यूजीसी की सीईसी में सदस्य नियुक्त किए गए एमसीयू के कुलपति प्रो. केजी सुरेश

यूजीसी की सीईसी में सदस्य नियुक्त किए गए एमसीयू के कुलपति प्रो. केजी सुरेश

सूचना प्रौद्योगिकी और टेलीविजन के माध्यम से उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने का काम करती है सीईसी

भोपाल, 21 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश को विश्विद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा स्थापित कंसोर्टियम फॉर एजुकेशनल कम्युनिकेशन (सीईसी) के गवर्निंग बोर्ड में सदस्य नियुक्त किया गया है। उन्हें मीडिया विशेषज्ञ की श्रेणी में शामिल किया गया है और उनका कार्यकाल तीन साल का होगा। यह संस्था केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन है।

सीईसी की स्थापना 1991 में की गई थी। यह एक स्वायत्त संस्था है, जिसका लक्ष्य सूचना प्रौद्योगिकी और टेलीविजन के माध्यम से उच्च शिक्षा को बढ़ावा देना है। यूजीसी के अध्यक्ष ही सीईसी के भी प्रमुख होते हैं। उल्लेखनीय है कि कुलपति प्रो. केजी सुरेश पूर्व में भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी), नईदिल्ली के महानिदेशक रह चुके हैं। डीडी न्यूज में सीनियर कंसल्टिंग एडिटर, एशियानेट न्यूज़ नेटवर्क में संपादकीय सलाहकार, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया में मुख्य राजनीतिक संवाददाता और डालमिया भारत एंटरप्राइजेज समूह के मीडिया सलाहकार भी प्रो. सुरेश रह चुके हैं। इसके साथ ही वे अन्य अकादमिक संस्थाओं के पदाधिकारी एवं सदस्य रहे हैं। प्रो. केजी सुरेश को पिछले वर्ष केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की संस्था केंद्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा की ओर से हिंदी पत्रकारिता और जनसंचार में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रतिष्ठित गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार के लिए भी चुना गया है।

यूजीसी की सीईसी में सदस्य नियुक्त किए गए एमसीयू के कुलपति प्रो. केजी सुरेश सूचना प्रौद्योगिकी और टेलीविजन के माध्यम से उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने का काम करती है सीईसी भोपाल, 21 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश को विश्विद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा स्थापित कंसोर्टियम…

Prof Suresh appointed in Governing Board in CEC

Prof Suresh appointed in Governing Board in CEC

Bhopal, 21st May, 2021: Vice Chancellor of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Prof KG Suresh has been appointed Member of Governing Board of Consortium of Educational Communication (CEC). University Grants Commission chairman Prof DP Singh, who is also President of the Council of CEC, nominated Prof Suresh in the board in the category of media experts. The appointment will be for a period of three years. Prof Suresh is a renowned journalist with industry and academic experience of over three decades.

Prof Suresh appointed in Governing Board in CEC Bhopal, 21st May, 2021: Vice Chancellor of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Prof KG Suresh has been appointed Member of Governing Board of Consortium of Educational Communication (CEC). University Grants Commission chairman Prof DP Singh, who is also President of the Council of CEC,…

बच्चों की इम्युनिटी अच्छी, फिर भी रखें सावधानी : डॉ. सिंघल

बच्चों की इम्युनिटी अच्छी, फिर भी रखें सावधानी : डॉ. सिंघल

कोरोना से बचने एसएमएस का कड़ाई से करें पालन : प्रो. केजी सुरेश

एमसीयू में कोविड-19 जागरूकता के अंतर्गत ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन, बच्चों से संबंधित जिज्ञासाओं पर डॉ. सिंघल ने किया समाधान

भोपाल, 18 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की कोविड रिस्पॉन्स टीम की ओर से आयोजित ‘कोविड-19 एवं विद्यार्थी’ विषय पर जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पीके सिंघल ने कहा कि बच्चों में भी लक्षण बड़ों की तरह ही दिखाई देंगे लेकिन उनकी इम्युनिटी अच्छी होती है। इसलिए बच्चों के संक्रमित होने की आशंका कम रहती है। बाकी हमें बच्चों को संक्रमित होने से बचाने के लिए सभी प्रकार की सावधानियां रखनी चाहिए। ऑनलाइन व्याख्यान की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि इस बीमारी से बचने का अभी तक का सबसे ठोस उपाय एसएमएस है। अर्थात् एस-सेनेटाइजेशन, एम-मास्क, एस-सोशल डिस्टेंसिंग। हम जागरूक रहें, स्वयं को बचाएं और अपने परिवार को सुरक्षित रखें। यह प्रयास करते रहने होंगे। 

