एमसीयू में मीडिया और पुलिस विषय पर विषय पर मास्टर क्लास

फेक न्यूज का वाहक न बने मीडियाः हरिनारायणचारी

एमसीयू में मीडिया और पुलिस विषय पर विषय पर मास्टर क्लास

*भोपाल,1 नवंबर*। भोपाल के पुलिस आयुक्त श्री हरिनारायणचारी मिश्रा का कहना है कि घटनाएं कई बार जैसी दिखती हैं वैसी नहीं होतीं। अक्सर उनकी पड़ताल करने कुछ अलग ही सच उजागर होता है। वस्तुनिष्ठता के बजाए भावनाओं के आधार पर लिखने से चीजें बिगड़ सकती हैं। श्री मिश्रा आज यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित ‘मीडिया और पुलिस’ विषय आयोजित पर मास्टर क्लास को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलगुरु श्री विजय मनोहर तिवारी, कुलसचिव प्रो. पी. शशिकला, विभागाध्यक्ष प्रो.संजय द्विवेदी मौजूद रहे।
श्री हरिनारायणचारी ने कहा कि तकनीक के कारण अपराध का तरीका बदला है, भौगोलिक सीमाएं भी टूट गयी हैं। ऐसे में सूचना के प्रवाह के विनियमित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि तर्कसंगत ढंग से घटना को न देखें तो जांच की दिशा बदल जाती है। ऐसे में लोगों के जागरूक करने में मीडिया की भूमिका बहुत महत्व की है। उन्होंने बताया की कई बार अपराध को ग्लैमराइज्ड करके दिखाया जाता है। इससे समाज में गलत चलन का खतरा पैदा होता है। देखा गया है कि आत्महत्या की खबरों को बढ़ा- चढ़ा कर पेश करने से आत्महत्याओं की संख्या बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्टिंग की कसौटी है जनहित और राष्ट्रहित। उनका कहना था कि मीडिया की सक्रियता के चलते कई कानून बदले और कई कानूनों को और कड़ा बनाया गया। इसके साथ ही अनेक मामले मीडिया के दबाव में खुले और सामने आए।
कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि लगातार गांवों से शहरों की तरफ पलायन से पुलिस पर दबाव बढ़ा है। पत्रकारिता के विद्यार्थियों पर दुहरा दवाब है कि वे अच्छे नागरिक भी बनें और अच्छे पत्रकार भी। राष्ट्रीय सुरक्षा के सवालों को रिपोर्ट करते समय हमें ध्यान रखना है कि क्या देना और क्या नहीं देना।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी मौजूद रहे।

फेक न्यूज का वाहक न बने मीडियाः हरिनारायणचारी एमसीयू में मीडिया और पुलिस विषय पर विषय पर मास्टर क्लास *भोपाल,1 नवंबर*। भोपाल के पुलिस आयुक्त श्री हरिनारायणचारी मिश्रा का कहना है कि घटनाएं कई बार जैसी दिखती हैं वैसी नहीं होतीं। अक्सर उनकी पड़ताल करने कुछ अलग ही सच उजागर होता है। वस्तुनिष्ठता के बजाए…

कुछ भी लिखने से पहले जरा सोचिए : श्री दयानंद पाण्डेय

कुछ भी लिखने से पहले जरा सोचिए : श्री दयानंद पाण्डेय

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में विशेष व्याख्यान का आयोजन

भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में 26 अगस्त को विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार श्री दयानंद पाण्डेय और अध्यक्षता कुलगुरु श्री विजय मनोहर तिवारी ने की। श्री पाण्डेय ने कहा कि छपे हुए अक्षरों को लोग आज भी अंतिम सत्य मानते हैं। इसलिए पत्रकार के नाते हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि हम कुछ भी लिखने से पहले जरा सोचें कि उसका क्या प्रभाव होगा। पत्रकारिता में वह ताकत है कि वह लोगों का जीवन बना भी सकती है और बिगाड़ भी सकती है। इसलिए हमें किसी के बारे में कोई पूर्वाग्रह नहीं रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि समाचार लिखते समय किसी की निजता का हनन न हो।

