एमसीयू के विद्यार्थियों ने 30 यूनिट रक्तदान कर मनाया पराक्रम दिवस

एमसीयू के विद्यार्थियों ने 30 यूनिट रक्तदान कर मनाया पराक्रम दिवस

नेताजी की 125वीं जयंती एवं पराक्रम दिवस के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने आयोजित किया रक्तदान शिविर और विशेष व्याख्यान

भोपाल, 23 जनवरी, 2021: कोरोना काल में रक्त की आपूर्ति एवं रक्तदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती एवं पराक्रम दिवस के उपलक्ष्य में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। शिविर में एनएसएस एवं एनसीसी के स्वयंसेवकों के साथ ही शिक्षकों ने भी रक्तदान किया। पराक्रम दिवस के अवसर पर एक व्याख्यान भी आयोजन किया गया, जिसमें अभेद्य के संस्थापक एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री अमिताभ सोनी बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए।

विश्वविद्यालय के रासेयो इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह अवास्या ने बताया कि कोरोना महामारी के डर के चलते लोगों में रक्तदान को लेकर भय है जिसके कारण ब्लड डोनेशन कम हो रहा है, जबकि इस समय रक्त की सबसे अधिक आवश्यकता है। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती से अच्छा कोई अवसर नहीं हो सकता है। वहीं, एनसीसी के पीओ श्री मुकेश चौरासे ने बताया कि रेडक्रॉस संस्था के ब्लड बैंक के लिए विश्वविद्यालय की एनएसएस, एनसीसी इकाई के स्वयंसेवकों एवं प्राध्यापकों ने 30 यूनिट रक्तदान किया। शिविर में रासेयो के अभिलाष ठाकुर, प्रवीण कुशवाहा, सौरभ चौकसे, प्रतीक वाजपेयी, अभिषेक मिश्रा, अभिषेक द्विवेदी, कृष्णा, ऐश्वर्या समेत अन्य स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

पराक्रम दिखाने से ही जीवित है भारत की संस्कृति : अमिताभ सोनी

पराक्रम दिवस पर आयोजित विशेष व्याख्यान में अभेद्य के संस्थापक एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री अमिताभ सोनी ने कहा कि आज भारत की संस्कृति जीवित है क्योंकि हमने सदैव पराक्रम दिखाया है। अनेक प्रकार के आक्रमणों के विरुद्ध हमारी सभ्यता ने बहुत संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि लम्बे समय तक हमें हमारे देश की सही पहचान से दूर रखा गया है। मीडिया के विद्यार्थियों को संचार माध्यमों से भारत की वास्तविक पहचान को मजबूत करना चाहिए। श्री सोनी ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के व्यक्तित्व में सैन्य प्रशिक्षण का बहुत प्रभाव है। भारत की सेना ने कठिनतम परिस्थितियों में भी सदैव पराक्रम दिखाया है। हमें भारतीय सेना का सम्मान करना चाहिए।

उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि हमें अपने करियर पर नहीं, बल्कि कर्म पर अधिक ध्यान देना चाहिए, करियर तो अपने आप बन जायेगा। पश्चिम के प्रभाव में आज ‘मैं’ हावी हो गया है। इसलिए हम इन प्रश्नों का उत्तर खोजने में समय लगाते हैं कि मैं अमीर कैसे बनूँ? मैं सफल कैसे हो जाऊं? जबकि भारत की परम्परा में यह खोज और चिंतन का विषय रहा है कि ‘मैं कौन हूँ’? उन्होंने गीता के कई प्रसंगों का उल्लेख कर युवाओं को बताया कि भारत पुण्यभूमि है इसलिए हमारी धरती पर महापुरुषों की एक लम्बी परम्परा है। इस अवसर पर सहायक प्राध्यापक श्री लोकेन्द्र सिंह ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती सही मायने में पराक्रम दिवस है। उनका जीवन हमें पराक्रम की प्रेरणा देता है। जिस समय देश में ब्रिटिश सरकार की जड़ें बहुत गहरी हो गयीं थी तब नेताजी ने आज़ाद हिन्द फौज का गठन करके अंग्रेज सरकार को हिला दिया। दुनिया भर में संपर्क कर भारत की स्वतंत्रता के लिए जनसमर्थन एवं सामरिक शक्ति एकत्र की। नेताजी द्वारा स्थापित भारत की पहली स्वतंत्र सरकार को 11 देशों का समर्थन प्राप्त था। उन्होंने कहा कि युवा ही भारत की शक्ति है और जब युवा जागेगा तभी भारत की नई तस्वीर विश्व के सामने आएगी। नेताजी ने नारी शक्ति के पराक्रम को भी दुनिया के सामने स्थापित किया और आज़ाद हिन्द फौज में रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर महिला रेजिमेंट बनाई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने कहा कि युवा पीढ़ी को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जीवन से सीख लेनी चाहिए। उनका संघर्ष और बलिदान हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है। आभार प्रदर्शित करते हुए वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डॉ. पवन सिंह मलिक ने कहा कि नेताजी ने बताया कि जीवन से बड़ा होता है देश और जब हम मिटते हैं तो देश खड़ा होता है। हम सबको इस ध्येय वाक्य को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह अवास्या ने किया और अतिथियों का स्वागत सहायक प्राध्यापक श्री मुकेश चौरसे ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, एनसीसी एवं एनएसएस के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

एमसीयू के विद्यार्थियों ने 30 यूनिट रक्तदान कर मनाया पराक्रम दिवस नेताजी की 125वीं जयंती एवं पराक्रम दिवस के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने आयोजित किया रक्तदान शिविर और विशेष व्याख्यान भोपाल, 23 जनवरी, 2021: कोरोना काल में रक्त की आपूर्ति एवं रक्तदान के प्रति…

उत्कृष्ट विद्यालयों के प्राचार्यों के दल ने किया एमसीयू का शैक्षणिक भ्रमण

उत्कृष्ट विद्यालयों के प्राचार्यों के दल ने किया एमसीयू का शैक्षणिक भ्रमण

भोपाल, 22 जनवरी, 2021: मध्यप्रदेश के शासकीय उत्कृष्ट और आदर्श विद्यालयों के लगभग 25 प्राचार्यों का दल अकादमिक भ्रमण के लिए विश्वविद्यालय आया। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय में संचालित पत्रकारिता, संचार और कंप्यूटर तकनीक के विषयों की जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही विश्वविद्यालय पुस्तकालय, स्टूडियो और न्यू टेक्नोलॉजी लैब का भ्रमण भी प्राचार्यों के दल ने किया। शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ. ऊषा खरे ने कहा कि पत्रकारिता एवं संचार के क्षेत्र के लिए उत्कृष्ट मानव संसाधन तैयार करने में विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका है। जिन युवाओं को मीडिया के क्षेत्र में करियर बनाना है, उनके लिए यह विश्वविद्यालय बेहतर अवसर उपलब्ध कराता है।

कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी और डीन अकादमिक प्रो. पवित्र श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय में आये प्राचार्यों के समूह को विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जानकारी दी। जबकि विभागाध्यक्षों ने विभिन्न विभाग में संचालित हो रहे पाठ्यक्रमों की जानकारी दी। विश्वविद्यालय आये प्राचार्यों के समूह ने इस शैक्षणिक भ्रमण को सार्थक बताया। आयोजन का समन्वय वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डॉ. पवन सिंह मलिक ने किया।

उत्कृष्ट विद्यालयों के प्राचार्यों के दल ने किया एमसीयू का शैक्षणिक भ्रमण भोपाल, 22 जनवरी, 2021: मध्यप्रदेश के शासकीय उत्कृष्ट और आदर्श विद्यालयों के लगभग 25 प्राचार्यों का दल अकादमिक भ्रमण के लिए विश्वविद्यालय आया। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय में संचालित पत्रकारिता, संचार और कंप्यूटर तकनीक के विषयों की जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही…

