आत्मविश्वास और स्वाभिमान जगाने का संकल्प है ‘आत्मनिर्भर भारत’

आत्मविश्वास और स्वाभिमान जगाने का संकल्प है आत्मनिर्भर भारत

एमसीयू में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में शिक्षकों की भूमिकाविषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन

भोपाल, 01 जनवरी, 2021: प्रत्येक भारतीय के मन में यह आत्मविश्वास पैदा करना कि वे स्वावलंबन के माध्यम से परिवार और समाज को आत्मनिर्भर बना सकते हैं, यही ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सही संकल्पना है। यह विचार स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संगठक श्री सतीश कुमार ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित ‘आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका’ विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।

जनसंचार विभाग द्वारा आयोजिय विशेष व्याख्यान में मुख्य वक्ता श्री सतीश कुमार ने कहा कि आत्मनिर्भरता के विचार को सही अर्थों में समाज तक पहुंचाने का कार्य शिक्षक बेहतर ढंग से कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का विचार एक परिभाषा में बांधना सम्भव नहीं हैं, समाज में इसके सही दृष्टिकोण को रखे जाने की आवश्यकता हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के पूर्व कृषि, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, चिकित्सा आदि क्षेत्रों में हमारी निर्भरता अन्य देशों पर अधिक थी, लेकिन कोविड काल ने हमें इस दिशा में पुनः सोचने के लिए मजबूर किया है। यही कारण हैं कि पीपीई किट, वेंटिलेटर और वैक्सीन जैसे मेडिकल संसाधनों में हम आत्मनिर्भरता की तरफ तो बढ़ ही रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा अपनी शक्ति का उपयोग सुरक्षा के लिए किया है, किसी अन्य पर अधिकार जताने या हमले के लिए नहीं। इसके लिए उन्होंने परमाणु विस्फोट किये जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि इसके माध्यम से भारत ने बताया कि वो अब विश्व में अपनी वसुदेव कुटुम्बकम की भूमिका को निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा की हमें अंग्रेजियत द्वारा पैदा की गयी हीनग्रंथि से बहार निकलना होगा। कोविड काल के दौरान सरकार द्वारा लिए गए कठोर निर्णयों को भी उन्होंने जरुरी बताते हुए कहा कि उसका ही प्रभाव है कि आज कोविड के खतरे से हम उतने प्रभावित नहीं हुए, जितनी आशंका जताई जा रही थी। उन्होंने कहा कि भारत ने विश्व की सोच के विपरीत आर्थिक तंत्र की बेहतरी के स्थान पर जीवन की सुरक्षा को अधिक महत्व दिया। जिसके सुखद परिणाम अब नजर भी आ रहे हैं। श्री सतीश ने कहा कि हमें परिवार को आत्मनिर्भर बनाने और हमारी पुरातन संस्कृति की ओर लौटने का प्रयास करना होगा। यही आत्मनिर्भरता लाने का सही मार्ग है। हमें इसके लिए स्वदेशी सामग्री को अधिक से अधिक अपनाना होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि शिक्षक की भूमिका मानव उत्थान और चरित्र निर्माण की है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता हमारे आत्म सम्मान से जुड़ी हुई है, अगर ये जाग गया तो आत्मनिर्भरता पाना तय है। इसके लिए उन्होंने विश्व में भारतीय संचार मॉडल को प्रचलित करने और संवाद संस्थाएं बनाये जाने को जरूरी बताया, ताकि भारतीय विचार सही अर्थों में दुनिया जान सके। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन ने हमें महामारी से लड़ने के लिए तैयार किया। हमें अपने पर विश्वास करते हुए यही विश्वास छात्रों में भी पैदा करना होगा ताकि युवा भी आत्मनिर्भर बनने की और बढ़ सके। कार्यक्रम के समन्वय एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. आशीष जोशी ने कहा कि समाज को आत्मनिर्भर बनाने में मीडिया शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने आभार व्यक्त किया।

आत्मविश्वास और स्वाभिमान जगाने का संकल्प है ‘आत्मनिर्भर भारत’ एमसीयू में ‘आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका’ विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन भोपाल, 01 जनवरी, 2021: प्रत्येक भारतीय के मन में यह आत्मविश्वास पैदा करना कि वे स्वावलंबन के माध्यम से परिवार और समाज को आत्मनिर्भर बना सकते हैं, यही ‘आत्मनिर्भर भारत’…

संचार के विद्यार्थी कोरोना संक्रमण के प्रति समाज को करें जागरूक : प्रो. केजी सुरेश

संचार के विद्यार्थी कोरोना संक्रमण के प्रति समाज को करें जागरूक : प्रो. केजी सुरेश

कोरोना संक्रमण दिशा-निर्देशों के साथ प्रारंभ हुआ माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, कुलपति ने किया विद्यार्थियों का स्वागत

भोपाल, 01 जनवरी, 2021: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के अंतिम सेमेस्टेर के विद्यार्थियों के लिए प्रत्यक्ष कक्षाएं प्रारंभ हो गई हैं। कोरोना संक्रमण और शिक्षा संस्थान शुरू करने के संदर्भ में, विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया गया है। पहले दिन विश्वविद्यालय पहुंचे विद्यार्थियों का स्वागत मुख्य द्वार पर ही कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने किया। उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि हमें स्वयं तो कोरोना संक्रमण संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन कड़ाई से करना ही है, बल्कि समाज के अन्य लोगों को भी जागरूक करना है। संचार के विद्यार्थियों का यह दायित्व है कि वे स्वास्थ्य के संबंध में सजग रहकर सही समाचारों एवं सूचनाओं का प्रसार करें।

एमसीयू में पहले दिन नवीन मीडिया तकनीकी विभाग एवं कंप्यूटर विभाग के अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थी कक्षाओं में पहुंचे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए टेम्परेचर लेने और सेनेटाइजर की व्यवस्था की गई थी। विश्वविद्यालय में सभी विभागों के लिए एक-एक दिन तय किया गया है। सोमवार को पत्रकारिता विभाग, मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग, बुधवार को जनसंचार विभाग, गुरुवार को विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग, शुक्रवार को कंप्यूटर एवं नवीन मीडिया तकनीकी विभाग और शनिवार को मीडिया प्रबंधन विभाग के विद्यार्थी विश्वविद्यालय आएंगे। स्नातक पाठ्यक्रम के अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थियों की कक्षाएं शासन के निर्देशानुसार 10 जनवरी से प्रारम्भ होंगी।

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दक्षिण एशियाई देशों में कोविड के खिलाफ डिजीटल मीडिया की ताकत का भारत ने भरपूर उपयोग किया- जी. सुमनसेकरा

दक्षिण एशियाई देशों में कोविड के खिलाफ डिजीटल मीडिया की ताकत का भारत ने भरपूर उपयोग किया- जी. सुमनसेकरा

व्यवसाय में विश्वसनीयता आवश्यक, अविश्वसनीय चीनी वैक्सीन की मांग दुनिया में कहीं नहीं है – प्रो. के.जी. सुरेश

‘इनोवेटिव बिजनेस प्रैक्टिसेज इन डिजिटल एरा पर अंतर्राष्ट्रीय वेब कॉन्फ्रेंस में 44 शोध पत्र प्रस्तुत

कॉन्फ्रेंस में अमेरिका, दुबई, श्रीलंका और नेपाल के प्रख्यात अकादमिक विशेषज्ञ सम्मिलित हुए

भोपाल, 30 दिसम्‍बर, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा “इनोवेटिव बिजनेस प्रैक्टिसेज इन डिजिटल एरा” विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का समापन बुधवार को हो गया, कॉन्फ्रेंस में डिजीटल मीडिया और व्यवसाय के विभिन्न विषयों पर 44 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