         पत्रकारिता के विद्यार्थियों को अच्छे पत्रकार बनने के सूत्र देते हुए उन्होंने कहा कि हमें कवरेज के लिए जाते समय नदी की तरह होना चाहिए, जो अपने साथ सबकुछ लेकर चलती है। यह हमें बाद में तय करना होगा है कि उसमें से कंकड़ निकालने हैं या हीरे-मोती। उन्होंने कहा कि एक अच्छा पत्रकार बनना है तो हमें अच्छा पढ़ना चाहिए। आजकल विद्यार्थियों में पढ़ने का अभ्यास कुछ कम हुआ है। उन्होंने प्रभाष जोशी, राजेन्द्र माथुर, आलोक तोमर जैसे संपादकों का उदाहरण देकर बताया कि हमारी भाषा समृद्ध और सरस होनी चाहिए। उन्होंने आदिगुरु शंकराचार्य और मंडन मिश्र के संवाद में भारती मिश्र का उदाहरण बताकर कहा कि हमारे यहाँ स्त्रियां भी बहुत विद्वान होती थीं।

श्री पाण्डेय ने कहा कि हमें अच्छा पत्रकार बनकर भारत के संदर्भ में फैलाई गईं भ्रांतियों को भी तोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं अकसर कहता हूँ कि अकबर के समय में तुलसीदास पैदा नहीं हुए, बल्कि तुलसीदास के समय में अकबर पैदा हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलगुरु श्री विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि हमें किसी के पक्ष में खड़ा नहीं होना है, जो देश के पक्ष में बात करे, हम उसके साथ खड़े हों। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार के पास विश्वसनीयता के अलावा कुछ नहीं होता। यह विश्वसनीयता हमारी लेखनी से ही आती है। कुलगुरु ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अच्छी साहित्यिक पुस्तकें पढ़ें क्योंकि साहित्य के किनारों से टकराकर जब हम आगे बढ़ते हैं तो हमारी भाषा समृद्ध होती है। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार ज्ञापन सहायक प्राध्यापक श्री लोकेन्द्र सिंह राजपूत ने किया। इस अवसर पर विभाग के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

(प्रो. पी. शशिकला)

कुलसचिव

कुछ भी लिखने से पहले जरा सोचिए : श्री दयानंद पाण्डेय माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में विशेष व्याख्यान का आयोजन भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में 26 अगस्त को विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार श्री दयानंद पाण्डेय और अध्यक्षता कुलगुरु श्री…

एमसीयू के विद्यार्थियों ने राष्‍ट्रीय मीडिया में दिया ऐतिहासिक योगदान : मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव

एमसीयू का सत्रारंभ कार्यक्रम ‘अभ्युदय’ आरंभ 

एमसीयू के विद्यार्थियों ने राष्‍ट्रीय मीडिया में दिया ऐतिहासिक योगदान : मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव

समाज का छपे हुए शब्‍दों पर भरोसा कायम : डॉ. कुमार विश्‍वास

दादा माखनलाल चतुर्वेदी की प्रतिमा का अनावरण

 भोपाल 20 अगस्‍त। मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने पिछले पैंतीस वर्षों में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर ख्‍याति अर्जित की है। यहां से शिक्षा प्राप्‍त पत्रकारों ने मीडिया की दुनिया में मानक स्‍थापित किए हैं। वे यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के अकादमिक सत्र 2025-2026 का सत्रारंभ समारोह में मुख्‍य अतिथि की आसंदी से बोल रहे थे। इस मौके पर प्रख्‍यात कवि डॉ. कुमार विश्‍वास, विश्‍वविद्यालय के कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी, राज्‍य शासन में मंत्री कृष्‍णा गौर, महापौर मालती राय, विधायक भगवान दास सबनानी, रामेश्‍वर शर्मा, उमाकांत शर्मा, जनसम्‍पर्क आयुक्‍त डॉ. सुदाम खाडे़ विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर उन्‍होंने दादा माखनलाल चतुर्वेदी की 12 फीट उंची प्रतिमा का अनावरण भी किया। इस दौरान अतिथियों ने परिसर में पौधरोपण भी किया।

          मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि समाज के संचालन में पत्रकारों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि देवर्षि नारद आदि पत्रकार हैं जिनके जीवन और कार्यव्यवहार से हमें ज्ञात होता है कि अगर पत्रकारिता में लोककल्याण का भाव होगा तो पत्रकारिता बेहतर होगी। मुख्यमंत्री ने रामायणकाल में हनुमानजी को भी एक खोजी पत्रकार के बतौर महत्वपूर्ण संदेश देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता विश्वविद्यालय की साख पूरे देश में है। माखनलाल चतुर्वेदी जी की पत्रकारिता से जुड़े रतौना प्रसंग तथा ब्रिटिश हुकूमत की क्रूरता पर चर्चा करते हुए डॉ यादव ने कहा कि एमसीयू ने आज भी उस परंपरा को जीवित रखा है।

