कोरोना महामारी, वायरस और इंसानों के बीच एक जंग है : डॉ. श्रीनिवास राव

कोरोना महामारी, वायरस और इंसानों के बीच एक जंग है : डॉ. श्रीनिवास राव

वैज्ञानिक बातों को सरल भाषा में समाज के बीच ले जाना पत्रकारों का दायित्व : प्रो. केजी सुरेश

एमसीयू में अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर ‘कोविड-19 और आहार के महत्व’ पर सेमिनार आयोजित

भोपाल, 23 मई, 2021: न्यूयॉर्क के वैज्ञानिक डॉ. श्रीनिवास के राव ने कहा कि मानव शरीर में स्वयं ही एंटीबॉडी बनाने की क्षमता विद्यमान है। मनुष्य एकमात्र ऐसी प्रजाति है जो कोविड-19 वायरस से लड़ रहा है। यह वायरस और इंसानों के बीच की एक जंग है। डॉ. राव माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ और विज्ञान भारती द्वारा अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर आयोजित ‘कोविड-19 और आहार के महत्व’ पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

सेमीनार की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश कहा कि देश में आहार को लेकर जागरूकता पैदा करना जरूरी है। समाज में कई तरीके के मिथक विद्यमान हैं, जैसे- मांसाहारी भोजन से लोग ताकतवर होते हैं। लोगों को शाकाहारी भोजन की ताकत का सही अंदाज नहीं है। उन्होंने कहा कि पत्रकार और वैज्ञानिकों के बीच में जो कम्युनिकेशन गैप है, उसे पाटना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के सामने समस्या रहती है कि वे अपने अनुसन्धान को सरल भाषा में लोगों तक नहीं पहुंचा पाते हैं, ऐसे में पत्रकारों का दायित्व बनता है कि वैज्ञानिक बातों को जन-सामान्य की भाषा में सामने लाया जाए।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े श्री प्रफुल्ल कृष्णा ने ग्लोबल इंडियन साइंटिस्ट एंड टेक्नोक्रेट्स द्वारा किए जा रहे कार्यों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह संगठन देश के वैज्ञानिकों और टेक्नोक्रेट, जो भारत के बाहर रहकर काम कर रहे हैं, उनको आपस में जोड़ रहा है। इसके साथ ही डॉ. रश्मि कुलकर्णी ने कहा कि जीवन शैली, आनुवंशिकी और पर्यावरण का हमारे शरीर पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। सही भोजन के बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने आहार क्रांति अभियान शुरू किया है। उसके माध्यम से न केवल लोगों की स्वास्थ्य और आय बढ़ेगी बल्कि देश भी समृद्ध होगा। इसके लिए गैर सरकारी संगठनों, शिक्षकों, समाज परिवार और विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इस अवसर पर विज्ञान भारती के महासचिव श्री जयंत राव सहस्त्रबुद्धे ने आहार के महत्व और इस सम्बन्ध में चलाए जा रहे अभियान पर प्रकाश डाला। ऑनलाइन वेबिनार का संचालन डॉ. राकेश कुमार पांडे ने किया। कुलसचिव डॉ. पवित्र श्रीवास्तव ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

कोरोना महामारी, वायरस और इंसानों के बीच एक जंग है : डॉ. श्रीनिवास राव वैज्ञानिक बातों को सरल भाषा में समाज के बीच ले जाना पत्रकारों का दायित्व : प्रो. केजी सुरेश एमसीयू में अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर ‘कोविड-19 और आहार के महत्व’ पर सेमिनार आयोजित भोपाल, 23 मई, 2021: न्यूयॉर्क के वैज्ञानिक डॉ.…

Human Body is able to produce quintillion unique antibodies: Dr. Rao

Human Body is able to produce quintillion unique antibodies: Dr. Rao

Communication gap between scientists and journalists should be bridged: Prof Suresh

Special awareness programme held on ‘Covid 19 and importance of food’ in MCU

Bhopal, 23rd May, 2021: Scientist from New York, Dr Shrinivasa K Rao said, human body is very rare and is able to produce quintillion unique anti-bodies. At present, we are only one species which is fighting for their life from Covid1-19 virus. This is a war between virus and man.

