संशोधित निविदा सूचना: विश्‍वविद्यालय के कम्‍प्‍यूटर एवं सहायक उपकरणों के संधारण हेतु निविदाएं आमंत्रित करने की तिथि में 24 दिसम्‍बर, 2021 तक वृद्धि करने बाबत्

विश्‍वविद्यालय के कम्‍प्‍यूटर एवं सहायक उपकरणों के संधारण हेतु संशोधित निविदा शर्तें एवं फार्म वेबसाईट पर शीघ्र उपलब्‍ध करवाये जायेंगे।


विश्‍वविद्यालय के कम्‍प्‍यूटर एवं सहायक उपकरणों के संधारण हेतु संशोधित निविदा शर्तें एवं फार्म वेबसाईट पर शीघ्र उपलब्‍ध करवाये जायेंगे। 

आँखे अनमोल हैं, इसका ख्याल रखें – कुलपति प्रो. केजी सुरेश

आँखे अनमोल हैं, इसका ख्याल रखें – कुलपति प्रो. केजी सुरेश

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में लगा निशुल्क चिकित्सा शिविर

भोपाल, 10 दिसम्‍बर, 2021: हमारा शरीर हमारे लिए सबसे कीमती है, इसलिए हमें हमारे शरीर का बहुत ध्यान रखना चाहिए। इनमें सबसे प्रमुख हमारी अनमोल आंखे और दांत हैं। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित निशुल्क चिकित्सा शिविर के शुभारंभ अवसर पर ये बात विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कही। इक्विटास बैंक, एएसजी आई हास्पीटल एवं तथास्तु डेंटल क्लिनिक के सहयोग से नेत्र एवं दांतों के लिए आयोजित एक दिवसीय निशुल्क चिकित्सा शिविर में उन्होंने विद्यार्थियों, शिक्षकों,कर्मचारियों, अधिकारियों को अधिक से अधिक संख्या में इसका लाभ उठाने की बात कही। कुलपति प्रो. सुरेश ने स्वयं भी अपनी आंखों एवं दांतों का चैकअप करवाया। इस अवसर पर विश्वविद्याल के कुलसचिव प्रो. (डॉ.) अविनाश वाजपेयी, विश्वविद्यालय के होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. आलोक पांडेय, बैंक के अधिकारी मुकेश कुमार, आई एवं डेंटल हास्पिटल के डॉक्टर्स विशेष रुप से उपस्थित थे। निशुल्क चिकित्सा शिविर में विद्यार्थियों, शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों ने बढ़-चढ़कर अपने स्वास्थ्य का चैकअप करवाया।

आँखे अनमोल हैं, इसका ख्याल रखें – कुलपति प्रो. केजी सुरेश पत्रकारिता विश्वविद्यालय में लगा निशुल्क चिकित्सा शिविर भोपाल, 10 दिसम्‍बर, 2021: हमारा शरीर हमारे लिए सबसे कीमती है, इसलिए हमें हमारे शरीर का बहुत ध्यान रखना चाहिए। इनमें सबसे प्रमुख हमारी अनमोल आंखे और दांत हैं। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में…

पत्रकारिता के विद्यार्थी भावुक होकर पत्रकारिता न करें – कुलपति प्रो. के. जी. सुरेश

पत्रकारिता के विद्यार्थी भावुक होकर पत्रकारिता न करें – कुलपति प्रो. के. जी. सुरेश

आरटीआई से भ्रष्टाचार में कमी आई है – केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर

जितना आप पढ़ेंगे उतना ही अच्छे पत्रकार बनेंगे – डॉ. विकास दवे

आप कंपनियों का यूज नहीं करते,कंपनियां आपका करती हैं – प्रो. उमेश आर्य

कन्टेन्ट डाक्यूमेंट्री का आधार है – विजय एस.जोधा

तीन महत्वपूर्ण सम्मान, पदक की कुलपति प्रो. सुरेश ने की घोषणा

पंख एक नई उड़ान पुस्तक का हुआ विमोचन

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय उन्मुखीकरण 2021 का हुआ समापन