समाज का छपे हुए शब्‍दों पर भरोसा कायम : डॉ. कुमार विश्‍वास

          कार्यक्रम के मुख्‍य वक्‍ता जाने माने कवि और रामकथा विशेषज्ञ डॉ. कुमार विश्‍वास ने नवागत विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि वे एक चुनौतीपूर्ण व्‍यवसाय में प्रवेश कर रहे हैं जिसकी सबसे बड़ी अनिवार्यता विश्‍सनीयता है। उन्‍होंने कहा कि समाज का आज भी छपे हुए और बोले हुए शब्‍दों पर भरोसा कायम है। इस विश्‍वास को कायम रखना आने वाली पत्रकार पीढ़ी की जिम्‍मेदारी है।

          मुख्य वक्‍ता जाने-माने कवि डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि देश की पत्रकारिता में पिछले 10-11 वर्षों में बहुत अंतर आया है। आज मीडिया में थोपे गए विषय नेपथ्य में जा रहे हैं और देश तथा समाज से जुड़े जो अहम विषय पहले नजरअंदाज कर दिये जाते थे आज वे पत्रकारिता में प्रमुखता से नजर आने लगे हैं। डॉ. विश्वास ने कहा कि किसी विचार को केंद्र में रखते हुए भी तटस्थ होकर लिखना ही पत्रकारिता है। पत्रकारिता के युवा विद्यार्थी परम्‍परा से पत्रकारिता के पाठ सीख सकते हैं। भारत के ज्ञान और उसकी परंपरा के प्रति किसी भी प्रकार की ग्लानि का भाव नहीं होना चाहिए।

          उन्होंने रामायण से जुड़े अनेक प्रसंगों में संचार के महत्व तथा हनुमान जी, अंगद की निर्भीकता, तटस्ठता, समर्पण जैसे गुणों को पत्रकारिता के संदर्भों में समझाया। विद्यार्थियों को अपने संदेश में उन्होंने कहा कि युवा अध्ययनशील बनें और नैतिकता के साथ कार्य करते हुए राष्ट्रधर्म को सर्वोच्च रखें।

          सत्रारंभ के पहले दिन साफ्ट स्किल्स पर संवाद करते हुए वरिष्ठ संपादक और लेखक एन. रघुरामन ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में सफल होने के लिए लोगों से व्यवहार करने का कौशल,पूर्वाग्रहों से मुक्त रहना, क्रोध को काबू में रखने के कौशल जैसे गुण बहुत जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में सॉफ्ट स्किल्स एक आवश्यक गुण है। इसके बाद एनिमेशन की दुनिया से जुड़े वरिष्ठ फिल्मकार तथा विशेषज्ञ श्री आशीष कुलकर्णी ने एआई के दौर में बदलती तकनीकों पर संवाद किया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में हर कार्यक्षेत्र में तकनीक का समावेश हो चुका है। आने वाले दौर में मीडिया में वीडियो, वर्नाकुलर (क्षेत्रीय कंटेंट) और वाइस का बहुत योगदान बढ़ने वाला है। श्री कुलकर्णी ने कहा कि तकनीक परिवर्तनशील होती है इसीलिए युवाओं को चाहिए कि वे अपने बुनियादी ज्ञान को बेहतर बनाएं।

          आज के अलग-अलग सत्रों में विश्वविद्यालय की पूर्व छात्राओं निधि परमार, जूही कुलश्रेष्ठ तथा स्वाति कौशिक ने भी विश्वविद्यालय में अपने अध्ययन और अनुभवों से जुड़े विचार साझा किए। उद्घाटन सत्र में श्री विनय उपाध्याय तथा बाद के सत्रों में प्रो. सीपी अग्रवाल, डॉ. अविनाश वाजपेयी तथा डॉ. अनीता सोनी ने संचालन किया। कार्यक्रम के अंतिम सत्र के बाद आभार विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो. डॉ. पी.शशिकला ने किया।

          कुलगुरू विजय मनोहर तिवारी ने नवागंतुक विद्यार्थियों को संदेश देते हुए कहा कि वे निरंतर अध्ययन करते रहें तथा अपने अभिभावकों की आशाओं पर खरा उतरने का प्रयास करें। कुलगुरू ने यह भी कहा कि आगामी समय में  विश्वविद्यालय एआई, डीप फेक और साइबर सिक्योरिटी जैसे नए विषयों पर नए पाठ्यक्रम आरंभ करेगा। कुलगुरू श्री तिवारी ने कहा कि एमसीयू में देश की अग्रणी समाचार पत्रों द्वारा दुर्लभ घटनाक्रमों के कवरेज से जुड़े प्रथम पृष्ठों की एक गैलरी परिसर में स्थापित की है।

