देश की संस्कृति और सभ्यता की सुरक्षा में मीडिया शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान : स्वामी धर्म बन्धु

देश की संस्कृति और सभ्यता की सुरक्षा में मीडिया शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान : स्वामी धर्म बन्धु

आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत एमसीयू में होंगे साल भर आयोजन : प्रो. केजी सुरेश

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत विशेष व्याख्यान का आयोजन

भोपाल, 12 मार्च, 2021: देश की संस्कृति और सभ्यता को सुरक्षित बनाये रखने में मीडिया शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका हैं इसलिए भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें वैदिक साहित्य और अपने पूर्वजों की शिक्षा को पुनः अपनाना होगा। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय में ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत आयोजित विशेष व्याख्यान में श्री वैदिक मिशन ट्रस्ट, राजकोट के संस्थापक एवं संचालक स्वामी धर्मबंधु ने कहा कि भारत की संस्कृति को नुकसान पहुँचाने के लिए अब तक 17 आक्रमण हुए हैं और 18 बार देश को विभाजित होकर या अन्य तरीकों से अपनी जमीन खोनी पड़ी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।

स्वामी धर्मबंधु ने कहा कि आक्रमणों से हमारी सीमाएं जरूर प्रभावित हुईं लेकिन हमारी संस्कृति आज भी सरंक्षित है। हमारी संस्कृति अमिट हैं। अब हमें तीन प्रश्नों पर प्रमुख तौर पर ध्यान देने की आवश्यकता है। एक तो देश को आजादी की आवश्यकता क्यों है? दूसरा विश्व में भारत का महत्व क्या है? और हम फिर से गुलाम होने से कैसे बच सकते हैं? उन्होंने कहा कि देश की आजादी को बनाये रखने की जिम्मेदारी हम सभी की उतनी ही है, जितनी सीमा पर रक्षा करने वाले सैनिकों की है। मीडिया शिक्षक होने के नाते आप लोगो को भी कुछ सिद्धांतों को तय करके काम करना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देश पहले से योजना बनाकर हमें नुक्सान पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं। हमें उनका सामना शोध आदि के माध्यम से करना होगा। आजादी को बरक़रार रखने के लिए स्वामी जी ने 13 सूत्र दिए, जिनमें स्वास्थ्य, शिक्षा, शोध, अर्थ इत्यादि प्रमुख विषय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि देश के लिए तभी हम कुछ कर सकते हैं जब समय की प्रतिबद्धता, अपने कार्यों में रूचि लेना, अपने आसपास अच्छे मित्रों और सोच वालों को महत्व देना और अपनी आंतरिक शक्तियों को सशक्त बनाने सहित ईमानदारी से रहने जैसे काम करेंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि महात्मा गांधी जी ने दांडी यात्रा के माध्यम से अंग्रेजों के साम्राज्य को चुनौती देने के साथ ही भारत को आत्मनिर्भरता की और ले जाने का जो सन्देश दिया था आज उसी आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को पूरा करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने हमें फिर से विश्व गुरु बनाने की ओर अग्रसर किया है। उन्होंने कहा कि हमें  चिंतन और आत्मवलोकन की आवश्यकता है। हम अपनी पुरानी गलतियां नहीं दोहराएं इसे लेकर हमें सतर्क रहना होगा। प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा शुरू किये गए आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत विश्वविद्यालय का ये पहला आयोजन है और अगले पूरे साल के दौरान एमसीयू के सभी कैंपस में इस विषय पर कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। कार्यक्रम का संचालन श्री अंकित पांडेय द्वारा किया गया। जबकि आभार प्रदर्शन कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी द्वारा किया गया। इसके पहले कार्यक्रम की शुरुआत में स्वामी जी द्वारा किये जा रहे व्यक्तित्व और सामाजिक सुधार के कार्यक्रमों पर केंद्रित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।

देश की संस्कृति और सभ्यता की सुरक्षा में मीडिया शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान : स्वामी धर्म बन्धु आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत एमसीयू में होंगे साल भर आयोजन : प्रो. केजी सुरेश माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत विशेष व्याख्यान का आयोजन भोपाल, 12 मार्च, 2021:…

