सबसे विश्वसनीय माध्यम है समाचार पत्र – प्रो.केजी सुरेश

सबसे विश्वसनीय माध्यम है समाचार पत्र – प्रो.केजी सुरेश

डिजिटल मीडिया में अवसर की अपार संभावनाएं – अनुराग उपाध्याय

हिंदी मीडिया का भविष्य बहुत उज्जवल है – संजय मिश्रा

जो भी करें, सौ फीसदी करें – डॉ. राजीव अग्रवाल

सामाजिक सरोकार दूरदर्शन की प्रथम प्राथमिकता- पूजा वर्धन

भोपाल, 29 नवम्बर, 2022: आम जनता का सबसे विश्वनीय माध्यम समाचार पत्र है। ये कहना है माखनलाल  चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.केजी सुरेश का। उन्होंने ये विचार विश्वविद्यालय के उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 के दूसरे दिन द्वितीय सत्र में व्यक्त किए।  वरिष्ठ पत्रकार अनुराग उपाध्याय, संजय मिश्रा, मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. राजीव अग्रवाल, एवं भारतीय सूचना सेवा की अधिकारी सुश्री पूजा वर्धन ने विद्यार्थियों को कैरियर एवं जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण टिप्स दिए।

कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि प्रिंट मीडया आज भी बहुत तेजी से बढ़ रहा है और लोगों की आवाज बनकर ऊभर रहा है। उन्होंने हिंदी माध्यम की मीडिया की चुनौतियों के संबंध में कही जाने वाली बातों का जिक्र करते हुए कहा कि हिंदी मीडिया को कोई खतरा नहीं है। कुलपति प्रो सुरेश ने कहा कि हिंदी अखबारों की स्वीकार्यता आज लगातार बढ़ रही है। हिंदी मीडिया की भाषा सौम्यता की भाषा है। उन्होंने कहा कि अच्छी तरह से जांच परखकर ही समाचार पत्र में खबरों को छापा जाता है।

डिजिटल मीडिया : अवसर एवं चुनौतियां विषय पर बात करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं दखल न्यूज के मुख्य संपादक अनुराग उपाध्याय ने कहा कि इसमें अवसर की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल माध्यम पैसा कमाने का सबसे आसान माध्यम है। श्री अनुराग ने कहा कि अगर आपके पास कन्टेंट है, कुछ हटके करने,सोचने की शक्ति है, कुछ करने का जुनून है तो डिजिटल मीडिया में आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं। सत्र की अध्यक्षता न्यू मीडिया टैक्नोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष एवं डीन डॉ. पी. शशिकला ने की, वहीं सत्र का संचालन सहा. प्राध्यापक श्री मनोज धुर्वे ने किया।

हिंदी मीडिया का भविष्य विषय पर वरिष्ठ पत्रकार श्री संजय मिश्रा ने कहा कि हिंदी मीडिया का भविष्य बहुत उज्जवल है। उन्होंने कहा कि आज सूचना एवं वैरायटी जिसके पास है वही अच्छा पत्रकार है। साथ ही उन्होंने कहा प्रिंट मीडिया ज्ञान का भंडार है। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि यदि आप हिंदी में लिखते हैं और पढ़ते हैं तो अपनी भाषा को लेकर आत्मसम्मान का भाव रखें। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी मीडिया के आने वाले भविष्य आप हैं। सत्र की अध्यक्षता पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने की, वहीं सत्र का संचालन डॉ. अरुण कुमार खोबरे द्वारा किया गया।

उद्मिता और युवा विषय पर मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. राजीव अग्रवाल ने कहा कि यदि आपको जीवन में आगे बढ़ना है, कुछ करना है तो एक वाक्य को भूलना होगा, वह है सबसे बड़ा रोग, क्या कहेंगे लोग। उन्होंने कहा कि रोने से कुछ नहीं होगा आपको स्वयं जिम्मेदारी लेनी होगी।  डॉ. राजीव ने कहा कि जीवन में शिकायतें करना बंद करो और चुनौतियों के साथ  लड़ना सीखो। उन्होंने कहा कि यदि आपने ने जीवन में मुश्किल रास्ता चुन लिया तो आपको राजा बनने से कोई रोक नहीं रोक सकता। उन्होंने अच्छे सकारात्मक एवं अच्छे दोस्त बनाने की सलाह देते हुए कहा कि जो भी करें उसे सौ फीसदी करें। सत्र की अध्यक्षता मीडिया प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष एवं कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी ने की, वहीं सत्र का संचालन सहा. प्राध्यापक डॉ. मणिकंठन नायर द्वारा किया गया।

