‘साइबर जागरुकता दिवस’ पर ‘सेंसिटाईजेशन ऑफ इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी अवेयरनेस’ पर विशेष व्याख्यान

‘साइबर जागरुकता दिवस’ पर ‘सेंसिटाईजेशन ऑफ इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी अवेयरनेस’ पर विशेष व्याख्यान

भोपाल, 01 दिसम्‍बर, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के नवीन मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा 01 दिसंबर 2021 को साइबर जागरूकता दिवस के मौके पर विद्यालय परिसर में “सेंसिटाईजेशन ऑफ इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी अवेयरनेस” विषय पर विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने विश्वविद्यालय के छात्रों, संकाय सदस्यों और कर्मचारियों को सूचना सुरक्षा के बारे में सतर्क रहने और साथी समूह के बीच जागरूकता पैदा करने की जानकारी दी। वहीं, डिजिटल सिटीजनशिप एवं इन्टरनेट मेच्योरिटी विशेषज्ञ श्री रघु पांडेय ने इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी को लेकर महत्वपूर्ण विषयों के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक किया। उन्होंने बताया कि डिजिटल टूल्स का प्रयोग करके जो सूचना बनाई जाती है उसे डिजिटल साक्षरता कहा जाता है। डिजिटल टूल्स को उन्होंने डिजिटल दुनिया का पेन एवं पेपर बताया।

उन्होंने इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी एवं साइबर सिक्योरिटी के बीच अंतर समझाते हुए साइबर सिक्योरिटी के अंतर्गत मुख्य छह बिंदुओं को शामिल किया- इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी, साइबर सिक्योरिटी, साइबर सेफ्टी, डिजिटल लिटरेसी, इंफॉर्मेशन लिटरेसी एवं वेब 2.0। इन छह शब्दावली की जानकारी प्रत्येक कार्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि जब लोग अपनी सूचनाएं एवं जानकारियां दूसरों से साझा करते हैं तब इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी की बात आती है। हम अपनी जानकारियों को डिजिटल टूल्स के माध्यम से सुरक्षित रख सकते हैं। वहीं इंटरनेट के खतरों से अवगत कराते हुए इनसे बचने के उपाय भी बताए।

इस कार्यक्रम का अध्यक्षीय उद्बोधन एवं आभार विभागाध्यक्ष प्रो. पी. शशिकला ने किया। उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ साइबर स्वच्छता भी अनिवार्य है। कार्यक्रम का समन्वय सहायक प्राध्यापक श्री मनोज कुमार धुर्वे ने किया। इस कार्यक्रम में विभाग के सभी शिक्षकगण, तकनीकी सहायक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

‘साइबर जागरुकता दिवस’ पर ‘सेंसिटाईजेशन ऑफ इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी अवेयरनेस’ पर विशेष व्याख्यान भोपाल, 01 दिसम्‍बर, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के नवीन मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा 01 दिसंबर 2021 को साइबर जागरूकता दिवस के मौके पर विद्यालय परिसर में “सेंसिटाईजेशन ऑफ इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी अवेयरनेस” विषय पर विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम…

Sensitization of Information Security Awareness a Special Lecture organized at MCU, Bhopal on Cyber Awareness Day

Sensitization of Information Security Awareness a Special Lecture organized at MCU, Bhopal on Cyber Awareness Day

Bhopal, 01 December, 2021: A Cyber Awareness Program was organized by Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Bhopal following the circular of UGC (University Grant Commission) to observe Cyber Jaagrukta Diwas every month at the Higher Educational Institutes. Due to the increasing number of Social Media users & cyber threats in the current world of pandemics & Online Learning, it was stated by the Ministry to organize Seminars, Workshops & Interactive Sessions on the first Wednesday of every month regarding Cyber Hygiene Protection & Cyber Security Awareness.

The program at the University featured a special lecture by Mr Raghu Pandey under the guidance of Chief Patron Prof. K. G. Suresh, Hon. Vice Chancellor, Convener Dr. P. Sasikala & Session Coordinator Mr Manoj Kumar Dhurvey, for the UG & PG students of New Media Technology.

Hon’ble Vice Chancellor Prof. K. G. Suresh informed the students, faculty members and staff of the University to be vigilant about information security and to create awareness among the fellow group.