कांफ्रेंस के समापन सत्र में मुख्य अतिथि कोलंबो चेंबर ऑफ कॉमर्स, श्रीलंका के अध्यक्ष जी. सुमनसेकरा ने पने संबोधन में कहा कि कोरोना महामारी के कठिन दौर में दक्षिण एशियाई देशों ने डिजीटल मीडिया के माध्यम से जागरूकता बढ़ाकर अच्छा काम किया और महामारी को नियंत्रित रख सके, इसमें भारत का प्रयास उल्लेखनीय है। सुमनसेकरा ने कहा कि महामारी के हालात हमें अपनी गतिविधियों को प्रकृति के अनुरूप संचालित करने की मांग करते हैं, जिसे समझने की आवश्यकता है।

समापन सत्र में यूनिवर्सिटी ऑफ क्यूबिक कनाडा में प्रबंधन विभाग के प्रोफेसर डॉ. प्रॉस्पर बर्नार्ड ने डिजीटल मीडिया तकनीक पर अपने शोध पत्र के माध्यम से बताया कि वर्तमान परिदृश्य में डिजीटल मीडिया में आर्टिफीशियस इंटेलिजेंस का उपयोग कर मंद पड़े व्यवसाय सेक्टर को बूस्ट किया जा सकता है। कोविड महामारी के दौर में शिक्षा व्यवस्था पर चर्चा करते हुए डॉ. बर्नार्ड ने कहा कि नई और सामयिक शिक्षा व्यवस्था में डिजीटल मीडिया से प्रभावी और सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं।

सत्र में हैल्थकेयर प्रोफेशनल डॉ. स्वदीप श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड के दौर में जहां कई व्यवसाय ठप्प हो गए वहीं डिजीटल मीडिया ने हैल्थकेयर सेक्टर को मजबीती प्रदान की है, जो अन्य क्षेत्रों के लिए प्रेरणा दे सकती है।

समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश ने अपने संबोधन में कहा कि आज के व्यवसाय में विश्वसनीयता अत्यंत आवश्यक है, चीन के पास कोविड वैक्सीन का भंडार होते हुए भी उसकी मांग दुनिया में कोई नहीं कर रहा है, कारण विश्वसनीयता और पारदर्शिता की है, और यही अब सफल व्यवसाय का मूलमंत्र है, जहां आशंकाओं के लिए कोई जगह नहीं है। प्रो. सुरेश ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस में जो भी अनुसंशाएं आईं हैं विश्वनविद्यालय उनके क्रियान्वयन के लिए हर संभव प्रयास करेगा।

विश्वविद्यालय के मीडिया प्रबंधन विभाग द्वारा 28 से 30 दिसंबर 2020 तक आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में अमेरिका, श्रीलंका, नेपाल दुबई से भी अकादमिक विशेषज्ञों ने भाग लिया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मा. श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन सोमवार को किया था।

तीन दिवसीय इस कांफ्रेंस में 7 तकनीकी सत्रों में 44 शोध पत्र इनोवेटिव बिजनेस प्रैक्टिसेज इन डिजिटल एरा संबंधित विभिन्न विषयों पर प्रस्तुत किए गए। साथ ही विशेषज्ञ मार्गदर्शक के रूप में नेपाल से डॉ. निर्मल मणी अधिकारी; दुबई से डॉक्टर आफताब अहमद; कनाडा से श्री विवेक राव; आईआईएम इंदौर से डॉक्टर एस.आर. दास; ग्वालियर से डॉक्टर यू. होलानी; नेपाल से श्री लक्ष्मण डी. पंत और दिल्ली से डॉ. टिमिरा शुक्ला ने विभिन्न सत्र में संबोधित किया।