दूसरे दिन का अंतिम सत्र प्रसार भारती में कैरियर विषय पर आयोजित किया गया। जिसमें भारतीय सूचना सेवा की अधिकारी एवं दूरदर्शन की संयुक्त निदेशक सुश्री पूजा वर्धन ने कहा कि प्रसार भारती में अगिनत अवसर हैं। उन्होंने कहा कि आप दूरदर्शन में रिपोर्टर, स्ट्रींगर, एंकर, समाचार वाचक, प्रोड्यूसर, कैमरामेन बन सकते हैं। प्रसार भारती के विभिन्न क्षेत्रों में अवसरों के बारे में बताने के साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप आईआरएस अधिकारी भी बन सकते हैं। सुश्री पूजा ने कहा दूरदर्शन सनसनीखेज पत्रकारिता नहीं करता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सरोकार दूरदर्शन की प्रथम प्राथमिकता होती है। सत्र की अध्यक्षता निदेशक प्रोडक्शन डॉ. आशीष जोशी ने की, वहीं सत्र का संचालन सहा. प्राध्यापक राहुल खड़िया द्वारा किया गया। उन्मुखीकरण कार्यक्रम में समस्त विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं नवप्रवेशित विद्यार्थी उपस्थित हुए।

तीसरे व अंतिम दिवस चार व्याख्यान होंगे

उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 के तृतीय दिवस 30 नवंबर को श्री मनोज द्विवेदी, श्री डॉ. दिवाकर शुक्ला, श्री विजय मनोहर तिवारी, श्री देवेंद्र दीपक का व्याख्यान होगा।

सबसे विश्वसनीय माध्यम है समाचार पत्र – प्रो.केजी सुरेश डिजिटल मीडिया में अवसर की अपार संभावनाएं – अनुराग उपाध्याय हिंदी मीडिया का भविष्य बहुत उज्जवल है – संजय मिश्रा जो भी करें, सौ फीसदी करें – डॉ. राजीव अग्रवाल सामाजिक सरोकार दूरदर्शन की प्रथम प्राथमिकता- पूजा वर्धन भोपाल, 29 नवम्बर, 2022: आम जनता का सबसे…

पत्रकारिता नकारात्मक भाव से नहीं सकारात्मक भाव से करें – कुलपति प्रो. केजी सुरेश

पत्रकारिता नकारात्मक भाव से नहीं सकारात्मक भाव से करें – कुलपति प्रो. केजी सुरेश

पत्रकारिता 10 से 5 की जॉब नहीं है – ब्रजेश राजपूत

जो समाज के हित के लिए है, वही पत्रकारिता – पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 प्रारंभ

भोपाल, 28 नवम्बर, 2022: पत्रकारिता नकारात्मक भाव से नहीं सकारात्मक भाव से करें। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 के प्रथम दिवस प्रारंभिक सत्र में ये विचार विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने व्यक्त किए। तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम के प्रथम दिवस भारतीय पत्रकारिता का स्वर्णिम इतिहास विषय पर पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विभिन्न आयाम विषय पर वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश राजपूत ने अपने विचार व्यक्त किए।

उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो.सुरेश ने विद्यार्थियों से कहा कि आपको इतिहास को याद रखते हुए सकारात्मक भाव के साथ पत्रकारिता करना है। उन्होंने कहा कि इतिहास हमारी बुनियाद है और यह हमारे लिए जरुरी है। प्रो. सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता में बेजुबान की जुबान बनकर काम किया जाता है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि नई पीढ़ी के आप जैसे विद्यार्थी इस काम को बखूबी करेंगे। सत्र का संचालन डॉ. अरुण कुमार खोबरे ने किया।  

द्वितीय सत्र में भारतीय पत्रकारिता का स्वर्णिम इतिहास विषय पर पद्मश्री श्री विजयदत्त श्रीधर ने कहा कि जो समाज के हित के लिए है, वही पत्रकारिता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता करते समय इसी बात का ध्यान, विद्यार्थियों को रखना है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता ग्लैमर का तड़का नहीं है बल्कि पत्रकारिता वास्तव में जनपक्ष है। श्री श्रीधर ने विद्यार्थियों से कहा कि पत्रकारिता करते हुए कभी भी झूठ एवं असत्य न लिखें। उन्होंने कहा कि आप वह लिखें जो सौ फीसदी सच हो। सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो.केजी सुरेश ने की, वहीं सत्र संचालन पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने किया।  