भोपाल, 09 दिसम्‍बर, 2021: पत्रकारिता के विद्यार्थियों को भावुक होकर पत्रकारिता नहीं करना चाहिए। पत्रकारिता की भाषा सहज एवं सरल रखें, साथ ही साहित्य से भी इसका नाता होना चाहिए। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय उन्मुखीकरण 2021 के तृतीय दिवस की अध्यक्षता करते हुए ये बात कुलपति प्रो. के. जी. सुरेश ने कही। मीडिया, पत्रकारिता और साहित्य पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकारिता की भाषा में आक्रामकता एवं उन्माद नहीं होना चाहिए बल्कि संयम की भाषा होना चाहिए। ओरिएंटेशन प्रोग्राम में अंतिम दिवस गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय हिसार में मीडिया अध्ययन विभाग के डीन प्रो. उमेश आर्य, मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे, फिल्म एंड फोटोग्राफी सेंटर फॉर सोशल कम्युनिकेशन एंड चेंज के डायरेक्टर विजय एस.जोधा एवं केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सुरेश ने तीन महत्वपूर्ण सम्मान एवं पदक की घोषणा भी की। इस दौरान विश्वविद्यालय के विद्यार्थी कुमार शिवम की पुस्तक “पंख एक नई उड़ान” का भी विमोचन किया गया।  ओरिएंटेशन प्रोग्राम में कार्यक्रम की संयोजक एवं पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी, कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी, तीनों विभागों के मेंटर डॉ.मणिकंठन नायर विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। 

देश के केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने“आरटीआई, ए टूल फॉर सिटिजन इम्पॉवरमेंट” विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सूचना के अधिकार एक्ट को लोकतंत्र के लिए बहुत ही ताकतवर बताया। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार एक्ट आने से पालिटिक्स और ब्यूरोक्रैसी में डर पैदा हुआ है। भ्रष्टाचार करने से पहले इसे करने वालों में आरटीआई का भय व्याप्त हो रहा है जिससे वे ऐसा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके आने के बाद पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार में कमी आई है । केंद्रीय सूचना आयुक्त ने अपने कुछ ऐतिहासिक फैसलों के बारे में भी बताया। उन्होंने इस एक्ट को सरकार के लिए भी मददगार बताया। उन्होंने कहा कि ये एक्ट राडार का काम करता है । श्री माहुरकर ने सूचना के अधिकार एक्ट को आजादी के इतिहास में सबसे युनिक एक्ट कहा। समापन सत्र का संचालन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो.(डॉ) अविनाश वाजपेयी द्वारा किया गया।

गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय हिसार में मीडिया अध्ययन विभाग के डीन प्रो. उमेश आर्य ने “डाटा इज द न्यू ऑयल” विषय पर मुख्य वक्ता के रुप में प्रथम सत्र में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आजकल डेटा की बहुत वैल्यू है और कंपनियां इसी से अरबों, खरबों कमा रही है। उन्होंने कहा कि आज से बीस, तीस साल पहले तक जो लोग अमीर होते थे वे इस फील्ड के नहीं होते थे, लेकिन आज दुनियां के सबसे बड़े अमीरों में सबसे ज्यादा अमीर इसी फील्ड से जुड़े लोग है।  प्रो. आर्य ने विद्यार्थियों से कहा कि आप कंपनियों का यूज नहीं करते बल्कि कंपनियां आपका यूज करती हैं। उन्होंने कहा कि कंपनियां आपके व्यवहार का मोबाइल पर अध्ययन करके उसी तरह की सामग्री आपको परोसती है और आप उसका उपयोग करके कंपनी के यूजर बन जाते हैं। सत्र का संचालन कम्प्यूटर एवं अनुप्रयोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. चैतन्य अग्रवाल द्वारा किया गया।  

मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने द्वितीय सत्र में “मीडिया, पत्रकारिता और साहित्य” पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज की पत्रकारिता हिंग्लिस बन रह गई है। कठिन शब्द कहकर शब्दों को पत्रकारिता से विलोपित कर दिया गया है। डॉ. दवे ने विद्यार्थियों को बड़े पत्रकारों, साहित्यकारों को पढ़ने की बात कहते हुए स्वाध्याय करने की सलाह दी । उन्होंने कहा कि जितना आप पढ़ेंगे उतना ही अच्छे पत्रकार बनेंगे। पत्रकारिता में शुचिता एवं मर्यादा पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने नवागत विद्यार्थियों को कहा कि वे पत्रकारिता करते हुए न्यायाधीष बनने की कोशिश न करें । सत्र का संचालन पुस्तकालय विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. आरती सारंग द्वारा किया गया।