इस कांफ्रेंस की चेयरपर्सन प्रो. डॉ. कंचन भाटिया, संयोजक डॉ. कपिल आर. चंदोरिया और सहसंयोजक डॉ. मनीषा वर्मा सहायक प्राध्यापक थीं। 

दक्षिण एशियाई देशों में कोविड के खिलाफ डिजीटल मीडिया की ताकत का भारत ने भरपूर उपयोग किया- जी. सुमनसेकरा व्यवसाय में विश्वसनीयता आवश्यक, अविश्वसनीय चीनी वैक्सीन की मांग दुनिया में कहीं नहीं है – प्रो. के.जी. सुरेश ‘इनोवेटिव बिजनेस प्रैक्टिसेज इन डिजिटल एरा पर अंतर्राष्ट्रीय वेब कॉन्फ्रेंस में 44 शोध पत्र प्रस्तुत कॉन्फ्रेंस में अमेरिका, दुबई, श्रीलंका…

Amongst the South Asian nations, India utilised the power of Digital Media in its best form to fight against COVID. G. Sumansekra

Amongst the South Asian nations, India utilised the power of Digital Media in its best form to fight against COVID. G. Sumansekra

There is no demand of the non-credible Chinese vaccine, trust is required in business- Prof. KG Suresh

In international webinar, ‘Innovative business practices in digital Era’ in all 44 research papers were presented

Renowned academic experts from USA, Dubai Sri Lanka and Nepal were a part of the conference

Bhopal, 30th December, 2020: Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication organised a three day  international conference on “Innovative practices in digital era” from 28-30 December 2020. all 44 research papers were presented on various topics in the conference.

Addressing the valedictory session of the conference, the president of Colombo chambers of commerce G. Sumansekara said in spite of the covid-19 pandemic, with the help of digital media, the South Asian countries made people aware of the same and in order to control the pandemic the efforts of India have been commendable. Shri Sumansekra also expressed that in the crisis during pandemic, we should direct or activities according to mother nature.

In the valedictory session professor Prosper Bernard from University of cubic, Canada expressed his views on digital media in his research paper. He said that in the present context we may use artificial intelligence through digital media to boost up the otherwise in gloom, the commercial sector. Professor Bernard further discussed about academic system during pandemic. He said that digital media can bring about positive changes during covid. Further, Healthcare professional dr swadeep Srivastava said that during the pandemic period digital media has become a tool for Healthcare professionals and the same must be followed by other sectors too.

The valedictory session was headed by vice chancellor professor KG Suresh. He stressed on the credibility aspect of business and commerce. he said that the covid-19 vaccine invented by China is far behind or no one is actually relying upon the same, because credibility, reliability is highly demanded in the business sector. Trade and commerce demand transparency. Professor Suresh also promise that whatever points have been discussed during the conference, the university will try to incorporate them in its activities.

The three day international conference organised by the media management department of the university was inaugurated by none other than the chief minister of Madhya Pradesh Shri Shivraj Singh Chauhan. renowned academic experts from USA, Sri Lanka, Dubai and Nepal participated in the conference. they made it a huge success.

In all 7 technical sessions were conducted in which 44 research papers were presented on the theme innovative business practices in the digital era. To guide the same the university had Dr Nirmal Mani adhikari from Nepal, Dr Aftab Ahmed from Dubai, Shri Vivek Rao from Canada Dr SR Das from IIM Indore, Dr u. holani from Jiwaji University, Gwalior, Shri Lakshman D Pant from Nepal Dr Timira Shukla from Delhi.

Chair person of the conference was Prof. Kanchan Bhatia, Convenor Dr Kapil R chandoriya and the co-convener was Dr Manisha Verma, assistant professor from the media management department.