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विभिन्न आयाम विषय पर वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश राजपूत ने कहा कि पत्रकारिता 10 से 5 की जॉब नहीं है।उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की जमीनी हकीकत बताते हुए कहा कि पर्दे के पीछे टेलीविजन पत्रकार और उनकी पूरी टीम बहुत मेहनत करती है,  जो दर्शकों को नहीं पता होती है। अपनी पांच पुस्तकों में से रिपोर्टिंग पर लिखी पुस्तकों के कुछ उदाहरण भी उन्होंने विद्यार्थियों के बीच शेयर किए। श्री ब्रजेश ने कहा कि यदि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते हैं तो विद्यार्थी अच्छा दिखने,अच्छा बोलने के साथ-साथ ज्ञान का स्तर भी बहुत बढ़ाएं। पुस्तकें पढ़ते रहने की सलाह के साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि यदि वे टेलीविजन में एंकर रिपोर्टर बनना चाहते हैं तो आईने के सामने प्रैक्टिस भी किया करें। सत्र की अध्यक्षता कम्प्यूटर अनुप्रयोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सीपी अग्रवाल ने किया, वहीं सत्र संचालन एसो.प्रोफेसर डॉ. संजीव गुप्ता ने किया। उन्मुखीकरण कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी, समस्त विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं नवप्रवेशित विद्यार्थी उपस्थित हुए।

उन्मुखीकरण कार्यक्रम में द्वितीय दिवस चार व्याख्यान होंगे

उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 के द्वितीय दिवस 29 नवंबर को श्री अनुराग उपाध्याय, श्री संजय मिश्रा, श्री राजीव अग्रवाल, सुश्री पूजा वर्धन का व्याख्यान होगा।

पत्रकारिता नकारात्मक भाव से नहीं सकारात्मक भाव से करें – कुलपति प्रो. केजी सुरेश पत्रकारिता 10 से 5 की जॉब नहीं है – ब्रजेश राजपूत जो समाज के हित के लिए है, वही पत्रकारिता – पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 प्रारंभ भोपाल, 28 नवम्बर, 2022: पत्रकारिता नकारात्मक भाव से नहीं सकारात्मक…

सहकारिता में रोजगार की आपार संभावनाएं- कुलपति प्रो.केजी सुरेश

सहकारिता में रोजगार की आपार संभावनाएं- कुलपति प्रो.केजी सुरेश

सहकारिता के सात सिद्धांत – डॉ. अमित मुद्गल

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सहकारिता जागरुकता कार्यक्रम सम्पन्न

भोपाल, 25 नवम्बर, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सहकारी प्रबंध संस्थान द्वारा युवाओं के लिए एक सहकारिता जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत मीडिया प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.केजी सुरेश ने की। कार्यशाला के मुख्य वक्ता सहकारी प्रबंध संस्थान के निदेशक डॉ. अमित मुद्गल थे, वहीं लाइफ कोच ट्रेनर डॉ. राजेंद्र सक्सेना भी विशेष रुप से उपस्थित थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि ये अपकमिंग एरिया है, जिसमें रोजगार की आपार संभावनाएं हैं। सहकारी संस्थाएं किस तरह से युवाओं एवं आमजन के लिए उपयोगी साबित हो सकती है, इस बारे में मीडिया की क्या भूमिका हो सकती है, इस बारे में प्रो. सुरेश ने बहुत ही उपयोगी विचार रखे एवं महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि सहकारी प्रबंध संस्थान के द्वारा इस युवाओं के लिए सहकारिता जागरुकता कार्यक्रम श्रृंखला की शुरुआत माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से की जा रही है जो कि हमारे लिए बहुत सुखद बात है। मुख्य वक्ता सहकारी प्रबंध संस्थान के निदेशक डॉ. अमित मुद्दगल ने अपन उद्वबोधन में सहकारिता के सात सिद्धांतों के बारे में बताया। उन्होंने युवाओं से सहकारिता के संबंध में जागरुक रहने एवं इससे संबंधित हर संभव मदद की बात कही। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी, शिक्षक एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।

सहकारिता में रोजगार की आपार संभावनाएं- कुलपति प्रो.केजी सुरेश सहकारिता के सात सिद्धांत – डॉ. अमित मुद्गल पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सहकारिता जागरुकता कार्यक्रम सम्पन्न भोपाल, 25 नवम्बर, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सहकारी प्रबंध संस्थान द्वारा युवाओं के लिए एक सहकारिता जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव के…

सोशल मीडिया रचनात्मकता है, सृजनात्मकता है – कुलपति प्रो. केजी सुरेश

सोशल मीडिया रचनात्मकता है, सृजनात्मकता है – कुलपति प्रो. केजी सुरेश

हमारी संस्कृति में प्रशिक्षण का बहुत महत्व है – प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह

आम बोलचाल की भाषा में लिखें – राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में दो दिवसीय दक्षता उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

