटिंग से लेकर विभिन्न विषयों पर लगातार प्रायोगिक सत्रों का आयोजन किया जा रहा है। जून-जुलाई में भी ऐसे सत्रों का आयोजन किया जाएगा ताकि विद्यार्थी इंडस्ट्री में जाकर काम कर सकें।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, संकाय सदस्य, तकनीकी स्टाफ एवं विद्यार्थी मौजूद रहे। ऑनलाइन माध्यम से रीवा, दतिया एवं खंडवा परिसर के प्रभारी, संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी जुड़े। उक्त कार्यशाला का आयोजन नवीन मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम की रूपरेखा कार्यशाला संयोजक एवं विश्वविद्यालय की डीन अकैडमिक प्रो. डॉ. पी. शशिकला ने प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन विभाग की छात्राओं रितिका, मानसी तिवारी एवं कीर्ति खंडेलवाल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्राध्यापक श्री मनोज कुमार धुर्वे ने किया।

प्रार्थना सही नहीं होगी तो उत्तर भी सही नहीं होगा : डॉ. उमा शंकर पांडे भोपाल, 09 मई, 2022: डाटा जर्नलिज्म में पहली चुनौती है कि सोर्स क्या है? डाटा कहाँ से लाएं? इसका समाधान है– डिजिटल रिसोर्स और सबसे आसान तरीका है गूगल। लेकिन गूगल बाबा के दरबार में अर्जी कैसे लगाई जाए? प्रार्थना…

कंप्यूटर के साथ ही अब मीडिया के पाठ्यक्रम भी चला सकती हैं सम्बद्ध अध्ययन संस्थाएं : कुलपति प्रो. केजी सुरेश

कंप्यूटर के साथ ही अब मीडिया के पाठ्यक्रम भी चला सकती हैं सम्बद्ध अध्ययन संस्थाएं : कुलपति प्रो. केजी सुरेश

पत्रकारिता विश्वविद्यालय द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न, जबलपुर संभाग के कटनी, मंडला, नरसिंहपुर जिलों के निदेशकों ने लिया भाग

भोपाल, 07 मई, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा जबलपुर में सम्बद्ध अध्ययन संस्थाओं के निदेशकों के लिये शनिवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की। कार्यशाला में जबलपुर संभाग के कटनी, मंडला, नरसिंहपुर एवं जबलपुर जिलों की सम्बद्ध अध्ययन संस्थाओं के निदेशक शामिल हुए।

कार्यशाला की अध्यक्षता करते प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि छात्र हित हमारे लिये सर्वोपरि है। इसलिए विद्यार्थियों को केंद्र में रखकर संस्थाएं कार्य करें। प्रो. सुरेश ने निदेशकों से सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने को कहा। उन्होंने कहा कि आज डिजिटल का जमाना है। तकनीक रोज बदल रही है इसलिए संस्थाओं और उनके निदेशकों को अपडेट रहना चाहिए।

कुलपति ने इस अवसर कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की। उन्होंने कहा कि सम्बद्ध अध्ययन संस्थाएं अब कंप्यूटर के पाठ्यक्रम के साथ ही मीडिया के कोर्स भी शुरु कर सकती हैं। इसी तरह मीडिया की संस्थाएं भी कंप्यूटर चला सकती हैं। दोनों पाठ्यक्रम एक साथ उसी जगह पर चला सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने संस्थाओं और छात्रों को प्रोत्साहित करने और अकादमिक उन्नयन के लिये बेस्ट स्टूडेंट और बेस्ट स्टडी सेंटर के रूप में हर संभाग से एक-एक पुरस्कार भी दिये जाने की घोषणा की। कार्यशाला में स्टडी सेंटर के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार साझा किये। कार्यशाला में निदेशक एएसआई डॉ. मनीष माहेश्वरी, परीक्षा  नियंत्रक डॉ. राजेश पाठक, संचार शोध विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मोनिका वर्मा, विशेष अधिकारी डॉ. अरुण कुमार खोबरे, सहायक कुलसचिव श्री विवेक शाक्य ने प्रवेश, परीक्षा, शिकायत समेत विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर बात की।