कुमार विश्‍वास उवाच

  • देश में आज भी छपे और बोले गए शब्दों पर लोगों का भरोसा कायम है। इसलिए पत्रकारिता की विश्वसनीयता सबसे बड़ा सवाल है। इसके लिए जिंदगी लगा दें।

  • यह कहना सबसे बड़ा झूठ है कि हम जनता की पसंद का कंटेंट देते हैं। लोकरूचि के नियामक हम हैं। अपने पाठकों की रूचि बनाना भी हमारा काम है।

  • विचार और पत्रकारिता के बीच का अंतर नारद बताते हैं। वे नारायण भक्त हैं, किंतु उनके दरबार में भी सच बोल सकते हैं।

  • हमारे विचारों पर पश्चिम की बहुत गहरी छाया है। हमें आज भी लगता है कि जो कुछ अच्छा है वह पश्चिम से आया है। अब अंदर झांकने का समय है। भारत के ज्ञानबोध के प्रति ग्लानि से मुक्त होना जरूरी है।

  • किसी कस्बे में बैठा पत्रकार स्थानीय थानेदार से अन्यान्य कारणों से रिश्ते नहीं बिगाड़ना चाहता वह ठीक है। किंतु दिल्ली में बैठकर अनूकूल आकाओं के लिए लिखने वालों को क्षमा नहीं किया जा सकता। अपने विचारों से तटस्थ होकर लिखना ही पत्रकारिता है।

  • जिन्हें अच्छा पत्रकार बनना है, वे कम से कम तीन साल प्रिंट मीडिया में लगाएं। इससे आप भाषा का संस्कार और सार्थक उपयोग सीख पाएंगे।

एमसीयू का सत्रारंभ कार्यक्रम ‘अभ्युदय’ आरंभ  एमसीयू के विद्यार्थियों ने राष्‍ट्रीय मीडिया में दिया ऐतिहासिक योगदान : मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव समाज का छपे हुए शब्‍दों पर भरोसा कायम : डॉ. कुमार विश्‍वास दादा माखनलाल चतुर्वेदी की प्रतिमा का अनावरण  भोपाल 20 अगस्‍त। मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने पिछले पैंतीस…

एमसीयू का तीन दिवसीय सत्रारंभ कार्यक्रम ‘अभ्युदय’ 20 अगस्त से

एमसीयू का तीन दिवसीय सत्रारंभ कार्यक्रम ‘अभ्युदय’ 20 अगस्त से

सत्रारंभ में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और कवि डॉ. कुमार विश्वास करेंगे दादा माखनलाल की प्रतिमा का अनावरण
विद्यार्थियों मिलेगा पत्रकारिता, डिजिटल मीडिया, सिनेमा जनसंपर्क, प्रबंधन, आईटी आदि विषयों पर दिग्गज विशेषज्ञों का मार्गदर्शन
डॉ. कुमार विश्वास का ‘रामायण में संचार’ पर उद्बोधन

सत्रारंभ समारोह ‘अभ्युदय’ 2025 का दिनाक 20 अगस्त 2025 प्रातः 10 बजे से Facebook पर Live प्रसारण

भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के अकादमिक सत्र 2025-2026 का सत्रारंभ समारोह ‘अभ्युदय’ दिनांक 20, 21 एवं 22 अगस्त को आयोजित हो रहा है। सत्रारंभ के तीनों दिन अलग-अलग सत्रों में मीडिया, पत्रकारिता, साहित्य, पीआर, विज्ञापन, सिनेमा, मीडिया टेक्नॉलाजी, मीडिया प्रबंधन, कानून और संस्कृति की दिग्गज हस्तियों की मौजूदगी रहेगी। खास बात है कि इस अवसर पर परिसर में स्थापित दादा माखनलाल चतुर्वेदी की 12 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और जाने-माने कवि, डॉ. कुमार विश्वास करेंगे। इस दौरान अतिथियों द्वारा परिसर में पौधारोपण भी किया जाएगा। डॉ. कुमार विश्वास ‘रामायण में संचार’ विषय पर अपना उद्बोधन देंगे।