भोपाल, 09 नवम्‍बर, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के मामा माणिकचंद वाजपेयी सभागार में बुधवार को दो दिवसीय दक्षता उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। जनसंपर्क अधिकारियों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह, विशिष्ट अतिथि राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी थे, जबकि अध्यक्षता विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि आज का युग संवाद का युग है। वर्तमान पत्रकारिता की चुनौतियों को बताते हुए उन्होंने कहा कि पहले फील्ड पर जाकर रिपोर्टिंग की जाती थी, लेकिन आज डेस्कटॉप जर्नलिज्म का जमाना है। कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि सोशल मीडिया ने पत्रकारिता को बिल्कुल बदल दिया है, जिससे न्यूज फार्मेट भी बदल गया है। उन्होंने कहा कि जनसंपर्क अधिकारियों के लिए ये अवसर भी है और चुनौती भी है। प्रो सुरेश ने कहा कि ये सूचना प्रोद्योगिकी मात्र नहीं है, बल्कि सोशल मीडिया रचनात्मकता है, सृजनात्मकता है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि हमारी संस्कृति में प्रशिक्षण का बहुत महत्व है, इसलिए हर व्यक्ति को सीखते रहना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि मीडिया में लगातार बहुत परिवर्तन हो रहे हैं, इसीलिए जनसंपर्क अधिकारियों को उसके अनुसार अपने आपको ढालना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज सोशल मीडिया के माध्यम से बहुत कम खर्च में अधिक लोगों तक अपनी बात पहुंचाई जा सकती है। श्री सिंह ने लेखन कला को परिष्कृत करने की बात करते हुए जनसंपर्क अधिकारियों से कहा कि किसी भी विषय को इस तरह से प्रस्तुत करना चाहिए की पाठक उसे पढ़ने को उत्सुक हो जाए।

विशिष्ट अतिथि राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता में कठिन भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाषा ऐसी होना चाहिए की आम व्यक्ति सरल तरीके से उसे सीधे समझ जाए। उन्होंने सोशल मीडिया की भाषा पर कहा कि इसकी भाषा आम बोल चाल की भाषा है। श्री तिवारी ने जनसंपर्क अधिकारियों से कहा कि वे कुछ अलग हटकर कहानी की भी तलाश करें जो अभी तक समाज के सामने नहीं आई है, यदि वे करते हैं और ऐसा कहानी सामने आती है तो समाज और देश को दिशा मिलेगी। कोई न कोई जौहरी बैठा है जो आपको पहचान लेगा। उन्होंने जनसंपर्क अधिकारियों से सोशल मीडिया का उपयोग करने की बात कही। श्री तिवारी ने इसके साथ ही एक सुझाव देते हुए जनसंपर्क अधिकारियों से कहा कि वे हफ्ते में एक दिन अलग-अलग विधाओं वाले व्यक्तियों से बात करें, टेबल टॉक करें, या गेट टू गेदर करें, इससे सरकारी दायित्व भी पूरा होगा उनके संचित ज्ञान में वृद्धि भी होगी और ऐसा करके वे पुण्य भी कमा सकते हैं। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अविनाश वाजपेयी, सभी विभागों के विभाग अध्यक्ष भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन निदेशक प्रशिक्षण विवेक सावरीकर ने किया। सहायक  कुलसचिव अशोक पांडे द्वारा आभार व्यक्त किया गया।

सोशल मीडिया रचनात्मकता है, सृजनात्मकता है – कुलपति प्रो. केजी सुरेश हमारी संस्कृति में प्रशिक्षण का बहुत महत्व है – प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह आम बोलचाल की भाषा में लिखें – राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में दो दिवसीय दक्षता उन्नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ भोपाल, 09 नवम्‍बर, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता…

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में अतिथि शिक्षकों के लिए आवेदन आमंत्रित

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में अतिथि शिक्षकों के लिए आवेदन आमंत्रित

17 से 20 अक्टूबर तक होंगे साक्षात्कार

भोपाल, 14 अक्‍टूबर, 2022: मीडिया, जनसंचार, कम्प्यूटर, मल्टीमीडिया, ग्राफिक्स एनिमेशन, फिल्म प्रोडक्शन, प्रबंधन, पुस्तकालय, विज्ञान, ई-कामर्स, वाणिज्य, प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी,हिंदी में अकादमिक कैरियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र जनवरी-जून 2023 में कालखंड के आधार पर अध्यापन के लिए अतिथि शिक्षकों के लिए आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। अभ्यर्थियों का चयन विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया एवं साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.अविनाश वाजपेयी ने जानकारी देते हुए बताया कि साक्षात्कार दिनांक 17 से 20 अक्टूबर तक विश्वविद्यालय के विकास भवन प्रेस काम्प्लेक्स जोन-1 एमपी नगर भोपाल स्थित मुख्यालय में सुबह 11:30 से आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 17 अक्टूबर को हिंदी, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, पुस्तकालय विज्ञान के साक्षात्कार होंगे। 18 अक्टूबर को मल्टीमीडिया, ग्राफिक्स एनिमेशन, प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग के साक्षात्कार होंगे। 19 अक्टूबर को पत्रकारिता/जनसंचार, फिल्म प्रोडक्शन के साक्षात्कार होंगे एवं 20 अक्टूबर को कम्प्यूटर, प्रबंधन, ई-कामर्स, वाणिज्य के साक्षात्कार होंगे। डॉ. वाजपेयी ने बताया कि यूजीसी-एआईसीटीई की निर्धारित अर्हता पूर्ण करने वाले उम्मीद्वारों को कालखंड के आधार पर विश्वविद्यालय के नियमानुसार मानदेय प्रदान किया जाएगा। अभ्यर्थियों के पास संबंधित विषय में पीएचडी, यूजीसी नेट, अथवा अतिथि व्याख्याताओं के रुप में कार्य करने या मीडिया के क्षेत्र में कार्य करने स्नातकोत्तर उपाधि के साथ पांच साल या उससे अधिक का अनुभव होना आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि लंबे समय के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.केजी सुरेश के विशेष प्रयासों से अतिथि शिक्षकों हेतु यह प्रक्रिया प्रारंभ होने जा रही है। अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.mcu.ac.in देख सकते हैं।

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में अतिथि शिक्षकों के लिए आवेदन आमंत्रित 17 से 20 अक्टूबर तक होंगे साक्षात्कार भोपाल, 14 अक्‍टूबर, 2022: मीडिया, जनसंचार, कम्प्यूटर, मल्टीमीडिया, ग्राफिक्स एनिमेशन, फिल्म प्रोडक्शन, प्रबंधन, पुस्तकालय, विज्ञान, ई-कामर्स, वाणिज्य, प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी,हिंदी में अकादमिक कैरियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय…

समाज सेवा करना सिखाता है एनएसएस – राजेन्द्र शुक्ल

समाज सेवा करना सिखाता है एनएसएस – राजेन्द्र शुक्ल

छात्रों ने कोविड में 24 घन्टे में 200 से ज्यादा वीडियो बनाये – कुलपति प्रो केजी सुरेश

गांधी जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना का ओरिएंटेशन प्रोग्राम

भोपाल, 03 अक्‍टूबर, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सोमवार को गांधी जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व जनसंपर्क मंत्री राजेन्द शुक्ल ने युवाओं से कहा कि एनएसएस में शामिल होकर सेवा कार्य करते हुए आप लाखों लोगों का जीवन बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि एनएसएस का ध्येय वाक्य हमें दूसरों की मदद करना और समाज सेवा करना सिखाता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो केजी सुरेश ने कहा कि कोविड के समय जब लोग घर से बाहर निकलने में डर रहे थे तब एनएसएस के स्वयं सेवकों ने लोगों की बहुत मदद की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों ने कोविड के दौरान जागरुकता को लेकर 24 घन्टे में 200 से ज्यादा वीडियो बनाये।

कुलपति प्रो सुरेश ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना समाज को समझने का सबसे अच्छा जरिया है। उन्होंने कहा कि मीडिया साक्षरता की दिशा में ग्रामीण क्षेत्रों  में काम करने की आवश्यकता है। बीयू के कार्यक्रम अधिकारी राहुल सिंह परिहार ने कहा कि एनएसएस का उद्देश्य समाज सेवा के माध्यम से समाज का विकास करना है। बीयू के कार्यक्रम समन्वयक डॉ अनंत सक्सेना ने कहा कि एनएसएस प्रतिभा को निखारने का प्लेटफॉर्म देता है। अन्त में छात्र-छात्राओं को सात दिवसीय शिविर के प्रमाण पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ अविनाश वाजपेयी, एमसीयू के कार्यक्रम अधिकारी डॉ गजेंद्र सिंह अवास्या, विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र, छात्राएँ उपस्थित थे।

समाज सेवा करना सिखाता है एनएसएस – राजेन्द्र शुक्ल छात्रों ने कोविड में 24 घन्टे में 200 से ज्यादा वीडियो बनाये – कुलपति प्रो केजी सुरेश गांधी जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना का ओरिएंटेशन प्रोग्राम भोपाल, 03 अक्‍टूबर, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सोमवार को गांधी जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के…

उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से कुलपति प्रो.केजी सुरेश ने की भेंट

उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की भेंट

विश्वविद्यालय की गतिविधियों की दी जानकारी

उप-राष्ट्रपति ने जताई खुशी. प्रगति की कामना की

पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष हैं उपराष्ट्रपति

भोपाल, 24 सितम्‍बर, 2022:  माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने उप-राष्ट्रपति एवं विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष श्री जगदीप धनखड़ से नई दिल्ली में भेंट की। उप-राष्ट्रपति निवास में हुई मुलाकात में प्रो. सुरेश ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों से अवगत कराया। उल्लेखनीय है कि एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय होने का गौरव रखने वाले माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष देश के उप-राष्ट्रपति हैं।

