पत्रकारिता के विद्यार्थी भाषा पर विशेष ध्यान दें – कुलपति प्रो केजी सुरेश

पत्रकारिता के विद्यार्थी भाषा पर विशेष ध्यान दें – कुलपति प्रो केजी सुरेश

पत्रकार तैराक है, साहित्कार गोताखोर – डॉ. देवेंद्र दीपक

सूचना का अधिकार लोकमंगल का कानून है – विजय मनोहर तिवारी

जनसंपर्क में कैरियर की बहुत संभावनाएं हैं – मनोज द्विवेदी

विज्ञापन में रचनात्मकता, उत्सुकता का होना जरुरी – डॉ. दिवाकर शुक्ला

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 का समापन

भोपाल, 30 नवम्बर, 2022: पत्रकारिता के विद्यार्थियों को भाषा पर विशेष ध्यान चाहिए।  ये कहना है माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.केजी सुरेश का। उन्होंने ये विचार विश्वविद्यालय के उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 के अंतिम दिन व्यक्त किए। अंतिम दिवस वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी श्री मनोज द्विवेदी, प्रो. डॉ. दिवाकर शुक्ला, सूचना आयुक्त श्री विजय मनोहर तिवारी एवं प्रख्यात साहित्कार डॉ देवेंद्र दीपक का व्याख्यान हुआ।

कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता की भाषा सौम्यता की भाषा होती है, उन्होंने कहा कि पत्रकारिता की भाषा शांति की भाषा होना चाहिए। इसलिए पत्रकारिता करते हुए विद्यार्थियों को भाषा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। प्रो. सुरेश ने कहा कि कई अखबारों ने साहित्य को बढ़ावा दिया है। विद्यार्थियों को अखबार पढ़ने की सलाह देते हुए उन्होंने पाकिस्तान एवं नेपाल दौरे में पत्रकारिता के अपने अनुभवों को भी साझा किया। साहित्य एवं पत्रकारिता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि दोनों में सामंजस्य बनाकर रखना चाहिए।  प्रो. सुरेश ने कहा कि पुस्तकें पढ़ने से समझ बढ़ती है इसलिए विद्यार्थियों को साहित्य, पत्रकारिता व अन्य विधाओं की पुस्तकों का अध्ययन लगातार करते रहना चाहिए।

जनसंपर्क का बदलता स्वरुप विषय पर ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी श्री मनोज द्विवेदी ने कहा कि जनसंपर्क में आज बहुत बदलाव आ गया है। उन्होंने कहा कि इसमें कैरियर की बहुत संभावनाएं हैं। जनसंपर्क में सरकारी, निजी या अन्य क्षेत्रों की जानकारी देते हुए श्री द्विवेदी ने विद्यार्थियों के कैरियर की जिज्ञासाओं को भी शांत किया। सत्र की अध्यक्षता विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पवित्र श्रीवास्तव ने की, वहीं सत्र संचालन ट्यूटर सुश्री जया सुरजानी द्वारा किया गया।

विज्ञापन की दुनिया विषय पर डॉ. दिवाकर शुक्ला ने कहा कि आज विज्ञापन का स्वरुप बदल गया है। उन्होंने वर्तमान समय में विज्ञापन में रचनात्मकता की बात की। डॉ. दिवाकर ने इसके साथ ही कहा कि विज्ञापन में उत्सुकता का होना भी बहुत जरुरी है। उन्होंने अपने व्याख्यान में कोविड काल के दौरान के कुछ उदाहरण भी दिए। सत्र की अध्यक्षता संचार शोध विभाग की विभगाध्यक्ष डॉ. मोनिका वर्मा ने की, वहीं सत्र का संचालन ट्यूटर सुश्री गरिमा पटेल ने किया।

मध्यप्रदेश के सूचना आयुक्त श्री विजय मनोहर तिवारी ने जानने के हक विषय पर विद्यार्थियों को कहा कि वे पत्रकारिता में सूचना का अधिकार का जरुर उपयोग करें। उन्होंने कहा कि कई भ्रष्टाचारों का खुलासा आरटीआई के कारण हुआ है। सूचना के अधिकार से जुड़ी पुस्तकों को पढ़ने की सलाह देते हुए उन्होंने अपने अनुभवों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि आरटीआई सिस्टम को ठीक करने में आपकी मदद कर सकता है। विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थी एवं पत्रकार रहे श्री तिवारी ने कहा कि सूचना का अधिकार लोकमंगल का कानून है। सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.केजी सुरेश ने की, वहीं सत्र संचालन प्रोड्यूसर एवं विधि अधिकारी श्री दीपक चौकसे ने किया।