कार्यक्रम के पहले दिन तकनीकी सत्र में टाइम मैनेजमेंट गुरू श्री विजय अग्रवाल ‘उत्कृष्टता के लिए समय प्रबंधन’ विषय पर संबोधन देंगे। इस सत्र में श्री सुदीप सोहनी ‘स्वतंत्र फिल्म निर्माण’ पर चर्चा करेंगे।

इस दिन ‘सॉफ्ट स्किल्स’ पर प्रख्यात स्तंभकार और लेखक एन. रघुरामन का व्याख्यान होगा साथ ही ‘एआई इनफ्लुएंस्ड मीडिया टेक्नॉलाजी’ पर आशीष कुलकर्णी का उद्बोधन होगा।


दूसरे दिन 21 अगस्त को ‘मीडिया के भविष्य’ पर जाने-माने पत्रकार और लेखक  यशवंत व्यास का उद्बोधन होगा। इसके बाद ‘आवाज और संवाद कौशल’ विषय पर प्रख्यात रेडियो उद्घोषक कमल शर्मा और कला समीक्षक, विनय उपाध्याय व्याख्यान देंगे। इसके बाद वरिष्ठ संस्कृतिविद एवं अध्येयता डॉ. सच्चिदानंद जोशी का ‘पत्रकारिता, साहित्य एवं संस्कृति’ पर विचार व्यक्त करेंगे। आखिरी सत्र में विज्ञापन और जनसंपर्क के विशेषज्ञ समीर कपूर का व्याख्यान होगा।
अंतिम दिन 22 अगस्त को वरिष्ठ पत्रकार अनंत विजय ‘फिल्म समीक्षा’ विषय पर एवं फिल्म निर्माता एवं लेखक विपुल के.रावल ‘फिल्म लेखन के नवीन आयाम’ विषय पर अपने विचार रखेंगे। ‘कंप्यूटिंग के नवीन आयाम’ विषय पर चिराग जैन एवं ‘मीडिया कानून की बारीकियों’ पर शिखा छिब्बर विद्यार्थियों से संवाद करेंगी।
इसके बाद आखिरी सत्र में ‘डिजिटल दौर में इलेक्ट्रानिक मीडिया’ विषय पर संवाद के लिए वरिष्ठ पत्रकार बृजेश सिंह एवं बालकृष्ण मौजूद रहेंगे। प्रत्येक सत्र में मीडिया, पत्रकारिता एवं संचार के क्षेत्रों में वरिष्ठ पदों पर काम कर रहीं विश्वविद्यालय की पूर्व छात्राएं भी अपने अनुभव साझा करेंगी।

एमसीयू का तीन दिवसीय सत्रारंभ कार्यक्रम ‘अभ्युदय’ 20 अगस्त से सत्रारंभ में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और कवि डॉ. कुमार विश्वास करेंगे दादा माखनलाल की प्रतिमा का अनावरण विद्यार्थियों मिलेगा पत्रकारिता, डिजिटल मीडिया, सिनेमा जनसंपर्क, प्रबंधन, आईटी आदि विषयों पर दिग्गज विशेषज्ञों का मार्गदर्शन डॉ. कुमार विश्वास का ‘रामायण में संचार’ पर उद्बोधन सत्रारंभ समारोह…

एमसीयू: फ्रंट पेज पर अनूठा शो- “सौ साल, सौ सुर्खियां”

दुर्लभ कवरेज में ताज़ा हो उठा मीडिया का इतिहास

भोपाल. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में नए सत्र में “हिस्ट्री इन हैडलाइंस: 100 साल 100 सुर्खियां” विषय पर अनूठी प्रदर्शनी शुरू हुई। सौ साल में देश की बड़ी घटनाओं के सौ फ्रंट पेज प्रदर्शित किए गए हैं। इसमें हैं जलियांवाला बाग, भगतसिंह की फांसी, 15 अगस्त 1947 से लेकर अब तक के दुर्लभ कवरेज। अतिथि थे प्रसिद्ध चिंतक एवं ऑर्गेनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर, प्रदेश के चुनाव आयुक्त मनोज श्रीवास्तव, संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी और दत्तोपंत ठेंगड़ी शोध संस्थान के निदेशक डॉ मुकेश मिश्र। कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने बताया कि इस प्रदर्शनी में 1920 से 2024 तक के प्रमुख समाचार पत्रों के 3 फीट आकार के फ्रंट पेज पूर्णत: पठनीय हैं. प्रदर्शनी में ब्रिटिश भारत में स्वाधीनता संघर्ष की घटनाओं सहित स्वाधीन भारत की प्रमुख घटनाओं जैसे 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्ति, गांधी जी की हत्या, भारत चीन युद्ध, भारत का चांद पर पहुंचना, आपातकाल जैसी महत्वपूर्ण सुर्खियों को प्रस्तुत किया गया है।