‘पुष्प की अभिलाषा’ के 100 वर्ष पूरे होने पर एमसीयू करेगा वर्षभर साहित्यिक आयोजन : प्रो. केजी सुरेश

पुष्प की अभिलाषाके 100 वर्ष पूरे होने पर एमसीयू करेगा वर्षभर साहित्यिक आयोजन : प्रो. केजी सुरेश

बिसनखेड़ी स्थित नवनिर्मित परिसर में स्थापित होगी पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की आदमकद प्रतिमा

भोपाल, 21 जनवरी, 2021: महान साहित्यकार एवं स्वतंत्रता सेनानी पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की कविता ‘पुष्प की अभिलाषा’ के 100 वर्ष पूरे होने पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय वर्षभर साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित करेगा। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के नोएडा, खंडवा, रीवा और भोपाल परिसर सहित अन्य स्थानों पर किए जाएंगे। देश की राजधानी दिल्ली में भी इस श्रृंखला के अंतर्गत साहित्यकारों एवं पत्रकारों के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। बिसनखेड़ी स्थित विश्वविद्यालय के नवनिर्मित परिसर में दादा माखनलाल जी की विशालकाय प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी। यह विचार कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी की ओर से निकाली गई साहित्यिक यात्रा में कही। दादा की कर्मभूमि खंडवा से लेकर उनकी जन्मभूमि बाबई (माखन नगर) तक निकाली गई साहित्य यात्रा के अंतर्गत बाबई में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. सुरेश ने की।

प्रो. कुलपति ने कहा कि दादा माखनलाल चतुर्वेदी ने साहित्य और पत्रकारिता के लिए जो मापदंड स्थापित किए थे, उन्हें समाज तक लेकर जाने का प्रयास उनके नाम पर स्थापित यह विश्वविद्यालय करेगा। दादा की कर्मभूमि खंडवा में हमारे विश्वविद्यालय का परिसर है और माखन नगर (बाबई) में पुस्तकालय है। उन्होंने कहा कि माखनलाल जी की जो पत्रकारिता है, वह निडर और निर्भीक थी। उन्होंने कभी भी कलम से समझौता नहीं किया। कुलपति ने कहा कि माखनलाल जी के संदेश और उनका व्यक्तित्व हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। आज फेक कंटेंट के दौर में तथ्य आधारित पत्रकारिता की आवश्यकता है। माखनलाल जी की पूरी पत्रकारिता तथ्य आधारित रही। उन्होंने समाज और देशहित के मुद्दों पर पत्रकारिता की। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सुरेश ने माखन नगर (बाबई) में विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित पुस्तकालय का भ्रमण भी किया और पौधारोपण किया। उनके साथ यात्रा में कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी भी शामिल रहे।

‘पुष्प की अभिलाषा’ के 100 वर्ष पूरे होने पर एमसीयू करेगा वर्षभर साहित्यिक आयोजन : प्रो. केजी सुरेश बिसनखेड़ी स्थित नवनिर्मित परिसर में स्थापित होगी पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की आदमकद प्रतिमा भोपाल, 21 जनवरी, 2021: महान साहित्यकार एवं स्वतंत्रता सेनानी पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की कविता ‘पुष्प की अभिलाषा’ के 100 वर्ष पूरे होने पर माखनलाल…

फेक-जर्नल्स के जाल से बचें शोधार्थी – कुलपति प्रो. सुरेश

फेक-जर्नल्स के जाल से बचें शोधार्थी कुलपति प्रो. सुरेश

अकादमिक भ्रष्टाचार की तरह है फेक-जर्नल्स डॉ. सुमीत नरुला

एमसीयू में फेक, क्लोन्ड, प्रेडिटरी जर्नल्स इन एकेडमिक्सविषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला

भोपाल, 20 जनवरी, 2021: फेक-जर्नल्स का जाल आज देश-दुनिया में जिस तरह से फैल रहा है, उसमें मेहनत करने वाले शोधार्थी भी फंस जाते हैं। इसलिए यह कार्यशाला बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। इस तरह की कार्यशालाओं से शोधार्थियों में जागरूकता आएगी और वे इन फेक-जर्नल्स के जाल से खुद को बचा पाएंगे। यह विचार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा ‘फेक, क्लोन्ड, प्रेडिटरी जर्नल्स इन एकेडमिक्स’ विषय पर आयोजित ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला में कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने व्यक्त किए। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में संचार विशेषज्ञ डॉ. सुमीत नरुला ने कहा कि आजकल फेक-जर्नल्स अकादमिक भ्रष्टाचार की तरह हो गया है। इस अवसर पर निदेशक प्रकाशन एवं कार्यक्रम संयोजक प्रो. कंचन भाटिया, प्रभारी प्रकाशन एवं सह-संयोजक डॉ. राकेश कुमार पांडे, विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी  एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं शिक्षक उपस्थित थे।

विश्वविद्यालय के पंचम तल स्थित सभागार में कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय का काम सिर्फ का शिक्षा देना ही नहीं है बल्कि उत्कृष्ट शोध और प्रकाशन करना भी है। इसी उद्देश्य को लेकर विश्वविद्यालय एक मिशन – एक विजन के तहत 365 दिन लगातार कार्य कर रहा है। प्रो. सुरेश ने कहा वे चाहते हैं कि विश्वविद्यालय संचार का थिंक टैंक बने, जिसकी ख्याति देश नहीं विश्व स्तर पर हो। ऐसा करने के लिए हमारी अकादमिक टीम लगातार लगी हुई है।

संचार विशेषज्ञ डॉ. सुमीत नरुला ने कहा कि आज के समय में फैक्ट चैक करने के लिए विभिन्न मंच उपलब्ध हैं। उन्होंने यूजीसी केयर का उदाहरण देते हुए कहा कि इस मंच से ये पता किया जा सकता है कि कौन -से जर्नल फेक और कौन से अधिकृत हैं। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो.अविनाश वाजपेयी ने कहा कि कट, कापी और पेस्ट के वर्तमान परिदृश्य में यह कार्यशाला आवश्यक है, साथ ही सम-सामयिक भी है। उन्होंने कहा कि फेक-जर्नल्स में शोध- शोध-पत्र देने और लेने वाले दोनों ही दोषी होते हैं। आभार प्रदर्शन प्रभारी प्रकाशन एवं सह-संयोजक डॉ.राकेश कुमार पांडे ने व्यक्त किया।

फेक-जर्नल्स के जाल से बचें शोधार्थी – कुलपति प्रो. सुरेश अकादमिक भ्रष्टाचार की तरह है फेक-जर्नल्स – डॉ. सुमीत नरुला एमसीयू में ‘फेक, क्लोन्ड, प्रेडिटरी जर्नल्स इन एकेडमिक्स’ विषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला भोपाल, 20 जनवरी, 2021: फेक-जर्नल्स का जाल आज देश-दुनिया में जिस तरह से फैल रहा है, उसमें मेहनत करने वाले शोधार्थी भी फंस जाते…

Don’t get trapped in cloned, predatory journals: VC Prof Suresh to researchers

Don’t get trapped in cloned, predatory journals: VC Prof Suresh to researchers

Cloned journals are like academic corruption: Dr Sumit Narula

Online workshop in MCU on ‘How to Catch Fake, Cloned and Predatory Journals in Academics’

Bhopal, 20th January, 2021: Vice Chancellor of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Prof KG Suresh today said many hardworking researchers get trapped in fake and cloned journals and publish their papers in them as they are mushrooming across the globe.  It is important to create awareness among the academic community in this regard.