पूर्व प्राध्यापक एवं संपादक प्रो. कमल दीक्षित को एमसीयू में दी गई श्रद्धांजलि

पूर्व प्राध्यापक एवं संपादक प्रो. कमल दीक्षित को एमसीयू में दी गई श्रद्धांजलि

भोपाल, 12 मार्च, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में पूर्व प्राध्यापक एवं प्रख्यात संपादक प्रो. कमल दीक्षित जी के निधन पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश सहित प्रो. श्रीकांत सिंह, प्रो. पवित्र श्रीवास्तव, प्रो. अविनाश वाजपेयी, डॉ. राखी तिवारी, डॉ. अनुराग सीठा, डॉ. मणिकंठन नायर एवं अन्य शिक्षकों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय के द्वारा श्रद्धेय प्रो. कमल दीक्षित जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर पुस्तक प्रकाशित की जाएगी। ताकि आने वाली पीढ़ी तक उनके सिद्धांतों एवं विचारों को पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रो. दीक्षित के निधन से मीडिया के क्षेत्र में बहुत बढ़ी क्षति हुई है। वे श्रेष्ठ शिक्षक एवं संपादक थे। उन्होंने अनेक विद्यार्थियों को शिक्षित किया, जो पत्रकारिता में शीर्ष स्थानों पर हैं। स्वर्गीय दीक्षित मूल्यों एवं सिद्धांतों की पत्रकारिता के हामी थे। मूल्यानुगत मीडिया की स्थापना के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया था।

पूर्व प्राध्यापक एवं संपादक प्रो. कमल दीक्षित को एमसीयू में दी गई श्रद्धांजलि भोपाल, 12 मार्च, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में पूर्व प्राध्यापक एवं प्रख्यात संपादक प्रो. कमल दीक्षित जी के निधन पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश सहित प्रो. श्रीकांत सिंह, प्रो.…

एमसीयू के एनएनएस स्वयंसेवकों ने बाल संरक्षण पर चलाया पांच दिवसीय जागरूकता अभियान

एमसीयू के एनएनएस स्वयंसेवकों ने बाल संरक्षण पर चलाया पांच दिवसीय जागरूकता अभियान

भोपाल, 10 मार्च, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की सेवा योजना इकाई के स्वयंसेवकों ने पांच दिवसीय बाल संरक्षण जागरूकता अभियान का आयोजन किया। इस दौरान स्वयंसेवकों ने गौतम नगर स्थित बस्ती में जाकर बच्चों को मास्क और सैनिटाइजर वितरित करते हुए स्वच्छता और वैश्विक महामारी कोरोना के प्रति जागरूकता लाने का कार्य किया। साथ ही बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए डान्सिंग और सिंगिंग प्रतियोगिताएं करायीं, जिसमें विजेता बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया।

अभियान के अंतर्गत स्वयंसेवकों ने चित्रकला और विभिन्न खेल-कूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। इन प्रतियोगिताओं में खेल-खेल में पढ़ाई करने का संदेश दिया गया। साथ ही बच्चों को पेंटिंग और ड्राइंग करना सिखाया। कार्यक्रम के अंतिम दिन समापन कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें स्वयंसेवकों ने कहानी के माध्यम से बच्चों को जागरूक करते हुए शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पेन-पेंसिल किट वितरित की। इस दौरान राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह आवस्या ने बाल श्रम और बाल अधिकारों के प्रति जानकारी देते हुए इस तरह के कार्यक्रम बार-बार आयोजित करने के लिए कहा। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

एमसीयू के एनएनएस स्वयंसेवकों ने बाल संरक्षण पर चलाया पांच दिवसीय जागरूकता अभियान भोपाल, 10 मार्च, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की सेवा योजना इकाई के स्वयंसेवकों ने पांच दिवसीय बाल संरक्षण जागरूकता अभियान का आयोजन किया। इस दौरान स्वयंसेवकों ने गौतम नगर स्थित बस्ती में जाकर बच्चों को मास्क और सैनिटाइजर…