Session Speaker Mr. Raghu Pandey is an expert of Digital Citizenship and Internet Maturity. The expert discussed on various aspects of Information Security, Cyber Security, Cyber Safety, Digital Literacy, Information Literacy & Web 2.0 with the audience.

All the departmental teachers & students attended the seminar through offline & hybrid modes following the COVID Standard protocols.

Chairing the Session Prof. P. Sasikala, Head of the Department New Media Technology, stated that every month such sessions will be conducted on the first Wednesday, to educate the students regarding their personal Cyber Safety & Awareness.

At the end of the session, she motivated the students to actively engage in the upcoming Information Security Awareness & Cyber Hygiene Programs.

Sensitization of Information Security Awareness a Special Lecture organized at MCU, Bhopal on Cyber Awareness Day Bhopal, 01 December, 2021: A Cyber Awareness Program was organized by Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Bhopal following the circular of UGC (University Grant Commission) to observe Cyber Jaagrukta Diwas every month at the Higher Educational…

स्वास्थ्य रिपोर्टिंग में फैक्ट की पड़ताल अवश्य करें : प्रो. केजी सुरेश

स्वास्थ्य रिपोर्टिंग में फैक्ट की पड़ताल अवश्य करें : प्रो. केजी सुरेश

एड्स को रोक सकती है जागरूकता : डॉ. कृपाशंकर चौबे

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में विश्व एड्स दिवस पर आयोजन, एनएसएस इकाई के तत्वावधान में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

भोपाल, 01 दिसम्‍बर, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की ओर से विश्व एड्स दिवस पर ‘एड्स : रोकथाम एवं जागरूकता कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया। किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य डॉ. कृपाशंकर चौबे ने मुख्य वक्ता के रूप में विद्यार्थियों को संबोधित किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।

मुख्य वक्ता डॉ. कृपाशंकर चौबे ने कहा कि एड्स बहुत घातक बीमारी है। ये मनुष्य के रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है। जिसके कारण वह छोटी बीमारियों से भी नहीं लड़ पाता है। एड्स से जुड़े आंकड़े चिंताजनक है लेकिन लोगों में इसके प्रति जागरूकता पैदा करके बीमारी को रोका एवं कम किया जा सकता है।

कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि एड्स के संबंध मे बहुत भ्रांतियां समाज मे फैली हुई हैं। हमें इन भ्रांतियों को दूर कर जागरूकता लाने के प्रयास करने चाहिए। इस कार्य में राष्ट्रीय सेवा योजना की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने यह भी कहा कि एनएसएस को सक्रिय होकर संस्थाओं के साथ मिलकर समाज मे जागरुकता लाने का कार्य करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य से जुड़ी रिपोर्टिंग करते वक्त फैक्ट्स की जांच जरूर करें साथ ही आप बुद्धिजीवी बने, खुद जागरूक हों और समाज को जागरूक करें। कार्यक्रम का संचालन एनएसएस के विद्यार्थियों ने किया और धन्यवाद एनएसएस अधिकारी डॉ. गजेंद्र सिंह अवास्या ने किया।

स्वास्थ्य रिपोर्टिंग में फैक्ट की पड़ताल अवश्य करें : प्रो. केजी सुरेश एड्स को रोक सकती है जागरूकता : डॉ. कृपाशंकर चौबे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में विश्व एड्स दिवस पर आयोजन, एनएसएस इकाई के तत्वावधान में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन भोपाल, 01 दिसम्‍बर, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय…

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में 2-3 दिसंबर को जी-मीडिया समूह का कैंपस

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में 2-3 दिसंबर को जी-मीडिया समूह का कैंपस

भोपाल, 01 दिसम्‍बर, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में 2 एवं 3 दिसंबर, 2021 को प्रतिष्ठित जी-मीडिया समूह द्वारा कैंपस का आयोजन किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं प्लेसमेंट प्रभारी प्रो. अविनाश वाजपेयी ने बताया कि जी न्यूज के एंकर क्वेस्ट में प्रतिभागियों को चैनल में एंकर एवं अन्य पदों पर कार्य करने का सुनहरा अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि प्रतिभागियों को अंग्रेजी, हिन्दी, मराठी, पंजाबी, उर्दू, गुजराती, बंगाली और ओडिया इत्यादि में से कम से कम दो भाषाओं का अच्छा ज्ञान एवं संचार कौशल होना आवश्यक है। डॉ. वाजपेयी ने बताया कि 18 से 35 आयुवर्ग के विद्यार्थियों के लिए आयोजित कैंपस चयन में लिखित परीक्षा, पीटूसी, ऑडिशन एवं इंटरव्यू की प्रक्रिया होगी। कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कैम्पस प्लेसमेंट में हिस्सा लेने वाले सभी विद्यार्थियों को शुभकामनायें प्रेषित की हैं।