कुलपति प्रो. सुरेश ने कुलाध्यक्ष एवं उप-राष्ट्रपति को विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि भोपाल के निकट बिशनखेड़ी में पचास एकड़ में स्वयं का भवन बनकर तैयार हो चुका है, और शीघ्र ही पूरा विश्वविद्यालय यहां शिफ्ट होने वाला है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में अकादमिक भवन, प्रशासनिक भवन, विशाल सभागार के साथ ही गर्ल्स हॉस्टल, बायस हॉस्टल, कैंटिन, कर्मचारियों,अधिकारियों, शिक्षकों के लिए कैंपस के भीतर ही निवास की भी सुविधा भी उपलब्ध है। प्रो.सुरेश ने उपराष्ट्रपति को बताया कि इस साल पिछले वर्ष से ज्यादा विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। गौरतलब है कि विगत वर्ष एक लाख तीन हजार विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया था।

 विवि. के कुलपति प्रो. सुरेश ने उप-राष्ट्रपति को बताया कि विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत नए पाठ्यक्रमों को भी पिछले साल ही शुरु कर दिया है। उन्होंने बताया कि देश एवं राज्य में पत्रकारिता के पाठ्यक्रम को शुरु करने वाला भी यह देश का पहला विश्वविद्यालय है, जिसने बहुत तेजी से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को अपनाया। इसके साथ ही कुलपति प्रो, सुरेश ने बताया कि इंडिया टुडे की टॉप-10 सूची में भी पत्रकारिता विश्वविद्यालय को शामिल किया गया है, उन्होंने कहा कि इस सूची में शामिल होने वाला यह देश का पहला हिंदी पत्रकारिता का संस्थान है। गौरतलब है कि द वीक ने भी पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम अपनी सूची में शामिल किया है।

प्रो. सुरेश ने उप-राष्ट्रपति श्री धनखड़ को बताया कि इसी वर्ष विवि के बिशनखेड़ी स्थित नवीन कैंपस में तीन दिवसीय राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का भी आयोजन हुआ था, जिसमें देश के ख्याति प्राप्त अभिनेता, निर्माता, निर्देशक, कलाकारों ने भाग लिया था और तत्पश्चात सिनेमा अध्ययन विभाग का गठन भी हुआ था। विश्वविद्यालय के  कुलाध्यक्ष एवं देश के उप- राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर उत्सुकता एवं खुशी व्यक्त की। उन्होंने कुलपति प्रो. केजी सुरेश को उपलब्धियों के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए विश्वविद्यालय के प्रगति की कामना की और इससे संबंधित और जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आग्रह कियाl

उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की भेंट विश्वविद्यालय की गतिविधियों की दी जानकारी उप-राष्ट्रपति ने जताई खुशी. प्रगति की कामना की पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष हैं उपराष्ट्रपति भोपाल, 24 सितम्‍बर, 2022:  माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने उप-राष्ट्रपति एवं विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष श्री जगदीप…

पत्रकारिता विश्विविद्यालय में प्रवेश का अंतिम अवसर

पत्रकारिता विश्‍वविद्यालय में प्रवेश का अंतिम अवसर

25 सितंबर तक कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन

भोपाल, 21 सितम्‍बर, 2022: यदि आप पत्रकारिता, मीडिया, प्रबंधन, कम्प्यूटर, आदि के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं, तो एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सीधे प्रवेश ले सकते हैं। विश्वविद्यालय ने प्रवेश की अंतिम तिथि बढ़ाकर 25 सितंबर कर दी है। विश्वविद्यालय के भोपाल, रीवा, खंडवा एवं दतिया परिसर में एमपी ऑनलाइन पोर्टल के जरिए विद्यार्थी अब प्रवेश के लिए सीधे आवेदन कर सकते हैं। इसी के साथ अंशकालिक सांध्‍यकालीन पाठ्यक्रमों में भी ऑनलाईन आवेदन की अंतिम तिथि 25 सितंबर तक कर दी गई है। सांध्यकालीन पाठ्यक्रमों में योगिक स्वास्थ्य प्रबंधन, इवेंट मैनेजमेंट, वीडियो प्रोडक्शन, सायबर सिक्योरिटी, फिल्म जर्नलिज्म, मोबाइल जर्नलिज्म, सोशल मीडिया मैनेजमेंट, रुरल जर्नलिज्म में पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम शामिल हैं। इन पाठ्यक्रमों में विद्यार्थी, गृहणी, कर्मचारी, अधिकारी भी प्रवेश ले सकते हैं। पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं हैं। विश्वविद्यालय ने ऐसे विद्यार्थियों को भी मौका दिया है जिन्होंने पूर्व में किसी अन्‍य पाठ्यक्रम में ऑनलाइन आवेदन किया गया था, लेकिन किन्‍हीं कारणों से वे प्रवेश नहीं ले पाए, ऐसे विद्यार्थी भी अपने आवेदन क्रमांक एवं जन्मतिथि के माध्‍यम से Admission Application Form (mponline.gov.in) क्लिक कर उपलब्‍ध पाठ्यक्रम हेतु आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए विद्यार्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट एवं एमपी ऑनलाइन की वेबसाइट देख सकते हैं।

पत्रकारिता विश्‍वविद्यालय में प्रवेश का अंतिम अवसर 25 सितंबर तक कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन भोपाल, 21 सितम्‍बर, 2022: यदि आप पत्रकारिता, मीडिया, प्रबंधन, कम्प्यूटर, आदि के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं, तो एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सीधे प्रवेश ले सकते हैं। विश्वविद्यालय ने प्रवेश की…

दूरदर्शन ने कोविड जागरुकता में सबसे अहम भूमिका निभाई – पूजा पी वर्धन

दूरदर्शन ने कोविड जागरुकता में सबसे अहम भूमिका निभाई – पूजा पी वर्धन

दूरदर्शन कई निजी चैनल्स की जननी – कुलपति प्रो केजी सुरेश

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में दूरदर्शन स्थापना दिवस पर कार्यक्रम सम्पन्न

भोपाल, 15 सितम्‍बर, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा दूरदर्शन के स्थापना दिवस पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। दूरदर्शन की समकालीन प्रासंगिकता विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में मुख्य वक्ता दूरदर्शन भोपाल की संयुक्त निदेशक समाचार सुश्री पूजी पी.वर्धन थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।

दूरदर्शन भोपाल की संयुक्त निदेशक समाचार एवं मुख्य वक्ता सुश्री पूजी पी.वर्धन ने कहा कि दूरदर्शन ने देश में राष्ट्रीय एकता को जाग्रत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि खेल से लेकर मनोरंजन तक दूरदर्शन ने अपनी सकारात्मक छवि बनाई है। सुश्री वर्धन ने दूरदर्शन को सबसे विश्वनीय बताते हुए कहा कि जहां कोई नहीं जाना चाहता वहां दूरदर्शन पहुंचा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद कोविड जागरुकता में सबसे अहम भूमिका दूरदर्शन ने निभाई है।  

कुलपति प्रो केजी सुरेश ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि दूरदर्शन कई निजी चैनल्स की जननी है। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन की तुलना किसी के साथ की ही नहीं जा सकती। प्रो. सुरेश ने कहा कि दूरदर्शन की भूमिका लोक प्रसारक की  है और उसका उद्देश्य जनहित के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन की शुरुआत से अभी तक कई परिवर्तन हुए हैं जिसके वे भी स्वयं साक्षी रहे हैं। कुलपति प्रो. सुरेश ने उनके द्वारा शुरु किए गए दूरदर्शन के कई कार्यक्रमों का भी जिक्र किया। गुड न्यूज इंडिया की बात करते हुए उन्होंने कहा कि दूरदर्शन के कई प्रारंभिक कार्यक्रमों को शुरु करने में उनकी भूमिका रही है। प्रो सुरेश ने पल्स पोलियो के सफल कैंपेन का श्रेय दूरदर्शन को दिया और कहा कि देश को पोलियो मुक्त बनाने में दूरदर्शन का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इसी तरह एचआईवी कैंपेन में भी दूरदर्शन ने बहुत अहम भूमिका निभाई है। दूरदर्शन को नेतृत्व की भूमिका में बताते हुए उन्होंने कहा कि इस पर बाजारवाद कभी हावी नहीं हुआ है।  

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीकांत सिंह ने विषय प्रवर्तन किया। आभार प्रदर्शन प्रोफेसर डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर एवं विशेष अधिकारी डॉ. अरुण कुमार खोबरे ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अविनाश वापजेयी, विभाग के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

दूरदर्शन ने कोविड जागरुकता में सबसे अहम भूमिका निभाई – पूजा पी वर्धन दूरदर्शन कई निजी चैनल्स की जननी – कुलपति प्रो केजी सुरेश पत्रकारिता विश्वविद्यालय में दूरदर्शन स्थापना दिवस पर कार्यक्रम सम्पन्न भोपाल, 15 सितम्‍बर, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा दूरदर्शन के स्थापना दिवस पर एक विशेष व्याख्यान…

जो जागत है सो पावत है – अशोक शरण

जो जागत है सो पावत है – अशोक शरण

संस्कृति को बचाने में जनजातीय वीरों का बड़ा योगदान – कुलपति प्रो. केजी सुरेश

जनजातीय संचार पर शोधपीठ होगी स्थापित – कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की घोषणा

जनजातीय शहीदों की शहादत को याद रखें – विक्रांत सिंह कुमरे

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में जनजातीय नायकों के योगदान पर कार्यक्रम सम्पन्न

