MCU में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा “Future of News Production, AI-Driven Reporting & Editing” पर मास्टर क्लास और वर्कशॉप का आयोजन

MCU में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा Future of News Production, AI-Driven Reporting &  Editing” पर मास्टर क्लास और वर्कशॉप का आयोजन

श्री शरद द्विवेदी AI एक माया हैजिसका उपयोग वरदान या अभिशाप दोनों रूपों में संभव है।

डॉ. अमित जैन ने कहा कि AI को मास्टर नहीं बल्कि कंडक्टर की भूमिका में देखना चाहिए।

श्री अनुराग द्वारी : पत्रकारों को जजमेंटल न होकर प्रश्न पूछने और भाषा के ज्ञान को प्राथमिकता देनी चाहिए।

 भोपाल। 02 दिसंबर 2025 : मीडिया का स्वरूप दिन-प्रतिदिन बदल रहा है और AI भी मीडिया में अपनी अहम जगह तेज़ी से बना रही है। इसी दिशा में भारत के सबसे बड़े पत्रकारिता विश्वविद्यालय MCU में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा “Future of News Production, AI-Driven Reporting & Editing” विषय पर एक मास्टर क्लास का आयोजन किया गया।

इस सत्र में NDTV में दशकों से सक्रिय और वर्तमान में NDTV MP/CG के एडिटर श्री अनुराग द्वारी, Swaraj Express के Editor-in-Chief डॉ. अमित जैन, तथा Bansal News MP/CG के Editor-in-Chief श्री शरद द्विवेदी ने पत्रकारिता और AI के भविष्य पर गहराई से चर्चा की।

श्री अनुराग द्वारी ने Mojo के शुरुआती दौर के अनुभव साझा करते हुए विद्यार्थियों को जजमेंटल होने से बचने की सलाह दी। वहीं डॉ. अमित जैन ने AI से जुड़ी चुनौतियों को सरल तरीक़े से समझाया। दूसरी ओर श्री शरद द्विवेदी ने अपने सहज और रोचक अंदाज़ में सेशन को इंटरैक्टिव बनाते हुए विद्यार्थियों को यह समझाया कि AI पर निर्भर नहीं होना है, बल्कि इसे एक सहायक उपकरण की तरह उपयोग करना है।

विद्यार्थियों ने भी उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछे, जिनका जवाब शरद जी ने चैनल की कार्य प्रणाली के कुछ उदाहरणों के साथ दिया। कार्यक्रम के दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मोनिका वर्मा, लेफ्टिनेंट डॉ. मुकेश चौरासे, श्री राहुल खड़िया सहित अन्य शिक्षकगण भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दूसरे चरण में विद्यार्थियों के लिए एक विशेष कार्यशाला का भी आयोजन किया गया, जिसमें ETV Bharat की ब्यूरो हेड सुश्री शेफाली पांडे, एम.पी. भोज यूनिवर्सिटी के प्रोड्यूसर श्री प्रमोद निगम और एस.वी. पॉलिटेक्निक भोपाल के फ़ैकल्टी डॉ. जुबेर हाशमी ने विद्यार्थियों के बीच जाकर न केवल संवाद स्थापित किया बल्कि स्किल अपग्रेडेशन की तकनीकें भी बताईं।

शेफाली पांडे ने विद्यार्थियों से बातचीत के दौरान कहा कि पत्रकारिता समाज और सरकार के बीच एक सेतु का कार्य करती है। ज़मीन से जुड़े अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने रिपोर्टिंग के कई अनछुए पहलुओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा “ग्राउंड रिपोर्टिंग करते समय पत्रकार नहीं, बल्कि एक इंसान बनकर लोगों से बात कीजिए, तभी आप उनकी समस्याओं को सही रूप में सामने ला पाएंगे।” उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि किसी भी घटना को पहले महसूस करें, फिर उस पर कहानी लिखें।

वहीं डॉ. जुबेर हाशमी ने विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल गतिविधियों के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में AI विषय को समझाया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए श्री प्रमोद निगम ने AI जनेरेटिव्स वीडियो एडिटिंग के नवीन टूल्स का प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों ने भी बड़ी धैर्यपूर्वक सभी सत्रों को सुना और वक्ताओं से प्रश्न पूछे। इस दौरान विभागाध्यक्ष डॉ. मोनिका वर्मा, लेफ्टिनेंट डॉ. मुकेश चौरासे, श्री राहुल खड़िया सहित अन्य शिक्षकगण भी उपस्थित रहे।

MCU में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा “Future of News Production, AI-Driven Reporting &  Editing” पर मास्टर क्लास और वर्कशॉप का आयोजन श्री शरद द्विवेदी “AI एक माया है, जिसका उपयोग वरदान या अभिशाप दोनों रूपों में संभव है। डॉ. अमित जैन ने कहा कि AI को मास्टर नहीं बल्कि कंडक्टर की भूमिका में देखना चाहिए। श्री अनुराग द्वारी : पत्रकारों को…

 जब मानव और एआई साथ मिलकर कार्य करते हैं, तो नई संभावनाओ के द्वार खुलते हैं : श्री विनोद नागर, सीबीएमओ एआई

