संशोधित निविदा सूचना: टैक्सी, बस एवं मालवाहक वाहन किराये से लेने हेतु निविदाएं आमंत्रित। अंतिम तिथि 24 मई, 2022
भोपाल, 11 मई, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में बुधवार को वरिष्ठ पत्रकार श्री गिरिजा शंकर की पुस्तक ‘समकालीन राजनीति मध्यप्रदेश’ एवं ‘चुनावी राजनीति मध्यप्रदेश’ पर चर्चा का आयोजन किया गया। पुस्तकालय विभाग द्वारा राधेश्याम शर्मा सभागार में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन पुस्तकालय विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. आरती सारंग ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डॉ. अविनाश वाजपेयी द्वारा किया गया।
वरिष्ठ पत्रकार श्री गिरिजा शंकर ने अपनी पुस्तक पर चर्चा करते हुए कहा कि जो तथ्य चुनावी मुद्दों का प्रभावित करते हैं, उन तथ्यों को उन्होंने अपनी पुस्तक में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि इसमें उनके द्वारा किसी पत्रकार की पुस्तक या अखबारों में छपने वाली खबरों, कतरनों से अलग हटकर तथ्यात्मक आधार पर पुस्तक को लिखा है। श्री गिरिजा शंकर ने आजादी के पहले एवं बाद में मध्यप्रदेश की राजनीति को पुस्तक चर्चा के दौरान बहुत ही रोचकता एवं गंभीरता के साथ बताया।
राजनीति पर बात करते हुए श्री गिरिजाशंकर ने कहा कि आज राजनीति प्राथमिकता हो गई है जबकि विकास को प्राथमिकता होना चाहिए था। उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि चुनाव में प्रबंधन होना बहुत जरूरी है एवं प्रबंधन से ही चुनाव जीते जाते हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश की राजनीति से जुड़े कुछ रोचक किस्से भी सुनाए। श्री गिरिजा शंकर ने कहा कि यदि लोकतंत्र को मजबूत करना है तो युवाओं, महिलाओं एवं किसानों के सशक्तिकरण से पहले नेताओं का सशक्तिकरण किया जाना आवश्यक है बाकी सभी का सशक्तिकरण अपने आप हो जाएगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने श्री गिरिजाशंकर की दोनों पुस्तकों की सराहना करते हुए कहा कि यदि विद्यार्थियों को मध्यप्रदेश की राजनीति को जानना-समझना है तो इन पुस्तकों को अवश्य पढ़ना चाहिए। प्रो. सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता एक इतिहास है लेकिन बिखरे हुए मोती की तरह है। उन्होंने कहा इन मोतियों को इकट्ठा किया जाना बहुत आवश्यक है। प्रो. सुरेश ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके अंतर्गत 75 वर्षों में प्रदेश की राजनीति में क्या-क्या हुआ इसे लिखने की आवश्यकता है। उन्होंने श्रुति एवं स्मृति की बात करते हुए कहा कि हम संतुष्टि में जीवन जीने वाले संतुष्ट प्राणी रहे हैं, यही वजह रही कि हमने कई चीजों का दस्तावेजीकरण नहीं किया।



राजनीति नहीं, विकास हो प्राथमिक – श्री गिरिजाशंकर पत्रकारिता इतिहास, लेकिन बिखरे हुए मोती की तरह : कुलपति प्रो.सुरेश पत्रकारिता विश्वविद्यालय में वरिष्ठ पत्रकार श्री गिरिजा शंकर की पुस्तकों पर चर्चा भोपाल, 11 मई, 2022: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में बुधवार को वरिष्ठ पत्रकार श्री गिरिजा शंकर की पुस्तक ‘समकालीन राजनीति मध्यप्रदेश’…
भोपाल, 09 मई, 2022: डाटा जर्नलिज्म में पहली चुनौती है कि सोर्स क्या है? डाटा कहाँ से लाएं? इसका समाधान है– डिजिटल रिसोर्स और सबसे आसान तरीका है गूगल। लेकिन गूगल बाबा के दरबार में अर्जी कैसे लगाई जाए? प्रार्थना सही नहीं होगी तो उत्तर भी सही नहीं मिल पाएगा। गूगल पावर टिप्स, सही सवाल पूछना यह बस एक छोटा सा भाग है डाटा जर्नलिज्म का। यह बात डॉ. उमा शंकर पांडे ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय डाटा जर्नलिज्म कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में कही। एमसीयू में विद्यार्थियों को डेटा जर्नलिज्म के प्रशिक्षण हेतु तीन दिवसीय डेटा जर्नलिज्म कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि इंडस्ट्री और एकेडमिक्स कहीं ना कहीं संपर्क सूत्र में नहीं रह पाते हैं। विद्यार्थी फील्ड के लिए तैयार हो इसलिए विश्वविद्यालय द्वारा स्क्रिप्ट राइटिंग से लेकर विभिन्न विषयों पर लगातार प्रायोगिक सत्रों का आयोजन किया जा रहा है। जून-जुलाई में भी ऐसे सत्रों का आयोजन किया जाएगा ताकि विद्यार्थी इंडस्ट्री में जाकर काम कर सकें।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, संकाय सदस्य, तकनीकी स्टाफ एवं विद्यार्थी मौजूद रहे। ऑनलाइन माध्यम से रीवा, दतिया एवं खंडवा परिसर के प्रभारी, संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी जुड़े। उक्त कार्यशाला का आयोजन नवीन मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम की रूपरेखा कार्यशाला संयोजक एवं विश्वविद्यालय की डीन अकैडमिक प्रो. डॉ. पी. शशिकला ने प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन विभाग की छात्राओं रितिका, मानसी तिवारी एवं कीर्ति खंडेलवाल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्राध्यापक श्री मनोज कुमार धुर्वे ने किया।





प्रार्थना सही नहीं होगी तो उत्तर भी सही नहीं होगा : डॉ. उमा शंकर पांडे भोपाल, 09 मई, 2022: डाटा जर्नलिज्म में पहली चुनौती है कि सोर्स क्या है? डाटा कहाँ से लाएं? इसका समाधान है– डिजिटल रिसोर्स और सबसे आसान तरीका है गूगल। लेकिन गूगल बाबा के दरबार में अर्जी कैसे लगाई जाए? प्रार्थना…