एमसीयू में “निशंक’ ने सुनाई “लेखक गाँव’ की कहानी
एमसीयू में “निशंक‘ ने सुनाई “लेखक गाँव‘ की कहानी
भोपाल 30 नवम्बर। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विवि (एमसीयू) में पूर्व केंद्रीय मंत्री और लेखक डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक रविवार को कैम्पस में विद्यार्थियों से मिले। देहरादून में बने देश के पहले लेखक गाँव की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि हिमालय की गोद में देश-दुनिया के लेखकों और रचनाकारों के लिए एक गाँव बसाया गया है। यहाँ 40 हजार किताबों का संग्रह है। नई पीढ़ी के रचनाकारों के लिए आवास की सुविधा है। पूरा निर्माण हिमालय की वास्तुकला पर केंद्रित है। कवि और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्वप्न था कि लेखकों के लिए एक ऐसा परिसर विकसित किया जाए। यहाँ हिमालय की लोक संस्कृति पर केंद्रित एक संग्रहालय भी बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को एक विश्व बाजार के रूप में देखा जा रहा है। जबकि भारतीय दृष्टि बाजार की नहीं है, वह पूरे विश्व को एक परिवार मानती है। मीडिया को भी भारतीय दृष्टि से ही विश्व को समझने और देखने की जरूरत है। हम बाजार नहीं हैं। हम मनुष्य हैं। हमारी सभ्यता-संस्कृति और सरोकार एक दूसरे से साझे हैं। मीडिया में यही भाव जगाना जरूरी है ताकि भारतीय मूल्यों की महान विरासत आगे बढ़े। कुलगुरू विजय मनोहर तिवारी ने परिसर में उनका स्वागत किया। उन्होंने दादा माखनलाल चतुर्वेदी की प्रतिमा का अवलोकन किया और शिलालेख के स्थान पर लगे “कर्मवीर’ अखबार के रचनात्मक प्रयोग को सराहा। उन्होंने कहा कि लेखक गाँव विश्वविद्यालय के साथ मिलकर भी कुछ रचनात्मक सृजन में अपनी भूमिका निभा सकता है।


एमसीयू में “निशंक’ ने सुनाई “लेखक गाँव’ की कहानी भोपाल 30 नवम्बर। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विवि (एमसीयू) में पूर्व केंद्रीय मंत्री और लेखक डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक रविवार को कैम्पस में विद्यार्थियों से मिले। देहरादून में बने देश के पहले लेखक गाँव की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि हिमालय की गोद में…








