पत्रकारिता विश्वविद्यालय में नए सत्र 2021-22 के लिए प्रवेश अधिसूचना जारी

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में नए सत्र 2021-22 के लिए प्रवेश अधिसूचना जारी

7 पाठ्यक्रम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप होंगे

फिल्म और ग्रामीण पत्रकारिता में दो नए पी.जी. डिप्लोमा प्रारंभ

भोपाल, 07 जून, 2021: एशिया के पहले पत्रकारिता शिक्षा विश्वविद्यालय के रूप में प्रतिष्ठित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय आगामी नए शैक्षणिक सत्र 2021-22 से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की पहल कर रहा है। सोमवार को विश्वविद्यालय द्वारा अपने विभिन्न परिसरों के 29 पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अधिसूचना जारी कर दी गई है, जिसके अनुसार 31 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं। आगामी शिक्षा सत्र से 3/4 वर्षीय सात ग्रेजुएट ऑनर्स पाठ्यक्रम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप होंगे, जबकि फिल्म और ग्रामीण पत्रकारिता में दो नए पी.जी. डिप्लोमा भी शुरू किए गए हैं।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश ने कहा है कि विश्वविद्यालय के नए सत्र 2021-22 में सात पाठ्यक्रमों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुसार तैयार किया गया है, इन पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों को मल्टीपल एग्जिट – एंट्री सिस्टम सहित अन्य प्रावधानों की सुविधा मिलेगी। आगे हम नई शिक्षा नीति को पूर्ण रूप से लागू करेंगे।

विश्वविद्यालय द्वारा पत्रकारिता, जनसंचार, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, न्यू मीडिया, फिल्म प्रोडक्शन, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, मीडिया मैनेजमेंट, कंप्यूटर साइंस एवं एप्लीकेशन तथा लाइब्रेरी एवं इंफॉर्मेशन साइंस से संबंधित डिप्लोमा, डिग्री एवं रिसर्च के 29 पाठ्यक्रमों के लिए भोपाल, रीवा तथा खंडवा परिसर में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आगामी शिक्षा सत्र से विश्वविद्यालय अपने खंडवा परिसर में फिल्म अभिनेता किशोर कुमार की स्मृति में फिल्म पत्रकारिता तथा रीवा परिसर में ग्रामीण पत्रकारिता में एक वर्षीय पी.जी. डिप्लोमा भी शुरू कर रहा है।

सभी पाठ्यक्रमों की सीमित सीटों के लिए मेरिट आधार पर होने वाले प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है, जबकि प्रथम चयन सूची 12 अगस्त को जारी की जाएगी। विस्तृत जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.mcu.ac.in से प्राप्त की जा सकती है।

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में नए सत्र 2021-22 के लिए प्रवेश अधिसूचना जारी 7 पाठ्यक्रम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप होंगे फिल्म और ग्रामीण पत्रकारिता में दो नए पी.जी. डिप्लोमा प्रारंभ भोपाल, 07 जून, 2021: एशिया के पहले पत्रकारिता शिक्षा विश्वविद्यालय के रूप में प्रतिष्ठित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय आगामी नए शैक्षणिक सत्र 2021-22 से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति…

भारत में भगवान मंदिरों में नहीं प्रकृति में विद्यमान थे – डॉ राजेंद्र सिंह

भारत में भगवान मंदिरों में नहीं प्रकृति में विद्यमान थे – डॉ राजेंद्र सिंह

पर्यावरण संरक्षण के लिए सस्टेनेबल डेवलपमेंट ही उपाय है – सुरेश श्रीवास्तव

पर्यावरण संरक्षण में युवा पत्रकार समाज में चेतना लाएं – प्रो. केजी सुरेश

पर्यावरण सुधार के लिए तपस्या और जुनून चाहिए – दीपक पर्वतयार

भोपाल, 05 जून, 2021: भारत का जो परंपरागत ज्ञान इंडीजीनियस है, पहले भारत का भगवान मंदिरों में नहीं प्रकृति में विद्यमान था। हमारी संस्कृति दोहन की रही है लेकिन नई शिक्षा पद्धति ने उसे शोषण की प्रवृत्ति में बदल दिया है, जिसके कारण पृथ्वी पर पर्यावरणीय संकट पैदा हुआ। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर यह बात देश के जाने माने पर्यावरणविद और जल संरक्षक डॉ. राजेंद्र सिंह ने ऑनलाइन संबोधन में कही।

शनिवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने इंडियन फेडरेशन ऑफ यूनाइटेड नेशंस एसोसिएशन दिल्ली के साथ मिलकर ‘जल संरक्षण, पर्यावरण और युवा’ विषय पर विशेष उद्बोधन का आयोजन किया।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ राजेंद्र सिंह ने कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में पानी खत्म हो रहा है और लोग बेघर हो शरणार्थी बन रहे हैं। यह इकोलॉजिकल डिजास्टर चूंकि मनुष्य के लालची विकास का ही परिणाम है। इसलिए मनुष्य को ही सुधार की पहल करनी होगी। उन्होंने कहा कि साधारण भाषा में जिसे जलवायु चक्र की गड़बड़ी कहा जाता है उसे मैं धरती का बीमार होना कहता हूं, जिसके इलाज की आवश्यकता है। डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने पीपीटी के माध्यम से उनके द्वारा अपनाए गए परंपरागत भारतीय जल संरक्षण मॉडल की सक्सेस स्टोरीज को समझाया।

