मप्र में जन स्वास्थ्य रिपोर्टिंग पर ‘क्रिटिकलअप्रेजल स्किल्स’  कार्यक्रम प्रारंभ होगा

भोपाल, 10 अक्टूबर, 2020: जन स्वास्थ्य रिपोर्टिंग को अधिक प्रमाणिक और सटीक बनाए जाने को लेकर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय और यूनिसेफ द्वारा संयुक्त रूप से ‘क्रिटिकल अप्रेजल स्किल’ कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा। ‘क्रिटिकल अप्रेजल स्किल’ कार्यक्रम को लेकर यूनिसेफ और एमसीयू द्वारा आयोजित अभिमुखीकरण कार्यक्रम में यह जानकारी दी गई।

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के जी सुरेश ने भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली में महानिदेशक रहते हुए भारत में हेल्थ रिपोर्टिंग को लेकर ‘क्रिटिकल अप्रेजल स्किल’ कार्यक्रम शुरू करने में महती भूमिका निभाई थी। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि विश्वविद्यालय यूनिसेफ के साथ इस कार्यक्रम को मध्य प्रदेश में प्रारंभ करेगा। उन्होंने कहा कि मीडिया में जन स्वास्थ्य से जुड़ी खबरों का विश्लेषण किया जाए। यह कार्यक्रम उसमें मदद करेगा। जन स्वास्थ्य जुड़ी खबरों में प्रमाणिकता और निष्पक्षता होना आवश्यक है। ‘क्रिटिकल अप्रेजल स्किल्स’ के माध्यम इसे बढ़ाया जा सकता है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ संतोष शुक्ला ने स्वास्थ्य में खासतौर पर टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर मीडिया का आभार माना। उन्होंने कहा कि मीडिया से मिले सहयोग के कारण लोगों तक सही सूचनाएं पहुंची। उन्होंने कहा कि टीकाकरण की सही और वैज्ञानिक जानकारी लोगों तक पहुंचना आवश्यक है।

यूनिसेफ की कम्युनिकेशन ऑफिसर सोनिया सरकार ने कहा कि ‘क्रिटिकल अप्रेजल स्किल’ कार्यक्रम को 2014-15 में लागू किया गया था और इसके कारण जन स्वािस्य्जल  से जुडी पत्रकारिता में गलत सूचनाओं, भ्रांतियों और अफवाहों को दूर किया जा सका।

यूनिसेफ की स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. वंदना भाटिया ने वेबीनार में मध्यप्रदेश में जन्म लेने वाले बच्चों, उनके टीकाकरण, उनसे संबंधित बीमारियां और उनके स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों को लेकर जानकारी प्रस्तुत की।

यूनिसेफ, मध्य प्रदेश के कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट अनिल गुलाटी ने वेबिनार का संचालन किया। उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य रिपोर्टिंग में मीडिया के प्रयासों को और अधिक मजबूत करने को लेकर विश्वविद्यालय के साथ काम करेंगे। वेबीनार में लगभग 40 प्राध्यापकों, मीडिया कर्मियों और संचार विशेषज्ञों ने भागीदारी की।