पत्रकारिता विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित होगा ब्रह्मोस मिसाइल का मॉडल

पत्रकारिता विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित होगा ब्रह्मोस मिसाइल का मॉडल

भारत में प्रौद्योगिकी रिसर्च और डिजाइनिंग से बढ़ेगा रिवेन्यू और रोजगार – डॉ. सुधीर कुमार

विज्ञान संचार पत्रकारिता में पाठ्यक्रम शुरू करेगा विश्वविद्यालय -प्रो. के.जी. सुरेश

भोपाल, 09 मार्च, 2021: पत्रकारिता विश्वविद्यालय अपने नए परिसर में भारत की आत्मनिर्भरता, आत्मसम्मान और आत्मरक्षा की प्रतीक दुनिया की सबसे घातक मिसाइल ब्रह्मोस का मॉडल स्थापित करेगी, जिससे विद्यार्थी प्रेरणा ले सकें। बहुचर्चित ब्रह्मोस मिसाइल परियोजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा ने विश्वविद्यालय को मिसाइल की प्रतिकृति प्रदान करने के संबंध में आश्वस्त किया। कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने घोषणा की कि विज्ञान संचार को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय विज्ञान संचार आधारित एक सर्टिफिकेट कार्यक्रम चलाएगा।

मंगलवार को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद नई दिल्ली एवं म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस उत्सव के अवसर पर डॉ. मिश्रा ने कहा सुपरसोनिक क्रूज ब्रह्मोस मिसाइल विश्व की सबसे आधुनिक मिसाइल है जो भारत के स्वाभिमान, आत्मनिर्भरता और क्षमता की एक सफल कहानी है। 1001 करोड़ रुपए की पूंजी से प्रारंभ हुई यह ब्रह्मोस परियोजना आज 20 हजार लोगों को रोजगार दे रही है, 40000 करोड़ का टर्नओवर है और 4000 करोड़ टैक्स का सरकार को दे रही है। भारत का स्पेस साइंस और फार्मा सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। रिसर्च और डिजाइनिंग को मिशन बनाकर हम रेवेन्यू और रोजगार दोनों प्राप्त कर सकेंगे। विज्ञान और तकनीक में कड़ी मेहनत से ही भारत आत्मनिर्भर और सशक्त भी हो सकता है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस उत्सव आयोजन में विशेष वक्ता के रूप में सीएसआईआर की निदेशक डॉ. रंजना अग्रवाल ने कहा कि कोविड काल में भारत ने विज्ञान और तकनीक में साहसिक और उल्लेखनीय काम किया है, जो बताता है कि भारत विश्व का नेतृत्व कर सकता है। विशेष अतिथि के रूप में विज्ञान प्रसार भारत सरकार के वैज्ञानिक अरविंद रानाडे ने कहा कि भारतीय समाज में वैज्ञानिक दृष्टि और वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, यही हमारे आत्मनिर्भर भारत की कुंजी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि हमारे देश में जहां विज्ञान की परंपरा रही है वहीं अंधविश्वास ने नुकसान भी पहुंचाया है। अब हमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण बनाने की आवश्यकता है। साइंस टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का शिक्षा एवं कौशल विकास में महत्वपूर्ण योगदान लिया जा सकता है। प्रो. सुरेश ने कहा कि एक समय हमारे देश में पीपीई किट और वेंटिलेटर नहीं बनते थे, लेकिन कोरोना काल में हमने इस चुनौती का सामना किया और अब ये सामान हम निर्यात कर रहे हैं। हमारी वैक्सीन भी दुनिया के कई देशों में पहुंच रही है जो गर्व की बात है। कुलपति प्रो. सुरेश ने घोषणा की कि विज्ञान पत्रकारिता को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय एक विज्ञान संचार आधारित एक सर्टिफिकेट कार्यक्रम चलाएगा।

