अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ‘नारी नेतृत्व–एक समान भविष्य की ओर’ विषय पर एमसीयू में आयोजन

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ‘नारी नेतृत्व–एक समान भविष्य की ओर’ विषय पर  एमसीयू में आयोजन

भोपाल, 07 मार्च, 2021: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में 8 मार्च को ‘नारी नेतृत्व–एक समान भविष्य की ओर’ विषय पर व्यख्यान एवं विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हैं। विश्वविद्यालय के आईसीसी सेल के इस आयोजन की मुख्य अतिथि साँची विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीरजा गुप्ता, विशिष्ट अतिथि उपन्यासकार सुश्री इंदिरा दांगी और अध्यक्ष कुलपति प्रो. केजी सुरेश हैं। 

‘नारी नेतृत्व–एक समान भविष्य की ओर’ केंद्रीय विषय पर आयोजित कार्यक्रम के अंतर्गत विश्वविद्यालय के सभी परिसरों में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों के लिये कहानी वाचन, फोटोग्राफी और समस्त स्टाफ़ के लिए कविता लेखन, फीचर लेखन तथा निबंध लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है। इन प्रतियोगिताएं के विजेताओं को महिला दिवस के अवसर पर पुरस्कृत किया जायेगा।

इस आयोजन में कोरोना दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी प्रत्यक्ष रूप से शामिल होंगे। कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम द्वारा विश्वविद्यालय के खंडवा, रीवा और नोएडा परिसर के समस्त विद्यार्थी, शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारी भी जुड़ेंगे।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ‘नारी नेतृत्व–एक समान भविष्य की ओर’ विषय पर  एमसीयू में आयोजन भोपाल, 07 मार्च, 2021: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में 8 मार्च को ‘नारी नेतृत्व–एक समान भविष्य की ओर’ विषय पर व्यख्यान एवं विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हैं। विश्वविद्यालय के आईसीसी…

परमाणु ऊर्जा को लेकर जन जागरूकता पैदा करना आज की आवश्यकता: प्रो. केजी सुरेश

परमाणु ऊर्जा को लेकर जन जागरूकता पैदा करना आज की आवश्यकता: प्रो. केजी सुरेश

भविष्य में परमाणु ऊर्जा ही होगी बिजली का प्रमुख स्त्रोत: श्री श्रीवास्तव

भोपाल, 07 मार्च, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने आज कहा कि पत्रकारिता से जुड़े छात्रों को समाज के सभी विषयों की जानकारी होना चाहिए। उन्हें यह भी समझना चाहिए कि देश में ऊर्जा के क्या प्रमुख स्त्रोत हैं। समय की आवश्यकता है कि परमाणु ऊर्जा के बारे में समाज में जागरूकता पैदा की जाए। प्रो. सुरेश विश्वविद्यालय द्वारा ‘न्यूक्लियर पावर एन इनएविटेबल ऑप्शन फॉर क्लीन, ग्रीन एंड सेफ इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन’ विषय पर आयोजित ऑनलाइन विशेष व्याख्यान की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि जब भी हम परमाणु ऊर्जा के बारे में सोचते हैं तो हमारी धारणा में बम की छवि आ जाती है। लेकिन परमाणु ऊर्जा के अन्य भी एप्लीकेशंस है जिसमें न्यूक्लियर मेडिसिन भी एक है। न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ मैनेजर (मीडिया एवं संचार) श्री अमृतेश श्रीवास्तव ने समाज में न्यूक्लियर ऊर्जा को लेकर चल रही अलग-अलग धारणाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बहुत उच्च शिक्षित लोगों को भी न्यूक्लियर ऊर्जा के बारे में जानकारी नहीं है। उन्हें यह भी नहीं पता है कि आज देश में न्यूक्लियर एनर्जी से कितनी बिजली पैदा की जा रही हैं। लोगों के मन में डर-सा बना हुआ है। पत्रकार और मीडियाकर्मी इस डर को दूर कर सकते हैं और जनसाधारण को न्यूक्लियर ऊर्जा के उपयोग और उसके लाभ के बारे में अवगत करा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत न्यूक्लियर प्लांट से बिजली पैदा करने में बहुत संपन्न हो सकता है, क्योंकि हमारे यहां थोरियम का एक तिहाई भंडार हैं। कोयला और न्यूक्लियर फ्यूल से बिजली बनाने में जमीन आसमान का अंतर है। न्यूक्लियर ऊर्जा प्रदूषण रहित एवं सस्ती हैं और इसे स्टोर करना आसान है। हमारे देश में 23 न्यूक्लियर प्लांट कार्यरत हैं और 7 निर्माणाधीन है। भारत में मात्र 3.3 प्रतिशत बिजली ही न्यूक्लियर पावर प्लांट से पैदा की जा रही है। फ्रांस जैसे तुलना देशों की तुलना में यह बहुत कम है। फ्रांस में 70.6 बिजली न्यूक्लियर प्लांट से पैदा हो रही है। देश में एंटीन्यूक्लियर लॉबी ने ‘फाल्स प्रोपगंडा’ फैलाया है। जिसके कारण लोगों के मन में न्यूक्लियर ऊर्जा को कई तरह की धारणाएं बन गई हैं। उन्हें लगता है कि न्यूक्लियर प्लांट से रेडिएशन निकलता है। यह धारणा गलत है। भारत के न्यूक्लियर पावर प्लांट ने पूरे विश्व में सबसे ज्यादा घंटे तक बिजली पैदा करने का रिकॉर्ड बनाया है। कार्यक्रम का संचालन विज्ञापन और जनसंपर्क विभाग के अध्यक्ष डॉ पवित्र श्रीवास्तव ने किया। आभार प्रदर्शन कुलसचिव डॉ अविनाश बाजपेयी ने माना।