फिल्म एंड फोटोग्राफी सेंटर फॉर सोशल कम्युनिकेशन एंड चेंज के डायरेक्टर विजय एस.जोधा ने “आर्ट ऑफ डाक्युमेंट्री” विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज दो तरह की फिल्में बन रही हैं एक फिक्शन और दूसरी नान फिक्शन। श्री जोधा ने कहा कि नान फिक्शन रियलिटी बेस्ट होती हैं, इनमें फिल्में के साथ ही डाक्युमेंट्री भी होती हैं। उन्होंने डाक्युमेंट्री पर बात करते हुए कहा कि डाक्यूमेंट्री के लिए कन्टेंट बहुत ही आवश्यक आधार है। श्री जोधा ने कहा कि आजकल रिसर्च करके बहुत डाक्युमेंट्री बनाई जा रही है और लोग इन्हें पसंद भी बहुत कर रहे हैं। उन्होंने डाक्युमेंट्री के विभिन्न फॉम के बारे में बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को मेहनत करने, डाक्युमेंट्री में कैरियर की संभावनाओं के बारे में भी बताया । सत्र का संचालन सहा. प्राध्यापक संदीप भट्ट द्वारा किया गया।

कुलपति प्रो.के.जी. सुरेश ने की तीन महत्वपूर्ण घोषणाएं

  1. विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव एवं प्रख्यात फिल्म अध्येता श्री अनिल चौबे के परिवार द्वारा एम.एससी. फिल्म प्रोडक्शन पाठ्यक्रम में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 21000/- (इक्कीस हजार) रुपए की नगद राशि, पदक एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए जाने की घोषणा कुलपति प्रो. सुरेश ने की।
  2. मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार एवं चरैवैति के प्रबंध संपादक स्व. श्री रामेश्वर दयाल तिवारी की स्मृति में सुश्री अपर्णा वाजपेयी ने एम.ए.पत्रकारिता पाठ्यक्रम (भोपाल परिसर) में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 11000/- (ग्यारह हजार) रुपये का नगद पुरस्कार,पदक तथा प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा कुलपति प्रो. सुरेश ने की।
  3. मूर्धन्य पत्रकार एवं विश्वविद्यालय के पूर्व प्राध्यापक श्री अम्बाप्रसाद श्रीवास्तव के परिवार द्वारा उनकी स्मृति में “मेधावी छात्र पदक” प्रारंभ किये जाने की घोषणा कुलपति प्रो. सुरेश ने की। यह पदक एवं प्रशस्ति पत्र एम.ए. विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग जनसंपर्क पाठ्यक्रम (भोपाल परिसर) में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को प्रदान किया जाएगा। कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि यह तीनों ही सम्मान जून-जुलाई 2022 की परीक्षा परिणाम के साथ प्रारंभ किये जाएंगे।

पत्रकारिता के विद्यार्थी भावुक होकर पत्रकारिता न करें – कुलपति प्रो. के. जी. सुरेश आरटीआई से भ्रष्टाचार में कमी आई है – केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर जितना आप पढ़ेंगे उतना ही अच्छे पत्रकार बनेंगे – डॉ. विकास दवे आप कंपनियों का यूज नहीं करते,कंपनियां आपका करती हैं – प्रो. उमेश आर्य कन्टेन्ट डाक्यूमेंट्री का…

Journalism students should not do journalism by being emotional – Vice Chancellor Prof. K.G. Suresh

Journalism students should not do journalism by being emotional – Vice Chancellor Prof. K.G. Suresh

RTI has reduced corruption- Uday Mahurkar, Central Information Commissioner

The more you read, the better  journalist  you will become- Dr. Vikas Dave

We are the data – Prof. Umesh Arya

Content is the real hero of the documentary – Vijay S.Jodha

Vice Chancellor Prof. Suresh announced three important awards and medals for students

Book release of “Pankh Ek Nai Udaan”

Bhopal, 09 December, 2021: Journalism students should not do journalism by being emotional and the language of journalism  should be simple.  Speaking on media, journalism and literature, Vice Chancellor Prof. K.G Suresh said that the language of journalism should not have aggression and hysteria, rather  it should be the language of restraint. On the last day of the orientation program, Uday Mahurkar, Central Information Commissioner, Prof. Umesh Arya, the Dean of Media Studies, Guru Jambheshwar University, Hisar, Dr. Vikas Dave, Director of Madhya Pradesh Sahitya Akademi, Vijay S.Jodha, Director of Film and Photography Center for Social Communication and Change, expressed their views. On this occasion Vice Chancellor Prof. Suresh also announced three   awards and medals. The book “Pankh Ek Nai Udaan”  written by Kumar Shivam,  a student of the university was also released. In the orientation program, the convener of the program and Head of Department of Journalism Dr. Rakhi Tiwari, Registrar Prof. Avinash Vajpayee, Mentor of all the three centers, Dr. Manikanthan Nair, Heads of Departments, teachers and students of various departments were present.