विज्ञान दिवस कार्यक्रम का समन्वय डॉ. राकेश पांडे ने किया एवं कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेई ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं अधिकारीगण एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। ऑनलाइन रूप से भी विश्वविद्यालय के कई परिसर इस कार्यक्रम से जुड़े रहे।

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Replica of Brahmos Missile to be installed in new campus of MCU

Replica of Brahmos Missile to be installed in new campus of MCU

R & D will increase revenue and employment: Dr Sudhir Kumar Mishra

MCU will launch courses on science communication: Prof KG Suresh

Bhopal, 9th March, 2021: A replica of Brahmos Missile will be installed in New Campus of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication at Bishankheri. Announcement in this regard was made by CEO & MD of Brahmos Aerospace Dr Sudhir Kumar Mishra today in an online programme, on National Science Day. Vice Chancellor Prof KG Suresh said, this replica will reflect expectations and hope of the University.

Addressing the programme, Dr Mishra said, supersonic Brahmos Missile is the most modernized and true reflection of self reliant India. The project launched with investment of Rs 1001 crore had a turn-over of Rs 40,000 crore today and is providing employment to 20,000 people. It has generated a revenue of Rs 4000 crore for the government. Emphasising on the need of expanding R & D sector, Dr Mishra said, it will create jobs and generate revenue for the government. Research and Development sector started 70 years ago, is now matured enough.

The programme was organised under the joint agis of MCU, NISCAIR & MAPCOST. Keynote speaker of the programme, director of CSIR Dr Ranjana Agrawal said, science and technology sector of India performed excellently during Covid 19 period and it shows that India can lead the world. Senior scientist Shri Arvind Ranade said, there is need to increase scientific temper and research in India.

Chairing the session, Vice Chancellor Prof KG Suresh said, we should inculcate scientific temper. Science and technology has a great role in education and skill development. The country did not produce PPE kit and ventilators before Covid-19 period but we are exporting them today. Vaccine produced by India was supplied to many countries.  Prof Suresh said, the university will launch certificate programme in science communication. Coordinator Dr Rakesh Pandey conducted the programme. Registrar Dr Avinash Bajpai proposed the vote of thanks. Teachers and students of different campuses of the University and Associated Study Centres were connected with the programme online as well.

Replica of Brahmos Missile to be installed in new campus of MCU R & D will increase revenue and employment: Dr Sudhir Kumar Mishra MCU will launch courses on science communication: Prof KG Suresh Bhopal, 9th March, 2021: A replica of Brahmos Missile will be installed in New Campus of Makhanlal Chaturvedi National University of…

उद्यमशीलता ही भारत की आत्मनिर्भरता का मंत्र है – प्रो. केजी. सुरेश

उद्यमशीलता ही भारत की आत्मनिर्भरता का मंत्र है प्रो. केजी. सुरेश

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में उद्यमिता पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू

भोपाल, 09 मार्च, 2021: शिक्षकों के अकादमिक उन्नयन के लिए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा आंत्रप्रेन्योर डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सहयोग से उद्यमिता पर दो सप्ताह का फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ मंगलवार को हो गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी.सुरेश ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि शिक्षक अपने विद्यार्थियों को केवल नौकरी पेशा व्यक्ति के रूप में तैयार करने की बजाय उद्यमशील प्रोफेशनल तैयार करें, क्योंकि आज का समय उद्यमिता का है। फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के कोआर्डीनेटर डॉ. मोहम्मद हनीफ मेवाती ने कहा कि आज की जरूरत है कि विद्यार्थी नौकरी लेने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनें।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने तथा संचालन डॉ. दिलप्रीत कौर साहनी ने किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में दो दर्जन से अधिक शिक्षक भाग ले रहे हैं, यह कार्यक्रम 8 मार्च से 20 मार्च तक चलेगा। 

उद्यमशीलता ही भारत की आत्मनिर्भरता का मंत्र है – प्रो. केजी. सुरेश पत्रकारिता विश्वविद्यालय में उद्यमिता पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू भोपाल, 09 मार्च, 2021: शिक्षकों के अकादमिक उन्नयन के लिए माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा आंत्रप्रेन्योर डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सहयोग से उद्यमिता पर दो सप्ताह का फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम…