Dr Rao was addressing special awareness programme on ‘Covid 19 and importance of food’ on the occasion of International Bio Diversity Day, organised by Science and Technology Cell of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, and Vigyan Bharati. Dr Rao said, Covid 19 has given new horizon to fight with virus and other pathogens. A human body can stock 320,000 viruses. Nutrition food has become very important today.

Vice Chancellor Prof KG Suresh said, awareness regarding right food is very important for the country. Several myths like non-vegetarian foods make stronger, prevail in the society and people are not aware of strength of vegetarian food. Prof Suresh said, communication gap between scientists and journalists should be bridged.

Artificial intelligence scientist Praful Krishna detailed Global Indian Scientists and Technocrats (GIST) and its objectives. He said, this programme is connecting all scientists and technocrats who work for the country. People working in education, agriculture, nutrition, implementable technologies have been connected.

Dr Rashmi Kulkarni said life style, genetics and environment have significant effect on our body. Aahar Kranti campaign has been launched to educate people about right food habit as it will increase health, age, cognitive ability, food processing industry. Training is being imparted to NGOs, teachers, society, families and students. Yellojirao Mirajkar said that awareness of health & better nutrition needs to reach every Indian. General Secretary of Vigyan Bharati Jayant Rao Sahastrabuddhe shed light on importance of food pattern and Aahar Kranti Abhiyan. Cell in-charge Dr Rakesh Kumar Pandey conducted the online webinar. Registrar Dr Pavitra Shrivastava proposed the vote of thanks.

Human Body is able to produce quintillion unique antibodies: Dr. Rao Communication gap between scientists and journalists should be bridged: Prof Suresh Special awareness programme held on ‘Covid 19 and importance of food’ in MCU Bhopal, 23rd May, 2021: Scientist from New York, Dr Shrinivasa K Rao said, human body is very rare and is…

यूजीसी की सीईसी में सदस्य नियुक्त किए गए एमसीयू के कुलपति प्रो. केजी सुरेश

यूजीसी की सीईसी में सदस्य नियुक्त किए गए एमसीयू के कुलपति प्रो. केजी सुरेश

सूचना प्रौद्योगिकी और टेलीविजन के माध्यम से उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने का काम करती है सीईसी

भोपाल, 21 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश को विश्विद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा स्थापित कंसोर्टियम फॉर एजुकेशनल कम्युनिकेशन (सीईसी) के गवर्निंग बोर्ड में सदस्य नियुक्त किया गया है। उन्हें मीडिया विशेषज्ञ की श्रेणी में शामिल किया गया है और उनका कार्यकाल तीन साल का होगा। यह संस्था केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन है।

सीईसी की स्थापना 1991 में की गई थी। यह एक स्वायत्त संस्था है, जिसका लक्ष्य सूचना प्रौद्योगिकी और टेलीविजन के माध्यम से उच्च शिक्षा को बढ़ावा देना है। यूजीसी के अध्यक्ष ही सीईसी के भी प्रमुख होते हैं। उल्लेखनीय है कि कुलपति प्रो. केजी सुरेश पूर्व में भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी), नईदिल्ली के महानिदेशक रह चुके हैं। डीडी न्यूज में सीनियर कंसल्टिंग एडिटर, एशियानेट न्यूज़ नेटवर्क में संपादकीय सलाहकार, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया में मुख्य राजनीतिक संवाददाता और डालमिया भारत एंटरप्राइजेज समूह के मीडिया सलाहकार भी प्रो. सुरेश रह चुके हैं। इसके साथ ही वे अन्य अकादमिक संस्थाओं के पदाधिकारी एवं सदस्य रहे हैं। प्रो. केजी सुरेश को पिछले वर्ष केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की संस्था केंद्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा की ओर से हिंदी पत्रकारिता और जनसंचार में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रतिष्ठित गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार के लिए भी चुना गया है।

यूजीसी की सीईसी में सदस्य नियुक्त किए गए एमसीयू के कुलपति प्रो. केजी सुरेश सूचना प्रौद्योगिकी और टेलीविजन के माध्यम से उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने का काम करती है सीईसी भोपाल, 21 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश को विश्विद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा स्थापित कंसोर्टियम…

Prof Suresh appointed in Governing Board in CEC

Prof Suresh appointed in Governing Board in CEC

Bhopal, 21st May, 2021: Vice Chancellor of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Prof KG Suresh has been appointed Member of Governing Board of Consortium of Educational Communication (CEC). University Grants Commission chairman Prof DP Singh, who is also President of the Council of CEC, nominated Prof Suresh in the board in the category of media experts. The appointment will be for a period of three years. Prof Suresh is a renowned journalist with industry and academic experience of over three decades.