                                          जब मानव और एआई साथ मिलकर कार्य करते हैं, तो नई संभावनाओ के द्वार खुलते हैं :                                                                                                        श्री विनोद नागरसंस्थापक,सीबीएमओ एआई

                                                      एआई मार्केटिंग कैंपेन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन

 

भोपाल 2 दिसंबर 2025: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा ए आई मार्केटिंग कैंपेन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह कार्यशाला विज्ञापन एवं जनसंपर्क  के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक रही, जिसमें उन्हें मार्केटिंग कैंपेन में एआई के उपयोग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई ।

सीबीएमओ एआई के संस्थापक श्री विनोद नागर, जिन्हें मार्केटिंग उद्योग में दो दशकों से अधिक का अनुभव है, ने एआई आधारित रणनीतियों का उपयोग करते हुए प्रभावी मार्केटिंग कैंपेन प्रबंधन पर अपने अनुभव को  साझा किया। ज्ञात हो कि श्री विनोद नागर, विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के पूर्व छात्र भी हैं। 

उन्होंने विद्यार्थियों से मार्केटिंग रणनीतियों में एआई का उपयोग, कैंपेन प्रबंधन के लिए एआई टूल्स का  उचित इस्तेमाल और एआई एकीकरण के माध्यम से मार्केटिंग प्रभाव को बढ़ाना इत्यादि पर भी बात करते हुए उन्हें विषय आधारित प्रायोगिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया और वर्तमान समय में मार्केटिंग के क्षेत्र की आवश्यकताओं, कौशल और चुनौतियों पर भी बात की।

कार्यशाला के प्रथम सत्र में विद्यार्थियों को वर्तमान मार्केटिंग परिदृश्य में एआई के एकीकरण और विभिन्न एआई टूल्स से परिचित कराया गया, जिनका उपयोग मार्केटिंग के विभिन्न चरणों और उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

दूसरे सत्र में उन्होंने विद्यार्थियों को सीबीएमओ का उपयोग कर मार्केटिंग कैंपेन डिज़ाइन के व्यवहारिक पहलुओं को समझाते हुए महत्वपूर्ण केस स्टडी के माध्यम से इसका अभ्यास भी कराया। इस दौरान विद्यार्थियों ने ग्राहक विभाजन और प्रोफाइलिंग, अवसर एवं उत्पाद मूल्यांकन, तथा मल्टी-चैनल कैंपेन के निर्माण और मूल्यांकन के महत्वपूर्ण तत्वों को बारीकी से समझा।

विद्यार्थियों के लिए यह कार्यशाला यह समझने का अवसर था कि एआई किस प्रकार मार्केटिंग को नए आयाम दे रहा है। उनके लिए यह कार्यशाला ज्ञान और ऊर्जा से परिपूर्ण रही। इस कार्यशाला में विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) पवित्र श्रीवास्तव, डॉ. जया सुरजानी, डॉ. रामदीन त्यागी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

 

                                          जब मानव और एआई साथ मिलकर कार्य करते हैं, तो नई संभावनाओ के द्वार खुलते हैं :                                   …

एमसीयू: पहली बार “कार्टून शो’ कल

 

एमसीयू: पहली बार “कार्टून शोकल  :  देश भर से आ रहे हैं 12 कार्टूनिस्ट 

 

भोपाल 04 दिसंबर 2025। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विवि (एमसीयू) में पहली बार 5 दिसंबर, शुक्रवार को “कार्टून शो’ हो रहा है। इसमें शामिल होने देश भर के 12 प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट भोपाल आ रहे हैं। ये हैं-सुभानी शेख (हैदराबाद), त्रयंबक शर्मा (रायपुर), प्रशांत कुलकर्णी (मुंबई), माधव जोशी (दिल्ली), हरिमोहन वाजपेयी (लखनऊ), चंद्रशेखर हाडा और अभिषेक तिवारी (जयपुर), देवेंद्र, इस्माइल लहरी और कुमार (इंदौर), हरिओम और शिरीष (भोपाल)। एमसीयू के मीडिया हेड डॉ. पवित्र श्रीवास्तव ने बताया कि बीते तीन दशकों में इनके बनाए चुनिंदा चर्चित कार्टूनों की एक प्रदर्शनी का शुभारंभ सुबह 10.30 बजे होगा। सुबह 11 बजे गणेश शंकर विद्यार्थी सभागार में सभी कार्टूनिस्ट पत्रकार शिफाली पांडे के साथ “टॉक शो’ में रहेंगे। दोपहर दो बजे तक्षशिला और विक्रमशिला परिसर में लाइव स्केचिंग में विद्यार्थियों के बीच दो ज्वलंत विषयों पर लाइव कार्टून बनाएंगे। अपनी तरह के अनूठे “कार्टून शो’ का यह पहला सीजन है।

  एमसीयू: पहली बार “कार्टून शो’ कल  :  देश भर से आ रहे हैं 12 कार्टूनिस्ट    भोपाल 04 दिसंबर 2025। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विवि (एमसीयू) में पहली बार 5 दिसंबर, शुक्रवार को “कार्टून शो’ हो रहा है। इसमें शामिल होने देश भर के 12 प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट भोपाल आ रहे हैं। ये…