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प्रवेश सूचना 2022-23: विश्वविद्यालय के भोपाल, खण्डवा, रीवा एवं दतिया परिसर में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में संचालित होने वाले विभिन्‍न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित

प्रवेश सूचना 2022-23: विश्वविद्यालय के भोपाल, खण्डवा, रीवा एवं दतिया परिसर में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में संचालित होने वाले विभिन्‍न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित। ऑनलाईन आवेदन दिनांक 11 मई, 2022 से भरे जावेंगे। आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 जून, 2022 है।



प्रवेश सूचना 2022-23: विश्वविद्यालय के भोपाल, खण्डवा, रीवा एवं दतिया परिसर में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में संचालित होने वाले विभिन्‍न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित। ऑनलाईन आवेदन दिनांक 11 मई, 2022 से भरे जावेंगे। आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 जून, 2022 है। 

देश में आज भी सिनेमा के अच्छे स्कूल और कालेज नहीं : श्री अजित राय

देश में आज भी सिनेमा के अच्छे स्कूल और कालेज नहीं : श्री अजित राय

भारतीय सिनेमा पूरे विश्व में चर्चा का विषय : कुलपति प्रो केजी सुरेश

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में ‘विश्व सिनेमा का वर्तमान’ विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन

भोपाल, 04 मई, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सिनेमा अध्ययन विभाग द्वारा बुधवार को ‘विश्व सिनेमा का वर्तमान’ विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। वरिष्ठ फिल्म समीक्षक श्री अजित राय कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे और अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।

इस अवसर पर वरिष्ठ फिल्म समीक्षक श्री अजित राय ने कहा कि हमारे देश को भी सिनेमा का हब बनाना चाहिए। सिनेमा शिक्षा की वर्तमान दशा को लेकर उन्होंने कहा कि हमारे देश में इसके लिये अच्छे स्कूल और कॉलेज नहीं हैं। सिनेमा के पठन-पाठन की भी बहुत कमी है। श्री राय ने पश्चिम के शिक्षा केंद्रों के बारे में कहा कि वहां इसमें राजनीति नहीं होती इसलिए वो हमसे आगे हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि आजकल भारतीय सिनेमा पूरे विश्व में चर्चा का विषय है। ओटीटी के आने के बाद लोगों ने कयास लगाना शुरू कर दिया था कि बड़े पर्दे का भविष्य खतरे में है लेकिन केजीएफ-2, आरआरआर और द कश्मीर फाइल्स जैसी फ़िल्मों ने बता दिया कि सिनेमा देखने का आनंद बड़े पर्दे पर है। प्रो. सुरेश ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा फिल्म की शिक्षा के लिए सिनेमा अध्ययन विभाग खोला गया है और सपना है कि यह विभाग भारत का सबसे अच्छा फिल्म विभाग बने। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य फिल्म शिक्षा को घर-घर तक पहुंचाना है। कुलपति ने कहा यदि कोई फिल्म अच्छी बनी है तो उसे हमें अवश्य देखना चाहिए, इसमें भाषा की बाध्यता नहीं होना चाहिए।

विशेष व्याख्यान का संचालन सिनेमा अध्ययन विभाग के अध्यक्ष प्रो. पवित्र श्रीवास्तव ने किया। व्याख्यान में विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र उपस्थित थे।

देश में आज भी सिनेमा के अच्छे स्कूल और कालेज नहीं : श्री अजित राय भारतीय सिनेमा पूरे विश्व में चर्चा का विषय : कुलपति प्रो केजी सुरेश पत्रकारिता विश्वविद्यालय में ‘विश्व सिनेमा का वर्तमान’ विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन भोपाल, 04 मई, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सिनेमा अध्ययन…