Prof Suresh appointed in Governing Board in CEC Bhopal, 21st May, 2021: Vice Chancellor of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Prof KG Suresh has been appointed Member of Governing Board of Consortium of Educational Communication (CEC). University Grants Commission chairman Prof DP Singh, who is also President of the Council of CEC,…

बच्चों की इम्युनिटी अच्छी, फिर भी रखें सावधानी : डॉ. सिंघल

बच्चों की इम्युनिटी अच्छी, फिर भी रखें सावधानी : डॉ. सिंघल

कोरोना से बचने एसएमएस का कड़ाई से करें पालन : प्रो. केजी सुरेश

एमसीयू में कोविड-19 जागरूकता के अंतर्गत ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन, बच्चों से संबंधित जिज्ञासाओं पर डॉ. सिंघल ने किया समाधान

भोपाल, 18 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की कोविड रिस्पॉन्स टीम की ओर से आयोजित ‘कोविड-19 एवं विद्यार्थी’ विषय पर जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पीके सिंघल ने कहा कि बच्चों में भी लक्षण बड़ों की तरह ही दिखाई देंगे लेकिन उनकी इम्युनिटी अच्छी होती है। इसलिए बच्चों के संक्रमित होने की आशंका कम रहती है। बाकी हमें बच्चों को संक्रमित होने से बचाने के लिए सभी प्रकार की सावधानियां रखनी चाहिए। ऑनलाइन व्याख्यान की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि इस बीमारी से बचने का अभी तक का सबसे ठोस उपाय एसएमएस है। अर्थात् एस-सेनेटाइजेशन, एम-मास्क, एस-सोशल डिस्टेंसिंग। हम जागरूक रहें, स्वयं को बचाएं और अपने परिवार को सुरक्षित रखें। यह प्रयास करते रहने होंगे। 

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सिंघल ने शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ ही फेसबुक लाइव के दौरान आए प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि बच्चों का इम्युनिटी स्तर जितना अच्छा होगा, कोरोना संक्रमण का खतरा उतना ही कम होगा। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को पौष्टिक आहार दें। उन्हें जंक फूड से बचाएं। क्या फल-सब्जियों से कोरोना फैल सकता है? इस प्रश्न के उत्तर में डॉ. सिंघल ने कहा कि फल-सब्जी से कोरोना वायरस फैलता है, ऐसा किसी अध्ययन में सामने नहीं आया है। फिर भी फल और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि ऐसी स्थिति में जब माता-पिता दोनों कोविड से संक्रमित हो जाते हैं, तब उन्हें घर में भी डबल मास्क लगाकर रहना चाहिए और बच्चों को छूना पड़े तो पहले अच्छे से सेनेटाइज कर लें। एक दूसरे प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि इस समय जब बच्चे घरों में बंद हैं, तब अभिभावकों को उनको समय देना चाहिए। उनके साथ खेलना चाहिए। कुछ सार्थक वीडियो भी उनके साथ देखे जा सकते हैं। डॉ. सिंघल ने कहा कि इस बीमारी में सकारात्मकता की अत्यधिक आवश्यकता रहती है क्योंकि संक्रमित व्यक्ति को अकेले रहना होता है। तब स्वयं का मनोबल बढ़ाने के लिए व्यक्ति को महापुरुषों की जीवनी पढऩी चाहिए। अनेक बार घबराहट से हमारा सेचुरेशन गिर जाता है। इसलिए मन में उत्साह बनाए रखना बहुत जरूरी है।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय का प्रयास है कि कोविड-19 को लेकर समाज में तथ्यात्मक एवं सही जानकारी जाए। महामारी को लेकर लोगों के अनेक प्रश्न हैं, विशेषकर तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है। इसलिए यह जानना अधिक जरूरी है कि बच्चों को कैसे कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखा जाए। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक लालबहादुर ओझा ने किया और आभार प्रदर्शन प्रभारी कुलसचिव प्रो. पवित्र श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं नोएडा, खण्डवा और रीवा परिसर के विद्यार्थी जुड़े थे। व्याख्यान का प्रसारण विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर किया गया।