परमाणु ऊर्जा को लेकर जन जागरूकता पैदा करना आज की आवश्यकता: प्रो. केजी सुरेश भविष्य में परमाणु ऊर्जा ही होगी बिजली का प्रमुख स्त्रोत: श्री श्रीवास्तव भोपाल, 07 मार्च, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने आज कहा कि पत्रकारिता से जुड़े छात्रों को समाज के सभी विषयों…

आगामी सत्र से विश्वविद्यालयों में लागू होगी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति – मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री

आगामी सत्र से विश्वविद्यालयों में लागू होगी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति – मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री

विद्यार्थी को मोल्ड नहीं उसमें निहित ज्ञान को अनफोल्ड करना चाहिए – डॉ. उमाशंकर पचौरी

विश्वविद्यालय में एचआरडीसी की स्थापना होगी – प्रो. के.जी. सुरेश

भारतनिष्ठ शिक्षा व्यवस्था में ही भारत का भविष्य है  – प्रो. मजहर आसिफ

म.प्र. में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

भोपाल 02 मार्च, 2021: नीति आयोग भारत सरकार, भारतीय शिक्षण मंडल और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन मंगलवार को हो गया। इस संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के विभिन्न परिसरों के शिक्षकों ने नई शिक्षा नीति को आगामी सत्र से लागू करने की दिशा में मंथन कर रोडमैप तैयार किया।

राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में शिक्षा व्यवस्था सर्वाधिक प्रभावित हुई, लेकिन सरकार इस चुनौती से निपटते हुए आगामी सत्र से ही विश्वविद्यालयों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करेगी। उन्होने कहा कि भले ही हमें समय कम मिला है लेकिन हम इसे लागू करेंगे क्योंकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति कल का नहीं बल्कि आज का विषय है, उन्होने कहा कि इसको लागू करने में सरकार से अधिक शिक्षकों की अहम भूमिका है।

समापन सत्र के मुख्य वक्ता के रूप में शिक्षाविद् एवं भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उमाशंकर पचौरी जी ने संबोधित करते हुए कहा कि 1986 में शिक्षा विभाग का नाम बदलकर मानव संसाधन कर देना बड़ी गलती थी, इससे शिक्षा की मूल अवधारणा खंडित हुई। श्री पचौरी ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थी को मोल्ड नहीं बल्कि उसमें निहित ज्ञान को अनफोल्ड किया जाना चाहिए, और नई शिक्षा नीति इसी अवधारणा पर आधारित है।

डॉ. पचौरी ने विभिन्न प्रसंगों का उदाहरण देते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अवधारणा को बहुत स्पष्ट और प्रभावी ढंग से समझाते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की चुनौती और यह ईश्वरीय कार्य शिक्षकों को ही करना है इसमें सरकार की बहुत अधिक भूमिका नहीं है। नर पशुओं को शिक्षा के माध्यम से देव मानव बनाया जाना ही शिक्षक का कर्तव्य है और ऋषि संस्कृति इसी की बात करती है।

सत्र के अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश ने कहा कि भारतीय संस्कृति शिक्षा और शिक्षक केंद्रित है, यहां एक साधारण शिक्षक भी चाणक्य के रूप में स्थापित होकर समाज हित में व्यवस्था में हस्तक्षेप कर सकता है। इसलिए नई शिक्षा नीति में शिक्षकों पर ही जोर है। प्रो. सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय यूजीसी के प्रावधान और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप नवाचार करते हुए नए शिक्षा सत्र से इसको लागू कर रहा है। कुलपति ने विश्वविद्यालय में एचआरडीसी की स्थापना करने की भी घोषणा की है।

