भोपाल, 30 सितम्बर। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सिनेमा अध्ययन विभाग ने मंगलवार को “Camera Through Lens” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यक्रम विश्वविद्यालय के लता मंगेशकर सभागार (तक्षशिला ब्लॉक) में हुआ। इस कार्यशाला का संचालन प्रसिद्ध सिनेमैटोग्राफर शादाब आलम ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं आभार प्रो. पवित्र श्रीवास्तव विभाग अध्यक्ष चलचित्र विभाग द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम के संयोजक डॉ. गजेंद्र सिंह अवास्या थे l

विषय विशेषज्ञ द्वारा छात्रों को कैमरा और लेंस की बारीकियों से रूबरू कराते हुए बताया कि सिनेमा केवल कहानी नहीं, बल्कि दृश्य की भाषा है, और कैमरा उसका सबसे बड़ा माध्यम है। शादाब आलम ने समझाया कि किस तरह अलग-अलग फोटोग्राफी एंगल्स किसी किरदार को शक्तिशाली या संवेदनशील बना देते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि “लो-एंगल शॉट किसी भी पात्र को मज़बूत और प्रभावी दिखाता है, जबकि हाई-एंगल शॉट उसे कमजोर या दबा हुआ साबित कर सकता है।”कार्यशाला के दौरान छात्रों को यह भी बताया गया कि कलर टोन का चयन फिल्म की भावनात्मक परतों को गहराई देता है। वार्म टोन जहाँ अपनापन और सहजता का एहसास कराते हैं, वहीं कोल्ड टोन तनाव और रहस्य को उभारते हैं।
तकनीकी पहलुओं पर बात करते हुए उन्होंने बिटरेट्स और क्वालिटी का महत्व समझाया। उनका कहना था कि डिजिटल युग में उच्च बिटरेट केवल तकनीकी सुधार नहीं, बल्कि, दर्शक के अनुभव को बेहतर बनाने का जरिया है।
यह आयोजन फ्यूजी फिल्म और फ्यूजिनॉन के सहयोग से हुआ। कार्यक्रम में आधुनिक कैमरा लेंस का लाइव डेमो भी दिया गया, जिसे छात्रों ने विशेष रुचि के साथ देखा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पहल की सराहना की और कहा कि ऐसे आयोजनों से छात्रों को फिल्म निर्माण की व्यावहारिक समझ मिलती है, जो कक्षा की पढ़ाई से कहीं आगे जाकर उन्हें उद्योग के लिए तैयार करती है।
विभागाध्यक्ष
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