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में 2-3 दिसंबर को जी-मीडिया समूह का कैंपस भोपाल, 01 दिसम्‍बर, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में 2 एवं 3 दिसंबर, 2021 को प्रतिष्ठित जी-मीडिया समूह द्वारा कैंपस का आयोजन किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं प्लेसमेंट प्रभारी प्रो. अविनाश वाजपेयी ने बताया…

सड़क सुरक्षा को लेकर समाज का मानस एवं व्यवहार बदल सकता है मीडिया : प्रो. केजी सुरेश

सड़क सुरक्षा को लेकर समाज का मानस एवं व्यवहार बदल सकता है मीडिया : प्रो. केजी सुरेश

‘सड़क यातायात पीड़ितों के लिए विश्व स्मरण दिवस’ के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन

भोपाल, 24 नवम्‍बर, 2021: सड़क सुरक्षा को लेकर हम अपनी जिम्मेदारी को समझें। हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने और अन्य सुरक्षा मानकों का पालन करने के प्रति हमें जागरूक रहना चाहिए। पत्रकारिता के विद्यार्थी और संचार विशेषज्ञ सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। सड़क सुरक्षा को लेकर समाज का मानस और व्यवहार बदलने के प्रयास पत्रकारिता को करना चाहिए। यह विचार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने व्यक्त किये। ‘सड़क यातायात पीड़ितों के लिए विश्व स्मरण दिवस’ के अवसर पर 24 नवम्बर को विश्वविद्यालय के मामाजी माणिकचन्द्र वाजपेयी सभागार में ‘वाहनों की गति को कम करते हुए सड़क दुर्घटनाओं और उससे लोगों की मौत को कम करने के उपाय’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन नेशनल सेंटर फॉर ह्यूमन सेटेलमेंट्स एंड एनवायरमेंट (एनसीएचएसई), भोपाल, कंज्यूमर वॉइस, नईदिल्ली और एमसीयू के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

बतौर मुख्य अतिथि कार्यशाला को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि सड़क दुर्घटनाएं ज्यादातर हमारी गलती से होती हैं। अगर हम नियमों का पालन करें तो सड़क दुर्घटनाओं को कम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वाहन चलाने को लेकर लापरवाह और अति आत्मविश्वास नहीं होना चाहिए। सीट बेल्ट और हेलमेट आपको गंभीर चोट से बचाते हैं। अगर हम अपनी और अपने परिजनों की चिंता करते हैं, तब हम इतने लापरवाह कैसे हो सकते हैं। आंकड़ों के अनुसार सड़क सुरक्षा में हम सबसे अधिक युवाओं को खो देते हैं।

इस अवसर पर एनसीएचएसई के महानिदेशक डॉ. प्रदीप नंदी ने पीपीटी के माध्यम से आंकड़ों की जानकारी देकर सड़क सुरक्षा के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य युवाओं को यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहन करना और दुर्घटनाओं से मौतों एवं चोटों को रोकना है। उन्होंने दुनियाभर और भारत में सड़क सुरक्षा परिदृश्य और मोटर वाहन संसोधन अधिनियम-2019 के प्रावधानों की जानकारी दी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 2020 में प्रकाशित रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि 2019 में देश में लगभग 4 लाख 49 हजार सड़क दुर्घटनाओं में 1 लाख 51 हजार 113 लोगों की मौत हुई और 4 लाख 51 हजार 361 लोग घायल हुए। इस रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में लगभग 50 हजार 669 सड़क हादसों में 11 हजार 249 लोगों की मृत्यु हुई। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में ज्यादातर ऐसे लोगों की जान जाती है, जो परिवार के आधार होते हैं।

इस अवसर पर भोपाल के यातायात डीएसपी श्री मनोज खत्री ने पीपीटी प्रजेंटेशन के माध्यम से सड़क सुरक्षा मानकों एवं संकेतों की जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने बताया की मध्यप्रदेश सरकार सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। वहीं, मानवाधिकार आयोग के पूर्व चिकित्सा सलाहकार वरिष्ठ सिविल सर्जन डॉ. एसके सक्सेना ने कहा कि स्कूल से लेकर कॉलेज तक के विद्यार्थियों को प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों को मौके पर ही प्राथमिक उपचार देकर उनकी जान बचाई जा सके। वहीं, मैनिट के प्रो. राहुल तिवारी ने बताया कि नवीन तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देकर दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है। 

कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें 18-22 आयु वर्ग के विद्यार्थी, समाजसेवी, शिक्षक एवं अन्य नागरिक शामिल रहे। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने यातायात नियमों का पालन करने और अच्छे नागरिक के रूप में सड़क दुर्घटना में पीड़ितों की सहायता करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन एनसीएचएसई के उपनिदेशक श्री अविनाश श्रीवास्तव ने किया और धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के सह-प्राध्यापक डॉ. संजीव गुप्ता ने किया।

सड़क सुरक्षा को लेकर समाज का मानस एवं व्यवहार बदल सकता है मीडिया : प्रो. केजी सुरेश ‘सड़क यातायात पीड़ितों के लिए विश्व स्मरण दिवस’ के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन भोपाल, 24 नवम्‍बर, 2021: सड़क सुरक्षा को लेकर हम अपनी जिम्मेदारी को समझें। हेलमेट पहनने, सीट…

देश का निर्माण करते हैं बच्चे : श्री विश्वास सारंग

देश का निर्माण करते हैं बच्चे : श्री विश्वास सारंग

हम बच्चों का भविष्य उज्ज्वल देखना चाहते हैं – मार्गरेट ग्वाडा

बाल अधिकार हमारे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेंगे – प्रो. के.जी. सुरेश

चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग ने किया ‘मांदल’ फोटो एग्जिबिशन का उद्घाटन

भोपाल, 19 नवम्‍बर, 2021: विश्व बाल दिवस (20 नवंबर) के प्रसंग पर शुक्रवार को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के प्रांगण में दो दिवसीय ‘मांदल’ फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन मध्य प्रदेश शासन के चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग ने किया। इस प्रदर्शनी में छह किशोरों द्वारा खींची हुई 60 तस्वीरें प्रदर्शित की गई हैं। इनमें झाबुआ के दो और धार के चार चाइल्ड फोटोग्राफर शामिल हैं। विश्व बाल दिवस को सेलिब्रेट करने के लिए इस गो ब्लू थीम पर नीले रंग के गुब्बारे भी सभी विशिष्ट अथितियों द्वारा आकाश में छोड़े गए। शाम को विश्वविद्यालय भवन पर नीली रोशनी की व्यवस्था की गई।

‘यूथ फॉर चिल्ड्रन’ के अंतर्गत यूनिसेफ, वसुधा विकास संस्थान एवं माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित प्रदर्शनी में ‘बाल अधिकार के साथ आदिवासी लोकदर्शन और मांडव’ थीम पर खींची गई तस्वीरों को विशेष रूप से सम्मिलित किया गया। इन तस्वीरों में सीमित संसाधनों के ग्रामीण परिवेश में बच्चों की मासूम मुस्कान और मानवीय भावनाएं तीव्रता से प्रकट होती हैं।  

इस अवसर पर मंत्री श्री विश्वास सारंग ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चे ही समाज के भविष्य का निर्धारण और देश का निर्माण करते हैं। इसलिए बच्चों को स्वस्थ वातावरण और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने होंगे। भगवान श्रीकृष्ण ने बचपन से अपना लीडरशिप कौशल दिखाया था। छोटे बच्चे गीली मिट्टी के समान होते हैं। उन्हें आकार देना हमारा काम है।

इस अवसर पर यूनिसेफ मध्यप्रदेश की चीफ मार्गरेट ग्वाडा ने कहा कि यूनिसेफ की 75 वर्षगांठ पर हम बच्चों का भविष्य उज्ज्वल देखना चाहते हैं। तस्वीरें शब्दों से ज्यादा सशक्त अभिव्यक्ति का माध्यम है और बच्चों ने इस माध्यम का बेहतरीन इस्तेमाल किया है

माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने इस अवसर पर कहा कि बाल अधिकार हमारे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। इन विषयों को लेकर समाज में जागरूकता पैदा करना बहुत ज़रूरी है और विश्वविद्यालय इसमें अपनी भूमिका ज़रूर निभाएगा। कार्यक्रम में यूनिसेफ के कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट श्री अनिल गुलाटी, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार श्री अविनाश बाजपेई जी एवं वसुधा विकास संस्थान से डॉ. गायत्री परिहार भी उपस्थित रहे।

प्रदर्शनी में फोटो शामिल होने पर बाल फोटोग्राफर ने यह कहा:

प्रदर्शनी में अपना फोटो लगाने वाली 16 साल की रिया सोनी झाबुआ के नौ गाँव से हैं और उन्होंने मांडव में पारम्परिक रूप से होने वाली खेती, पुराने किलों के मुंडेरों पे खेलते बच्चों आदि को अपने कैमरे में कैद किया है। रिया कहती हैं कि मांडव की सादगी भरी ज़िंदगी से ये सीखने को मिला कि कम में भी खुश रहा जा सकता है। वहीं, 16 साल की पूजा हटिला को भी तस्वीरें खींचने में बहुत मज़ा आया। वे कहती हैं कि हमारे गांव में पहले कोई भी लड़की तस्वीरें नहीं खींचती थी। लेकिन जब मुझे ये मौका मिला तो कैमरा चलाकर काफी अच्छा लगा। खिलखिलाते बचपन की तस्वीरें खींचकर मज़ा आया।

नालछा गांव में रहने वाले 17 वर्षीय ऋतिक यादव वैसे तो 11 कक्षा में कृषि की पढाई कर रहे हैं, लेकिन उनकी तस्वीरें देखकर लगता है कि जैसे उन्होंने प्रोफेशनल फोटोग्राफी सीखी हो। ऋतिक कहते हैं कि हम सुबह 12 बजे कैमरा लेकर निकले थे और शाम 6 बजे तक घूम-घूमकर ये तस्वीरें खींचते रहे। पता ही नहीं था यहां कौनसी तस्वीरें लगेंगी। यहां अपनी तस्वीरें देखकर अच्छा लग रहा है।

मांडव के ही रहने वाले 17 साल के हर्ष यादव कहते हैं कि हम जहां तस्वीरें खींचने गए थे, वहां के बच्चों के पास खिलौने नहीं हैं, तो वे टायर से खेल रहे थे। मैंने उनकी तस्वीरें लीं।  गांव में काम कर रही महिलाओं को ग्रुप सेल्फी लेना सिखाया और उनकी सेल्फी लेते हुए तस्वीरें खींची। और जब हमारी वालंटियर दीदी बच्चों को कैमरा चलाना सीखा रही थीं, तो मैंने दोस्त के मोबाइल से उनकी तस्वीर ली। देखकर अच्छा लग रहा है कि वो तस्वीर भी यहां प्रदर्शनी में लगी है।

देश का निर्माण करते हैं बच्चे : श्री विश्वास सारंग हम बच्चों का भविष्य उज्ज्वल देखना चाहते हैं – मार्गरेट ग्वाडा बाल अधिकार हमारे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेंगे – प्रो. के.जी. सुरेश चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग ने किया ‘मांदल’ फोटो एग्जिबिशन का उद्घाटन भोपाल, 19 नवम्‍बर, 2021: विश्व बाल दिवस (20 नवंबर) के…

नींव का पत्थर साबित होगा अटल कार्यक्रम : मंत्री तुलसी सिलावट

नींव का पत्थर साबित होगा अटल कार्यक्रम : मंत्री तुलसी सिलावट

जीवन कौशल है संचार : कुलपति प्रो.सुरेश

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में ‘लाइफ स्किल एंड स्ट्रेस मैनेजमेंट’ पर पांच दिवसीय एफडीपी का समापन

भोपाल, 19 नवम्‍बर,2021: लाइफ स्किल एंड स्ट्रेस मैनेजमेंट पर आयोजित अटल एफडीपी प्रोग्राम नींव का पत्थर साबित होगा। ये कहना है जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट का। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन आयोजित एफडीपी को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने विवि के कुलपति प्रो. केजी सुरेश, संयोजक प्रो. सीपी अग्रवाल और पूरी टीम को बधाई दी। वे एआईसीटीई एवं एमसीयू द्वारा आयोजित पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