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सिंघल ने शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ ही फेसबुक लाइव के दौरान आए प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि बच्चों का इम्युनिटी स्तर जितना अच्छा होगा, कोरोना संक्रमण का खतरा उतना ही कम होगा। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को पौष्टिक आहार दें। उन्हें जंक फूड से बचाएं। क्या फल-सब्जियों से कोरोना फैल सकता है? इस प्रश्न के उत्तर में डॉ. सिंघल ने कहा कि फल-सब्जी से कोरोना वायरस फैलता है, ऐसा किसी अध्ययन में सामने नहीं आया है। फिर भी फल और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि ऐसी स्थिति में जब माता-पिता दोनों कोविड से संक्रमित हो जाते हैं, तब उन्हें घर में भी डबल मास्क लगाकर रहना चाहिए और बच्चों को छूना पड़े तो पहले अच्छे से सेनेटाइज कर लें। एक दूसरे प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि इस समय जब बच्चे घरों में बंद हैं, तब अभिभावकों को उनको समय देना चाहिए। उनके साथ खेलना चाहिए। कुछ सार्थक वीडियो भी उनके साथ देखे जा सकते हैं। डॉ. सिंघल ने कहा कि इस बीमारी में सकारात्मकता की अत्यधिक आवश्यकता रहती है क्योंकि संक्रमित व्यक्ति को अकेले रहना होता है। तब स्वयं का मनोबल बढ़ाने के लिए व्यक्ति को महापुरुषों की जीवनी पढऩी चाहिए। अनेक बार घबराहट से हमारा सेचुरेशन गिर जाता है। इसलिए मन में उत्साह बनाए रखना बहुत जरूरी है।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय का प्रयास है कि कोविड-19 को लेकर समाज में तथ्यात्मक एवं सही जानकारी जाए। महामारी को लेकर लोगों के अनेक प्रश्न हैं, विशेषकर तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है। इसलिए यह जानना अधिक जरूरी है कि बच्चों को कैसे कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखा जाए। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक लालबहादुर ओझा ने किया और आभार प्रदर्शन प्रभारी कुलसचिव प्रो. पवित्र श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं नोएडा, खण्डवा और रीवा परिसर के विद्यार्थी जुड़े थे। व्याख्यान का प्रसारण विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर किया गया।

बच्चों की इम्युनिटी अच्छी, फिर भी रखें सावधानी : डॉ. सिंघल कोरोना से बचने ‘एसएमएस’ का कड़ाई से करें पालन : प्रो. केजी सुरेश एमसीयू में कोविड-19 जागरूकता के अंतर्गत ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन, बच्चों से संबंधित जिज्ञासाओं पर डॉ. सिंघल ने किया समाधान भोपाल, 18 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय…

रीवा परिसर में आगामी सत्र से शुरू होगा ‘ग्रामीण पत्रकारिता’ का पाठ्यक्रम

रीवा परिसर में आगामी सत्र से शुरू होगा ग्रामीण पत्रकारिता का पाठ्यक्रम

एमसीयू के रीवा परिसर में ग्रामीण पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया गया है, बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में विशेषज्ञों ने पाठ्यक्रम को दिया अंतिम रूप

भोपाल, 14 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के रीवा स्थित परिसर में आगामी अकादमिक सत्र से ‘ग्रामीण पत्रकारिता’ में एक वर्षीय (दो सेमेस्टर) स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित किया जाएगा। 14 मई, 2021 को हुई बोर्ड ऑफ स्टडीज (बीओएस) की बैठक में पाठ्यक्रम को विषय विशेषज्ञों ने अंतिम रूप दिया। कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था से लेकर समाज जीवन में गाँवों का बहुत बड़ा योगदान है। परंतु मीडिया में ग्रामीण विषयों, मुद्दों एवं समस्याओं का कवरेज पाँच प्रतिशत से भी कम है। मीडिया के क्षेत्र में गाँव, किसान, खेती, उनकी समस्याएं, चुनौतियों एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों को अधिक से अधिक स्थान मिले, ऐसी दृष्टि रखने वाले पत्रकारों की आवश्यकता है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए विश्वविद्यालय अपने रीवा स्थित परिसर में ‘ग्रामीण पत्रकारिता’ पर एक वर्षीय स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने जा रहा है।