अंतिम सत्र में साहित्य और पत्रकारिता विषय पर प्रख्यात साहित्यकार श्री देवेंद्र दीपक ने कहा कि साहित्कार एवं पत्रकार दोनों मित्र हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकार का काम जोखिम भरा होता है और वह जोखिम उठाता है। उन्होंने कहा कि पत्रकार तैराक है तो वहीं साहित्कार गोताखोर है। साहित्कार डॉ. दीपक ने कहा कि पत्रकार का काम समाज में जो घटित हो रहा है उसे सामने लाना होता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि यदि आप पत्रकार बनना चाहते हैं तो आप जिस भाषा में बोल रहे हैं उस भाषा का शब्दकोष आपके पास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने घर में शब्दकोष, संदर्भ कोष एवं शूक्त कोष जरुर रखें। सत्र की अध्यक्षता जनसंचार विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. आरती सारंग ने की, वहीं सत्र संचालन सहा. प्राध्यापक श्री प्रदीप डहेरिया ने किया। उन्मुखीकरण कार्यक्रम में समस्त विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं नवप्रवेशित विद्यार्थी उपस्थित हुए।

पत्रकारिता के विद्यार्थी भाषा पर विशेष ध्यान दें – कुलपति प्रो केजी सुरेश पत्रकार तैराक है, साहित्कार गोताखोर – डॉ. देवेंद्र दीपक सूचना का अधिकार लोकमंगल का कानून है – विजय मनोहर तिवारी जनसंपर्क में कैरियर की बहुत संभावनाएं हैं – मनोज द्विवेदी विज्ञापन में रचनात्मकता, उत्सुकता का होना जरुरी – डॉ. दिवाकर शुक्ला पत्रकारिता…

सबसे विश्वसनीय माध्यम है समाचार पत्र – प्रो.केजी सुरेश

सबसे विश्वसनीय माध्यम है समाचार पत्र – प्रो.केजी सुरेश

डिजिटल मीडिया में अवसर की अपार संभावनाएं – अनुराग उपाध्याय

हिंदी मीडिया का भविष्य बहुत उज्जवल है – संजय मिश्रा

जो भी करें, सौ फीसदी करें – डॉ. राजीव अग्रवाल

सामाजिक सरोकार दूरदर्शन की प्रथम प्राथमिकता- पूजा वर्धन

भोपाल, 29 नवम्बर, 2022: आम जनता का सबसे विश्वनीय माध्यम समाचार पत्र है। ये कहना है माखनलाल  चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.केजी सुरेश का। उन्होंने ये विचार विश्वविद्यालय के उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 के दूसरे दिन द्वितीय सत्र में व्यक्त किए।  वरिष्ठ पत्रकार अनुराग उपाध्याय, संजय मिश्रा, मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. राजीव अग्रवाल, एवं भारतीय सूचना सेवा की अधिकारी सुश्री पूजा वर्धन ने विद्यार्थियों को कैरियर एवं जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण टिप्स दिए।

कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि प्रिंट मीडया आज भी बहुत तेजी से बढ़ रहा है और लोगों की आवाज बनकर ऊभर रहा है। उन्होंने हिंदी माध्यम की मीडिया की चुनौतियों के संबंध में कही जाने वाली बातों का जिक्र करते हुए कहा कि हिंदी मीडिया को कोई खतरा नहीं है। कुलपति प्रो सुरेश ने कहा कि हिंदी अखबारों की स्वीकार्यता आज लगातार बढ़ रही है। हिंदी मीडिया की भाषा सौम्यता की भाषा है। उन्होंने कहा कि अच्छी तरह से जांच परखकर ही समाचार पत्र में खबरों को छापा जाता है।