Prof Suresh was addressing an online workshop on ‘How to Catch Fake, Cloned and Predatory Journals in Academics’, organised by Department of Publications. Keynote speaker and Director of Amity School of Communication, Dr Sumit Narula, Director, Publication and workshop convener, Dr Kanchan Bhatia, In-Charge (publication) Dr Rakesh Kumar Pandey, Registrar Dr Avinash Bajpai, HoDs, teachers and research scholars were present.

Prof Suresh said, Universities are not only for teaching and learning alone but they also serve as think-tank and are dedicated to research as well.

Dr Sumit Narula, Director, Amity School of Communication, who conducted the workshop, termed fake and predatory journals as ‘academic corruption’. He said various online platforms are available today to check cloned and predatory journals. UGC-Care is one of them. Registrar Prof Vajpayee said that this workshop is very important in the age of cut-copy and paste. Researchers and publishers both are culprits in publication in cloned and predatory journals. In-Charge (publications), Dr Rakesh Kumar Pandey proposed the vote of thanks.

Don’t get trapped in cloned, predatory journals: VC Prof Suresh to researchers Cloned journals are like academic corruption: Dr Sumit Narula Online workshop in MCU on ‘How to Catch Fake, Cloned and Predatory Journals in Academics’ Bhopal, 20th January, 2021: Vice Chancellor of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Prof KG Suresh today…

Expose fake content: VC Prof KG Suresh

Expose fake content: VC Prof KG Suresh

Health journalism is responsible journalism: Pramod Joshi

Create positive environment in society: Shri Sanjay Dev

Provide right and credible information to readers: Shri Sanjay Abhigyan

Workshop on ‘Public Health and Evidence-Based Reporting’ organised by MCU and UNICEF

Bhopal, 19th January, 2020: Vice Chancellor of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Prof KG Suresh today said that media students should expose fake content. Training in health reporting is important for their career also.

Prof Suresh was addressing students’ workshop on ‘Public Health and Evidenced Based Journalism’ organised by the university and UNICEF. Students of Rewa, Khandwa, Noida and Bhopal campuses participated in the workshop.

Chairing the inaugural session, Vice Chancellor Prof Suresh said a lot of misinformation and fake content has gone viral and created sensation. Official version should be incorporated to ensure accuracy of the content. Negative news especially related with health sector causes long-term impact. We should cover positive aspects. Students should do evidence-based reporting. Underlining the credibility of print media, Prof Suresh explained the gate-keeping theory. This training for evidence-based reporting should be imparted to district level correspondents. Similar workshop will be held on January 29 for working journalists and photographers, he said.

Resource person and senior journalist Shri Sanjay Dev said information has flooded in the Covid-19 pandemic period. We should cross-check them before they reach public. We have responsibility to correct misinformation, disinformation and rumours and create positive environment in society. We should provide only useful information.

Senior journalist Shri Pramod Joshi said health reporting is now specialised field. A reporter of health beat should have knowledge of Critical Appraisal Skills (CAS).  The report should be accurate, clear and objective.

Senior journalist and resource person Shri Sanjay Abhigyan said that health reporting involves risk too as fake content can cause death instead of saving life. Media students should provide factual, credible and accurate information.

Senior Assistant Professor Shri LB Ojha coordinated the workshop. Registrar Prof Avinash Bajpai, Academic Mentor Dr Manikanthan Nair and programme coordinator Ankit Pandey were present. The workshop was live-streamed on Facebook for students of Associated Studies Centres and students of Noida, Rewa and Khandwa campuses.