Dean, Department of Media Studies, Guru Jambheshwar University, Hisar, Prof. Umesh Arya expressed his views in the first session as the keynote speaker on the topic “Data is the New Oil”. He said that tech companies are amongst the top companies today and   data has a lot of value and companies are earning billions from it. All companies are seeking consumer’s attention. Social Media companies develop a psychological model of users on the basis of their posts through algorithms. Social media sites must be used with great caution and we should become sensitive about the data we generate. We are getting lost in the data and we are suffering from information overload. The session was conducted by the Head of the Department of Computer and Application, Prof.  Chaitanya Agarwal.

In the second session of the Orientation, Dr. Vikas Dave, Director of Madhya Pradesh Sahitya Akademi, expressed his views on “Media, Journalism and Literature”. Literary language was used in journalism in the past but today very few newspapers and magazines are promoting literature. Language of journalism should be simple and easy to understand but it should also include literature. The words have been erased from journalism on the account of being difficult. Dr. Dave advised the students to inculcate reading habit as it will improve their language and expression. Expressing concern over the purity and decorum in journalism, he asked the students to refrain from putting their views as news. The session was coordinated by Dr. Aarti Sarang, Head of the Department of Library.

Vijay S. Jodha, Director, Film and Photography Center for Social Communication and Change was the keynote speaker for the third session and he expressed his views on the topic “Art of Documentary”. He said that there are two types of films, fiction and non-fiction including documentaries, corporate films and reality shows.  Talking about documentary he said that content is the real hero of the documentary and  most of the documentaries in India are research based and made very meticulously but sometimes they lack in form. He also highlighted the importance of hard work and immense career prospects in documentary making. The session was coordinated by Asst. Prof. Sandeep Bhatt.
The country’s Central Information Commissioner, Uday Mahurkar, while expressing his views on the topic “RTI, A Tool for Citizen Empowerment”, described the Right to Information Act as very powerful tool for democracy. He said that the Right to Information Act has created  a sense of fear in politics and bureaucracy. The fear of RTI is spreading amongst those who are involved in corrupt practices. He said that transparency has increased and corruption has decreased after its introduction. He also described how this act is helpful for the government and said that it acts as radar. Shri Mahurkar called the Right to Information Act the most unique act in the history of independence. The concluding session was coordinated by Prof. (Dr) Avinash Bajpai, Registrar of the University.

Vice Chancellor Prof .K.G. Suresh made three important announcements

  1. Vice Chancellor Prof. Suresh  announced a  cash award of  21000/- and a medal to the student who secured first position in  Msc. Film Production in  the memory of the ex-Registrar of Makhanlal University and Film Expert ,Shri Anil Chaubey.
  2. Aparna Bajpayee announced  a cash prize of Rs. 11000/- and a medal to the student who secured first position in MA Journalism course (Bhopal Campus), in the memory of her father Shri Rameshwar Dayal Tiwari, Senior Journalist of Madhya Pradesh and Managing Editor of Charaivati.
  3. The family of eminent journalist and former university professor Mr. Ambaprasad Srivastava announced  “Medhavi Chhatra Medal” in his memory. This medal  will be awarded to student of  M.A. Advertisement and Public Relations Department  securing first position in APR(Bhopal Campus). Vice Chancellor Prof. Suresh said that all these three awards will be given after the result of June-July 2022 examinations are announced.

Journalism students should not do journalism by being emotional – Vice Chancellor Prof. K.G. Suresh RTI has reduced corruption- Uday Mahurkar, Central Information Commissioner The more you read, the better  journalist  you will become- Dr. Vikas Dave We are the data – Prof. Umesh Arya Content is the real hero of the documentary – Vijay…

इमोजी ने सुख-दुख की परिभाषा बदल दी है – कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश

इमोजी ने सुख-दुख की परिभाषा बदल दी है – कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश

न्यू मीडिया के बाद मीडिया आयोग का गठन होना चाहिए – हर्षवर्धन त्रिपाठी

विद्यार्थी ताव और जोश का सहीं उपयोग करें – सुशांत सिन्हा

कारपोरेट कम्युनिकेशन में कैरियर की बहुत संभावनाएं हैं – के.एम. प्रशांत

स्वतंत्रता आंदोलन में मध्यप्रदेश की पत्रकारिता की बड़ी भूमिका रही है – शिवकुमार विवेक

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय उन्मुखीकरण 2021 के अंतर्गत दूसरा दिन  