लक्ष्मणरेखा सीता के लिए नहीं, रावण के लिए थी : प्रो. नीरजा गुप्ता

लक्ष्मणरेखा सीता के लिए नहीं, रावण के लिए थी : प्रो. नीरजा गुप्ता

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष आयोजन

भोपाल, 08 मार्च, 2021: सीता के लिए कभी लक्ष्मणरेखा थी ही नही, वह तो रावण को रोकने के लिए खींची गई थी। परन्तु हमारे यहाँ कुछ लोगों ने ऐसा नैरेटिव खड़ा कर दिया कि लक्ष्मणरेखा सीता के लिए खींची गई। दरअसल, हमने अपने प्रतिमान कमजोर कर लिए हैं। यह विचार साँची विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीरजा गुप्ता ने व्यक्त किये। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के प्रसंग पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित विशेष कार्यक्रम में प्रो. गुप्ता बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।

‘नारी नेतृत्व – एक समान भविष्य की ओर’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में प्रो नीरजा गुप्ता ने कहा कि रामायण-महाभारत के प्रसंगों के आधार पर बताया कि हमें अपनी परम्परा में शामिल श्रेष्ठ नारियों के जीवन को देखने का दृष्टिकोण बदलना होगा। उन्होंने कहा कि माता कुंती जंगल में भटकने वाली अबला नारी नहीं थीं, वे सम्राज्ञी थीं। उनसे बड़ा रणनीतिकार कोई नहीं था। इसके साथ ही प्रो. गुप्ता ने कहा कि कई बार हमें आंकड़े दिखा कर सुखद अनुभूति कराई जाती है। लेकिन आंकते हमेशा सत्य नहीं बताते हैं। आंकड़ों के पीछे जो कहानियाँ होती हैं, उन्हें अनुभव ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि घर में एक बेटी के बाद दूसरी बेटी का जन्म हो जाये तो परिवार के लोगों के चेहरे उतर जाते हैं, यह बात आंकड़ों से पता नहीं चलती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में महिला पत्रकारों की संख्या बहुत कम है। छोटे शहरों एवं कस्बाई क्षेत्रों में तो महिला पत्रकार नगण्य हैं। इस क्षेत्र में और महिलाएं आयें, इसके लिए एक वातावरण बनाने की आवश्यकता है। अभी स्थिति यह है कि अच्छी महिला पत्रकारों को भी पुरुष पत्रकारों के समान वेतन नहीं मिलता है। हमें उन महिला पत्रकारों का सम्मान करना चाहिए, जिन्होंने अनेक प्रकार की चुनौतियों और प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते हुए अपनी एक जगह बनाई है। प्रो. सुरेश ने कहा कि विज्ञापनों का जिक्र करते हुए कहा कि विज्ञापनों में जिस प्रकार से एक वस्तु के रूप में महिलाओं की प्रस्तुति की जाती है, वह बंद होनी चाहिए।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि उपन्यासकार सुश्री इंदिरा दांगी ने कहा कि साहित्य तसल्ली से की गई पत्रकारिता है और पत्रकारिता जल्दी में लिखा गया साहित्य। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते  हुए कहा कि हर संस्थान में एक बड़े हिस्से में महिलाएं काम करती है लेकिन उच्च पदों पर महिलाएं नहीं दिखती हैं। उन्होंने वेदों का जिक्र करते हुए कहा कि वेदों की बहुत सारी ऋचाओं को स्त्रियों ने लिखा है। जिस देश में ऐसी महान स्त्रियाँ थी, उस देश में स्त्रियाँ कैसे पिछड़ गयीं, यह विचार करना चाहिए।