प्रफुल्ल केतकर ने कहा कि यह 100 साल के 100 अखबारों के मुखपृष्ठ ही नहीं, बल्कि भारतीय पत्रकारिता का जीता जागता इतिहास है और पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए इसे जानना बहुत आवश्यक है। उम्मीद है कि वे इस सामग्री के माध्यम से न सिर्फ भारतीय पत्रकारिता के इतिहास परिचित होंगे बल्कि उसकी उस भूमिका को भी गहराई से समझ सकेंगे जो समय-समय पर अखबारों ने निभाई है ।

श्री मनोज श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय की इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह हमें ऐसे इतिहास से परिचित कराता है जो तत्सम में होने वाली घटनाओं का जीता जागता गवाह रहा है । उन्होंने सुझाव दिया कि घटनाओं की सुर्खियां तो इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित अखबारों से आ गए हैं लेकिन एक प्रयास ऐसा भी होना चाहिए जो यह बताएं कि समय-समय पर पत्रकारिता और मीडिया ने अपनी भूमिका को कैसे कैसे बदला।

श्रीराम तिवारी ने कहा कि यह प्रयास अपने इतिहास से जोड़ने में महत्वपूर्ण हैं।
डॉ मुकेश मिश्रा ने कहा कि इस तरह की प्रदर्शनी पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए शोध और संदर्भ की दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस प्रदर्शनी के उपरांत विद्यार्थियों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे व्यक्तिगत स्तर पर देश के विभिन्न अंचलों से प्रकाशित समाचार पत्रों के प्रमुख समाचारों पर आधारित फ्रंट पेज को खोज कर लाये और इस प्रदर्शनी का विस्तार करें। कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने बताया कि भारत में मीडिया के विकास को समझने के लिए यह सारे फ्रेम बहुत उपयोगी हैं. इनकी एक अलग गैलरी बनाई जाएगी. प्रदर्शनी में भारत के प्रथम  समाचार पत्र उदंत मार्तंड सहित कर्मवीर, वीर अर्जुन, लीडर, भारत, संसार, अमर उजाला ,नई दुनिया, दैनिक जागरण ,स्वदेश, फ्री प्रेस, राजस्थान पत्रिका, दैनिक भास्कर, युग धर्म,अमृत बाजार पत्रिका जैसे अनेक अखबारों के मुख्य पृष्ठ शामिल है। इनमें से कुछ अखबार बंद हो गए हैं एवं कुछ अब भी प्रकाशित हो रहे हैं।

 

दुर्लभ कवरेज में ताज़ा हो उठा मीडिया का इतिहास भोपाल. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में नए सत्र में “हिस्ट्री इन हैडलाइंस: 100 साल 100 सुर्खियां” विषय पर अनूठी प्रदर्शनी शुरू हुई। सौ साल में देश की बड़ी घटनाओं के सौ फ्रंट पेज प्रदर्शित किए गए हैं। इसमें हैं जलियांवाला बाग, भगतसिंह की…

नालंदा केन्‍द्रीय पुस्‍तकालय में लायब्रेरियन डे दिवस कार्यक्रम का आयोजन।

माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्‍वविद्यालय के नालंदा केन्‍द्रीय पुस्‍तकालय में 12 अगस्‍त 2025 को डॉ. एस.आर. रंगनाथन की 133वी जयंती पर लाइब्रेरियन्‍स डे कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।

माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्‍वविद्यालय के नालंदा केन्‍द्रीय पुस्‍तकालय में 12 अगस्‍त 2025 को डॉ. एस.आर. रंगनाथन की 133वी जयंती पर लाइब्रेरियन्‍स डे कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।

एमसीयू ने शैक्षणिक गुणवत्ता हासिल करने की दिशा में अपनाया नवाचार विद्यार्थियों के फीडबैक सिस्टम से अकादमिक गुणवत्ता सुधारने की पहल

एमसीयू ने शैक्षणिक गुणवत्ता हासिल करने की दिशा में अपनाया नवाचार विद्यार्थियों के फीडबैक सिस्टम से अकादमिक गुणवत्ता सुधारने की पहल