एफडीपी के समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि आजकल व्यक्ति हर तरह का संचार बार-बार कर रहा है, लेकिन अपने अंदर संचार नहीं कर रहा है, जबकि उसे सबसे अधिक आवश्यकता अपने भीतर संचार करने की है। प्रो. सुरेश ने कहा कि पांच दिवसीय एफडीपी में सभी प्रतिभागियों ने अपने भीतर संचार किया और स्वयं से संवाद किया। एफडीपी के अंतिम दिन श्री अमोल कराले, श्री गुरुनाथ, डॉ. मोक्क्षगुंडम और श्री साजन गलानी ने भी अपने विचार विचार व्यक्त किए।

कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने कहा कि शांति, संयम एवं एकाग्रचितता की आजकल बहुत कमी हो रही है। ऐसे कार्यक्रमों से व्यक्ति को तनाव प्रबंधन का कौशल सीखने को मिलता है। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. सीपी अग्रवाल ने पांच दिवसीय आयोजन की रिपोर्ट प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अरुण कुमार खोबरे ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के सह-संयोजक प्रो. मनीष माहेश्वरी एवं अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।

नींव का पत्थर साबित होगा अटल कार्यक्रम : मंत्री तुलसी सिलावट जीवन कौशल है संचार : कुलपति प्रो.सुरेश पत्रकारिता विश्वविद्यालय में ‘लाइफ स्किल एंड स्ट्रेस मैनेजमेंट’ पर पांच दिवसीय एफडीपी का समापन भोपाल, 19 नवम्‍बर,2021: लाइफ स्किल एंड स्ट्रेस मैनेजमेंट पर आयोजित अटल एफडीपी प्रोग्राम नींव का पत्थर साबित होगा। ये कहना है जल संसाधन…

नीली रोशनी से जगमगा उठा एमसीयू

नीली रोशनी से जगमगा उठा एमसीयू

विश्व बाल दिवस दिवस के मौके पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलगुरु प्रो. केजी सुरेश ने बटन दबाकर की भवन पर की नीली लाइटिंग

भोपाल, 19 नवम्‍बर, 2021: विश्व बाल दिवस की पूर्व संध्या पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का परिसर नीला रोशनी से जगमगा उठा। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. केजी सुरेश ने बटन दबाकर लाइटिंग सेरेमनी का उद्घाटन किया। यूनिसेफ के इस अभियान के अंतर्गत मध्यप्रदेश टूरिज्म की लगभग 70 प्रॉपर्टीज को नीली रोशनी से सजाया गया।

भोपाल शहर की बात करें तो भोपाल नगर निगम के सहयोग से शहर के मुख्य स्थानों जैसे सदर मंज़िल, आधा वीआईपी रोड, रानी कमलापति ब्रिज आदि को नीला किया गया। वहीं, पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय के निर्देशानुसार ‘गो ब्लू’ अभियान के अंतर्गत लालबाग पैलेस इंदौर, जहांगीर महल ओरछा, लक्ष्मी मंदिर ओरछा, महाराजा छत्रसाल महल धुबेला, हिन्दूपत महल पन्ना, गुजरी महल ग्वालियर के अलावा ग्वालियर के ही शाहजहां महल, कर्ण महल और विक्रम महल शाम होते ही नीली रौशनी से जगमगा उठा।

यह है ‘गो ब्लू’ का उद्देश्य:

विश्व बाल दिवस के अवसर पर महत्वपूर्ण स्थानों को नीले रंग में रंगने के पीछे का उद्देश्य एकजुटता को दर्शाना है। इस माध्यम से यूनिसेफ ये संदेश देता है कि हर बच्चे के अधिकारों के लिए खड़े होना आवश्यक है। इस वर्ष चूंकि बच्चे कोविड-19 महामारी की चपेट में हैं, इसलिए यह कोई उत्सव नहीं है, बल्कि प्रत्येक बच्चे के लिए एक बेहतर दुनिया की फिर से कल्पना करने का संकल्प है। इस अभियान में एमसीयू यूनिसेफ के साथ मिलकर काम कर रहा है।