‘नारी नेतृत्व–एक समान भविष्य की ओर’ केंद्रीय विषय पर आयोजित कार्यक्रम के अंतर्गत विश्वविद्यालय के सभी परिसरों में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों के लिये कहानी वाचन, फोटोग्राफी और समस्त स्टाफ़ के लिए कविता लेखन, फीचर लेखन तथा निबंध लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था । इन प्रतियोगिताएं के विजेताओं को इस  अवसर पर पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने महिलाओं पर केंद्रित एक लघु नाटिका का मंचन भी किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने एलुमनी सेल के लिए वेबसाइट पर एक पेज का उद्घाटन भी किया। इसके साथ ही पुस्तक ‘स्त्री शक्ति संवाद’ का भी विमोचन किया गया। पुस्तक की संपादक प्रो. पी. शशिकला एवं सह-संपादक डॉ. पवन सिंह और लोकेन्द्र सिंह हैं। कार्यक्रम का संचालन सहायक कुलसचिव विवेक सावरीकर ने किया। प्रतियोगिताओं का समन्वयन सहायक प्राध्यापिका गरिमा पटेल ने किया।

लक्ष्मणरेखा सीता के लिए नहीं, रावण के लिए थी : प्रो. नीरजा गुप्ता माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष आयोजन भोपाल, 08 मार्च, 2021: सीता के लिए कभी लक्ष्मणरेखा थी ही नही, वह तो रावण को रोकने के लिए खींची गई थी। परन्तु हमारे यहाँ कुछ लोगों ने…

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ‘नारी नेतृत्व–एक समान भविष्य की ओर’ विषय पर एमसीयू में आयोजन

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ‘नारी नेतृत्व–एक समान भविष्य की ओर’ विषय पर  एमसीयू में आयोजन

भोपाल, 07 मार्च, 2021: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में 8 मार्च को ‘नारी नेतृत्व–एक समान भविष्य की ओर’ विषय पर व्यख्यान एवं विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हैं। विश्वविद्यालय के आईसीसी सेल के इस आयोजन की मुख्य अतिथि साँची विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीरजा गुप्ता, विशिष्ट अतिथि उपन्यासकार सुश्री इंदिरा दांगी और अध्यक्ष कुलपति प्रो. केजी सुरेश हैं। 

‘नारी नेतृत्व–एक समान भविष्य की ओर’ केंद्रीय विषय पर आयोजित कार्यक्रम के अंतर्गत विश्वविद्यालय के सभी परिसरों में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों के लिये कहानी वाचन, फोटोग्राफी और समस्त स्टाफ़ के लिए कविता लेखन, फीचर लेखन तथा निबंध लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है। इन प्रतियोगिताएं के विजेताओं को महिला दिवस के अवसर पर पुरस्कृत किया जायेगा।

इस आयोजन में कोरोना दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी प्रत्यक्ष रूप से शामिल होंगे। कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम द्वारा विश्वविद्यालय के खंडवा, रीवा और नोएडा परिसर के समस्त विद्यार्थी, शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारी भी जुड़ेंगे।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ‘नारी नेतृत्व–एक समान भविष्य की ओर’ विषय पर  एमसीयू में आयोजन भोपाल, 07 मार्च, 2021: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में 8 मार्च को ‘नारी नेतृत्व–एक समान भविष्य की ओर’ विषय पर व्यख्यान एवं विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हैं। विश्वविद्यालय के आईसीसी…

