एमसीयू में सोशल मीडिया दक्षता एवं
प्रबन्धन कौशल विकास विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न
सोशल मीडिया पर दूरगामी विषयों पर काम करें विद्यार्थी : कुलगुरु श्री विजय मनोहर तिवारी
भारत जैसे देश में कंटेंट क्रिएशन की अपार संभावनाएं : कुलगुरु श्री विजय मनोहर तिवारी
भोपाल, 05 जुलाई, 2025: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल और पब्लिक मीडिया टेक फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं के लिए विश्वविद्यालय परिसर में सोशल मीडिया में दक्षता एवं प्रबन्धन कौशल विकास विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन प्रतिभागियों के लिए अनेक विषयों पर महत्वपूर्ण सत्रों का संचालन हुआ। आज के इस अवसर पर पहले सत्र में सोशल मीडिया और मार्केटिंग की विशेषज्ञ सुश्री मनोज्ञा तिवारी ने क्रिएटिव कंटेंट कैसे तैयार करें और कैसे उसे सोशल मीडिया पर सफल बनाएं, इन विषयों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि दरअसल सोशल मीडिया पर कंटेंट क्रिएशन केवल इन्फ्लुएंस करना ही नहीं है। एक सफल क्रिएटर बनने के लिए स्पष्ट दृष्टिकोण होना आवश्यक है। अच्छी स्क्रिप्ट लिखने जैसे बिंदुओं पर भी उन्होंने चर्चा की।
इसके बाद वरिष्ठ पत्रकार शुभी विश्वकर्मा ने ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए बुनियादी विषयों की जानकारी प्रतिभागियों को दीं। उन्होंने कहा कि फील्ड पर जाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और अपनी स्टोरी को तथ्यों के साथ कैसे और रोचक बनाया जा सकता है। एक सत्र में सोशल मीडिया विशेषज्ञ और कार्यशाला के विशिष्ट वक्ता बतौर श्री शलभ उपाध्याय ने बताया कि सोशल मीडिया पर कंटेंट क्रिएट कर किस तरह से कोई जीवन यापन कर सकता है।
इसके बाद इलेक्ट्रानिक मीडिया विभाग की प्रमुख प्रोफेसर मोनिका वर्मा ने सोशल मीडिया कंटेंट एनालिसिस, मीट्रिक्स आदि विषयों पर उद्बोधन दिया। डॉ. वर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की रीच, इंगेजमेंट रेट, डेटा एनालिसिस आदि तकनीकों पर प्रतिभागियों से विस्तार से चर्चा की।
इस कार्यशाला में विश्वविद्यालय की डीन अकादमिक प्रोफेसर पी. शशिकला ने भी फैक्ट चैकिंग पर अपना उद्बोधन दिया। गलत सूचनाओं को कैसे पहचानें, तथ्य परक सूचनाओं का सही प्रसार कैसे करें इन तमाम विषयों पर उन्होंने विस्तार से प्रतिभागियों को समझाया। उन्होंने रिसर्च और डेटा एनालिटिक्स की बारीकियों से विद्यार्थियों को रू-ब-रू करवाया।
कार्यशाला के समापन सत्र में कार्यक्रम के समापन सत्र में श्री शलभ उपाध्याय ने दो दिनों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके बाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बी. के. कुठियाला ने कहा कि सोशल मीडिया प्रोफेशनल्स का उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए। क्रिएटर्स को सोशल मीडिया की मर्यादाओं को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सवांद और संचार में सत्य की पूर्णता सोशल मीडिया के जरिये करने का प्रयास करना चाहिए।
इस सत्र में विशेष वक्ता बतौर वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक पंकज मुकाती थे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया, पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया हर किसी का अपना एक खास डोमेन और विशेषज्ञता का क्षेत्र है। पत्रकारिता का एल्गोरिद्म सोशल मीडिया के एल्गोरिद्म से अलग है। श्री मुकाती ने कहा कि पत्रकारिता के विद्यार्थियों को समझना होगा कि डिजिटल के दौर में रियल टाइम स्टोरी की हड़बड़ी में खबर की रियलिटी न खोने पाए।
इस सत्र को कुलगुरू श्री विजय मनोहर तिवारी ने ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी रुचियों के अनुसार सोशल मीडिया के कंटेंट क्रिएशन के लिए विषयों का चयन करना चाहिए। कुलगुरू श्री तिवारी ने कहा कि विद्यार्थी दूरगामी महत्व के विषयों पर इन प्लेटफॉर्म्स पर काम करें। तकनीक अगर हमारे हाथों में है तो हम अगले दो दशकों के लिए योजनाओं के अनुसार इसके साथ कार्य करें। एक ही तरह के विषय से कैसे कई क्रिएटिव कंटेंट तैयार किए जा सकते है इस पर उन्होंने महर्षि वाल्मीकि को अपने समय का महत्वपूर्ण कंटेंट क्रिएटर बताया और कहा कि वाल्मीकि जी की रामायण पर ही शताब्दियों बाद तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना की। दोनों ही कृतियां कालजयी हैं। कुलगुरू जी ने कहा कि भारत जैसे देश में कंटेंट क्रिएशन की अपार संभावनाएं हैं।
कार्यशाला का संयोजन एवं इस सत्र का संचालन पत्रकारिता विभाग के सहायक प्राध्यापक श्री लोकेंद्र सिंह ने किया। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन डीन अकादमिक प्रोफेसर डॉ. पी. शशिकला ने किया।
कार्यक्रम में कुलसचिव प्रोफेसर, अविनाश वाजपेयी सहित समस्त विभागाध्यक्ष एवं प्राध्यापक एवं विभागों के विद्यार्थी मौजूद थे।