 भारत सत्ता से नहीं, समाज से एक राष्ट रहा हैः डॉ. वैद्य

 

                                     भारत सत्ता से नहीं, समाज से एक राष्ट रहा हैः डॉ. वैद्य

                                            भारत धर्म से संचालित होता रहा हैः डॉ. वैद्य

                                                                   एमसीयू में भारत की भारतीय अवधारणापर युवा संवाद

 

भोपाल 02 दिसंबर 2025: सुपरिचित चिंतक डॉ. मनमोहन वैद्य ने भारत की भारतीय अवधारणा को स्पष्ट करते हुए कहा है कि राष्ट्र का अर्थ नेशन नहीं है। भारत में एक राजा और एक भाषा नहीं थी किंतु उत्तर से दक्षिण तक समाज अध्यात्म और संस्कृति के मूल्यों से एकरूप रहा है। इसने ही सनातन राष्ट्र का निर्माण किया। यह समाज राज्याश्रित नहीं था और स्वदेशी समाज था। 

डॉ. वैद्य माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता व संचार विश्वविद्यालय में आयोजित युवा संवाद को संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन विद्यार्थियों के अध्ययन मंडल व पत्रकारिता विभाग ने संयुक्त रूप से किया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलगुरु श्री विजय मनोहर तिवारी ने की। डॉ. वैद्य की इस सिलसिले में हाल में एक पुस्तक ‘हम और यह विश्व’ प्रकाशित हुई थी जिसका पिछले दिनों ही राजधानी में लोकार्पण हुआ था। डॉ.वैद्य ने कहा कि भारतीय समाज पूरी तरह आत्मनिर्भर था और यह आयात नहीं, निर्यात करता था। विश्व के व्यापार में हमारी लगभग दो तिहाई भागीदारी थी जितनी ब्रिटेन व अमेरिका की मिलाकर भी नहीं थी। राष्ट्र के घर-घर में उद्यम होता था। उद्योग में मातृशक्ति का अद्भुद योगदान होता था। हमारे घर संपदा निर्माण के केन्द्र थे। इसी वजह से गृहिणी को गृहलक्ष्मी कहा गया है। आपने कहा कि उत्पादन में प्रचुरता, वितरण में समानता और उपभोग में संयम-यही भारत का विचार है।

डॉ. वैद्य ने कहा कि भारत में सांस्कृतिक विविधता नहीं थी अपितु एक ही संस्कृति विविध रूपों में प्रकट होती है। आध्यात्मिकता ने भारत के विचार को गढ़ा है। हमने विश्व कल्याण की बात की है। उन्होंने पराभूत मानसिकता को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 2014 के बाद से भारत की बात को फिर से दुनिया में सुना जा रहा है। द संडे गार्जियन ने अपने संपादकीय में लिखा था कि भारत फिर से स्वाधीन हुआ है। उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि धर्म भारतीय अवधारणा है जिसका कोई अंग्रेजी पर्याय नहीं है। भारत में धर्म का व्यापक अर्थ रहा है। समाज के उपकार के लिए उसको लौटाना धर्म माना गया। भारत धर्म पर चला। लोकसभा से लेकर हमारी तमाम बड़ी संस्थाओं के बोधवाक्य को धर्म से लिया गया। तिरंगे के बीच अशोक चक्र वास्तव में धर्मचक्र है जिसका प्रवर्तन राजा अशोक ने किया। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता भारतीय शब्द नहीं है। यह शब्द ईसाईयत के सत्ता में हस्तक्षेप के बाद सरकारों का चरित्र तय करने के लिए पश्चिम का गढ़ा गया शब्द है। 1976 में बिना किसी बहस के इसे भारतीय संविधान में शामिल कर लिया गया। उन्होंने कहा कि राज्य को धर्म से ऊपर उठकर काम करना चाहिए, व्यक्ति धर्मनिरपेक्ष नहीं हो सकता। 

इस अवसर पर कुलगुरु श्री विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि भारत क्या है और इसे समझने के लिए हमारी दृष्टि क्या होनी चाहिए, यह डॉ. मनमोहन वैद्य के चिंतन व लेखन से स्पष्ट होता है। पत्रकारिता दुनिया को 360 डिग्री से देखने की कला है। यह दृष्टिकोण पत्रकारिता विश्वविद्यालय देता है। उन्होंने हम और यह विश्व की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें अल्लामा इकबाल के हम बुलबुले हैं इसको लेकर सर्वथा नया दृष्टिकोण दिया गया है। डॉ. वैद्य ने इसे आगे बढ़ाते हुए कहा कि बुलबुले बाग में संकट आने पर उड़ जाती हैं, पौधे जल जाते हैं किंतु बाग से डिगते नहीं हैं। हम सब इस बाग के पौधे हैं। कार्यक्रम का संचालन छात्र राजवर्धन सिंह ने किया।

                                       भारत सत्ता से नहीं, समाज से एक राष्ट रहा हैः डॉ. वैद्य                                             भारत धर्म…