परमाणु ऊर्जा को लेकर जन जागरूकता पैदा करना आज की आवश्यकता: प्रो. केजी सुरेश

परमाणु ऊर्जा को लेकर जन जागरूकता पैदा करना आज की आवश्यकता: प्रो. केजी सुरेश

भविष्य में परमाणु ऊर्जा ही होगी बिजली का प्रमुख स्त्रोत: श्री श्रीवास्तव

भोपाल, 07 मार्च, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने आज कहा कि पत्रकारिता से जुड़े छात्रों को समाज के सभी विषयों की जानकारी होना चाहिए। उन्हें यह भी समझना चाहिए कि देश में ऊर्जा के क्या प्रमुख स्त्रोत हैं। समय की आवश्यकता है कि परमाणु ऊर्जा के बारे में समाज में जागरूकता पैदा की जाए। प्रो. सुरेश विश्वविद्यालय द्वारा ‘न्यूक्लियर पावर एन इनएविटेबल ऑप्शन फॉर क्लीन, ग्रीन एंड सेफ इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन’ विषय पर आयोजित ऑनलाइन विशेष व्याख्यान की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि जब भी हम परमाणु ऊर्जा के बारे में सोचते हैं तो हमारी धारणा में बम की छवि आ जाती है। लेकिन परमाणु ऊर्जा के अन्य भी एप्लीकेशंस है जिसमें न्यूक्लियर मेडिसिन भी एक है। न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ मैनेजर (मीडिया एवं संचार) श्री अमृतेश श्रीवास्तव ने समाज में न्यूक्लियर ऊर्जा को लेकर चल रही अलग-अलग धारणाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बहुत उच्च शिक्षित लोगों को भी न्यूक्लियर ऊर्जा के बारे में जानकारी नहीं है। उन्हें यह भी नहीं पता है कि आज देश में न्यूक्लियर एनर्जी से कितनी बिजली पैदा की जा रही हैं। लोगों के मन में डर-सा बना हुआ है। पत्रकार और मीडियाकर्मी इस डर को दूर कर सकते हैं और जनसाधारण को न्यूक्लियर ऊर्जा के उपयोग और उसके लाभ के बारे में अवगत करा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत न्यूक्लियर प्लांट से बिजली पैदा करने में बहुत संपन्न हो सकता है, क्योंकि हमारे यहां थोरियम का एक तिहाई भंडार हैं। कोयला और न्यूक्लियर फ्यूल से बिजली बनाने में जमीन आसमान का अंतर है। न्यूक्लियर ऊर्जा प्रदूषण रहित एवं सस्ती हैं और इसे स्टोर करना आसान है। हमारे देश में 23 न्यूक्लियर प्लांट कार्यरत हैं और 7 निर्माणाधीन है। भारत में मात्र 3.3 प्रतिशत बिजली ही न्यूक्लियर पावर प्लांट से पैदा की जा रही है। फ्रांस जैसे तुलना देशों की तुलना में यह बहुत कम है। फ्रांस में 70.6 बिजली न्यूक्लियर प्लांट से पैदा हो रही है। देश में एंटीन्यूक्लियर लॉबी ने ‘फाल्स प्रोपगंडा’ फैलाया है। जिसके कारण लोगों के मन में न्यूक्लियर ऊर्जा को कई तरह की धारणाएं बन गई हैं। उन्हें लगता है कि न्यूक्लियर प्लांट से रेडिएशन निकलता है। यह धारणा गलत है। भारत के न्यूक्लियर पावर प्लांट ने पूरे विश्व में सबसे ज्यादा घंटे तक बिजली पैदा करने का रिकॉर्ड बनाया है। कार्यक्रम का संचालन विज्ञापन और जनसंपर्क विभाग के अध्यक्ष डॉ पवित्र श्रीवास्तव ने किया। आभार प्रदर्शन कुलसचिव डॉ अविनाश बाजपेयी ने माना।

परमाणु ऊर्जा को लेकर जन जागरूकता पैदा करना आज की आवश्यकता: प्रो. केजी सुरेश भविष्य में परमाणु ऊर्जा ही होगी बिजली का प्रमुख स्त्रोत: श्री श्रीवास्तव भोपाल, 07 मार्च, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने आज कहा कि पत्रकारिता से जुड़े छात्रों को समाज के सभी विषयों…

आगामी सत्र से विश्वविद्यालयों में लागू होगी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति – मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री

आगामी सत्र से विश्वविद्यालयों में लागू होगी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति – मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री

विद्यार्थी को मोल्ड नहीं उसमें निहित ज्ञान को अनफोल्ड करना चाहिए – डॉ. उमाशंकर पचौरी