Expose fake content: VC Prof KG Suresh Health journalism is responsible journalism: Pramod Joshi Create positive environment in society: Shri Sanjay Dev Provide right and credible information to readers: Shri Sanjay Abhigyan Workshop on ‘Public Health and Evidence-Based Reporting’ organised by MCU and UNICEF Bhopal, 19th January, 2020: Vice Chancellor of Makhanlal Chaturvedi National University…

फेक कन्टेंट को बेनकाब करें – कुलपति प्रो. सुरेश

फेक कन्टेंट को बेनकाब करें – कुलपति प्रो. सुरेश

स्वास्थ्य पत्रकारिता जिम्मेदारी की पत्रकारिता – प्रमोद जोशी

समाज में सकारात्मक माहौल का निर्माण करें – संजय देव

पाठकों तक विश्वसनीय एवं सही सूचनाएं पहुंचाएं – संजय अभिज्ञान

पत्रकारिता विश्वविद्यालय-यूनिसेफ का संयुक्त आयोजन, एमसीयू में विद्यार्थियों के लिए जन-स्वास्थ्य और तथ्यपरक पत्रकारिता विषय पर कार्यशाला

भोपाल,19 जनवरी, 2021: स्वास्थ्य पत्रकारिता न केवल सामाजिक दृष्टिकोण से आवश्यक है बल्कि पत्रकारिता के विद्यार्थी होने के नाते ये आपके करियर के लिए भी बहुत जरूरी है। इसलिए आपका कर्त्तव्य बनता है कि आप फेक कन्टेंट को बेनकाब करें। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय एवं यूनिसेफ के द्वारा आयोजित ‘जन-स्वास्थ्य और तथ्यपरक पत्रकारिता’ पर आधारित विद्यार्थियों की कार्यशाला में ये विचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने व्यक्त किए। विश्वविद्यालय के जनसंचार, प्रबंधन एवं कम्प्यूटर एवं अनुप्रयोग विभाग के साथ ही नोएडा, खंडवा एवं रीवा परिसर के विद्यार्थियों के लिए आयोजित कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रमोद जोशी, श्री संजय देव एवं श्री संजय अभिज्ञान ने स्वास्थ्य पत्रकारिता पर अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि आजकल कोरोना को लेकर बहुत फेक कन्टेंट आ रहा है, जिससे सनसनी फैल रही है। इसलिए ऐसे मामलों में सरकारी वर्जन बहुत जरूरी है। बिना तथ्यों को जांचे-परखे कभी भी खबरों को नहीं प्रकाशित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी वर्जन के साथ ही खबरों को प्रकाशित करना चाहिए। प्रो. सुरेश ने कहा कि नकारात्मक खबरें छापने का दूरगामी परिणाम होता है, इसलिए हमें सकारात्मक खबरें छापना चाहिए। प्रो. सुरेश ने कहा कि कोरोनाकाल में अफवाहें, अटकलें फैलाईं जा रही हैं, जो तेजी से बढ़ती जा रही हैं, पत्रकारिता के विद्यार्थी होने के नाते आपको साक्ष्य आधारित पत्रकारिता करते हुए अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता की सराहना करते हुए प्रो. सुरेश ने मीडिया की गेटकीपिंग थ्योरी को भी समझाया। उन्होंने कहा कि आजकल सूचना के लिए लोगों की भूख बढ़ गई है, अत: हमारा कर्तव्य बनता है कि हम पाठकों तक विश्वसनीय खबरों को पहुंचाएं। प्रो.सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता का मूल कार्य सिर्फ सूचित करना, शिक्षित करना ही नहीं है, बल्कि लोगों को प्रेरित करना भी है। हेल्थ रिपोर्टिंग की महत्ता बताते हुए कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि स्वास्थ्य पत्रकारिता को जिले स्तर तक ले जाने की आवश्यकता है। उन्होंने 29 जनवरी को पत्रकारों के लिए भी स्वास्थ्य पत्रकारिता पर कार्यशाला का आयोजन किए जाने की बात कही।

वरिष्ठ पत्रकार श्री संजय देव ने कहा कि कोरोनाकाल में खबरों की बाढ़-सी आ गई है लेकिन हमें तथ्यों की जांच-पड़ताल करके ही सही सूचनाओं को लोगों तक पहुंचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आशंकाएं एवं समाधान हर जगह से अलग-अलग आ रही हैं, हमें गंभीरता से इन्हें समझते हुए पत्रकारिता करनी चाहिए। हमारा फर्ज बनता है कि हम अफवाहों, अटकलों एवं भ्रमों का निवारण करें और समाज में एक सकारात्मक माहौल का निर्माण करें। स्वास्थ्य पत्रकारिता में डर का वातावरण न बनाने की बात कहते हुए श्री देव ने कहा कि हमें तथ्यों के दायरे में रहते हुए समाज में उपयोगी जानकारियों को पहुंचाना चाहिए।

वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद जोशी ने विद्यार्थियों से कहा कि यदि आप स्वास्थ्य पत्रकारिता करना चाहते हैं इसमें विशेषज्ञता का होना बहुत आवश्यक है। आपको इससे संबंधित कुछ जरूरी जानकारियों का पता होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जांच-परख, तथ्य, कौशल एक स्वास्थ्य पत्रकार के पास होना जरूरी है। स्वास्थ्य पत्रकारिता बिना सिद्धांतों के नहीं करने की बात करते हुए श्री जोशी ने कहा इसमें वस्तुनिष्ठता, स्पष्टवादिता एवं परिशुद्धता का होना बहुत आवश्यक है। स्वास्थ्य पत्रकारिता को जिम्मेदारी की पत्रकारिता बताते हुए उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे समाज से हमदर्दी रखें उनसे दूरी न बनाएं।

वरिष्ठ पत्रकार श्री संजय अभिज्ञान ने कहा कि हेल्थ रिपोर्टिंग में खतरा बहुत है, क्योंकि फेक न्यूज से किसी के जीवन को बचाने की जगह उसे मौत के मुंह में भी पहुंचाया जा सकता है। अत: पत्रकारिता के विद्यार्थियों को इससे बचते हुए तथ्यपरक पत्रकारिता करनी चाहिए, पाठकों तक विश्वसनीय एवं सही सूचनाओं को पहुंचाना चाहिए। स्वास्थ्य पत्रकारिता का काम लाखों करोड़ों लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है। उन्होंने विभिन्न बीमारी की परिभाषाओं को समझाते हुए कहा कि आजकल मानसिक बीमारी को बीमारी नहीं माना जाता है, जबकि यह भी एक बीमारी है। उन्होंने कहा कि आजकल ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कैंसर जैसी बीमारियों को ही पाठकों तक पहुंचाया जा रहा है, जबकि समाज में कुपोषण भी हैं। श्री अभिज्ञान ने विद्यार्थियों से समाज हित में कलम उठाकर स्वास्थ्य पत्रकारिता करने की बात कही।

कार्यशाला का समन्वय एवं संचालन वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक श्री लाल बहादुर ओझा ने किया। कार्यशाला में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. (डॉ.) अविनाश वाजपेयी, यूनिवर्सिटी कैंपस मेंटर डॉ. मणिकंठन नायर, प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर अंकित पांडे, विश्वविद्यालय के जनसंचार, प्रबंधन एवं कम्प्यूटर एवं अनुप्रयोग विभाग के साथ ही नोएडा, खंडवा एवं रीवा परिसर के विद्यार्थी भी ऑनलाइन उपस्थित थे।

फेक कन्टेंट को बेनकाब करें – कुलपति प्रो. सुरेश स्वास्थ्य पत्रकारिता जिम्मेदारी की पत्रकारिता – प्रमोद जोशी समाज में सकारात्मक माहौल का निर्माण करें – संजय देव पाठकों तक विश्वसनीय एवं सही सूचनाएं पहुंचाएं – संजय अभिज्ञान पत्रकारिता विश्वविद्यालय-यूनिसेफ का संयुक्त आयोजन, एमसीयू में विद्यार्थियों के लिए जन-स्वास्थ्य और तथ्यपरक पत्रकारिता विषय पर कार्यशाला भोपाल,19 जनवरी, 2021:…