माखनलाल चतुर्वेदी  राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल ने अपने नए अकादमिक सत्र से शिक्षा में गुणवत्ता हासिल करने की दिशा में विद्यार्थियों से फीडबैक आधारित नवाचार आरंभ किया है। यह व्यवस्था आज से लागू की गई है। एमसीयू में सभी परिसरों के विद्यार्थियों से उनके पाठ्यक्रमों, कक्षाओं, प्रशिक्षण, परिसरों में आयोजित होने वाली विविध गतिविधियों आदि के बारे में फीडबैक लिया जा रहा है। इस अनूठी पहल से जहां एक ओर प्रशासन को नवप्रवेशित एवं पूर्व  से अध्ययनरत विद्यार्थियों की विश्वविद्यालय से अपेक्षाएं पता चल सकेंगी वहीं दूसरी ओर कोर्स या किसी दूसरे क्षेत्र में बेहतर गुणवत्ता हासिल करने के लिए आवश्यक कदम भी उठाए जा सकेंगे।

फीडबैक फॉर्म विद्यार्थियों के व्हाट्सअप ग्रुप्स और विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध करवाया गया है। इस फार्म से प्राप्त फीडबैक के आधार पर शैक्षणिक गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार किए जाएंगे।

एमसीयू ने शैक्षणिक गुणवत्ता हासिल करने की दिशा में अपनाया नवाचार विद्यार्थियों के फीडबैक सिस्टम से अकादमिक गुणवत्ता सुधारने की पहल माखनलाल चतुर्वेदी  राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल ने अपने नए अकादमिक सत्र से शिक्षा में गुणवत्ता हासिल करने की दिशा में विद्यार्थियों से फीडबैक आधारित नवाचार आरंभ किया है। यह व्यवस्था आज से…

विश्वविद्यालय परिसर में पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का एक और सराहनीय उदाहरण

विश्वविद्यालय परिसर में पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का एक और सराहनीय उदाहरण

एनएफएल अधिकारियों द्वारा पौधारोपण, “रेडियो कर्मवीर” के साथ किसानों के लिए कार्यक्रम निर्माण पर भी चर्चा

भोपाल, 04 अगस्‍त, 2025: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में कुलगुरु श्री विजय मनोहर तिवारी की पहल पर संचालित पर्यावरण संरक्षण अभियान के अंतर्गत आज नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल), विजयपुर इकाई के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पौधारोपण किया गया।

इस अवसर पर कुलगुरु श्री विजय मनोहर तिवारी, निदेशक रेडियो डॉ. आशीष जोशी, मुख्य प्रबंधक (कॉरपोरेट संचार) श्री विक्रम रावत, मुख्य प्रबंधक (वित्त), विजयपुर यूनिट श्री पंकज कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक, भोपाल श्री अशोक खाखा, सहायक कुलसचिव (अकादमिक) श्री गिरीश जोशी, तथा प्रबंधक, रेडियो कर्मवीर डॉ. परेश उपाध्याय उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर एनएफएल एवं रेडियो कर्मवीर के संभावित सहयोग से किसानों के लिए मिट्टी की उर्वरता और उपज बढ़ाने संबंधी प्रायोजित रेडियो कार्यक्रमों के निर्माण एवं प्रसारण के प्रस्ताव पर भी विचार-विमर्श किया गया।

विश्वविद्यालय परिसर में पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का एक और सराहनीय उदाहरण एनएफएल अधिकारियों द्वारा पौधारोपण, “रेडियो कर्मवीर” के साथ किसानों के लिए कार्यक्रम निर्माण पर भी चर्चा भोपाल, 04 अगस्‍त, 2025: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में कुलगुरु श्री विजय मनोहर तिवारी की पहल पर संचालित पर्यावरण संरक्षण अभियान के…

एमसीयू में प्रवेश के लिए CLC राउंड की अंतिम तिथि 14 अगस्त हुई

एमसीयू में प्रवेश के लिए CLC राउंड की अंतिम तिथि 14 अगस्त हुई

भोपाल, 30 जुलाई, 2025: माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल परिसर के कुछ पाठ्यक्रमों के रिक्त स्थानों पर “पहले आओ पहले पाओ” (First Come-First Serve) (CLC राउंड) के आधार पर प्रवेश का अंतिम अवसर प्रदान कर रहा है। प्रवेश के लिए मध्यप्रदेश सरकार के पोर्टल एमपीऑनलाइन के माध्यम से दिनांक 14 अगस्त, 2025 रात्रि 12 बजे तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।