विश्वविद्यालय में एचआरडीसी की स्थापना होगी – प्रो. के.जी. सुरेश

भारतनिष्ठ शिक्षा व्यवस्था में ही भारत का भविष्य है  – प्रो. मजहर आसिफ

म.प्र. में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

भोपाल 02 मार्च, 2021: नीति आयोग भारत सरकार, भारतीय शिक्षण मंडल और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन मंगलवार को हो गया। इस संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के विभिन्न परिसरों के शिक्षकों ने नई शिक्षा नीति को आगामी सत्र से लागू करने की दिशा में मंथन कर रोडमैप तैयार किया।

राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में शिक्षा व्यवस्था सर्वाधिक प्रभावित हुई, लेकिन सरकार इस चुनौती से निपटते हुए आगामी सत्र से ही विश्वविद्यालयों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करेगी। उन्होने कहा कि भले ही हमें समय कम मिला है लेकिन हम इसे लागू करेंगे क्योंकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति कल का नहीं बल्कि आज का विषय है, उन्होने कहा कि इसको लागू करने में सरकार से अधिक शिक्षकों की अहम भूमिका है।

समापन सत्र के मुख्य वक्ता के रूप में शिक्षाविद् एवं भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उमाशंकर पचौरी जी ने संबोधित करते हुए कहा कि 1986 में शिक्षा विभाग का नाम बदलकर मानव संसाधन कर देना बड़ी गलती थी, इससे शिक्षा की मूल अवधारणा खंडित हुई। श्री पचौरी ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थी को मोल्ड नहीं बल्कि उसमें निहित ज्ञान को अनफोल्ड किया जाना चाहिए, और नई शिक्षा नीति इसी अवधारणा पर आधारित है।

डॉ. पचौरी ने विभिन्न प्रसंगों का उदाहरण देते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अवधारणा को बहुत स्पष्ट और प्रभावी ढंग से समझाते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की चुनौती और यह ईश्वरीय कार्य शिक्षकों को ही करना है इसमें सरकार की बहुत अधिक भूमिका नहीं है। नर पशुओं को शिक्षा के माध्यम से देव मानव बनाया जाना ही शिक्षक का कर्तव्य है और ऋषि संस्कृति इसी की बात करती है।

सत्र के अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश ने कहा कि भारतीय संस्कृति शिक्षा और शिक्षक केंद्रित है, यहां एक साधारण शिक्षक भी चाणक्य के रूप में स्थापित होकर समाज हित में व्यवस्था में हस्तक्षेप कर सकता है। इसलिए नई शिक्षा नीति में शिक्षकों पर ही जोर है। प्रो. सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय यूजीसी के प्रावधान और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप नवाचार करते हुए नए शिक्षा सत्र से इसको लागू कर रहा है। कुलपति ने विश्वविद्यालय में एचआरडीसी की स्थापना करने की भी घोषणा की है।

इससे पूर्व शिक्षक-शिक्षा संवाद में जेएनयू के प्रो. मजहर आसिफ ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर शिक्षकों के साथ मंथन करते हुए उनकी जिज्ञासाओं को समाधान किया। प्रो. आसिफ ने कहा कि भारतीय संस्कृति कहीं भी रिलीजन (पंथ) की बात नही करती है बलकी धर्म की बात करती है, इस शिक्षा नीति में मूल्य आधारित भारतनिष्ठ शिक्षा व्यवस्था तैयार की गई है जो भारतीय संस्कृति, ज्ञान, भाषा और जीवन शैली पर आधारित है जिसमें भारत का भविष्य है।

कार्यक्रम का संचालक कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय संगोष्ठी कार्यक्रम के समन्वयक डॉ पवन मलिक ने किया कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर डॉ अविनाश बाजपेई ने किया।

आगामी सत्र से विश्वविद्यालयों में लागू होगी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति – मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री विद्यार्थी को मोल्ड नहीं उसमें निहित ज्ञान को अनफोल्ड करना चाहिए – डॉ. उमाशंकर पचौरी विश्वविद्यालय में एचआरडीसी की स्थापना होगी – प्रो. के.जी. सुरेश भारतनिष्ठ शिक्षा व्यवस्था में ही भारत का भविष्य है  – प्रो. मजहर आसिफ म.प्र. में राष्ट्रीय शिक्षा…