इससे पूर्व शिक्षक-शिक्षा संवाद में जेएनयू के प्रो. मजहर आसिफ ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर शिक्षकों के साथ मंथन करते हुए उनकी जिज्ञासाओं को समाधान किया। प्रो. आसिफ ने कहा कि भारतीय संस्कृति कहीं भी रिलीजन (पंथ) की बात नही करती है बलकी धर्म की बात करती है, इस शिक्षा नीति में मूल्य आधारित भारतनिष्ठ शिक्षा व्यवस्था तैयार की गई है जो भारतीय संस्कृति, ज्ञान, भाषा और जीवन शैली पर आधारित है जिसमें भारत का भविष्य है।

कार्यक्रम का संचालक कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय संगोष्ठी कार्यक्रम के समन्वयक डॉ पवन मलिक ने किया कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर डॉ अविनाश बाजपेई ने किया।

आगामी सत्र से विश्वविद्यालयों में लागू होगी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति – मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री विद्यार्थी को मोल्ड नहीं उसमें निहित ज्ञान को अनफोल्ड करना चाहिए – डॉ. उमाशंकर पचौरी विश्वविद्यालय में एचआरडीसी की स्थापना होगी – प्रो. के.जी. सुरेश भारतनिष्ठ शिक्षा व्यवस्था में ही भारत का भविष्य है  – प्रो. मजहर आसिफ म.प्र. में राष्ट्रीय शिक्षा…

NEP to be implemented in MP Universities from next session: Dr Yadav

NEP to be implemented in MP Universities from next session: Dr Yadav

HRDC to be set up in MCU: VC Prof Suresh

Education should unfold and not mould students: Shri Pachauri

National Seminar on ‘National Education Policy and its Implementation’ concludes in MCU

Bhopal, 02nd March 2021: A two-day national seminar on ‘National Education Policy and its Implementation’, organised by Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Bhopal, NITI Aayog and Bharatiya Shikshan Mandal concluded today. University faculty members of different campuses of MCU, guest teachers and research scholars and teachers of 1600 Associated Study Centres participated in the seminar.

Chief Guest of valedictory session, Higher Education Minister, MP, Dr Mohan Yadav said higher and school education suffered the most in Covid-19 period. MP Government found out ways & means and conducted examinations on time. Other states which criticised the decision at that time, later lauded it. Universities in Madhya Pradesh will execute NEP from next academic session. We will implement it because the policy is the subject of today and not tomorrow, he said.  

Keynote speaker and General Secretary of Bharatiya Shikshan Mandal Dr Umashankar Pachauri said changing nomenclature of  education department to Human Resource Development Department was a major mistake and it ultimately destroyed the concept of education. Shri Pachauri said education should unfold the inner knowledge and skills of students and should not mould them. The NEP followed this concept. To implement the NEP is the task to be done only by teachers and not by government. This will inculcate ancient ‘Rishi Parampara’.

Vice Chancellor Prof KG Suresh said, Indian culture is education and teacher-centric. Here, teacher like Chanakya intervened in the system in the society’s interest. National Education Policy focused on teachers. Prof Suresh announced establishment of Human Resource Development Centre (HRDC) in the university and said, MCU will implement the policy from next academic session itself.

Earlier, Prof Mazhar Asif of Jawaharlal Nehru University, who was a member of the NEP drafting and review committee, interacted with teachers on NEP. Prof Asif said, Indian culture talks about Dharma and not religion. The NEP has value-based education in its focus. Q & A session was also held. NEP Coordinator Prof CP Agrawal spoke on the implementation of the policy. Seminar coordinator Dr Pavan Singh Malik conducted the programme. Registrar Dr Avinash Bajpai proposed the vote of thanks.

NEP to be implemented in MP Universities from next session: Dr Yadav HRDC to be set up in MCU: VC Prof Suresh Education should unfold and not mould students: Shri Pachauri National Seminar on ‘National Education Policy and its Implementation’ concludes in MCU Bhopal, 02nd March 2021: A two-day national seminar on ‘National Education Policy and…

देश की पहली शिक्षा नीति जिसमें है भारतीयता की ख़ुशबू – प्रो. मज़हर आसिफ

देश की पहली शिक्षा नीति जिसमें है भारतीयता की ख़ुशबू प्रो. मज़हर आसिफ

म.प्र. में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर मंथन प्रारंभ

राष्ट्रीय संगोष्ठी में शिक्षक -शिक्षाविद् संवाद से बन रहा रोडमैप

भोपाल, 01 मार्च, 2021: नीति आयोग भारत सरकार, भारतीय शिक्षण मंडल एवं पत्रकारिता विश्वविद्यालय द्वारा नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की पहल करते हुए राष्ट्रीय संगोष्ठी प्रारंभ की गई है। सोमवार को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय परिसर में इस संगोष्ठी के पहले दिन जेएनयू प्रोफेसर मजहर आसिफ ने विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा की।

