प्रभावी संचार के बिना संभव नहीं डिजिटल क्रांति : डॉ. निर्मल मणि अधिकारी

माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के वेबिनार में आज तीन तकनीकि सत्रों में 13 शोधार्थियों ने प्रस्तुत किये शोध-पत्र

भोपाल, 29 दिसम्‍बर, 2020: प्रभावी संचार के बिना डिजिटल क्रांति संभव नहीं है। संचार को प्रभावी बनाने के लिए हमें संचार के साधारणीकरण सिद्धांत को अपनाना चाहिए। भारतीय दर्शन में संचार के महत्वपूर्ण सूत्र मिलते हैं। यह विचार काठमांडू विश्वविद्यालय, नेपाल के प्राध्यापक एवं संचार विशेषज्ञ डॉ. निर्मल मणि अधिकारी ने व्यक्त किये। वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग की ओर से ‘इनोवेटिव बिजनेस प्रैक्टिसेज इन डिजिटल एरा’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में विषय विशेषज्ञ के रूप शामिल हुए। वेबिनार में दूसरे दिन तीन तकनीकी सत्रों में 13 शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये।

दूसरे दिन के पहले तकनीकि सत्र में विषय विशेषज्ञ के रूप में शामिल जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर के प्राध्यापक डॉ. उमेश होलानी ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद वर्क फ्रॉम होम कल्चर में बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान समय को देखते हुए हमें ऑनलाइन माध्यम की ओर जाना ही होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इन्टरनेट कनेक्टिविटी की समस्या का समाधान भी आवश्यक है। अभी भारत के अनेक क्षेत्रों में इन्टरनेट कनेक्टिविटी की एक समस्या है। डॉ. होलानी ने कहा कि भले ही डिजिटल मीडिया का विस्तार हो रहा है लेकिन वह प्रिंट मीडिया का स्थान नहीं ले सकता। एक अन्य सत्र के आईआईएम, इंदौर के प्राध्यापक डॉ. एस. रंजन दास ने शैक्षणिक शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने पर मार्गदर्शन दिया। शोधार्थियों को शोध को अपना जुनून बनाना चाहिए। विश्वविद्यालय के प्रो. पवित्र श्रीवास्तव, डॉ. आरती सारंग और डॉ. पी. शशिकला ने विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता की। कुलपति प्रो. केजी सुरेश एवं कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी भी विभिन्न सत्रों में शामिल हुए। वेबिनार में विश्वविद्यालय के शोधार्थी एवं शिक्षकों ने भी सहभागिता की।