बच्चों की इम्युनिटी अच्छी, फिर भी रखें सावधानी : डॉ. सिंघल कोरोना से बचने ‘एसएमएस’ का कड़ाई से करें पालन : प्रो. केजी सुरेश एमसीयू में कोविड-19 जागरूकता के अंतर्गत ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन, बच्चों से संबंधित जिज्ञासाओं पर डॉ. सिंघल ने किया समाधान भोपाल, 18 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय…

रीवा परिसर में आगामी सत्र से शुरू होगा ‘ग्रामीण पत्रकारिता’ का पाठ्यक्रम

रीवा परिसर में आगामी सत्र से शुरू होगा ग्रामीण पत्रकारिता का पाठ्यक्रम

एमसीयू के रीवा परिसर में ग्रामीण पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया गया है, बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में विशेषज्ञों ने पाठ्यक्रम को दिया अंतिम रूप

भोपाल, 14 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के रीवा स्थित परिसर में आगामी अकादमिक सत्र से ‘ग्रामीण पत्रकारिता’ में एक वर्षीय (दो सेमेस्टर) स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित किया जाएगा। 14 मई, 2021 को हुई बोर्ड ऑफ स्टडीज (बीओएस) की बैठक में पाठ्यक्रम को विषय विशेषज्ञों ने अंतिम रूप दिया। कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था से लेकर समाज जीवन में गाँवों का बहुत बड़ा योगदान है। परंतु मीडिया में ग्रामीण विषयों, मुद्दों एवं समस्याओं का कवरेज पाँच प्रतिशत से भी कम है। मीडिया के क्षेत्र में गाँव, किसान, खेती, उनकी समस्याएं, चुनौतियों एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों को अधिक से अधिक स्थान मिले, ऐसी दृष्टि रखने वाले पत्रकारों की आवश्यकता है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए विश्वविद्यालय अपने रीवा स्थित परिसर में ‘ग्रामीण पत्रकारिता’ पर एक वर्षीय स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने जा रहा है।

कुलपति प्रो. सुरेश ने बताया कि मीडिया में गाँव से जुड़े विषयों का कवरेज इसलिए भी कम होता है, क्योंकि इन विषयों पर लिखने वाले पत्रकारों की कमी है। गाँव से जुड़े विषयों को अधिक शोधपूर्ण ढंग से लिखने और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। ‘ग्रामीण पत्रकारिता’ पाठ्यक्रम के माध्यम से विश्वविद्यालय इस तरह के प्रशिक्षित पत्रकारों को तैयार करने का प्रयास करेगा। उन्होंने बताया कि यह पाठ्यक्रम सिर्फ रीवा परिसर में संचालित किया जाएगा। यह पाठ्यक्रम रीवा परिसर की पहचान बनेगा। उल्लेखनीय है कि कुलपति प्रो. सुरेश ने रीवा प्रवास के दौरान ग्रामीण पत्रकारिता का डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की घोषणा की थी।

पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में श्री नीलेश मिश्रा, सुश्री आकांक्षा शुक्ला, डॉ. प्रवीण सिंह, श्री आशुतोष सिंह, सुश्री रूबी सरकार, श्री दीपेन्द्र सिंह बघेल और डॉ. ब्रजेन्द्र शुक्ला शामिल हुए। पाठ्यक्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए विषय विशेषज्ञों ने कहा कि वर्तमान स्थिति ने बता दिया है कि रूरल कम्युनिकेशन का कितना महत्व है। कोरोना महामारी के संबंध में ग्रामीण क्षेत्र में अनेक प्रकार के भ्रम फैले हुए हैं, जिन्हें पत्रकारिता के माध्यम से दूर किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की क्या स्थिति है और वहाँ किस प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता है, इसे भी ग्रामीण पत्रकारिता के माध्यम से सरकार के सामने लाकर समाज का हित किया जा सकता है। बैठक में डीन अकादमिक प्रो. पवित्र श्रीवास्तव और रीवा-खंडवा परिसर के अकादमिक समन्वयक डॉ. मणिकंठन नायर भी उपस्थित रहे।

