युवाओं को समाज के प्रति संवेदनशील बनाती है एनएसएस : प्रो. केजी सुरेश

युवाओं को समाज के प्रति संवेदनशील बनाती है एनएसएस : प्रो. केजी सुरेश एनएसएस में युवाओं का होता है व्यक्तित्व विकास : श्री राहुल सिंह परिहार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई के नवागत विद्यार्थियों के लिए अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन भोपाल, 25 अक्‍टूबर, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय…

परिवार के साथ देखने वाली फिल्म बनाएं: कुलपति प्रो. केजी सुरेश

परिवार के साथ देखने वाली फिल्म बनाएं: कुलपति प्रो. केजी सुरेश मेरठ में आयोजित नवांकुर लघु फिल्म महोत्सव को बतौर मुख्य अतिथि किया संबोधित, फरवरी-2022 में भोपाल में आयोजित हो रहा है चित्र भारतीय राष्ट्रीय लघु फिल्म फेस्टिवल भोपाल/मेरठ, 23 अक्‍टूबर, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने…

पत्रकारिता एवं संचार के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शोध को देंगे बढ़ावा : प्रो. केजी सुरेश

पत्रकारिता एवं संचार के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शोध को देंगे बढ़ावा : प्रो. केजी सुरेश एमसीयू और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के बीच एमओयू भोपाल, 22 अक्टूबर, 2021: तिलक स्कूल ऑफ़ मास कम्युनिकेशन, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के मध्य 22 अक्टूबर, 2021 को एक…

युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचा सकता है मीडिया : श्री पराग चतुर्वेदी

युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचा सकता है मीडिया  : श्री पराग चतुर्वेदी नशाखोरी रोकने का स्थायी समाधान है जन-जागरूकता : प्रो. केजी सुरेश माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘भारत में मादक पदार्थों का दुरूपयोग और युवाओं की संवेदनशीलता’ पर विशेष व्याख्यान भोपाल, 13 अक्‍टूबर, 2021: सशस्त्र सीमा बल के सेकण्ड…

साहित्य के बिना पत्रकारिता संस्कारविहीन : प्रो. केजी सुरेश

साहित्य के बिना पत्रकारिता संस्कारविहीन : प्रो. केजी सुरेश पटना, 11 अक्‍टूबर, 2021: पत्रकारिता में उन्माद, विद्वेष का कोई स्थान नहीं है। पत्रकारिता की भाषा संयम और संस्कार की भाषा होनी चाहिए, जिसमें पत्रकारिता को साहित्य से अपने टूटे रिश्ते को फिर से जोड़ना होगा। साहित्य के बिना पत्रकारिता संस्कारविहीन है। ‘पत्रकारिता और साहित्य’ विषय…