Amongst the South Asian nations, India utilised the power of Digital Media in its best form to fight against COVID. G. Sumansekra There is no demand of the non-credible Chinese vaccine, trust is required in business- Prof. KG Suresh In international webinar, ‘Innovative business practices in digital Era’ in all 44 research papers were presented…

प्रभावी संचार के बिना संभव नहीं डिजिटल क्रांति : डॉ. निर्मल मणि अधिकारी

प्रभावी संचार के बिना संभव नहीं डिजिटल क्रांति : डॉ. निर्मल मणि अधिकारी

माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के वेबिनार में आज तीन तकनीकि सत्रों में 13 शोधार्थियों ने प्रस्तुत किये शोध-पत्र

भोपाल, 29 दिसम्‍बर, 2020: प्रभावी संचार के बिना डिजिटल क्रांति संभव नहीं है। संचार को प्रभावी बनाने के लिए हमें संचार के साधारणीकरण सिद्धांत को अपनाना चाहिए। भारतीय दर्शन में संचार के महत्वपूर्ण सूत्र मिलते हैं। यह विचार काठमांडू विश्वविद्यालय, नेपाल के प्राध्यापक एवं संचार विशेषज्ञ डॉ. निर्मल मणि अधिकारी ने व्यक्त किये। वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग की ओर से ‘इनोवेटिव बिजनेस प्रैक्टिसेज इन डिजिटल एरा’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में विषय विशेषज्ञ के रूप शामिल हुए। वेबिनार में दूसरे दिन तीन तकनीकी सत्रों में 13 शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये।

दूसरे दिन के पहले तकनीकि सत्र में विषय विशेषज्ञ के रूप में शामिल जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर के प्राध्यापक डॉ. उमेश होलानी ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद वर्क फ्रॉम होम कल्चर में बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान समय को देखते हुए हमें ऑनलाइन माध्यम की ओर जाना ही होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इन्टरनेट कनेक्टिविटी की समस्या का समाधान भी आवश्यक है। अभी भारत के अनेक क्षेत्रों में इन्टरनेट कनेक्टिविटी की एक समस्या है। डॉ. होलानी ने कहा कि भले ही डिजिटल मीडिया का विस्तार हो रहा है लेकिन वह प्रिंट मीडिया का स्थान नहीं ले सकता। एक अन्य सत्र के आईआईएम, इंदौर के प्राध्यापक डॉ. एस. रंजन दास ने शैक्षणिक शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने पर मार्गदर्शन दिया। शोधार्थियों को शोध को अपना जुनून बनाना चाहिए। विश्वविद्यालय के प्रो. पवित्र श्रीवास्तव, डॉ. आरती सारंग और डॉ. पी. शशिकला ने विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता की। कुलपति प्रो. केजी सुरेश एवं कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी भी विभिन्न सत्रों में शामिल हुए। वेबिनार में विश्वविद्यालय के शोधार्थी एवं शिक्षकों ने भी सहभागिता की।

प्रभावी संचार के बिना संभव नहीं डिजिटल क्रांति : डॉ. निर्मल मणि अधिकारी माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के वेबिनार में आज तीन तकनीकि सत्रों में 13 शोधार्थियों ने प्रस्तुत किये शोध-पत्र भोपाल, 29 दिसम्‍बर, 2020: प्रभावी संचार के बिना डिजिटल क्रांति संभव नहीं है। संचार को प्रभावी बनाने के लिए हमें संचार के साधारणीकरण सिद्धांत को…

Digital revolution is not possible without effective communication: Dr. Nirmal Mani Adhikari

Digital revolution is not possible without effective communication:  Dr. Nirmal Mani Adhikari

Bhopal, 29th December, 2020: Digital revolution is not possible without effective communication.To make communication effective, we must go in for The Sadharanikaran  Model of Communication. Impactful sources of communication are found in Indian Philosophy. Aforementioned views were expressed by Dr Nirmal Mani Adhikari, Professor at Kathmandu University Nepal.