कुलपति प्रो. सुरेश ने बताया कि मीडिया में गाँव से जुड़े विषयों का कवरेज इसलिए भी कम होता है, क्योंकि इन विषयों पर लिखने वाले पत्रकारों की कमी है। गाँव से जुड़े विषयों को अधिक शोधपूर्ण ढंग से लिखने और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। ‘ग्रामीण पत्रकारिता’ पाठ्यक्रम के माध्यम से विश्वविद्यालय इस तरह के प्रशिक्षित पत्रकारों को तैयार करने का प्रयास करेगा। उन्होंने बताया कि यह पाठ्यक्रम सिर्फ रीवा परिसर में संचालित किया जाएगा। यह पाठ्यक्रम रीवा परिसर की पहचान बनेगा। उल्लेखनीय है कि कुलपति प्रो. सुरेश ने रीवा प्रवास के दौरान ग्रामीण पत्रकारिता का डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की घोषणा की थी।

पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में श्री नीलेश मिश्रा, सुश्री आकांक्षा शुक्ला, डॉ. प्रवीण सिंह, श्री आशुतोष सिंह, सुश्री रूबी सरकार, श्री दीपेन्द्र सिंह बघेल और डॉ. ब्रजेन्द्र शुक्ला शामिल हुए। पाठ्यक्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए विषय विशेषज्ञों ने कहा कि वर्तमान स्थिति ने बता दिया है कि रूरल कम्युनिकेशन का कितना महत्व है। कोरोना महामारी के संबंध में ग्रामीण क्षेत्र में अनेक प्रकार के भ्रम फैले हुए हैं, जिन्हें पत्रकारिता के माध्यम से दूर किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की क्या स्थिति है और वहाँ किस प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता है, इसे भी ग्रामीण पत्रकारिता के माध्यम से सरकार के सामने लाकर समाज का हित किया जा सकता है। बैठक में डीन अकादमिक प्रो. पवित्र श्रीवास्तव और रीवा-खंडवा परिसर के अकादमिक समन्वयक डॉ. मणिकंठन नायर भी उपस्थित रहे।

रीवा परिसर में आगामी सत्र से शुरू होगा ‘ग्रामीण पत्रकारिता’ का पाठ्यक्रम एमसीयू के रीवा परिसर में ‘ग्रामीण पत्रकारिता’ में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया गया है, बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में विशेषज्ञों ने पाठ्यक्रम को दिया अंतिम रूप भोपाल, 14 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के…

खण्डवा में आगामी सत्र से फिल्म पत्रकारिता का पाठ्यक्रम होगा शुरू

खण्डवा में आगामी सत्र से फिल्म पत्रकारिता का पाठ्यक्रम होगा शुरू

एमसीयू के खण्डवा स्थित कर्मवीर परिसर में फिल्म पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया गया है, बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में विशेषज्ञों ने पाठ्यक्रम को दिया अंतिम रूप

भोपाल, 13 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के खण्डवा स्थित ‘कर्मवीर परिसर’ में आगामी अकादमिक सत्र से ‘फिल्म पत्रकारिता’ में एक वर्षीय (दो सेमेस्टर) स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित किया जाएगा। 13 मई, 2021 को हुई बोर्ड ऑफ स्टडीज (बीओएस) की बैठक में इस पाठ्यक्रम को विषय विशेषज्ञों ने अंतिम रूप दिया। बीओएस की अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की। पाठ्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए बीओएस में फिल्म, फिल्म पत्रकारिता एवं अकादमिक क्षेत्र के प्रमुख हस्ताक्षर श्री उत्पल दत्ता (फिल्म पत्रकार एवं फिल्म निर्माता), श्री अशोक शरण (डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता), श्री पंकज सक्सेना (संकाय सदस्य, एफटीआईआई, पुणे), सुश्री सुरभी बिपल्व (सहायक प्राध्यापक, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय), श्री आदित्य सेठ (फिल्म निर्माता एवं शिक्षाविद), श्री अतुल गंगवार (प्रोड्यूसर) एवं श्री आशीष भवालकर (सहायक प्राध्यापक, पोलीटेक्निक महाविद्यालय, भोपाल) सहित अन्य शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि कुलपति प्रो. सुरेश जब खण्डवा प्रवास पर गए थे, तब वहाँ स्थानीय नागरिकों एवं विद्यार्थियों की माँग पर उन्होंने कर्मवीर परिसर में फिल्म पत्रकारिता पर पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की घोषणा की थी। 

कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने बताया कि यह पाठ्यक्रम विशेषतौर पर खण्डवा परिसर के लिए तैयार कराया गया है। यह पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय के अन्य किसी परिसर में संचालित नहीं किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि विश्वविद्यालय के परिसरों की अपनी विशिष्ठ पहचान बने। उन्होंने बताया कि खण्डवा यशस्वी पत्रकार-संपादक दादा माखनलाल चतुर्वेदी की कर्मस्थली है और महान गायक किशोर कुमार की जन्मस्थली, इसलिए हमने यहाँ ‘फिल्म पत्रकारिता’ का एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ करने का निर्णय लिया। फिल्म पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रशिक्षित पत्रकारों की बहुत माँग है। यह पाठ्यक्रम इस माँग को पूरा करने का प्रयास करेगा। बीओएस की बैठक में श्री उत्पल दत्ता, श्री अशोक शरण, श्री पंकज सक्सेना, सुश्री सुरभी बिपल्व, श्री आदित्य सेठ, श्री अतुल गंगवार एवं श्री आशीष भवालकर ने कहा कि यह पाठ्यक्रम फिल्म पत्रकारिता के लिए सुयोग्य पत्रकारों का निर्माण करेगा। बैठक में डीन अकादमिक एवं प्रभारी कुलसचिव प्रो. पवित्र श्रीवास्तव, एमसीयू के परिसरों के अकादमिक समन्वयक डॉ. मणिकंठन नायर एवं कर्मवीर परिसर के प्रभारी डॉ. संदीप भट्ट भी उपस्थित रहे।

खण्डवा में आगामी सत्र से फिल्म पत्रकारिता का पाठ्यक्रम होगा शुरू एमसीयू के खण्डवा स्थित ‘कर्मवीर परिसर’ में ‘फिल्म पत्रकारिता’ में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया गया है, बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में विशेषज्ञों ने पाठ्यक्रम को दिया अंतिम रूप भोपाल, 13 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय…

सामाजिक सहभागिता से हारेगी कोरोना महामारी : डॉ. आनंद पाण्डेय

सामाजिक सहभागिता से हारेगी कोरोना महामारी : डॉ. आनंद पाण्डेय

मन को सकारात्मक रखकर करें सामना : डॉ. कार्तिक गुप्ता

एमसीयू द्वारा ऑनलाइन आयोजित ‘कोविड-19 जिज्ञासा और समाधान’ सत्र में विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण जानकारी

भोपाल, 12 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने नवाचारी पहल करते हुए विद्यार्थियों, कर्मचारियों एवं शिक्षकों के साथ समाज के अन्य लोगों के लिए कोविड-19 के संदर्भ में जिज्ञासा एवं समाधान पर ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया। कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें नित नये प्रश्न लोगों के सामने आ रहे हैं। हमने यह एक प्रयास शुरू किया है कि लोगों को उचित जानकारी उपलब्ध करा सकें। फेसबुक पर चैट बॉक्स में आ रहे प्र्रश्नों का उत्तर धर्मशीला सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, नईदिल्ली के हृदय विभाग के निदेशक डॉ. आनंद कुमार पाण्डेय और मनोचिकित्सक डॉ. कार्तिक गुप्ता ने दिया।

जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए डॉ. आनंद कुमार पाण्डेय ने कहा कि अब कोरोना महामारी केवल मेडिकल क्षेत्र की समस्या नहीं रह गई है, बल्कि यह सोशल क्राइसिस में परिवर्तित हो गई है। इसलिए कोविड महामारी को मेडिकल प्रयासों के साथ ही सामाजिक सहभागिता से ही हराया जा सकता है। डॉ. पाण्डेय स्वयं भी कोरोना संक्रमित रहे और लंबी लड़ाई के बाद उन्होंने बीमारी को हराया। अपना अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि कोविड ने सिखाया है कि हमें प्रकृति का सम्मान करना चाहिए। खान-पान का ध्यान रखना चाहिए। कोविड महामारी में अन्य संसाधन काम नहीं आए, सिर्फ मानव संसाधन ही सहयोगी रहा। इसलिए ध्यान रखें कि सामाजिक संबंध हमारी सबसे बड़ी पूँजी है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद और एलोपैथी की आपसी प्रतिस्पर्धा नहीं है। हमें इन्हें एक-दूसरे का पूरक समझना चाहिए।

अपना क्रम आने पर वैक्सीन अवश्य लगवाएं :

डॉ. पाण्डेय ने बताया कि हम सबको वैक्सीन लगवाना है। लेकिन वैक्सीन लगने के बाद भी हमें शारीरिक दूरी, मास्क पहनना एवं स्वच्छता के नियमों का हर हाल में कड़ाई से पालन करना है। उन्होंने बताया कि मैंने दोनों वैक्सीन ली लेकिन हम लगातार गंभीर संक्रमण के बीच काम कर रहे थे, इसके कारण मैं वैक्सीन के बाद भी संक्रमित हुआ। लेकिन वैक्सीन के कारण जल्दी ठीक हो गए। वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया में अनेक प्रकार के भ्रम फैलाए जा रहे हैं। यदि आपको किसी भी प्रकार का संशय है तो सोशल मीडिया के आधार पर अपना मन न बताएं, अपने चिकित्सक से परामर्श करें। उन्होंने बताया कि एक बार वैक्सीन लेने पर हम छह से नौ माह तक सुरक्षित हो जाते हैं। आगे हमें वैक्सीन की जरूरत होगी या नहीं, यह आने वाले समय में पता चलेगा।

ब्लैक फन्गस एवं थक्के बनने की समस्या सबके साथ नहीं :

डॉ. पाण्डेय ने बताया कि हमें कोविड संक्रमण को इग्नोर नहीं करना चाहिए। शरीर हमें संकेत देता है, उनको हमें सुनना चाहिए। समय पर संक्रमण की पहचान कर हम उसका ठीक से उपचार कर सकते हैं। ब्लैक फन्गस और खून के थक्के बनने की समस्या सबके साथ नहीं आती है। यह समस्या ज्यादातर उन लोगों में देखने को मिली है, जो पूर्व में अनेक प्रकार की बीमारी से ग्रसित रहे हैं और कोविड से गंभीर संक्रमित रहे हैं। इस समस्या पर नजर रखने के लिए हमें डी-डायमर सहित कुछ अन्य टेस्ट डॉक्टर के परामर्श पर कराना चाहिए।

डरना नहीं, जागरूक रहना है :

डॉ. पाण्डेय ने बताया कि अब यह बात सामने आ चुकी है कि यह संक्रमण हवा से भी फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मान लिया है। इसलिए सबसे जरूरी है कि हम जब भी घर से बाहर निकलें, मास्क लगाकर रखें। उन्होंने बताया कि बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए भी कोविड-१९ के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डर और सावधानी में एक बारीक फर्क है। हमें डरना नहीं है लेकिन जागरूक और सावधान अवश्य रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंकड़ों को देखने का हमारा दृष्टिकोण सकारात्मक होना चाहिए। आज की स्थिति में भी भारत की स्थिति अन्य बड़े देशों के मुकाबले अच्छी है। भारत में मृत्यु दर जनसंख्या की दृष्टि से बाकी दुनिया की तुलना में बहुत कम है।

मन को सकारात्मक रखें :

ओविहैम्स मेडिकल सेंटर, नईदिल्ली के क्लीनिकल मनोचिकित्सक डॉ. कार्तिक गुप्ता ने बताया कि यह समय दोषारोपण का नहीं है। हमें दोषारोपण पर नहीं जाना चाहिए, बल्कि एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से कोविड संक्रमण के संबंध में अनेक समाचार आ रहे हैं, जिन सबकी जरूरत हमें नहीं है। कई बार यह समाचार अनेक लोगों के मन में भय उत्पन्न करते हैं। इसलिए लोगों को उतने ही समाचार देखने-सुनने चाहिए, जितनी आवश्यकता है। हमें सकारात्मक रहना चाहिए। मन को अच्छा लगे, उन गतिविधियों में शामिल रहना चाहिए। यह ध्यान रखें कि इस बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बहुत अधिक है। इसलिए मन में सकारात्मक विचार रखें। मन सकारात्मक रहेगा, तो हम इस बीमारी को जल्द हरा सकेंगे।

