पत्रकारिता के विद्यार्थी भावुक होकर पत्रकारिता न करें – कुलपति प्रो. के. जी. सुरेश

आरटीआई से भ्रष्टाचार में कमी आई है – केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर

जितना आप पढ़ेंगे उतना ही अच्छे पत्रकार बनेंगे – डॉ. विकास दवे

आप कंपनियों का यूज नहीं करते,कंपनियां आपका करती हैं – प्रो. उमेश आर्य

कन्टेन्ट डाक्यूमेंट्री का आधार है – विजय एस.जोधा

तीन महत्वपूर्ण सम्मान, पदक की कुलपति प्रो. सुरेश ने की घोषणा

पंख एक नई उड़ान पुस्तक का हुआ विमोचन

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय उन्मुखीकरण 2021 का हुआ समापन

भोपाल, 09 दिसम्‍बर, 2021: पत्रकारिता के विद्यार्थियों को भावुक होकर पत्रकारिता नहीं करना चाहिए। पत्रकारिता की भाषा सहज एवं सरल रखें, साथ ही साहित्य से भी इसका नाता होना चाहिए। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय उन्मुखीकरण 2021 के तृतीय दिवस की अध्यक्षता करते हुए ये बात कुलपति प्रो. के. जी. सुरेश ने कही। मीडिया, पत्रकारिता और साहित्य पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकारिता की भाषा में आक्रामकता एवं उन्माद नहीं होना चाहिए बल्कि संयम की भाषा होना चाहिए। ओरिएंटेशन प्रोग्राम में अंतिम दिवस गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय हिसार में मीडिया अध्ययन विभाग के डीन प्रो. उमेश आर्य, मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे, फिल्म एंड फोटोग्राफी सेंटर फॉर सोशल कम्युनिकेशन एंड चेंज के डायरेक्टर विजय एस.जोधा एवं केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सुरेश ने तीन महत्वपूर्ण सम्मान एवं पदक की घोषणा भी की। इस दौरान विश्वविद्यालय के विद्यार्थी कुमार शिवम की पुस्तक “पंख एक नई उड़ान” का भी विमोचन किया गया।  ओरिएंटेशन प्रोग्राम में कार्यक्रम की संयोजक एवं पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी, कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी, तीनों विभागों के मेंटर डॉ.मणिकंठन नायर विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। 

देश के केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने“आरटीआई, ए टूल फॉर सिटिजन इम्पॉवरमेंट” विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सूचना के अधिकार एक्ट को लोकतंत्र के लिए बहुत ही ताकतवर बताया। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार एक्ट आने से पालिटिक्स और ब्यूरोक्रैसी में डर पैदा हुआ है। भ्रष्टाचार करने से पहले इसे करने वालों में आरटीआई का भय व्याप्त हो रहा है जिससे वे ऐसा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके आने के बाद पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार में कमी आई है । केंद्रीय सूचना आयुक्त ने अपने कुछ ऐतिहासिक फैसलों के बारे में भी बताया। उन्होंने इस एक्ट को सरकार के लिए भी मददगार बताया। उन्होंने कहा कि ये एक्ट राडार का काम करता है । श्री माहुरकर ने सूचना के अधिकार एक्ट को आजादी के इतिहास में सबसे युनिक एक्ट कहा। समापन सत्र का संचालन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो.(डॉ) अविनाश वाजपेयी द्वारा किया गया।

गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय हिसार में मीडिया अध्ययन विभाग के डीन प्रो. उमेश आर्य ने “डाटा इज द न्यू ऑयल” विषय पर मुख्य वक्ता के रुप में प्रथम सत्र में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आजकल डेटा की बहुत वैल्यू है और कंपनियां इसी से अरबों, खरबों कमा रही है। उन्होंने कहा कि आज से बीस, तीस साल पहले तक जो लोग अमीर होते थे वे इस फील्ड के नहीं होते थे, लेकिन आज दुनियां के सबसे बड़े अमीरों में सबसे ज्यादा अमीर इसी फील्ड से जुड़े लोग है।  प्रो. आर्य ने विद्यार्थियों से कहा कि आप कंपनियों का यूज नहीं करते बल्कि कंपनियां आपका यूज करती हैं। उन्होंने कहा कि कंपनियां आपके व्यवहार का मोबाइल पर अध्ययन करके उसी तरह की सामग्री आपको परोसती है और आप उसका उपयोग करके कंपनी के यूजर बन जाते हैं। सत्र का संचालन कम्प्यूटर एवं अनुप्रयोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. चैतन्य अग्रवाल द्वारा किया गया।  

मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने द्वितीय सत्र में “मीडिया, पत्रकारिता और साहित्य” पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज की पत्रकारिता हिंग्लिस बन रह गई है। कठिन शब्द कहकर शब्दों को पत्रकारिता से विलोपित कर दिया गया है। डॉ. दवे ने विद्यार्थियों को बड़े पत्रकारों, साहित्यकारों को पढ़ने की बात कहते हुए स्वाध्याय करने की सलाह दी । उन्होंने कहा कि जितना आप पढ़ेंगे उतना ही अच्छे पत्रकार बनेंगे। पत्रकारिता में शुचिता एवं मर्यादा पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने नवागत विद्यार्थियों को कहा कि वे पत्रकारिता करते हुए न्यायाधीष बनने की कोशिश न करें । सत्र का संचालन पुस्तकालय विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. आरती सारंग द्वारा किया गया।

फिल्म एंड फोटोग्राफी सेंटर फॉर सोशल कम्युनिकेशन एंड चेंज के डायरेक्टर विजय एस.जोधा ने “आर्ट ऑफ डाक्युमेंट्री” विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज दो तरह की फिल्में बन रही हैं एक फिक्शन और दूसरी नान फिक्शन। श्री जोधा ने कहा कि नान फिक्शन रियलिटी बेस्ट होती हैं, इनमें फिल्में के साथ ही डाक्युमेंट्री भी होती हैं। उन्होंने डाक्युमेंट्री पर बात करते हुए कहा कि डाक्यूमेंट्री के लिए कन्टेंट बहुत ही आवश्यक आधार है। श्री जोधा ने कहा कि आजकल रिसर्च करके बहुत डाक्युमेंट्री बनाई जा रही है और लोग इन्हें पसंद भी बहुत कर रहे हैं। उन्होंने डाक्युमेंट्री के विभिन्न फॉम के बारे में बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को मेहनत करने, डाक्युमेंट्री में कैरियर की संभावनाओं के बारे में भी बताया । सत्र का संचालन सहा. प्राध्यापक संदीप भट्ट द्वारा किया गया।

कुलपति प्रो.के.जी. सुरेश ने की तीन महत्वपूर्ण घोषणाएं

  1. विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव एवं प्रख्यात फिल्म अध्येता श्री अनिल चौबे के परिवार द्वारा एम.एससी. फिल्म प्रोडक्शन पाठ्यक्रम में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 21000/- (इक्कीस हजार) रुपए की नगद राशि, पदक एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए जाने की घोषणा कुलपति प्रो. सुरेश ने की।
  2. मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार एवं चरैवैति के प्रबंध संपादक स्व. श्री रामेश्वर दयाल तिवारी की स्मृति में सुश्री अपर्णा वाजपेयी ने एम.ए.पत्रकारिता पाठ्यक्रम (भोपाल परिसर) में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 11000/- (ग्यारह हजार) रुपये का नगद पुरस्कार,पदक तथा प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा कुलपति प्रो. सुरेश ने की।
  3. मूर्धन्य पत्रकार एवं विश्वविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक श्री अम्बाप्रसाद श्रीवास्तव के परिवार द्वारा उनकी स्मृति में “मेधावी छात्र पदक” प्रारंभ किये जाने की घोषणा कुलपति प्रो. सुरेश ने की। यह पदक एवं प्रशस्ति पत्र एम.ए. विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग जनसंपर्क पाठ्यक्रम (भोपाल परिसर) में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को प्रदान किया जाएगा। कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि यह तीनों ही सम्मान जून-जुलाई 2022 की परीक्षा परिणाम के साथ प्रारंभ किये जाएंगे।