कैंपस में जनजातीय नायकों की लगी प्रदर्शनी

भोपाल, 15 सितम्‍बर, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय नायकों के योगदान पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग एवं अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के सहयोग से विश्वविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात फिल्म निर्माता एवं निर्देशक अशोक शरण, मुख्य वक्ता राजभवन में जनजातीय प्रकोष्ठ के विधि सलाहकार विक्रांत सिंह कुमरे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।

राजभवन में जनजातीय प्रकोष्ठ के विधि सलाहकार एवं मुख्य वक्ता विक्रांत सिंह कुमरे ने कहा कि लोग जलियावाला हत्याकांड को जानते हैं, लेकिन 1855 में दस हजार जनजातीय शहीदों की शहादत के बारे में नहीं जानते हैं। श्री कुमरे ने पत्रकारिता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दैनिक इतिहास लिखता है। पत्रकारिता में नैतिक मूल्य अभी भी विद्मान है और इस क्षेत्र के लोगों को जनजातीय समुदाय के योगदान के बारे में हमेशा लिखते रहना चाहिए।

मुख्य अतिथि प्रख्यात फिल्म निर्माता एवं निर्देशक अशोक शरण ने कहा कि उन्होंने 18 वर्ष की उम्र से ही अपना जीवन इस समुदाय के समर्पित कर दिया है। आदिवासी समुदाय पर दौ सौ से ज्यादा फिल्में, डाक्यूमेंट्री बना चुके हैं श्री शरण ने कहा कि मैं अपनी फिल्मों में ऐसे इतिहास के बारे में बताता हूं जिसे न तो बताया गया है, न ही दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि अपने जीवन का बहुत सा हिस्सा जनजातीय समुदाय के लोगों के साथ जंगल, सुदूर क्षेत्र में उनके साथ रहें हैं इसलिए उनको करीब से देखा है, जाना है और उस अनभिज्ञ इतिहास पर उनकी ज्यादातर फिल्में और डाक्युमेंट्री होती हैं। जो जागत है सो पावत है जो सोवत है वो खोवत है का गुरु मंत्र देते हुए उन्होंने विद्यार्थियों से आव्हान किया वे भी ऐसे ही अनुछुए विषयों पर फिल्में बनाएं।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि स्वाधीनता संग्राम राजनीतिक संघर्ष नहीं था, ये सांस्कृतिक, सामाजिक, पारम्परिक मूल्यों का संघर्ष था। अपनी संस्कृति को बचाने के लिए जनजातीय समुदाय ने संघर्ष किया था। उन्होंने कहा कि उनके कारण ही आज हम स्वतंत्र हैं। कुलपति प्रो. सुरेश ने इस अवसर पर जनजातीय संचार पर एक शोध पीठ स्थापित करने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एक पुस्तक भी प्रकाशित करने जा रहा है, जिसमें स्वधीनता संग्राम करने वाले क्रांतिकारियों के बारे में बताया जाएगा। प्रो. सुरेश ने कहा कि अभी तक कई फिल्मों में भी जनजातीय समाज का नकारात्मक चित्रण किया गया है, जिन्होंने फिल्में बनाई हैं वो शायद ही कभी वनों में गए होंगे। और यदि वे गए होते तो ऐसी फिल्में नहीं बनाते । प्रो. सुरेश ने विद्यार्थियों से कहा कि राजपथ से कर्तव्य पथ पर चलना ही आजादी है।

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली के उप-निदेशक आरके दुबे ने कहा कि 65 वें संविधान संशोधन में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति की समस्या छुआछूत है, लेकिन अनुसूचित जनजाति की समस्या इससे अलग है क्योंकि वे सुदूर अंचलों में निवास करते हैं। उन्होंने आयोग के गठन, कार्य व शक्तियों आदि के बारे में बताया।

आजादी के अमृत महोत्सव समिति के अध्यक्ष डॉ. श्रीकांत सिंह ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों के जनजातीय नायकों का हमारे देश की आजादी के योगदान में बहुत योगदान रहा है लेकिन कम ही लोग इस बारे जानते हैं। उन्होंने कोल, परगना, नागा आंदोलन के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि हजारों नायकों का बलिदान तो इतिहास में दर्ज ही नहीं हो पाया है।

इस अवसर विश्वविद्यालय के परिसर में जनजातीय नायकों के योगदान पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने फीता काटकर प्रदर्शनी का उदघाटन किया। अतिथियों एवं विद्यार्थियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

आभार प्रदर्शन डॉ. गजेंद्र सिंह अवास्या द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. आर.डी.त्यागी ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अविनाश वापजेयी, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अतिथि शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

जो जागत है सो पावत है – अशोक शरण संस्कृति को बचाने में जनजातीय वीरों का बड़ा योगदान – कुलपति प्रो. केजी सुरेश जनजातीय संचार पर शोधपीठ होगी स्थापित – कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की घोषणा जनजातीय शहीदों की शहादत को याद रखें – विक्रांत सिंह कुमरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में जनजातीय नायकों के योगदान…