He participated as subject expert in the international webinar, ‘innovative business in digital era’, organised by media management department of Makhanlal Chaturvedi National University of journalism and communication. On the second day of the webinar, 3 technical sessions were held, in which 13 research scholars presented their research papers.

in the first technical session of the second day of the international webinar, Dr holani was the subject expert. Dr. holani is Professor at Jiwaji University Gwalior. he expressed that after corona pandemic the work from home culture has increased. Keeping in the view, the need of the hours, we will have to switch towards to the online medium. he also added that the problems with internet connectivity or also to be sorted out. Presently internet connectivity is one of the major problems in many areas of India. Doctor holani set that irrespective of the expansion of electronic media, it cannot take place of the print media.

In one of the technical sessions Dr S. Ranjan Das from IIM Indore guided on the emancipation of the quality of research. Research scholars must make research their passion.

Professor Pavitra Srivastava, Dr Aarti Sarang, Dr P. Sasikala from the university chaired other technical sessions of the international webinar. the vice chancellor of the university professor KG Suresh and registrar professor Avinash Bajpai also became a part of various other sessions. the teachers as well as the research scholars of the university also participated in the webinar.

Digital revolution is not possible without effective communication:  Dr. Nirmal Mani Adhikari Bhopal, 29th December, 2020: Digital revolution is not possible without effective communication.To make communication effective, we must go in for The Sadharanikaran  Model of Communication. Impactful sources of communication are found in Indian Philosophy. Aforementioned views were expressed by Dr Nirmal Mani Adhikari,…

मीडिया सकारात्मक पक्ष को भी रिपोर्ट करें: मुख्यमंत्री श्री चौहान

मीडिया सकारात्मक पक्ष को भी रिपोर्ट करें:  मुख्यमंत्री श्री चौहान

एमसीयू में ‘इनोवेटिव बिजनेस प्रैक्टिसेज इन डिजिटल एरा’ पर अंतरराष्ट्रीय वेब कांफ्रेंस का उद्घाटन

कुलपति प्रो. केजी सुरेश डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम के लिए किया आह्वान

सीईओ, एमसीएम (प्राइम) यू.एस.ए. डॉ. मिहालिस हल्कडिस ने नवाचार और उद्यमिता पर प्रकाश डाला

भोपाल, 28 दिसंबर, 2020:  मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडियाकर्मियों से अपील की कि वे समाज का सकारात्मक पक्ष भी रिपोर्ट करें| सकारात्मक खबर भी खबर होती है। सकारात्मक समाचारों से लोगों में सकारात्मक परिवर्तन आता है| समाचार तथ्यों पर आधारित होना चाहिए। डिजिटल मीडिया ही भविष्य है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के मीडिया प्रबंधन विभाग द्वारा ‘इनोवेटिव बिजनेस प्रैक्टिसेज इन डिजिटल एरा’ पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेब कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। श्री चौहान ने कहा कि कोविड-19 ने हमें कई नई बातें सिखाई। आपदा के बीच अवसर को तलाशा। उन्होंने कहा कि इस दौरान ऑनलाइन सेक्टर में काफी वृद्धि हुई। सरकार ने ऑनलाइन माध्यमों से न सिर्फ कार्यक्रमों व योजनाओं के बारे में लोगों तक जानकारी उपलब्ध कराई, बल्कि सुविधाओं को भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया।

उन्होंने मीडिया विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे टेक्नोलॉजी का उपयोग करें। आने वाला समय मल्टीटास्किंग का होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से निकले छात्र पत्रकारिता के क्षेत्र में सफलता का नया परचम लहराएंगे। उन्होंने कहा कि हमें जन हित, राष्ट्र हित को ध्यान में रखते हुए काम करने वाले पत्रकारों का निर्माण करना चाहिए, जो मूल्य आधारित पत्रकारिता करें।

उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता सीईओ, एमसीएम (प्राइम) यू.एस.ए. डॉ. मिहालिस हल्कडिस ने विश्व बैंक के डाटा पर आधारित रिपोर्ट पर रिसर्च रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में तीसरी और चौथी औद्योगिक क्रांति में वही उद्योग चल पाएंगे जो नवाचारी तरीके इस्तेमाल करेंगे। किसी भी उद्योग के सफलता उसकी वैल्यू-ऐडेड सर्विसेज, फीचर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म से उसके जुड़ाव पर निर्भर करेगी। टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कंप्यूटर और इंटरनेट बिजनेस की सफलता में मुख्य भूमिका निभाएंगे। आज हम द्वितीय औद्योगिक क्रांति से तीसरी और चौथी औद्योगिक क्रांति की ओर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तीसरी और चौथी चरण की औद्योगिक क्रांति में होरिजेंटल मार्केट होगा और कंपटीशन के साथ इंडस्ट्री को आपस में एक दूसरे का सहयोग करना पड़ेगा। उन्होंने इसे एस-कर्व मॉडल के रूप में समझाया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि पहले डिजिटल मीडिया फैशन के रूप में इस्तेमाल होता था लेकिन आज यह जीवन का अहम हिस्सा बन गया है। आज सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं। नोटबंदी के बाद जो डिजिटल पेमेंट को लेकर जो प्रयास शुरू हुआ था, वह आज बिजनेस का प्रमुख हिस्सा है। सोशलाइजेशन ऑनलाइन हो गया है। आने वाले समय में डिजिटल सेक्टर और अधिक तेजी से बढ़ेगा।

प्रो. सुरेश ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कुछ सेक्टरों में अवश्य कमी देखने में आई लेकिन शिक्षा,  तकनीक एवं सूचना प्रौद्योगिकी जैसे सेक्टरों में बहुत अच्छा काम हुआ। लॉकडाउन के दौरान जब सरकार ने मोबाइल एप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगाए तो भारतीयों ने तुरंत उनके विकल्प उपलब्ध करा दिए। हम विश्व में सबसे अधिक नवाचारी हैं और लॉकडाउन के दौरान लोगों ने अपने आपको तैयार किया। सिनेमा घरों के बंद होने पर लोगों ने ओटीटी प्लेटफॉर्म को अपनाया। टेक्नोलॉजी ने बिजनेस को भी कई तरह के नए समाधान उपलब्ध कराएं। डिजिटल गतिविधियों के बढ़ने के साथ-साथ साइबर अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है।  हमारी आने वाली पीढ़ी इन अपराधों का शिकार न हो इसलिए डिजिटल लिटरेसी को बढ़ावा देना होगा।

उन्होंने कहा कि तकनीक बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन मीडिया में कंटेंट हमेशा महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि यदि कंटेंट लोगों के अनुसार नहीं है, समाज और देश के अनुसार नहीं है तो फिर वह अप्रासंगिक हो जाएगा। कार्यशाला कांफ्रेंस के संरक्षक, कुलसचिव और विभागाध्यक्ष डॉ अविनाश बाजपेयी ने स्वागत भाषण दिया। कांफ्रेंस की अध्यक्ष डॉ. कंचन भाटिया ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सह संयोजक मनीषा वर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया और संयोजक डॉ कपिल आर. चंदोरिया ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। इसके बाद विभिन्न तकनीकी सत्रों में शोधार्थियों ने शोध पत्र भी प्रस्तुत किए।

मीडिया सकारात्मक पक्ष को भी रिपोर्ट करें:  मुख्यमंत्री श्री चौहान एमसीयू में ‘इनोवेटिव बिजनेस प्रैक्टिसेज इन डिजिटल एरा’ पर अंतरराष्ट्रीय वेब कांफ्रेंस का उद्घाटन कुलपति प्रो. केजी सुरेश डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम के लिए किया आह्वान सीईओ, एमसीएम (प्राइम) यू.एस.ए. डॉ. मिहालिस हल्कडिस ने नवाचार और उद्यमिता पर प्रकाश डाला भोपाल, 28 दिसंबर, 2020:  मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडियाकर्मियों से…