नीली रोशनी से जगमगा उठा एमसीयू विश्व बाल दिवस दिवस के मौके पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलगुरु प्रो. केजी सुरेश ने बटन दबाकर की भवन पर की नीली लाइटिंग भोपाल, 19 नवम्‍बर, 2021: विश्व बाल दिवस की पूर्व संध्या पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का परिसर नीला रोशनी से जगमगा उठा। इस…

विश्व बाल दिवस के उपलक्ष्य में 19 नवंबर को फोटो एग्जिबिशन का आयोजन

विश्व बाल दिवस के उपलक्ष्य में 19 नवंबर को फोटो एग्जिबिशन का आयोजन

भोपाल, 18 नवम्‍बर, 2021: विश्व बाल दिवस (20 नवंबर) के उपलक्ष्य पर फोटो एग्जीबिशन का आयोजन किया जा रहा है। युथ फॉर चिल्ड्रन के अंतर्गत ये एग्जीबिशन यूनिसेफ, माखनलाल राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय एवं वसुधा विकास संस्थान के सहयोग से आयोजित हो रहा है।

– 19 नवंबर को माखनलाल विश्वविद्यालय के परिसर में प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जाएगा।

– इस प्रदर्शनी में 13-16 वर्ष की आयु के 6 बच्चों द्वारा खींची हुई 60 तस्वीरें प्रदर्शित की जाएंगी। इनमें झाबुआ के दो और धार के चार चाइल्ड फोटोग्राफर  शामिल हैं। 

– कार्यक्रम में माखनलाल विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर प्रोफेसर केजी सुरेश, यूनिसेफ की चीफ सुश्री मार्ग्रेट ग्वाडा, यूनिसेफ के कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट श्री अनिल गुलाटी, एवं वसुधा विकास संस्थान से डॉ. गायत्री परिहार मौजूद होंगी।

विश्व बाल दिवस के उपलक्ष्य में 19 नवंबर को फोटो एग्जिबिशन का आयोजन भोपाल, 18 नवम्‍बर, 2021: विश्व बाल दिवस (20 नवंबर) के उपलक्ष्य पर फोटो एग्जीबिशन का आयोजन किया जा रहा है। युथ फॉर चिल्ड्रन के अंतर्गत ये एग्जीबिशन यूनिसेफ, माखनलाल राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय एवं वसुधा विकास संस्थान के सहयोग से आयोजित हो रहा…

बाल अधिकारों को पत्रकारिता के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा: प्रो. केजी सुरेश

बाल अधिकारों को पत्रकारिता के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा: प्रो. केजी सुरेश

गुड टच नहीं अब सेफ टच की बात करनी जरूरी: विशाल नाडकर्णी

बच्‍चों के अधिकारों का संरक्षण एक विभाग नहीं, सभी की जिम्‍मेदारी: ब्रजेश चौहान

एमसीयू में यूनिसेफ के सहयोग से ‘बाल अधिकार को लेकर मीडिया विमर्श’ का आयोजन

भोपाल, 18 नवम्‍बर, 2021: अंतर्राष्‍ट्रीय बाल दिवस (29 नवंबर) और बाल अधिकार संरक्षण सप्‍ताह के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय और यूनिसेफ ने मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यक्रम में माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि बाल अधिकारों के प्रति मीडिया की भूमिका को बढ़ाने के लिए पत्रकारिता के पाठ्यक्रम में बाल अधिकारों को शामिल करने की घोषणा की। उन्‍होंने कहा कि पाठ्यक्रम तैयार करने लिए विश्‍वविद्यालय प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग और यूनिसेफ के प्रतिनिधि मिल कर विमर्श करेंगे।

बाल अधिकार और मीडिया विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि कोविड 19 महामारी के दौरान अध्‍ययन जरूर बंद था लेकिन विश्‍वविद्यालय ने स्‍वास्‍थ्‍य सम्‍बन्धित मुद्दों पर जागरूकता के लिए अनेक वेबिनार और कार्यक्रम आयोजित किए। विश्‍वविद्यालय को पत्रकार और समाज के बीच सेतु बताते हुए प्रो. सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता का अंतिम लक्ष्‍य व्‍यवहार परिवर्तन है। उन्‍होंने कहा कि विश्‍वविद्यालय के विद्यार्थियों को यूं तो बाल अधिकारों के बारे में पढ़ाया जाता है लेकिन अब बाल अधिकारों को व्‍यवस्थित रूप से पाठ्यक्रम का हिस्‍सा बनाया जाएगा।