इस अवसर पर प्रो. आसिफ ने कहा कि देश में लागू की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश में पहली ऐसी शिक्षा नीति है जिसमें भारतीयता की खुशबू है, यह भारतीयता के बोध और भारत की आवश्कताओं को पूर्ण करने वाली शिक्षा नीति है जिसे लागू किया जाना ज़रूरी है।

शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर मार्गदर्शन देते हुए प्रो. आसिफ ने बताया कि मातृभाषा, स्थानीय ज्ञान और कौशल पर केंद्रित इस नीति का 60% हिस्सा तो केवल शिक्षक ही लागू करने में सक्षम हैं, इसलिए इसके क्रियान्वयन में शिक्षकों की महत्ता सरकार से अधिक है।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में निश्चित रूप से उत्कृष्टता को प्राप्त करेगा। उन्होने शिक्षकों से कहा कि आप समय सीमा में नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन करते हुए विश्वविद्यालय को ट्रेंड सेटर बनाइए।

परस्पर संवादात्मक संगोष्ठी के पहले दिन में शिक्षकों ने प्रोफ़ेसर आसिफ के साथ शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में व्यावहारिक पहलू और प्रक्रिया पर विस्तृत चर्चा की और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया। सत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रकोष्ठ के समन्वयक प्रो. सी.पी. अग्रवाल ने स्वागत भाषण एवं, कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. पवन मलिक ने किया।

आज (मंगलवार को) संगोष्ठी के दूसरे दिन माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, नीति आयोग और भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा आयोजित “राष्ट्रीय शिक्षा नीति और क्रियान्वयन” पर म.प्र. के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव समापन सत्र को दोपहर 3.30 बजे मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करेंगे, साथ ही शिक्षाविद् श्री उमाशंकर पचौरी का विशेष व्याख्यान होगा।

देश की पहली शिक्षा नीति जिसमें है भारतीयता की ख़ुशबू – प्रो. मज़हर आसिफ म.प्र. में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर मंथन प्रारंभ राष्ट्रीय संगोष्ठी में शिक्षक -शिक्षाविद् संवाद से बन रहा रोडमैप भोपाल, 01 मार्च, 2021: नीति आयोग भारत सरकार, भारतीय शिक्षण मंडल एवं पत्रकारिता विश्वविद्यालय द्वारा नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की…

Fragrance of Indianness in NEP: Prof Mazhar Asif

Fragrance of Indianness in NEP: Prof Mazhar Asif

Become trend setter: VC Prof Suresh to teachers

Deliberations on National Education Policy on first day of two-day seminar in MCU

Bhopal, 1st March, 2021: National Education Policy review committee member and educationist Prof Mazhar Asif today discussed in detail wide ranges of issues of National Education Policy (NEP) with Head of Departments of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Bhopal, on the first day of the two-day national seminar. Prof Asif said, NEP is the only policy ever, which has the fragrance of Indianness. Vice Chancellor Prof KG Suresh, on the occasion, called upon teachers to become trend-setters.

The University has organised a two-day seminar on ‘National Education Policy and its Implementation’ in collaboration with NITI Aayog and Bharatiya Shikshan Mandal.

In an interactive session, Prof Asif pointed out the areas for implementation as part of short-term and long term plans. ‘Teachers who are the focal point in the policy, can implement its 60 percent part and their role in implementation is more than any government,’ he said.

Vice Chancellor Prof KG Suresh said the university will make efforts for academic excellence. He called upon teachers to prepare a roadmap in advance for NEP implementation. Time-bound plan should be rolled out in this regard. We are moving towards a new phase after Covic-19 and shifting to a new campus. MCU should be ahead in the implementation of NEP in MP, he said. Head of Department of Computer Science Applications and NEP coordinator Dr CP Agrawal delivered the welcome speech. Registrar Dr Avinash Bajpai proposed the vote of thanks. Dr Pavan Malik coordinated the programme.

Fragrance of Indianness in NEP: Prof Mazhar Asif Become trend setter: VC Prof Suresh to teachers Deliberations on National Education Policy on first day of two-day seminar in MCU Bhopal, 1st March, 2021: National Education Policy review committee member and educationist Prof Mazhar Asif today discussed in detail wide ranges of issues of National Education…