स्नातक स्तर के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, मल्टीमीडिया, ग्राफ़िक्स एंड एनीमेशन, फिल्म एंड कम्युनिकेशन स्टडीज और मीडिया रिसर्च में बी.एससी., प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग में बी.टेक., एडवरटाइजिंग एंड पब्लिक रिलेशनस, जर्नलिज्म एंड क्रिएटिव राइटिंग, इंग्लिश जर्नलिज्म, हिंदी भाषा तकनीक एवं अनुवाद में बी.ए., बी.सी.ए., बी.बी.ए. (ई-कॉमर्स) और बी.कॉम.(मैनेजमेंट) आदि पाठ्यक्रमों में भी प्रवेश लिया जा सकता है। ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने इंजीनियरिंग की किसी भी विधा में डिप्लोमा किया हो, बी.टेक (प्रिंटिंग एवं पैकेजिंग) में प्रवेश ले सकते हैं।

स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमों में न्यू मीडिया तथा मीडिया रिसर्च में एम.एससी. तथा मीडिया बिज़नेस मैनेजमेंट में एम.बी.ए और एम.सी.ए. पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए भी आवेदन आमंत्रित हैं। लाइब्रेरी एवं इनफार्मेशन साइंस के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में भी इच्छुक विद्यार्थी प्रवेश ले सकते हैं।

विस्तृत जानकारी के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.mcu.ac.in पर जाएँ। प्रवेश प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी के लिए एडमिशन 2025-26 पेज पर “आवेदन कैसे करें” पढ़ें।

एमसीयू में प्रवेश के लिए CLC राउंड की अंतिम तिथि 14 अगस्त हुई भोपाल, 30 जुलाई, 2025: माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल परिसर के कुछ पाठ्यक्रमों के रिक्त स्थानों पर “पहले आओ पहले पाओ” (First Come-First Serve) (CLC राउंड) के आधार पर प्रवेश का अंतिम अवसर प्रदान कर रहा है। प्रवेश के लिए मध्यप्रदेश सरकार के…

पत्रकारिता विश्वविद्यालय के दो विद्यार्थियों को मिलेगी गांधी फैलोशिप

पत्रकारिता विश्वविद्यालय के
दो विद्यार्थियों को मिलेगी गांधी फैलोशिप

भोपाल, 25 जुलाई, 2025: देश की प्रतिष्ठित गांधी फैलोशिप के लिए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के दो विद्यार्थियों का चयन हुआ है। यह फैलोशिप महात्मा गांधी जी के उस विचार पर केंद्रित है, जिसमें वे कहते थे कि “दुनिया में जो बदलाव आप देखना चाहते हैं ,वह खुद बनें” यह फैलोशिप इसी विचार को पल्लवित और पोषित करती है।

पत्रकारिता विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) मोनिका वर्मा ने बताया कि इस विभाग में  संचालित एम एस सी पाठ्यक्रम के विद्यार्थी जगदीश कुशवाहा और सुश्री वर्षा शुक्ला द्वारा गांधी फैलोशिप के लिए आवेदन किया था, उसके पश्चात साक्षात्कार समेत अन्य प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद पिरामल फाउंडेशन द्वारा संचालित गांधी फैलोशिप  में उनका चयन कर लिया गया है। इस फैलोशिप के अंतर्गत प्रत्येक विद्यार्थी को 24500 प्रति माह मानदेय प्राप्त होगा। यह 2 वर्ष का आवासीय शोधपूर्ण कार्यक्रम है। जिसके अंतर्गत युवाओं में नए जमाने की नेतृत्व क्षमताएं विकसित करने की विधियां बताई जाएगी।

ज्ञातव्य है कि पिरामल स्कूल ऑफ लीडरशिप द्वारा 2008 में गांधी फैलोशिप शुरू की गई। इसके संस्थापक उज्जवल कुमार सिंह थे। इस फैलोशिप के अंतर्गत संपूर्ण भारत के युवाओं को सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए शोध कार्य करने के लिए वित्तीय मदद दी जाती है।संस्था का लक्ष्य 2025 के अंत तक 10 लाख लोगों के जीवन को बदलने का है।

 पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने गांधी फैलोशिप के लिए चयनित विद्यार्थियों को बधाई दी है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

पत्रकारिता विश्वविद्यालय के दो विद्यार्थियों को मिलेगी गांधी फैलोशिप भोपाल, 25 जुलाई, 2025: देश की प्रतिष्ठित गांधी फैलोशिप के लिए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के दो विद्यार्थियों का चयन हुआ है। यह फैलोशिप महात्मा गांधी जी के उस विचार पर केंद्रित है, जिसमें वे कहते थे कि “दुनिया में जो बदलाव आप…