भोपाल, 08 दिसम्‍बर, 2021: आजकल सोशल मीडिया पर इमोजी ने सुख-दुख की परिभाषा बदल दी है। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय उन्मुखीकरण 2021 के द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र की अध्यक्षता करते हुए ये बात कुलपति प्रो. सुरेश ने कही। प्रो. सुरेश ने कहा कि न्यू मीडिया और सोशल मीडिया के आने के बाद दोस्तों, रिश्तेदारों के घरों में लोगों का आना-जाना कम हो गया है और मोबाइल के इमोजी के जरिए लोग सुख और दुख भेजने लगे हैं। सोशल मीडिया पर युवाओ में तनाव एवं हीन भावना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए कुलपति  प्रो. सुरेश ने कहा कि आजकल के युवा सोशल मीडिया में कम या ज्यादा फालोअर्स होने से हीन भावना ग्रसित होते जा रहे हैं जो कि बिल्कुल भी उचित नहीं है । उन्होंने युवाओं को इससे सावधान रहने का संदेश दिया। ओरिएंटेशन प्रोग्राम में कार्यक्रम की संयोजक एवं पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी, कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार एवं विश्लेषक हर्षवर्धन त्रिपाठी ने “लोकतंत्र और न्यू मीडिया” विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यदि कोई विचार की ओर जाएगा तो एक पक्ष की तरफ जाएगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में निष्पक्ष जैसा कुछ नहीं होता है। श्री त्रिपाठी ने कहा कि  डिजिटल मीडिया एवं सोशल मीडिया में कोई अंतर नहीं है। टेलीविजन मीडिया एवं वर्तमान समय में न्यू मीडिया के आने के बाद श्री त्रिपाठी ने मीडिया आयोग के गठन किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि यदि आयोग का गठन होता है तो इसमें न्यू मीडिया एवं सोशल मीडिया को जरुर शामिल किया जाना चाहिए। सत्र का संचालन सहायक प्राध्यापक श्री सूर्यप्रकाश द्वारा किया गया।

द्वितीय सत्र “टीवी पत्रकारिता का बदलता स्वरुप” विषय पर आयोजित हुआ। जिसमें मुख्य वक्ता के रुप में जाने-माने टीवी एंकर एवं वरिष्ठ पत्रकार सुशांत सिन्हा ने कहा कि टेलीविजन में शुरुआत से लेकर अभी तक प्रयोग किए गए हैं और यह आज भी जारी है। उन्होंने टीआरपी को लेकर भी अपनी बेबाक राय रखी। उन्होंने कहा कि आजकल दर्शक जो देखना चाहते हैं वही दिखाया जा रहा है, अच्छी और बढ़िया चीजें भी टीवी पर आती हैं, लेकिन दर्शक बहुत कम देखते हैं, इसलिए इसके लिए दर्शक भी जिम्मेदार हैं । ताव और जोश शब्द का अर्थ बताते हुए उन्होंने नवीन विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे ताव और जोश का सहीं उपयोग करें । उन्होंने ताज हमले में लाइव टीवी रिपोर्टिंग पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कंटेट पर कहा कि हिंदी चैनल्स और अंग्रेजी चैनल्स के कंटेंट में जमीन आसमान का अंतर है। सत्र का संचालल सहा. प्राध्यापक डॉ.अरुण खोबरे द्वारा किया गया।

तृतीय सत्र में एनटीपीसी के एडिश्नर जनरल मैनेजर के.एम.प्रशांत ने कारपोरेट कम्युनिकेशन में संभावनाएं विषय पर आपनी बात रखी। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि कारपोरेट कम्युनिकेशन में कैरियर की बहुत संभावनाएं एवं अवसर है। इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आपको राईटिंग स्किल, स्टोरी राइटिंग पर भी ध्यान देना चाहिए। श्री प्रशांत से सोशल मीडिया में बहुत संभावनाएं होने की बात कही। उन्होंने कहा कि आजकल इंटरनेट पर भी डिजिटल मार्केटिंग हो रही है। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में हार्ड वर्क की बात करते हुए विद्यार्थियों को बेहतर काम करने और हमेशा कुछ नया सीखते रहने की सलाह दी। सत्र का संचालन जनसंपर्क एवं विज्ञापन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) पवित्र श्रीवास्तव द्वारा किया गया।

चतुर्थ एवं अंतिम सत्र में वरिष्ठ पत्रकार शिवकुमार विवेक ने मध्यप्रदेश की पत्रकारिता पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पहले समाचार-पत्रों, पत्रकारों एवं संपादकों में नैतिक सिद्धांत हुआ करते थे जो आजकल की पत्रकारिता में बहुत कम देखने को मिलता है। उन्होंने आजादी के लिए देश की पत्रकारिता में मध्यप्रदेश की पत्रकारिता का भी बहुत बड़ा योगदान होने की बात कही। श्री विवेक ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में मध्यप्रदेश की पत्रकारिता की भी अग्रणी भूमिका रही है। विद्यार्थियों को गुरु मंत्र देते हुए उन्होंने कहा कि उनके अंदर सतत् ज्ञान सीखने की जिज्ञासा होना चाहिए। श्री विवेक ने इसके साथ ही कहा कि हर पत्रकारिता के क्षेत्र में आने वाले हर, विद्यार्थी और पत्रकार को अपने प्रदेश की पत्रकारिता के बारे में जरुर जानना चाहिए । सत्र का संचालन सहायक प्राध्यापक डॉ. रंजन सिंह द्वारा किया गया।

इमोजी ने सुख-दुख की परिभाषा बदल दी है – कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश न्यू मीडिया के बाद मीडिया आयोग का गठन होना चाहिए – हर्षवर्धन त्रिपाठी विद्यार्थी ताव और जोश का सहीं उपयोग करें – सुशांत सिन्हा कारपोरेट कम्युनिकेशन में कैरियर की बहुत संभावनाएं हैं – के.एम. प्रशांत स्वतंत्रता आंदोलन में मध्यप्रदेश की पत्रकारिता की…

Emoji has changed the definition of happiness and sorrow – Vice Chancellor Prof. KG Suresh

Emoji has changed the definition of happiness and sorrow – Vice Chancellor Prof. KG Suresh

Media Commission should be formed after New Media – Harsh Vardhan Tripathi

A three day Orientation 2021 program was organized in Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication

Bhopal, 08 December, 2021: Emojis today have changed the definition of happiness and sadness on social media. Vice Chancellor, Prof.KG Suresh said that  after the advent of new media and social media ,people have started sharing happiness and sadness through mobile emojis instead of visiting their families and friends. Expressing his concern he said that youngsters should not ascertain their worth by the number of followers they have on social media

Senior journalist and analyst, Harshvardhan Tripathi was the keynote speaker of the first session on the topic “Democracy and New Media”. While expressing his views, he said that if one follows a certain thought naturally one will have an inclination towards one side. He said that fair journalism is a myth. Shri Tripathi explained that there is no difference between digital media and social media. Shri Tripathi also spoke about the need for formation of a media commission after the advent of television media and new media .The session was coordinated by Assistant Professor Mr. Suryaprakash. The convener of the program and Head of Department of Journalism Dr. Rakhi Tiwari, Registrar Prof. Avinash Vajpayee, Heads of Departments, teachers and students of various departments were also present in the Orientation.

The second session was organized on the topic “The changing nature of TV journalism”. Well-known TV anchor and senior journalist Sushant Sinha was the keynote speaker for the session. He said that a lot of experiments have been done in television since its very inception and it continues even today. He spoke candidly on TRP and said that the audience is also responsible for what is being shown on television. Both good and bad things come on TV, it is the audience who has to decide what they want to watch. He also expressed his views on live TV reporting through the Taj attack in Mumbai. He also said that there is a difference between the content of Hindi channels and English channels. The session was coordinated by Asst. Prof. Dr. Arun Khobre.

The Additional General manager of NTPC Shri.  K.M Prashant was the keynote speaker for the third session of the Orientation Program and the topic of the session was Opportunities in Corporate Communication. He informed the students about the immense career opportunities in the field of Corporate Communication. He urged the students to improve their writing skills  and explore the opportunities in social media. He also stressed on the importance of hard work in electronic media and asked the students to work hard  and update themselves on a regular basis. The session was co-ordinated by Prof.Dr.Pavitra Shrivastava,HOD of Public Relations and Advertising department.

Senior journalist Shri. Shivkumar Vivek was the keynote speaker for the fourth session of the Orientation program and he expressed his views on Journalism of Madhya Pradesh. He said that the values and principles that the journalists and  editors of newspapers and magazines had in the past is rarely seen in today’s journalism. He said that the Journalism of Madhya Pradesh played a very important role in the country’s freedom struggle. He also asked the students to understand the Journalism of their state first and always be curious to gain more knowledge. The session was co-ordinated by Asst.Prof. Dr.Ranjan Singh.

Emoji has changed the definition of happiness and sorrow – Vice Chancellor Prof. KG Suresh Media Commission should be formed after New Media – Harsh Vardhan Tripathi A three day Orientation 2021 program was organized in Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal, 08 December, 2021: Emojis today have changed the definition of…

पत्रकारिता के पाठ्यक्रमों में इतनी वैरायटी किसी विश्वविद्यालय में नहीं – कुलपति प्रो. केजी सुरेश

पत्रकारिता के पाठ्यक्रमों में इतनी वैरायटी किसी विश्वविद्यालय में नहीं – कुलपति प्रो. केजी सुरेश

अच्छा पत्रकार बनना है तो संकल्प लें, महत्वाकांक्षा पालें  – पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर

पत्रकारिता में शस्त्रों से नहीं, शब्दों से लड़ाई होती है – प्रो. कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री

सूचनाओं के संधारण से नहीं, मन और बुद्धि से आते हैं संस्कार – डॉ. सच्चिदानंद जोशी

डिजिटल मीडिया में अपार संभावनाएं – अभिजीत मजूमदार

पत्रकारिता में छोटे और सरल शब्द लिखें –  डॉ. शिरीष काशीकर

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय उन्मुखीकरण 2021 कार्यक्रम का शुभारंभ

26 जनवरी को बिखनखेड़ी के नवीन परिसर में शुरु होगा विश्विविद्यालय – कुलपति प्रो.सुरेश

भोपाल, 07 दिसम्‍बर, 2021: हमारे विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के जितने विषय हैं, पाठ्यक्रमों में जितनी वैरायटी है उतनी देश के किसी भी विश्वविद्यालय में नहीं है। ये उन्मुखीकरण 2021 कार्यक्रम आप सभी विद्यार्थियों के लिए ही है, इसका आप सभी को लाभ उठाना चाहिए। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर के प्रथम सत्र में ये बात कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश ने कही। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं वर्तमान मे संस्कृति मंत्रालय के सलाहकार प्रो.कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री ने मुख्य अतिथि वक्ता के रुप में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि सीमा पर लड़ाई शस्त्रों से होती है, लेकिन पत्रकारिता के क्षेत्र में लड़ाई शब्दों से होती है। उन्होंने कहा कि एक शब्द से अर्थ का अनर्थ हो सकता है इसीलिए शब्दों के चयन में बहुत सावधानी रखना चाहिए। शुभारंभ सत्र का संचालन पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम की संयोजक डॉ. राखी तिवारी ने किया। मामा माणिकचंद्र वाजपेयी सभागार में हो रहे कार्यक्रम में कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

शुभारंभ सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने इस अवसर नवीन विद्यार्थियों को खुशखबरी भी दी। उन्होंने 26 जनवरी के दिन बिशनखेड़ी स्थित विश्वविद्यालय के भव्य नए परिसर में जाने की घोषणा की। इसके साथ ही कुलपति प्रो. सुरेश ने 18, 19, 20 फरवरी को नए परिसर में आयोजित होने वाले चित्र भारती फिल्मोत्सव के आयोजन कि जानकारी दी, साथ ही विद्यार्थियों को अधिक से अधिक संख्या में सहभागिता करने को भी कहा।

द्वितीय सत्र में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डा. सच्चिदानंद जोशी ने “मीडिया का संस्कार” विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि संस्कार सूचनाओं के संधारण से नहीं आते हैं, यह व्यक्ति के मन से, बुद्धि से आते हैं। इसलिए विद्यार्थियों को श्रेष्टतम संस्कारों को आत्मसात करना चाहिए। डॉ. जोशी ने कहा कि संस्कार गुरु के सानिध्य से ही प्राप्त हो सकता है, अत: विद्यार्थी मन लगाकर अच्छी पुस्तकों का अध्यापन करें। उन्होंने कहा कि मीडिया का कोर्स, मेडिकल के कोर्स की तरह ही है। जैसे मेडिकल के कोर्स में शरीर का इलाज किया जाता है, वैसे ही पत्रकारिता में समाज में फैली अव्यवस्थाओं का ईलाज किया जाता हैं। इस सत्र का संचालन न्यू मीडिया विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. पी. शशिकला द्वारा किया गया।

तृतीय सत्र में “डिजिटल मीडिया आंत्रप्नोयरशिप” विषय पर Earshot media के संस्थापक एवं एडिटर इन चीफ अभिजीत मजूमदार ने डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में नई संभावनाओं से विद्यार्थियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आज के बदलते युग में इस नए प्लेटफार्म में कैरियर की अपार संभावनाएं एवं अवसर हैं। श्री मजूमदार ने विद्यार्थियों को सदैव अपडेट रहने  की सलाह दी।  सत्र का संचालन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. (डॉ) अविनाश वाजपेयी द्वारा किया गया।

प्रथम दिवस का चतुर्थ एवं अंतिम सत्र का विषय आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत “मीडिया की स्वर्णिम यात्रा” था। माधवराव सप्रे संग्रहालय,समाचार पत्र और अनुसंधान संस्थान भोपाल के संस्थापक निदेशक पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर एवं भारतीय जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान अहमदाबाद के निदेशक डॉ. शिरीष काशीकर ने इस विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. काशीकर ने गुजराती समाचार-पत्र एवं पत्रकारों के स्वर्णिम इतिहास के बारे में बताया। पत्रकारिता के  नवागत विद्यार्थियों को उन्होंने गुरुमंत्र देते हुए कहा कि वे छोटे और सरल शब्द में लिखें। पद्मश्री विजय दत्त श्रीधर जी ने विद्यार्थियों में उत्साह भरते हुए कहा कि यदि उन्हें एक अच्छा पत्रकार बनना है तो इसके लिए विद्यार्थियों को संकल्प लेना होगा। साथ ही इसके लिए उनको महत्वाकांक्षा भी जरुर पालना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि आप सवाल पूछना सीख गए तो आप पत्रकार बन जाएंगे। श्रीधर  जी ने कहा कि सवाल पूछना ही पत्रकारिता है। उन्होंने नारद की पत्रकारिता पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा का नारद की पत्रकारिता का पहला उद्देश्य लोकमंगल था। सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की। सत्र का संचालन जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आशीष जोशी द्वारा किया गया।

पत्रकारिता के पाठ्यक्रमों में इतनी वैरायटी किसी विश्वविद्यालय में नहीं – कुलपति प्रो. केजी सुरेश अच्छा पत्रकार बनना है तो संकल्प लें, महत्वाकांक्षा पालें  – पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर पत्रकारिता में शस्त्रों से नहीं, शब्दों से लड़ाई होती है – प्रो. कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री सूचनाओं के संधारण से नहीं, मन और बुद्धि से आते हैं संस्कार…

आल इण्डिया ट्रैकिंग कैंप में एमसीयू के एनसीसी कैडेट का दबदबा

आल इण्डिया ट्रैकिंग कैंप में एमसीयू के एनसीसी कैडेट का दबदबा

भोपाल, 07 दिसम्‍बर, 2021: राष्ट्रीय कैडेट कोर, गुजरात और दमन दीप मुख्यालय द्वारा आयोजित आल इण्डिया ट्रैकिंग कैंप, राजपिपला में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सीनियर अंडर ऑफिसर अभय पाण्डेय बेस्ट कैंप सीनियर हेतु नामित हुए। यह कैंप 27 नवम्बर, 2021 से 04 दिसम्बर 2021 तक गुजरात के नर्मदा जिले के राजपिपला में आयोजित किया गया। कैंप के अंतर्गत स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, सरदार सरोवर डैम, कर्जन डैम, और जुनाराज जंगल ट्रैक भी कैडेटस द्वारा किया गया।   

इस वर्ष राष्ट्रीय कैडेट कोर द्वारा विभिन्न प्रकार के कैंप आयोजित किये गए। ये कैंप प्रत्येक कैडेट को प्रतिभा दर्शाने का मौका प्रदान करता है। इस वर्ष आल इण्डिया ट्रैकिंग कैंप के लिए एमसीयू की एनसीसी इकाई के सीनियर अंडर ऑफिसर अभय पाण्डेय का चयन मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ डायरेक्टरेट सीनियर के रूप में हुआ। आल इण्डिया ट्रैकिंग कैंप, राजपिपला में शानदार प्रदर्शन के कारण अभय पाण्डेय को कैंप के कर्नल नागेन्द्र पिल्लई, 20 गुजरात बटालियन नवसारी द्वारा सम्पूर्ण ट्रैकिंग कैंप के सीनियर के रूप में चुना गया। वहीं, इस आठ दिवसीय आल इण्डिया ट्रैकिंग कैंप हेतु मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ डायरेक्टरेट द्वारा विश्वविद्यालय के एएनओ लेफ्टिनेट मुकेश कुमार चौरासे का चयन डायरेक्टरेट के सभी 6 बटालियन के कैडेटस के मार्गदर्शन हेतु किया गया था। श्री चौरासे को उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रशंसा पत्र एवं मैडल प्रदान किया गया। कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्ति किया और दोनों को शुभकामनाएं दी हैं।

आल इण्डिया ट्रैकिंग कैंप में एमसीयू के एनसीसी कैडेट का दबदबा भोपाल, 07 दिसम्‍बर, 2021: राष्ट्रीय कैडेट कोर, गुजरात और दमन दीप मुख्यालय द्वारा आयोजित आल इण्डिया ट्रैकिंग कैंप, राजपिपला में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सीनियर अंडर ऑफिसर अभय पाण्डेय बेस्ट कैंप सीनियर हेतु नामित हुए। यह कैंप 27 नवम्बर, 2021…