इससे पूर्व स्वागत उद्बोधन में इंडियन फेडरेशन ऑफ यूनाइटेड नेशंस एसोसिएशन नई दिल्ली के महासचिव श्री सुरेश श्रीवास्तव ने कहा कि पारिस्थितिकीय संतुलन धरती के लिए आवश्यक है, सस्टेनेबल डेवलपमेंट के बिना पर्यावरण संरक्षण नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि 1992 में ब्राजील में हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के बाद ही दुनिया में पर्यावरण के प्रति चिंता गंभीर विषय बना। 

अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो के.जी. सुरेश ने कहा कि पर्यावरण सामाजिक सरोकार और पर्यावरण संरक्षण में युवा पत्रकार बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा तैयार किये गए समाचार पत्र ‘संज्ञान’ का ऑनलाइन विमोचन करते हुए उन्होंने कहा कि समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता जाने में पत्रकारिता एक प्रभावी माध्यम है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सामाजिक सरोकारों के लिए प्रतिबद्ध है। विश्वविद्यालय जैसी संस्थाएं आइसोलेट होकर कार्य नहीं कर सकती। समाज के प्रति उनकी कुछ जिम्मेदारियां एवं दायित्व होते हैं। कोरोना संकट के दौरान माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करने का प्रयास किया है। 

कार्यक्रम में इंडियन फेडरेशन यूनाइटेड नेशंस एसोसिएशन के मीडिया सलाहकार और पर्यावरण पत्रकार श्री दीपक पर्वतयार ने कहा कि जल संरक्षण के लिए परिणामजनक कार्य करने के लिए तपस्या और जुनून की आवश्यकता होती है, सिर्फ सुधार के बारे में सोचना ही पर्याप्त नहीं है।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय की शोध जर्नल “मीडिया मीमांसा” और छात्रों की अभ्यास पत्रिका “संज्ञान” के नवीन अंको का विमोचन भी डॉ. राजेंद्र सिहं के कर कमलों द्वारा किया गया। इस ऑनलाइन परिचर्चा का संयोजन सहायक प्राध्यापक सूर्य प्रकाश ने किया, कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो पवित्र श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त किया।

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सफल कार्पोरेट कम्युनिकेशन में मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म की समझ जरूरी है – सुश्री मीतू समर

सफल कार्पोरेट कम्युनिकेशन में मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म की समझ जरूरी है – सुश्री मीतू समर

सफल प्लेसमेंट के लिए विद्यार्थियों में दक्षता, क्षमता और अपना बेहतर प्रस्तुतिकरण आवश्यक – प्रो केजी सुरेश

“कार्पोरेट कम्युनिकेशन में अवसर” विषय पर विशेष व्याख्यान

भोपाल, 03 जून, 2021: मीडिया विद्यार्थियों के लिए कार्पोरेट कम्युनिकेशन एक सुनहरा और संभावनाओं वाला कैरियर क्षेत्र है, इस फील्ड में सफलता के लिए आपको सभी मीडिया प्लेटफार्म की समझ और एक ही कंटेंट को विभिन्न् मीडिया प्लेटफार्म के अनुकूल तैयार करने की क्षमता होनी चाहिए। रेपुटेशन मेकिंग फर्म ‘एमिनेंस’  की सीईओ सुश्री मीतू समर ने मीडिया विद्यार्थियों को कॉरपोरेट कम्युनिकेशन में कैरियर मार्गदर्शन के लिए एक ऑनलाइन व्याख्यान में यह बात कही।

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय एवं पत्रकारिता संचार विश्वविद्यालय द्वारा विद्य़ार्थियों को मीडिया के विविध क्षेत्रों में कैरियर से संबंधित ताजा जानकारी उपलब्ध कराने के आयोजित विशेष नॉलेज श्रंखला की गुरुवार को तीसरी कड़ी थी। इस कड़ी में “कार्पोरेट कम्युनिकेशन में अवसर” विषय पर केंद्रित विशेष अपने व्याख्यान में सुश्री मीतू समर ने करापोरेट कम्युनिकेशन की फील्ड की विशेषताओं और आवश्यकताओं को समझाते हुए विद्यार्थियों के विभिन्न सवालों के जवाब भी दिए। सुश्री समर ने कहा कि कार्पोरेट कम्युनिकेशन प्रोफेशन में पहली शर्त यह है कि आप अपने क्लाइंट और उसके बिजनेस को अच्छे से समझें। सफल कार्पोरेट प्रोफेशनल के लिए एक्सेल ओरिएंटेश और आउटकम ओरिएंटेशन दोनों जरूरी हैं।

संवाद सत्र की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर केजी सुरेश ने विद्यार्थियों से कहा कि सफल कैरियर के लिए आपको अपनी क्षमता और दक्षता सुनिश्चित करनी होगी। कहीं भी प्लेसमेंट के लिए अपने आप के प्रस्तुतीकरण के साथ बहु आयामी कौशल आवश्यक है।

विश्वविद्यालय के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग तथा प्लेसमेंट प्रकोष्ठ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में विषय का प्रवर्तन जनसंपर्क विभाग के अध्यक्ष डॉ पवित्र श्रीवास्तव ने किया, व्याख्यान माला की इस कड़ी का संचालन सुश्री डॉ जया सुरजानी ने किया।

सफल कार्पोरेट कम्युनिकेशन में मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म की समझ जरूरी है – सुश्री मीतू समर सफल प्लेसमेंट के लिए विद्यार्थियों में दक्षता, क्षमता और अपना बेहतर प्रस्तुतिकरण आवश्यक – प्रो केजी सुरेश “कार्पोरेट कम्युनिकेशन में अवसर” विषय पर विशेष व्याख्यान भोपाल, 03 जून, 2021: मीडिया विद्यार्थियों के लिए कार्पोरेट कम्युनिकेशन एक सुनहरा और संभावनाओं वाला कैरियर क्षेत्र है, इस फील्ड…

प्राकृतिक आहार और सकारात्मक वातावरण से बढ़ती है इम्युनिटी : डॉ. एके गुप्ता

प्राकृतिक आहार और सकारात्मक वातावरण से बढ़ती है इम्युनिटी : डॉ. एके गुप्ता

मानव कल्याण है प्रत्येक पैथी का उद्देश्य : प्रो. केजी सुरेश

एमसीयू में कोरोना महामारी जागरूकता गतिविधियों के अंतर्गत कोविड-19 एवं होमियोपैथी विषय पर जिज्ञासा-समाधान कार्यक्रम का आयोजन

भोपाल, 02 जून, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से कोरोना महामारी के प्रति समाज में जागरूकता लाने के प्रयासों के अंतर्गत ‘कोविड-19 एवं होमियोपैथी’ विषय पर जिज्ञासा-समाधान सत्र का आयोजन किया गया। इसमें प्रख्यात होमियोपैथी चिकित्सक डॉ. एके गुप्ता ने कहा कि होमियोपैथी चिकित्सा ने अपने प्रारंभ में ही यह बात कही है कि मरीज को किसी भी बीमारी से लडऩा है तो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना आवश्यक है। नकारात्मक वातावरण हमारी इम्युनिटी को कम करता है जबकि योग, सकारात्मक, प्राकृतिक आहार और अच्छे वातावरण से इम्युनिटी बढ़ती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि प्रत्येक पैथी का उद्देश्य मानव कल्याण और लोगों को बीमारियों से निजात दिलाना है। होमियोपैथी डॉक्टर संकेत गुप्ता ने भी अपने विचार रखे और जिज्ञासाओं का समाधान किया।

ऑनलाइन जिज्ञासा-समाधान करते हुए डॉ. एके गुप्ता ने बताया कि होमियोपैथी एक प्रभावी उपचार पद्धति है। डॉक्टर को अपने मरीज के रोग का इतिहास ठीक से पता होगा, तो वह उसका अच्छा इलाज कर सकेगा। होमियोपैथी में लगभग सभी बीमारियों का इलाज है। कोविड संक्रमित मरीजों का ऑक्सीजन स्तर बढ़ाने में होमियोपैथी दवाएं बहुत कारगर रही हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी चिकित्सा पद्धति में मरीज को अपना उपचार स्वयं नहीं करना चाहिए। बल्कि चिकित्सक के परामर्श से ही दवाएं लेनी चाहिए।

प्रश्नों का उत्तर देते हुए होमियोपैथी चिकित्सक डॉ. संकेत गुप्ता ने पोस्ट कोविड परेशानियों को दूर करने में होमियोपैथी बहुत कारगर है। अब तो ब्लैक फंगस के उपचार में होमियोपैथी को अनुमति भी मिल गई है। उन्होंने बताया कि होमियोपैथी ने महामारियों से लडऩे में पूर्व में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ. संकेत गुप्ता ने स्पष्ट किया कि यह एक भ्रम है कि होमियोपैथी दवा धीमी गति से असर करती है। यदि ठीक लक्षण पहचान करके दवा दी जाए, तो यह शीघ्र लाभ देती है।

अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि हम कोरोना संक्रमण को लेकर फैली भ्रामक जानकारियों के बीच समाज में जागरूकता लाने का एक प्रयास कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में हमने कोविड-19 के संबंध में अलग-अलग उपचार पद्धतियों को लेकर फैले भ्रम को दूर करने का प्रयास किया है। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक लालबहादुर ओझा ने किया और आभार ज्ञापन मीडिया प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष प्रो. अविनाश वाजपेयी ने किया।

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