कार्यक्रम में बतौर विशेष अतिथि मौजूद महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्‍त संचालक विशाल नाडकर्णी ने कहा कि बच्‍चों के लिए कोरोना काल बड़ी मुसीबत साबित हुआ है। विभाग ने बच्‍चों को राहत पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया है। स्‍वयं मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संवेदनशीलता के साथ बच्‍चों को राहत देने की योजनाओं को प्राथमिकता दी है। यही कारण है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना में कोरोना काल में माता-पिता को खो देने वाले बच्चों की आर्थिक सहायता के साथ उन्हें निःशुल्क शिक्षा और निःशुल्क राशन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना में 1365 अनाथ बच्चों को लाभ दिया जा रहा है। पाक्‍सो और जेजे एक्‍ट की जानकारी देते हुए अतिरिक्‍त संचालक विशाल नाडकर्णी ने कहा कि बाल अधिकारों का हनन होने या शोषण की जानकारी होने पर भी सूचना नहीं देना अपराध है। सभी की जिम्‍मेदारी है कि वे बच्‍चों के संरक्षण पर ध्‍यान दें। उन्‍होंने कहा कि पहले गुड टच और बैड टच की बात होती थी। लेकिन अब बच्‍चों को गुड टच नहीं सेफ टच की समझ देनी होगी। बच्‍चों को समझाना होगा कि उनके लिए सुरक्षित टच क्‍या है।

बाल अधिकार विशेषज्ञ के रूप में मौजूद मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्‍य ब्रजेश चौहान ने बाल अधिकारों पर विस्‍तार से बात की। उन्‍होंने कहा कि आयोग ने बच्‍चों अधिकारों के मामलों को गंभीरता से सुना है। यही कारण है कि प्रदेश में बाल अधिकारों के उल्‍लंघन की लंबित शिकायतों की संख्‍या 100 से भी कम है। उन्‍होंने कहा कि मीडिया को बाल अधिकरों के उल्‍लंघन और शोषण के मामलों की रिपोर्टिंग संवेदनशीलता और जिम्‍मेदारी से काम करना चाहिए।

यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने बाल अधिकारों और उनसे जुड़े कानूनों की जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि पाक्‍सो और जेजे एक्‍ट में स्‍पष्‍ट प्रावधान है कि बाल अधिकार उल्‍लंघन या शोषण की खबरों में किसी भी तरह से बच्‍चे की पहचान उजागर करना अपराध है। यहां तक कि नवजात शिशुओं के लिए मां के दूध के विकल्‍प के रूप में किसी भी सामग्री का प्रचार प्रसार भी अपराध है। यदि किसी को ऐसी जानकारी मिलती है तो उसे तुरंत प्रशासन की जानकारी में लाना चाहिए।

कार्यशाला में मौजूद वरिष्‍ठ पत्रकार गिरीश उपाध्‍याय ने सुझाव दिया कि सरकार की ओर से बच्‍चों को दी जाने वाली कॉपियों में बाल अधिकारों को प्रकाशित करना चाहिए। इसी तरह पाठ्यपुस्‍तकों में चाइल्‍ड हेल्‍प लाइन के नंबर प्रकाशित करना अनिवार्य‍ किया जाना चाहिए।

कार्यशाला का संचालन विश्‍वविद्यालय के कुलसचिव अविनाश वाजपेयी ने किया। कार्यशाला में वरिष्‍ठ पत्रकार संदीप पौराणिक, सरमन नगेले, मयंक चतुर्वेदी, प्रशांत जैन, अजीत द्विवेदी, दिनेश शुक्‍ला, शरबानी बनर्जी आदि उपस्थित थे।

बाल अधिकारों को पत्रकारिता के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा: प्रो. केजी सुरेश गुड टच नहीं अब सेफ टच की बात करनी जरूरी: विशाल नाडकर्णी बच्‍चों के अधिकारों का संरक्षण एक विभाग नहीं, सभी की जिम्‍मेदारी: ब्रजेश चौहान एमसीयू में यूनिसेफ के सहयोग से ‘बाल अधिकार को लेकर मीडिया विमर्श’ का आयोजन भोपाल, 18 नवम्‍बर, 2021:…