डिजिटल मीडिया : अवसर एवं चुनौतियां विषय पर बात करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं दखल न्यूज के मुख्य संपादक अनुराग उपाध्याय ने कहा कि इसमें अवसर की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल माध्यम पैसा कमाने का सबसे आसान माध्यम है। श्री अनुराग ने कहा कि अगर आपके पास कन्टेंट है, कुछ हटके करने,सोचने की शक्ति है, कुछ करने का जुनून है तो डिजिटल मीडिया में आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं। सत्र की अध्यक्षता न्यू मीडिया टैक्नोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष एवं डीन डॉ. पी. शशिकला ने की, वहीं सत्र का संचालन सहा. प्राध्यापक श्री मनोज धुर्वे ने किया।

हिंदी मीडिया का भविष्य विषय पर वरिष्ठ पत्रकार श्री संजय मिश्रा ने कहा कि हिंदी मीडिया का भविष्य बहुत उज्जवल है। उन्होंने कहा कि आज सूचना एवं वैरायटी जिसके पास है वही अच्छा पत्रकार है। साथ ही उन्होंने कहा प्रिंट मीडिया ज्ञान का भंडार है। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि यदि आप हिंदी में लिखते हैं और पढ़ते हैं तो अपनी भाषा को लेकर आत्मसम्मान का भाव रखें। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी मीडिया के आने वाले भविष्य आप हैं। सत्र की अध्यक्षता पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने की, वहीं सत्र का संचालन डॉ. अरुण कुमार खोबरे द्वारा किया गया।

उद्मिता और युवा विषय पर मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. राजीव अग्रवाल ने कहा कि यदि आपको जीवन में आगे बढ़ना है, कुछ करना है तो एक वाक्य को भूलना होगा, वह है सबसे बड़ा रोग, क्या कहेंगे लोग। उन्होंने कहा कि रोने से कुछ नहीं होगा आपको स्वयं जिम्मेदारी लेनी होगी।  डॉ. राजीव ने कहा कि जीवन में शिकायतें करना बंद करो और चुनौतियों के साथ  लड़ना सीखो। उन्होंने कहा कि यदि आपने ने जीवन में मुश्किल रास्ता चुन लिया तो आपको राजा बनने से कोई रोक नहीं रोक सकता। उन्होंने अच्छे सकारात्मक एवं अच्छे दोस्त बनाने की सलाह देते हुए कहा कि जो भी करें उसे सौ फीसदी करें। सत्र की अध्यक्षता मीडिया प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष एवं कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी ने की, वहीं सत्र का संचालन सहा. प्राध्यापक डॉ. मणिकंठन नायर द्वारा किया गया।

दूसरे दिन का अंतिम सत्र प्रसार भारती में कैरियर विषय पर आयोजित किया गया। जिसमें भारतीय सूचना सेवा की अधिकारी एवं दूरदर्शन की संयुक्त निदेशक सुश्री पूजा वर्धन ने कहा कि प्रसार भारती में अगिनत अवसर हैं। उन्होंने कहा कि आप दूरदर्शन में रिपोर्टर, स्ट्रींगर, एंकर, समाचार वाचक, प्रोड्यूसर, कैमरामेन बन सकते हैं। प्रसार भारती के विभिन्न क्षेत्रों में अवसरों के बारे में बताने के साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप आईआरएस अधिकारी भी बन सकते हैं। सुश्री पूजा ने कहा दूरदर्शन सनसनीखेज पत्रकारिता नहीं करता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सरोकार दूरदर्शन की प्रथम प्राथमिकता होती है। सत्र की अध्यक्षता निदेशक प्रोडक्शन डॉ. आशीष जोशी ने की, वहीं सत्र का संचालन सहा. प्राध्यापक राहुल खड़िया द्वारा किया गया। उन्मुखीकरण कार्यक्रम में समस्त विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं नवप्रवेशित विद्यार्थी उपस्थित हुए।

तीसरे व अंतिम दिवस चार व्याख्यान होंगे

उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 के तृतीय दिवस 30 नवंबर को श्री मनोज द्विवेदी, श्री डॉ. दिवाकर शुक्ला, श्री विजय मनोहर तिवारी, श्री देवेंद्र दीपक का व्याख्यान होगा।

सबसे विश्वसनीय माध्यम है समाचार पत्र – प्रो.केजी सुरेश डिजिटल मीडिया में अवसर की अपार संभावनाएं – अनुराग उपाध्याय हिंदी मीडिया का भविष्य बहुत उज्जवल है – संजय मिश्रा जो भी करें, सौ फीसदी करें – डॉ. राजीव अग्रवाल सामाजिक सरोकार दूरदर्शन की प्रथम प्राथमिकता- पूजा वर्धन भोपाल, 29 नवम्बर, 2022: आम जनता का सबसे…

पत्रकारिता नकारात्मक भाव से नहीं सकारात्मक भाव से करें – कुलपति प्रो. केजी सुरेश

पत्रकारिता नकारात्मक भाव से नहीं सकारात्मक भाव से करें – कुलपति प्रो. केजी सुरेश

पत्रकारिता 10 से 5 की जॉब नहीं है – ब्रजेश राजपूत

जो समाज के हित के लिए है, वही पत्रकारिता – पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 प्रारंभ

भोपाल, 28 नवम्बर, 2022: पत्रकारिता नकारात्मक भाव से नहीं सकारात्मक भाव से करें। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 के प्रथम दिवस प्रारंभिक सत्र में ये विचार विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने व्यक्त किए। तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम के प्रथम दिवस भारतीय पत्रकारिता का स्वर्णिम इतिहास विषय पर पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विभिन्न आयाम विषय पर वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश राजपूत ने अपने विचार व्यक्त किए।

उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो.सुरेश ने विद्यार्थियों से कहा कि आपको इतिहास को याद रखते हुए सकारात्मक भाव के साथ पत्रकारिता करना है। उन्होंने कहा कि इतिहास हमारी बुनियाद है और यह हमारे लिए जरुरी है। प्रो. सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता में बेजुबान की जुबान बनकर काम किया जाता है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि नई पीढ़ी के आप जैसे विद्यार्थी इस काम को बखूबी करेंगे। सत्र का संचालन डॉ. अरुण कुमार खोबरे ने किया।  

द्वितीय सत्र में भारतीय पत्रकारिता का स्वर्णिम इतिहास विषय पर पद्मश्री श्री विजयदत्त श्रीधर ने कहा कि जो समाज के हित के लिए है, वही पत्रकारिता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता करते समय इसी बात का ध्यान, विद्यार्थियों को रखना है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता ग्लैमर का तड़का नहीं है बल्कि पत्रकारिता वास्तव में जनपक्ष है। श्री श्रीधर ने विद्यार्थियों से कहा कि पत्रकारिता करते हुए कभी भी झूठ एवं असत्य न लिखें। उन्होंने कहा कि आप वह लिखें जो सौ फीसदी सच हो। सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो.केजी सुरेश ने की, वहीं सत्र संचालन पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने किया।  

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विभिन्न आयाम विषय पर वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश राजपूत ने कहा कि पत्रकारिता 10 से 5 की जॉब नहीं है।उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की जमीनी हकीकत बताते हुए कहा कि पर्दे के पीछे टेलीविजन पत्रकार और उनकी पूरी टीम बहुत मेहनत करती है,  जो दर्शकों को नहीं पता होती है। अपनी पांच पुस्तकों में से रिपोर्टिंग पर लिखी पुस्तकों के कुछ उदाहरण भी उन्होंने विद्यार्थियों के बीच शेयर किए। श्री ब्रजेश ने कहा कि यदि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते हैं तो विद्यार्थी अच्छा दिखने,अच्छा बोलने के साथ-साथ ज्ञान का स्तर भी बहुत बढ़ाएं। पुस्तकें पढ़ते रहने की सलाह के साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि यदि वे टेलीविजन में एंकर रिपोर्टर बनना चाहते हैं तो आईने के सामने प्रैक्टिस भी किया करें। सत्र की अध्यक्षता कम्प्यूटर अनुप्रयोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सीपी अग्रवाल ने किया, वहीं सत्र संचालन एसो.प्रोफेसर डॉ. संजीव गुप्ता ने किया। उन्मुखीकरण कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी, समस्त विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं नवप्रवेशित विद्यार्थी उपस्थित हुए।

उन्मुखीकरण कार्यक्रम में द्वितीय दिवस चार व्याख्यान होंगे

उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 के द्वितीय दिवस 29 नवंबर को श्री अनुराग उपाध्याय, श्री संजय मिश्रा, श्री राजीव अग्रवाल, सुश्री पूजा वर्धन का व्याख्यान होगा।

पत्रकारिता नकारात्मक भाव से नहीं सकारात्मक भाव से करें – कुलपति प्रो. केजी सुरेश पत्रकारिता 10 से 5 की जॉब नहीं है – ब्रजेश राजपूत जो समाज के हित के लिए है, वही पत्रकारिता – पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 प्रारंभ भोपाल, 28 नवम्बर, 2022: पत्रकारिता नकारात्मक भाव से नहीं सकारात्मक…

विश्वविद्यालय में उन्मुखीकरण कार्यक्रम में समस्त संबद्ध अध्ययन संस्थाओं को सम्मिलित होने के संदर्भ में

विश्वविद्यालय में उन्मुखीकरण कार्यक्रम में समस्त संबद्ध अध्ययन संस्थाओं को सम्मिलित होने के संदर्भ में

विश्वविद्यालय में आज दिनांक 28 नवंबर 2022 को तीन दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 का आयोजन होने जा रहा है। कार्यक्रम के प्रथम दिवस पद्मश्री श्रीविजयदत्त श्रीधर, वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश राजपूत जी का व्याख्यान होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति मा. प्रो. के.जी. सुरेश करेंगे। यह कार्यक्रम नवागत विद्यार्थियों को विभिन्न आयामों की जानकारी देने के लिए आयोजित किया जा रहा है। अतः आपसे अनुरोध है कि कार्यक्रम में समस्त विद्यार्थियों सहित भाग लें।

कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए ईमेल के माध्यम से लिंक शीध्र ही भेजी जा रही है।

विश्वविद्यालय में उन्मुखीकरण कार्यक्रम में समस्त संबद्ध अध्ययन संस्थाओं को सम्मिलित होने के संदर्भ में विश्वविद्यालय में आज दिनांक 28 नवंबर 2022 को तीन दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम 2022 का आयोजन होने जा रहा है। कार्यक्रम के प्रथम दिवस पद्मश्री श्रीविजयदत्त श्रीधर, वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश राजपूत जी का व्याख्यान होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति…

सहकारिता में रोजगार की आपार संभावनाएं- कुलपति प्रो.केजी सुरेश

सहकारिता में रोजगार की आपार संभावनाएं- कुलपति प्रो.केजी सुरेश

सहकारिता के सात सिद्धांत – डॉ. अमित मुद्गल

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सहकारिता जागरुकता कार्यक्रम सम्पन्न

भोपाल, 25 नवम्बर, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सहकारी प्रबंध संस्थान द्वारा युवाओं के लिए एक सहकारिता जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत मीडिया प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.केजी सुरेश ने की। कार्यशाला के मुख्य वक्ता सहकारी प्रबंध संस्थान के निदेशक डॉ. अमित मुद्गल थे, वहीं लाइफ कोच ट्रेनर डॉ. राजेंद्र सक्सेना भी विशेष रुप से उपस्थित थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि ये अपकमिंग एरिया है, जिसमें रोजगार की आपार संभावनाएं हैं। सहकारी संस्थाएं किस तरह से युवाओं एवं आमजन के लिए उपयोगी साबित हो सकती है, इस बारे में मीडिया की क्या भूमिका हो सकती है, इस बारे में प्रो. सुरेश ने बहुत ही उपयोगी विचार रखे एवं महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि सहकारी प्रबंध संस्थान के द्वारा इस युवाओं के लिए सहकारिता जागरुकता कार्यक्रम श्रृंखला की शुरुआत माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से की जा रही है जो कि हमारे लिए बहुत सुखद बात है। मुख्य वक्ता सहकारी प्रबंध संस्थान के निदेशक डॉ. अमित मुद्दगल ने अपन उद्वबोधन में सहकारिता के सात सिद्धांतों के बारे में बताया। उन्होंने युवाओं से सहकारिता के संबंध में जागरुक रहने एवं इससे संबंधित हर संभव मदद की बात कही। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी, शिक्षक एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।

सहकारिता में रोजगार की आपार संभावनाएं- कुलपति प्रो.केजी सुरेश सहकारिता के सात सिद्धांत – डॉ. अमित मुद्गल पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सहकारिता जागरुकता कार्यक्रम सम्पन्न भोपाल, 25 नवम्बर, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में सहकारी प्रबंध संस्थान द्वारा युवाओं के लिए एक सहकारिता जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव के…