‘कोविड-19 : जिज्ञासा एवं समाधान’ पर आयोजित इस ऑनलाइन सत्र का संचालन वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक लालबहादुर ओझा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रभावी कुलसचिव प्रो. पवित्र श्रीवास्तव ने दिया।

सामाजिक सहभागिता से हारेगी कोरोना महामारी : डॉ. आनंद पाण्डेय मन को सकारात्मक रखकर करें सामना : डॉ. कार्तिक गुप्ता एमसीयू द्वारा ऑनलाइन आयोजित ‘कोविड-19 जिज्ञासा और समाधान’ सत्र में विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण जानकारी भोपाल, 12 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने नवाचारी पहल करते हुए विद्यार्थियों, कर्मचारियों एवं शिक्षकों…

एमसीयू के प्राध्यापक डॉ. अनुराग सीठा का दु:खद निधन

एमसीयू के प्राध्यापक डॉ. अनुराग सीठा का दु:खद निधन

भोपाल, 09 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. अनुराग सीठा के निधन का अत्यधिक दुःखद समाचार है। वे पिछले कुछ दिनों से कोरोना महामारी से लड़ रहे थे। इलाज के दौरान निजी अस्पताल में उनका दुर्भाग्यपूर्ण निधन हुआ।  

कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. सीठा का जाना विश्वविद्यालय ही नहीं, बल्कि कंप्यूटर एवं तकनीक शिक्षा क्षेत्र की अपूरणीय क्षति है। मातृभाषा हिंदी में कंप्यूटर शिक्षा के प्रसार में उनका अविस्मरणीय योगदान है। इस हेतु मध्यप्रदेश सरकार ने उनका सम्मान भी किया है। उल्लेखनीय है कि 14 सितंबर, 2018 को हिंदी दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग की ओर से डॉ. अनुराग सीठा को ‘हिंदी भाषा सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान 2017-18’ से सम्मानित किया गया था। उन्हें यह सम्मान रवीन्द्र भवन में आयोजित सूचना प्रौद्योगिकी के अलंकरण समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया।

कंप्यूटर एवं तकनीक शिक्षा के क्षेत्र में उनकी एक विशिष्ट पहचान रही। उन्होंने हिंदी सॉफ्टवेयर, सर्च इंजन, वेब डिजाइनिंग,डिजिटल भाषा प्रयोगशाला, सोशल मीडिया, प्रोग्रामिंग, डिजिटल ऑडियो विजुअल एडिटिंग आदि में उत्कृष्ट योगदान दिया है। कंप्यूटरों में परिशुद्ध हिंदी लिखने हेतु शब्द संशोधक सॉफ्टवेर ‘माला’ का निर्माण भी उनके नेतृत्व में किया है, जिसे विश्वविद्यालय ने सबके लिए नि:शुल्क एवं मुक्त स्रोत के रूप में उपलब्ध कराया है।

डॉ. सीठा विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण प्रोग्राम के समन्वयक थे। उनके मार्गदर्शन में पिछले दिनों मध्यप्रदेश के जनसंपर्क अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डॉ. सीठा के निधन पर विश्वविद्यालय में शोक का वातावरण है। प्रभारी कुलसचिव प्रो. पवित्र श्रीवास्तव, समस्त विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारियों ने स्वर्गीय सीठा जी के प्रति अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए हैं।

एमसीयू के प्राध्यापक डॉ. अनुराग सीठा का दु:खद निधन भोपाल, 09 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. अनुराग सीठा के निधन का अत्यधिक दुःखद समाचार है। वे पिछले कुछ दिनों से कोरोना महामारी से लड़ रहे थे। इलाज के दौरान निजी अस्पताल में उनका दुर्भाग्यपूर्ण निधन हुआ।   कुलपति…