रीवा परिसर में आगामी सत्र से शुरू होगा ‘ग्रामीण पत्रकारिता’ का पाठ्यक्रम एमसीयू के रीवा परिसर में ‘ग्रामीण पत्रकारिता’ में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया गया है, बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में विशेषज्ञों ने पाठ्यक्रम को दिया अंतिम रूप भोपाल, 14 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के…

खण्डवा में आगामी सत्र से फिल्म पत्रकारिता का पाठ्यक्रम होगा शुरू

खण्डवा में आगामी सत्र से फिल्म पत्रकारिता का पाठ्यक्रम होगा शुरू

एमसीयू के खण्डवा स्थित कर्मवीर परिसर में फिल्म पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया गया है, बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में विशेषज्ञों ने पाठ्यक्रम को दिया अंतिम रूप

भोपाल, 13 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के खण्डवा स्थित ‘कर्मवीर परिसर’ में आगामी अकादमिक सत्र से ‘फिल्म पत्रकारिता’ में एक वर्षीय (दो सेमेस्टर) स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित किया जाएगा। 13 मई, 2021 को हुई बोर्ड ऑफ स्टडीज (बीओएस) की बैठक में इस पाठ्यक्रम को विषय विशेषज्ञों ने अंतिम रूप दिया। बीओएस की अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की। पाठ्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए बीओएस में फिल्म, फिल्म पत्रकारिता एवं अकादमिक क्षेत्र के प्रमुख हस्ताक्षर श्री उत्पल दत्ता (फिल्म पत्रकार एवं फिल्म निर्माता), श्री अशोक शरण (डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता), श्री पंकज सक्सेना (संकाय सदस्य, एफटीआईआई, पुणे), सुश्री सुरभी बिपल्व (सहायक प्राध्यापक, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय), श्री आदित्य सेठ (फिल्म निर्माता एवं शिक्षाविद), श्री अतुल गंगवार (प्रोड्यूसर) एवं श्री आशीष भवालकर (सहायक प्राध्यापक, पोलीटेक्निक महाविद्यालय, भोपाल) सहित अन्य शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि कुलपति प्रो. सुरेश जब खण्डवा प्रवास पर गए थे, तब वहाँ स्थानीय नागरिकों एवं विद्यार्थियों की माँग पर उन्होंने कर्मवीर परिसर में फिल्म पत्रकारिता पर पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की घोषणा की थी। 

कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने बताया कि यह पाठ्यक्रम विशेषतौर पर खण्डवा परिसर के लिए तैयार कराया गया है। यह पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय के अन्य किसी परिसर में संचालित नहीं किया जाएगा। हमारा प्रयास है कि विश्वविद्यालय के परिसरों की अपनी विशिष्ठ पहचान बने। उन्होंने बताया कि खण्डवा यशस्वी पत्रकार-संपादक दादा माखनलाल चतुर्वेदी की कर्मस्थली है और महान गायक किशोर कुमार की जन्मस्थली, इसलिए हमने यहाँ ‘फिल्म पत्रकारिता’ का एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ करने का निर्णय लिया। फिल्म पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रशिक्षित पत्रकारों की बहुत माँग है। यह पाठ्यक्रम इस माँग को पूरा करने का प्रयास करेगा। बीओएस की बैठक में श्री उत्पल दत्ता, श्री अशोक शरण, श्री पंकज सक्सेना, सुश्री सुरभी बिपल्व, श्री आदित्य सेठ, श्री अतुल गंगवार एवं श्री आशीष भवालकर ने कहा कि यह पाठ्यक्रम फिल्म पत्रकारिता के लिए सुयोग्य पत्रकारों का निर्माण करेगा। बैठक में डीन अकादमिक एवं प्रभारी कुलसचिव प्रो. पवित्र श्रीवास्तव, एमसीयू के परिसरों के अकादमिक समन्वयक डॉ. मणिकंठन नायर एवं कर्मवीर परिसर के प्रभारी डॉ. संदीप भट्ट भी उपस्थित रहे।

खण्डवा में आगामी सत्र से फिल्म पत्रकारिता का पाठ्यक्रम होगा शुरू एमसीयू के खण्डवा स्थित ‘कर्मवीर परिसर’ में ‘फिल्म पत्रकारिता’ में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया गया है, बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में विशेषज्ञों ने पाठ्यक्रम को दिया अंतिम रूप भोपाल, 13 मई, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय…