आदेश: विश्वविद्यालय के लोकपाल (Ombudsmen) के पद पर नियुक्ति बाबत्
भोपाल/सागर, 10 जून, 2024: डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के संचार एवं पत्रकारिता विभाग के तत्त्वावधान में मीडिया संवाद श्रृंखला के तहत मीडिया साक्षरता विषय पर संवाद का आयोजन गौर समिति कक्ष में आयोजित किया गया. आयोजन में मुख्य अतिथि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपति प्रो. के. जी. सुरेश थे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने की. प्रो. के. जी. सुरेश ने कहा कि आज मीडिया साक्षरता की चर्चा हर जगह हो रही है. मीडिया शिक्षा और मीडिया साक्षरता में अंतर समझना जरूरी है. मीडिया शिक्षा आजीविका के लिए रास्ता बनाती है लेकिन मीडिया साक्षरता हर आम नागरिक के लिए आवश्यक है. आज न्यू मीडिया का युग है. हर व्यक्ति अपने मोबाइल यंत्र के साथ व्यस्त है. एक तरफ जहाँ न्यू मीडिया और इंटरनेट के इस्तेमाल ने लोकतान्त्रीकरण को बढ़ावा मिला है वहीं इससे कई संकट और चुनौतियां भी उत्पन्न हुई हैं. हमारे जीवन का एक बड़ा हिस्सा सोशल मीडिया से जुड़ गया है. सेल्फी और रील के बढ़ते चलन से कई गंभीर घटनाएं घट रही हैं. इंटरनेट पर फेक कंटेट की भरमार है. पत्रकारिता पेशे में गेट कीपिंग, सूचनाओं का फिल्टरेशन, पेशागत नियम एवं क़ानून, आचार संहिता अहम एवं जरूरी हिस्सा है. लेकिन नागरिक पत्रकारिता जैसे टर्म इस पेशे की अहमियत को कमजोर कर रहे हैं. एक नागरिक नए तकनीकी यन्त्र का उपयोग करके कंटेंट क्रियेटर हो सकता है, कम्युनिकेटर हो सकता है लेकिन उसे एक पेशेवर पत्रकार कहना उचित नहीं होगा.
आज ग्राउंड रिपोर्टिंग की काफी कमी है. मलइन्फॉर्मेशन, मिसइन्फॉर्मेशन, डिसइन्फॉर्मेशन तीनों चीजें अपनाई जा रही हैं. कोविड महामारी के दौरान हमने अनेकों सूचनाएं सच मानीं जिनका वास्तव में सच से दूर-दूर तक नाता नहीं था. वीडियो और फोटो मॉर्फिग, साइबर क्राइम, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से मेनुपुलेशन, आर्थिक अपराध, फेक एकाउंट इन सब में लगातार तेजी आती जा रही है. इन सबके प्रति एक जागरूकता और इनको देखने और समझने की क्षमता पैदा करने की महती आवश्यकता है. इसलिए मीडिया साक्षरता को स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाया जाना चाहिए और एक मिशन के रूप में पूरे देश में इसे चलाया जाना चाहिए.
अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि मीडिया का मतलब अब केवल अखबार नहीं रह गया है. अब घटना घटित होने के तत्काल ही मीडिया में समाचार प्रसारित होने लगते हैं. एक समय था जब पूरी दुनिया ख़बरों के लिए सुबह अखबार का इन्तजार करती थी लेकिन अब समय बदल चुका है और लोग तत्क्षण ख़बरें देख सुन लेते हैं. आज आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का ज़माना है. रोबोट तकनीक में भी मनुष्य ने बहुत प्रगति कर ली है. लेकिन इसके कई दुरूपयोग भी सामने आ रहे हैं. इसको हमें समझने की जरूरत है. उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि व्यावसायिकता के इस दौर में निष्पक्षता और सच के साथ पत्रकारिता करने की आवश्यकता है. पॉजिटिव ख़बरों और मोटिवेशनल ख़बरों को प्राथमिकता देना चाहिए. तभी भविष्य की पत्रकारिता उज्जवल होगी. उन्होंने कहा कि मीडिया साक्षरता की शुरुआत हम गोद लिए हुए गाँवों से कर सकते हैं. विश्वविद्यालय के स्नातक विद्यार्थियों के लिए मीडिया साक्षरता का एक प्रश्न-पत्र भी लागू किया गया है. यह एक सकारात्मक पहल है.
कार्यक्रम का संचालन विभाग की शोधार्थी सलोनी शर्मा ने किया. विषय परिचय डॉ. अलीम अहमद खान ने दिया. अतिथि परिचय डॉ. विवेक जायसवाल ने दिया. आभार विभागाध्यक्ष प्रो. कालीनाथ झा ने व्यक्त किया. इस अवसर पर डॉ. संजय शर्मा, डॉ. रजनीश, डॉ. देवेन्द्र विश्वकर्मा, संचार एवं पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थी, शोधार्थी एवं विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के शोधार्थी उपस्थित थे.
विश्वविद्यालय और एमसीयू के बीच होगा शैक्षणिक एमओयू
संवाद कार्यक्रम में दोनों कुलपतियों ने घोषणा की कि शीघ्र ही डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर एवं माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के बीच शैक्षणिक समझौता किया जाएगा जिसके तहत विद्यार्थी एवं फैकल्टी एक्सचेंज भी होंगे. इसके माध्यम से विद्यार्थी तकनीकी प्रशिक्षण, शोध एवं अन्य अकादमिक गतिविधियों में भाग लेंगे.




देश में मीडिया साक्षरता मिशन चलाये जाने की आवश्यकता: प्रो. के.जी. सुरेश पॉजिटिव और मोटिवेशनल ख़बरों से ही भविष्य की पत्रकारिता उज्जवल होगी: प्रो. नीलिमा गुप्ता, कुलपति भोपाल/सागर, 10 जून, 2024: डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के संचार एवं पत्रकारिता विभाग के तत्त्वावधान में मीडिया संवाद श्रृंखला के तहत मीडिया साक्षरता विषय पर संवाद का…
भोपाल, 31 मई, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में प्रवेश की अंतिम तिथि को आगे बड़ा दिया गया है। अब विद्यार्थी 10 जून तक प्रवेश के लिए आवेदन कर सकेंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) के.जी.सुरेश ने कहा कि विद्यार्थी हित में तिथि को आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता, जनसंचार, मीडिया, प्रबंधन, कम्प्यूटर, सिनेमा, विज्ञापन एवं जनसंपर्क,भाषा एवं प्रौद्योगिकी, संचार शोध आदि विषयों में रुचि रखने वाले युवा एमपी ऑनलाइन या सीयूईटी के माध्यम से अप्लाई कर सकते हैं। विद्यार्थी अधिक जानकारी के लिए पत्रकारिता विश्वविद्यालय की अधिकृत वेबसाइट www.mcu.ac.in को देख सकते हैं।

एमसीयू में प्रवेश की अंतिम तिथि अब 10 जून भोपाल, 31 मई, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में प्रवेश की अंतिम तिथि को आगे बड़ा दिया गया है। अब विद्यार्थी 10 जून तक प्रवेश के लिए आवेदन कर सकेंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) के.जी.सुरेश ने कहा कि विद्यार्थी हित में तिथि…
भोपाल, 30 मई, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर चाणक्य भवन स्थित सभागार का नामकरण देश के पहले हिंदी समाचार पत्र “उदन्त मार्तण्ड” के नाम पर किया गया। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के. जी. सुरेश एवं मध्यप्रदेश गान के रचियता, विवि. की महापरिषद के सदस्य वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव ने “उदन्त मार्तण्ड सभागार” का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कुलगुरु प्रो. सुरेश ने घोषणा की कि वर्ष 2026 में उदन्त मार्तण्ड के 200 वर्ष पूर्ण होने पर विश्वविद्यालय द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसकी अध्यक्षता श्री महेश श्रीवास्तव करेंगे। सभागार के शुभारंभ एवं हिंदी पत्रकारिता : अवसर और चुनौतियां विषय पर पत्रकारिता विभाग द्वारा आयोजित इस विशेष व्याख्यान एवं कार्यक्रम के बारे में विषय प्रवर्तन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा किया गया।
हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रो. सुरेश एवं श्री महेश श्रीवास्तव द्वारा पत्रकारिता विभाग के समाचार पत्र विकल्प, मीडिया प्रबंधन विभाग के समाचार पत्र नेशन डेली, जनसंचार विभाग के समाचार पत्र पहल, विवि. की शोध पत्रिका मीडिया मीमांशा, श्री संजय सक्सेना की पुस्तक डायरी का मुड़ा हुआ पन्ना एवं वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व विद्यार्थी श्री सतीष एलिया की पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर विवि. के विद्यार्थी कार्तिकेय पांडे एवं आदित्य चौरसिया द्वारा श्री महेश श्रीवास्तव पर बनाई गई डाक्यूमेंट्री फिल्म भी सभागार में दिखाई गई। कार्यक्रम में श्री श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. सुरेश को उनके द्वारा लिखित एवं संपादित पुस्तकें भी भेंट की। इससे पूर्व प्रो. सुरेश ने उन्हें स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र भेंटकर उनका स्वागत किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलगुरु प्रो. सुरेश ने कहा कि पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने हिंदी पत्रकारिता के लिए जो किया है वह एक मानक बन गया है, जिसे हमें बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय, हिंदी पत्रकारिता का पर्यायवाची बन गया है। प्रो. सुरेश ने श्री महेश श्रीवास्तव की प्रशंसा करते हुए विद्यार्थियों से कहा कि सैद्धांतिक पत्रकारिता के लिए उन्हें श्री महेश जी को जरुर पढ़ना चाहिए और उनसे पत्रकारिता की सीख लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज हिंदी पत्रकारिता, भाषाई पत्रकारिता के कारण जिंदा है। प्रो. सुरेश ने कहा कि सामाजिक सरोकारों से भरपूर, जनता की आकांक्षाओं से भरपूर पत्रकारिता को लेकर वे आश्वस्त हैं।
मुख्य वक्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री महेश श्रीवास्तव ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता में अवसर एवं चुनौती एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने कहा कि यदि धर्म के रुप पत्रकारिता को धारण किया जाता है तो यह बहुत अच्छा है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि पत्रकारिता ने स्वतंत्रता के संघर्ष की कोख से जन्म लिया है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता की पहली चुनौती पुरुषार्थ है। दूसरी विश्वास एवं तीसरी भाषा की शुद्धता, पुष्ठ जानकारियां, तटस्थ दष्टिकोण एवं प्रवाहमान पत्रकारिता। उन्होंने विद्यार्थियों को खूब अध्ययन करने, शुद्ध हिंदी लिखने,हिंदी के साथ ही अंग्रेजी भाषा का भी ज्ञान होने की बात कही। श्री श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों से कहा कि वे पत्रकार बनकर स्वार्थी, अवसरवादी एवं अहंकारी कभी ना बनें। साथ ही उन्होंने कहा कि ज्ञान जहां से मिले, जैसे मिले, जिस भाषा में मिले उसे प्राप्त कर लेना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक श्री लोकेंद्र सिंह राजपूत एवं आभार प्रदर्शन सहायक प्राध्यापक डॉ. सतेन्द्र डहेरिया द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. (डॉ.) अविनाश वाजपेयी, विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।







पत्रकारिता विश्वविद्यालय में उदन्त मार्तण्ड सभागार का हुआ शुभारंभ उदन्त मार्तण्ड के 200 वर्ष पूर्ण होने पर 2026 में होगा अंतरराष्ट्रीय आयोजन : कुलगुरु प्रो. सुरेश एमसीयू में हिंदी पत्रकारिता : अवसर और चुनौतियां विषय पर विशेष व्याख्यान भोपाल, 30 मई, 2024: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर…