लिखने में जल्दबाजी न करें, शोध और पड़ताल करें : प्रो. केजी सुरेश

लिखने में जल्दबाजी न करें, शोध और पड़ताल करें : प्रो. केजी सुरेश

माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से कुलपति ने किया संवाद, मीडिया : कल, आज और कल विषय पर व्याख्यान

भोपाल, 01 नवम्‍बर, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता के विद्यार्थियों को प्रतिदिन लिखने और पढऩे की प्रवृत्ति विकसित करना चाहिए। लेकिन, वे जो भी लिखें, जिम्मेदारी से लिखें। लिखने में जल्दबाजी नहीं, बल्कि पहले शोध और तथ्यों की पड़ताल कर लें। उसके बाद ही लिखें। कुलपति प्रो. सुरेश पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार पत्रकारिता के विद्यार्थियों को अनौपचारिक तौर पर संबोधित कर रहे थे। हालाँकि, इससे पहले उन्होंने सत्रारंभ कार्यक्रम में नवागत विद्यार्थियों से संवाद किया था और उसके बाद रीवा और खंडवा परिसर के विद्यार्थियों से भी संयुक्त रूप से संवाद कर चुके हैं।

कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता का काम है, समाज को शिक्षित और जागरूक करना। गांधीजी की पत्रकारिता का उद्देश्य भी समाज में बदलाव लाना था। उन्होंने कहा कि आज मीडिया में एक ध्रुवीकरण दिखाई देता है, जो न केवल मीडिया के लिए अपितु समाज के लिए भी अच्छा नहीं है। इसलिए हमें पत्रकार बनना है, पक्षकार नहीं। फैक्टविस्ट बनना है, एक्टिविस्ट नहीं। पत्रकार की भूमिका न्यूट्रल एम्पायर की होती है। पत्रकार न तो सत्ता पक्ष का होता है और न विपक्ष का। उन्होंने कहा कि मीडिया के व्यवसायीकरण ने संपादक की सत्ता के महत्व को कम कर दिया है। आज समाचार संस्थानों में संपादक हाशिये डाल दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि न्यूज कभी फेक नहीं होती, जो फेक होती है, वह न्यूज नहीं होती। फेक कंटेंट के इस दौर में मीडिया के सामने विश्वसनीयता का संकट खड़ा हो रहा है। पत्रकारिता के विद्यार्थियों की यह जिम्मेदारी है कि वे फेक कंटेंट के प्रसार को रोकें और समाज को भी फेक कंटेंट के प्रति जागरूक करें।

ऑनलाइन व्याख्यान में कुलपति ने कहा कि जब परिस्थितियां सामान्य हो जाएंगी तब भोपाल परिसर के सभी शिक्षक रीवा और खंडवा परिसर में भी जाकर कक्षाएं लेंगे, ताकि वहाँ के विद्यार्थियों को उनकी विशेषज्ञता का लाभ मिल सके। भोपाल में नवनिर्मित परिसर में जल्द ही कक्षाएं शुरू होंगी। रवीन्द्रनाथ टैगोर के सुप्रसिद्ध विद्यालय शांतिनिकेतन की तर्ज पर भोपाल के परिसर में प्रकृति के सान्निध्य में कक्षाएं लगेंगी। यहाँ राष्ट्रीय मीडिया संग्रहालय की स्थापना करने की भी योजना है। विद्यार्थियों के लिए सामुदायिक रेडिया की स्थापना होगी और न्यूज लेटर भी प्रारंभ किया जाएगा।

विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण सूत्र :

– पत्रकारिता का भविष्य उज्ज्वल है। विद्यार्थियों को अपनी क्षमता बढ़ानी चाहिए।

– भाषाई पत्रकारिता मांग बढ़ती जा रही है।

– मीडिया में आज मल्टीटास्कर की आवश्यकता है।

– हमें लेखन के साथ तकनीक और सॉफ्टवेयर भी सीखना है।

लिखने में जल्दबाजी न करें, शोध और पड़ताल करें : प्रो. केजी सुरेश माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से कुलपति ने किया संवाद, ‘मीडिया : कल, आज और कल’ विषय पर व्याख्यान भोपाल, 01 नवम्‍बर, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा…

Teach Son, Tell Son: Smt Pratibha Pandey

Teach Son, Tell Son: Smt Pratibha Pandey

Workshop on ‘Sexual Harassment of Women at Workplace’ held in MCU, Internal Complaint Committee reconstituted

Bhopal, 3 November, 2020: ‘To give a safe environment to daughters, it is necessary that we teach and tell our sons. Parents should talk with their sons about their behaviour outside. Their attitude towards female colleagues and classmates should be the same as they have female members in their family,’ said Member of Juvenile Justice Board, Bhopal and advocate Smt Pratibha Pandey here today. She was addressing a workshop on ‘Sexual Harassment of Women at Workplace (Prevention, Prohibition and Redressal) Act 2013 in Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication. University Vice Chancellor Prof KG Suresh chaired the workshop.

Smt Pandey said, the act is an outcome of discussion on Bhanwari Devi case of Rajasthan. Smt Pandey pointed out that a woman is entitled to get dignity and respect by birth and why there should be special laws for them. We cannot ensure dignity and respect by laws. Society will have to change its mindset.

Smt Pandey detailed the provisions of the Act. She said, media students should be aware of provision 16 of the Act that information related with harassment complaints can not be disclosed publicly during the hearing.

Media should create awareness on laws related with women

Vice Chancellor Prof KG Suresh said there is a need to create awareness on laws related with women. Serious crimes against women start with small incidents which generally people ignore. This is not an issue related with female students. Male students should also understand it. Students of Makhanlal Chaturvedi Journalism University should show the ideal approach on the issues related with female. Media should create awareness in the society on the laws related with women. Head of New Media Technology Department, Prof P Sasikala conducted the online workshop. Registrar Prof Avinash Bajpai proposed the vote of thanks.

Internal Complaint Committee (ICC) reconstituted

Internal Complaint Committee for prevention of sexual harassment at workplace was reconstituted in the university. The committee includes chairperson Prof P Sasikala, Dr Urvashi Parmar, Rahul Khadia, Vivek Savarikar, Smt Tripti Vajpayee (all members). Member of Juvenile Justice Board and Advocate Smt Pratibha Pandey is also a member of the committee.

Vice Chancellor’s talk with students today

Vice Chancellor Prof KG Suresh will address students on ‘Media: Kal, Aaj Aur Kal’ at 4 pm on Wednesday. The programme will be live on University’s facebook page.

Teach Son, Tell Son: Smt Pratibha Pandey Workshop on ‘Sexual Harassment of Women at Workplace’ held in MCU, Internal Complaint Committee reconstituted Bhopal, 3 November, 2020: ‘To give a safe environment to daughters, it is necessary that we teach and tell our sons. Parents should talk with their sons about their behaviour outside. Their attitude towards…

बेटे को पढ़ाएं, बेटे को समझाएं : श्रीमती प्रतिभा पांडेय

बेटे को पढ़ाएं, बेटे को समझाएं : श्रीमती प्रतिभा पांडेय

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न विषय पर कार्यशाला का आयोजन, विश्वविद्यालय में आंतरिक शिकायत समिति का गठन

भोपाल, 03 नवम्‍बर, 2020: बेटियों को सुरक्षित वातावरण देने के लिए आवश्यक है कि हम ‘बेटे को पढ़ाएं, बेटे को समझाएं’। अभिभावकों को अपने बेटों से बात करनी चाहिए कि जब वे घर से बाहर निकलें, तब उनका व्यवहार कैसा होना चाहिए। महिला सहकर्मियों एवं सहपाठी छात्राओं के प्रति उनका दृष्टिकोण वैसा ही होना चाहिए, जैसा अपने परिवार की महिलाओं के प्रति रहता है। यह विचार जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड, भोपाल की सदस्य एवं अधिवक्ता श्रीमती प्रतिभा पांडेय ने व्यक्त किए। वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से ‘महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम-2013’ पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं। कार्यशाला की अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने की।

श्रीमती पांडेय ने कहा कि राजस्थान में भंवरी देवी के साथ हुए दर्दनाक अपराध के बाद कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीडऩ को रोकने के प्रति एक विमर्श प्रारंभ हुआ और यह कानून बन सका। श्रीमती पांडेय ने सवाल उठाया कि जो सम्मान और अधिकार महिलाओं को जन्म के साथ ही प्राप्त होने चाहिए, उसके लिए इस तरह के कानून क्यों होने चाहिए? उन्होंने कहा कि केवल कानून बनने से हम महिलाओं को सम्मान नहीं दे सकते। हमें अपनी मानसिकता में बदलाव लाना होगा। श्रीमती पांडेय ने अधिनियम की विभिन्न धाराओं की जानकारी मीडिया के विद्यार्थियों को विस्तार से दी। उन्होंने यह भी कहा कि इस अधिनियम की धारा-16 के अनुसार, जब तक महिला उत्पीडऩ संबंधी मामले की सुनवाई चल रही है, तब तक उससे जुड़ी किसी भी जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि मीडिया में आने वाले विद्यार्थियों को इस बात को ध्यान में रखना चाहिए।

महिला विषयक कानूनों के प्रति जागरूकता लाए मीडिया :

कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि महिलाओं से जुड़े कानूनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। महिलाओं के प्रति बड़े अपराध छोटी-छोटी घटनाओं से शुरू होते हैं, जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं। यह विषय सिर्फ छात्राओं के लिए नहीं है, बल्कि इसे छात्रों को भी समझना चाहिए। माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को महिला विषयक मुद्दों पर एक आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए। मीडिया समाज को नेतृत्व प्रदान करता है इसलिए मीडिया के लोगों को अपने समाज में महिला विषयक कानूनों के प्रति जागरूकता लाने के प्रयास करने चाहिए। कार्यशाला का संचालन नवीन मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग एवं आईसीसी की अध्यक्ष प्रो. पी. शशिकला ने और आभार व्यक्त कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने किया।

महिला यौन उत्पीडऩ रोकने समिति का गठन :

कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीडऩ रोकने के लिए विश्वविद्यालय में आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का गठन भी किया गया है। समिति की अध्यक्ष प्रो. पी. शशिकला और सदस्य डॉ. उर्वसी परमार, राहुल खडिय़ा, विवेक सावरीकर, श्रीमती तृप्ति वाजपेयी हैं। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड, भोपाल की सदस्य एवं अधिवक्ता श्रीमती प्रतिभा पांडेय भी इस समिति की सदस्य हैं।

‘मीडिया: कल, आज और कल’ विषय पर व्याख्यान आज :

बुधवार सांय 4 बजे ‘मीडिया: कल, आज और कल’ विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे कुलपति प्रो. केजी सुरेश। विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर लाइव रहेगा कार्यक्रम।

विश्वविद्यालय फेसबुक पेज का लिंक – https://www.facebook.com/mcnujc91

बेटे को पढ़ाएं, बेटे को समझाएं : श्रीमती प्रतिभा पांडेय माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में ‘महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन, विश्वविद्यालय में आंतरिक शिकायत समिति का गठन भोपाल, 03 नवम्‍बर, 2020: बेटियों को सुरक्षित वातावरण देने के लिए आवश्यक है कि हम ‘बेटे को पढ़ाएं, बेटे…

अपने भवन में संचालित होगा खंडवा स्थित ‘कर्मवीर परिसर’

अपने भवन में संचालित होगा खंडवा स्थित ‘कर्मवीर परिसर’

खंडवा परिसर के निरीक्षण पर पहुंचे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा

भोपाल, 01 नवम्‍बर, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश खंडवा स्थित कर्मवीर विद्यापीठ परिसर के प्रवास पर पहुंचे हैं। वहां उन्होंने परिसर के लिए चिन्हित भूमि का निरीक्षण भी किया और कहा कि जल्द ही दादा माखनलाल चतुर्वेदी की कर्मस्थली खंडवा में विश्वविद्यालय का परिसर अपने भवन में संचालित होगा।

कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कर्मवीर परिसर के शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने सुप्रसिद्ध गायक किशोर दा को याद करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के खंडवा परिसर में सिनेमा स्टडीज का विशेष कोर्स चलाया जाएगा। यह कोर्स केवल इसी परिसर में चलेगा। इसके साथ ही मीडिया कर्मियों और विद्यार्थियों के लिए लोक स्वास्थ्य संचार का सर्टिफिकेट प्रोग्राम भी चलाये जाने की बात उन्होंने कही। विश्वविद्यालय इस पाठ्यक्रम को यूनिसेफ के साथ मिलकर संचालित करेगा। विद्यार्थियों के लिए प्रायोगिक दृष्टिकोण से पत्रकारों के मार्गदर्शन में मेंटरशिप प्रोग्राम भी चलाया जाएगा।

समीक्षा बैठक में निर्णय हुआ कि खंडवा परिसर के विद्यार्थियों के शिक्षण के लिए भोपाल परिसर से प्रति सप्ताह के आधार पर विशेषज्ञ शिक्षकों को भेजा जाएगा। अभी इन कक्षाओं को ऑनलाइन माध्यम से संचालित किया जायेगा। समीक्षा बैठक में कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी, परिसर प्रभारी संदीप भट्ट तथा परिसर के शिक्षक, कर्मचारी मौजूद रहे।

अपने भवन में संचालित होगा खंडवा स्थित ‘कर्मवीर परिसर’ खंडवा परिसर के निरीक्षण पर पहुंचे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा भोपाल, 01 नवम्‍बर, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश खंडवा स्थित कर्मवीर विद्यापीठ परिसर के प्रवास पर पहुंचे हैं।…

‘Karmaveer Parisar’ to have its own building

‘Karmaveer Parisar’ to have its own building

 Vice Chancellor Prof KG Suresh visits Khandwa campus of MCU

Bhopal, 01 November, 2020: Vice Chancellor of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Prof KG Suresh visited Karmaveer Vidyapeeth Parisar at Khandwa. Prof Suresh inspected the proposed campus site and said the campus will soon have its own building.

Vice Chancellor Prof Suresh took the stock of activities in a meeting with teachers and other staff members. Here, remembering film singer Kishore Kumar, he said, a course on cinema studies will be introduced in the campus. The University will run this course only in Khandwa campus. A certificate programme on public health communication will also be introduced, in collaboration with UNICEF. Mentorship programme will be launched for students.

It was decided that senior teachers from Bhopal campus will visit the campus to teach students every week. Their classes will be conducted online at present. Registrar Prof Avinash Bajpai and campus in-charge Sandip Bhatt, teachers and employees were present there.

‘Karmaveer Parisar’ to have its own building  Vice Chancellor Prof KG Suresh visits Khandwa campus of MCU Bhopal, 01 November, 2020: Vice Chancellor of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Prof KG Suresh visited Karmaveer Vidyapeeth Parisar at Khandwa. Prof Suresh inspected the proposed campus site and said the campus will soon have…

शोध मात्र उपाधि प्राप्त करना नहीं है, यह तपस्या है

शोध मात्र उपाधि प्राप्त करना नहीं है, यह तपस्या है

शास्त्र के पास जाने से बढ़ती है विज्ञान की समझ

गूगल सर्च को रिसर्च नहीं समझें

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के तीन दिवसीय सत्रारंभ समारोह का समापन

भोपाल, 28 अक्‍टूबर,2020: शोध एक गंभीर मुद्दा है, इसलिए उसमें एक दृष्टि होना आवश्यक है। शोध एक उपाधि प्राप्त करना नहीं है, बल्कि वह तपस्या है। यह बहुत परिश्रम और गहन अध्ययन का विषय है। भारतीय संदर्भों के बिना भारतीय समाज को समझना मुश्किल है। इसलिए शोध में भारतीय दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है। मनुष्य जैसे-जैसे शास्त्र के पास जाता है, वैसे-वैसे वह जानने लगता है, उसे बोध होने लगता है, विज्ञान की समझ बढ़ती है। यह विचार महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा ने व्यक्त किए। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सत्रारंभ-2020 के समापन सत्र में उन्होंने ‘संचार में शोध : भारतीय दृष्टि’ विषय पर नवागत विद्यार्थियों को संबोधित किया।

प्रो. संजीव शर्मा ने कहा कि पढऩा ही पर्याप्त नहीं, यह आवश्यक है कि हमने जो पढ़ा है उसका बोध कितना है। जो सीखा है, उसको आत्मसात कर, उसे अभिव्यक्त करने की क्षमता विकसित करना भी जरूरी है। हमारा अध्ययन हमारी समझ को विकसित करता है। उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन कहता है कि सत्य बोलना ही महत्वपूर्ण नहीं है, अपितु उसकी प्रस्तुति भी महत्व रखती है। हमारी प्रस्तुति सुरुचिपूर्ण हो। भाषा शुद्ध हो। शब्दों के चयन में बहुत सावधानी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को भी कोई सूचना को समाचार के रूप में प्रकाशित करने से पहले पर्याप्त जानकारी प्राप्त कर लेना चाहिए ताकि बाद में उसके लिए खेद प्रकट न करना पड़े।

समापन सत्र में माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि कुछ लोगों ने गूगल सर्च को ही रिसर्च समझ लिया है। शोध एक वृहद विषय है। उन्होंने बताया कि आज ऐसे शोध की आवश्यकता है, जो समाज के हित में हो। जिस समय में पत्रकारिता में फेक कंटेंट की भरमार है, तब पत्रकारिता में शोध की अत्यंत आवश्यकता है। आज मीडिया में विशेषज्ञता की आवश्यकता है। इसलिए नवागत विद्यार्थियों को अध्ययन की प्रवृत्ति विकसित करना चाहिए। ‘मीडिया मैनेजमेंट’ विषय पर कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि मीडिया मैनेजमेंट के पाठ्यक्रम को हमें मीडिया गवर्नेंस के तौर पर पढ़ाना चाहिए। आज अनेक युवा मीडिया के क्षेत्र में अपने स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं। मीडिया गवर्नेंस पाठ्यक्रम के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षित किया जा सकता है ताकि वे अपने स्टार्टअप को अच्छी प्रकार से स्थापित कर सकें।

मीडिया उद्यमी बनने का सबसे अच्छा समय :

‘मीडिया मैनेजमेंट’ विषय पर बिजनेस वर्ल्ड के मुख्य संपादक अनुराग बत्रा ने कहा कि अगर मीडिया में रहना चाहते हैं तो जितना हो सके मीडिया को पढि़ए, मीडिया को देखिए और मीडिया को सुनिए। उन्होंने कहा कि मीडिया में उद्यमी बनने के लिए यह सबसे अच्छा समय है। एक सफल मीडिया एंटरप्रेन्योर बनने के लिए जुनून, सकारात्मकता और उद्देश्य प्रमुख हैं। उन्होंने नवागत विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए कहा कि आप लक्ष्य बनाइए, महत्वाकाक्षांए पालिए, ऊर्जा अपने आप आएगी।

आईटी का पत्रकारिता में उपयोग :

‘कम्प्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में संभावनाएं’ विषय पर स्कूल ऑफ कम्प्यूटर साइंस यूपीएस, देहरादून के डीन डॉ. मनीष प्रतीक ने कहा कि प्रोग्राम लैंग्वेज हिन्दी और अंग्रेजी भाषा से अलग नहीं है, ये भी एक भाषा ही है। आज प्रोग्राम लैंग्वेज के साथ ही एल्गोरिदम को सीखना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि आईटी का उपयोग करके आप अच्छे पत्रकार बन सकते हैं। आईटी के माध्यम से आप डेटा का विश्लेषण कर सकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से मीडिया के क्षेत्र में फेक कंटेंट की पहचान करने की व्यवस्था बनाई जा सकती है। 

पॉडकास्ट में निवेश कर रही हैं बड़ी संस्थाएं :

‘ऑडियो स्ट्रीमिंग का भविष्य’ जैसे नवाचारी विषय पर सुप्रसिद्ध आरजे और कम्युनिकेशन विशेषज्ञ सुश्री सिमरन कोहली ने कहा कि पॉडकास्ट के क्षेत्र में बड़े संस्थान निवेश कर रहे हैं। इसका अर्थ यही है कि भारत में रेडियो का विस्तार हो रहा है। पॉडकास्ट के क्षेत्र में आने से पहले विद्यार्थियों को इसकी तकनीक को समझ लेना चाहिए। यूनिसेफ जैसी संस्थाएं भी रेडियो और पॉडकास्ट के माध्यम से जन-जागरूकता के कार्यक्रम चला रही हैं। उन्होंने कहा कि सामुदायिक रेडियो भारत में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

शोध मात्र उपाधि प्राप्त करना नहीं है, यह तपस्या है शास्त्र के पास जाने से बढ़ती है विज्ञान की समझ गूगल सर्च को रिसर्च नहीं समझें माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के तीन दिवसीय सत्रारंभ समारोह का समापन भोपाल, 28 अक्‍टूबर,2020: शोध एक गंभीर मुद्दा है, इसलिए उसमें एक दृष्टि होना आवश्यक है।…

पत्रकारिता में लक्ष्मणरेखा ध्यान में रखकर उठा सकते हैं खतरे

पत्रकारिता में लक्ष्मणरेखा ध्यान में रखकर उठा सकते हैं खतरे

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के तीन दिवसीय सत्रारंभ में दूसरे दिन वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता, उमेश उपाध्याय, अशोक श्रीवास्तव और नवनीत आनंद ने किया नवागत विद्यार्थियों को संबोधित

भोपाल, 27 अक्‍टूबर, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सत्रारंभ-2020 में दूसरे दिन पद्मश्री से अलंकृत एवं वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने कहा कि यह कहना सही नहीं कि आज पत्रकारिता के सामने अधिक कठिनाई है। वास्तविकता यह है कि पत्रकारिता में हर युग में चुनौतियां रही हैं। यदि लक्ष्मणरेखा को ध्यान में रखें तभी हम पत्रकारिता में खतरे उठा सकते हैं। आज पत्रकारिता इसलिए सुरक्षित है क्योंकि हमारे प्रारंभिक पत्रकारों एवं संपादकों ने लक्ष्मणरेखा नहीं लांघी।

‘पत्रकारिता की लक्ष्मणरेखा’ पर अपने विचार रखते हुए श्री मेहता ने कहा कि सबसे सबसे बड़ा संकट विश्वसनीयता का है। पत्रकारों को विश्वसनीयता बचाए रखने के प्रयास करने चाहिए। उसे किसी का पक्षकार बनने से बचना चाहिए। जब कोई भरोसा करके आपको सूचना या समाचार देता है, तब उसे लीक नहीं करना चाहिए, उसकी जाँच करके प्रकाशित करना चाहिए। पत्रकारों को अपनी पाचनशक्ति को मजबूत रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को भ्रम फैलाने वाली खबरों के प्रसारण से बचना चाहिए।

पत्रकार न विपक्ष का और न सत्ता पक्ष का :

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि आज भी पत्रकारिता के मूलभूत सिद्धातों में कोई अंतर नहीं आया है। अंतर सिर्फ तकनीकी और माध्यम में आया है। उन्होंने कहा कि न्यू मीडिया और डिजिटल मीडिया ने सूचना और समाचारों का लोकतांत्रिकरण एवं विकेंद्रीकरण किया है। प्रो. सुरेश ने कहा कि पत्रकार न विपक्ष का होता है और न ही सत्ता पक्ष का। उसका मात्र एक ही पक्ष होता है और वह है, जनपक्ष।

बढ़ गई है डिजिटल मीडिया की खपत :

‘न्यू मीडिया : अवसर और चुनौतियां’ विषय पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के मीडिया निदेशक एवं अध्यक्ष उमेश उपाध्याय ने कहा कि कोरोना काल में डिजिटल मीडिया की उपयोगिता सामने आई और उसका दायरा भी बढ़ा। इस दौरान न केवल शहरों में बल्कि ग्रामीण भारत में भी डिजिटल कंटेंट देखे जाने की प्रवृत्ति बहुत बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत में चीन के मुकाबले प्रति व्यक्ति डेटा की खपत अधिक है। भारत में प्रति व्यक्ति 12 जीबी डेटा की खपत है। पत्रकारिता के विद्यार्थियों को डेटा और उसके विश्लेषण की विधि को समझना चाहिए। आज समाचारों की दुनिया मोबाइल फोन में सिमट गई है। दुनिया में 91 प्रतिशत डेटा मोबाइल के माध्यम से उपयोग हो रहा है।

प्रयोगों में कंटेंट नहीं दबना चाहिए :

‘टेलीविजन समाचारों के बदलते प्रतिमान’ विषय पर डीडी न्यूज के सलाहकार संपादक अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि तीन दशक में टेलीविजन पत्रकारिता और उसके समाचारों के प्रस्तुतिकरण में व्यापक बदलाव आया है। हर दौर में टेलीविजन में बदलाव आया है और उन बदलावों का विरोध हुआ है। समाचार प्रस्तुतिकरण में होने वाले प्रयोगों से दिक्कत नहीं होनी चाहिए, तकलीफ इस बात की होती है कि इन प्रयोगों में कई बार कंटेंट दब जाता है। उन्होंने कहा कि टीआरपी की व्यवस्था न्यूज चैनल्स के लिए ठीक नहीं है, इसे बंद कर देना चाहिए।

संचार के तरीकों को सरल बनाना है जनसंपर्क :

‘कोविड उपरांत व्यवसाय के लिए जनसंपर्क वैक्सीन’ पर अपनी बात रखते हुए ग्रे मैटर्स कम्युनिकेशन्स के संस्थापक डॉ. नवनीत आनंद ने कहा कि जनसंपर्क विधा में हम ब्रांड की छवि और उसके प्रति बनी अवधारणा का प्रबंधन करते हैं। अच्छे जनसंपर्क अधिकारी की विशेषता होती है कि वे संचार के तरीकों को सरल बनाते हैं। जनसंपर्क के क्षेत्र में हम संकट के समय में लोगों का उत्साह बढ़ाते हैं, उनको प्रेरित करते हैं। कोरोना के कारण व्यावसायिक क्षेत्र में अनेक प्रकार के संकट आए हैं, जिनसे बाहर निकलने में पीआर बहुत उपयोगी साबित होगा। 

सत्रारंभ में आज इन विषयों पर होंगे व्याख्यान :

 28 अक्टूबर को सुबह 10:00 बजे ‘मीडिया मैनेजमेंट’ विषय पर बिजनेस वर्ल्ड के एडिटर इन चीफ श्री अनुराग बत्रा, सुबह 11:30 बजे ‘कम्प्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में संभावनाएं’ विषय पर स्कूल ऑफ कम्प्यूटर साइंस यूपीएस, देहरादून के डीन डॉ. मनीष प्रतीक और दोपहर 2:00 बजे ‘ब्रॉडकास्ट का भविष्य’ विषय पर प्रख्यात आरजे सिमरन कोहली विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करेंगी। समापन सत्र में अपराह्न 3:30 बजे महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतीहारी (बिहार) के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा बतौर मुख्य अतिथि एवं वक्ता उपस्थित रहेंगे। समापन सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. केजी सुरेश करेंगे।

सभी व्याख्यान का प्रसारण विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज पर होगा-

https://www.facebook.com/mcnujc91

पत्रकारिता में लक्ष्मणरेखा ध्यान में रखकर उठा सकते हैं खतरे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के तीन दिवसीय सत्रारंभ में दूसरे दिन वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता, उमेश उपाध्याय, अशोक श्रीवास्तव और नवनीत आनंद ने किया नवागत विद्यार्थियों को संबोधित भोपाल, 27 अक्‍टूबर, 2020: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सत्रारंभ-2020 में…

‘We can take risk in journalism, if we follow ‘Lakshman Rekha’

‘We can take risk in journalism, if we follow ‘Lakshman Rekha’

Senior journalist Alok Mehta, Umesh Upadhyay, Ashok Shrivastava and Navneeet Anand address new students on second day in Orientation Programme in MCU

Bhopal, 27 October, 2020: Senior journalist and Padmashri recipient Shri Alok Mehta today said there have been challenges in journalism in every age. We can take risk only when we follow certain boundaries (‘Lakshman Rekha’). Today journalism is more credible because the eminent journalists in the past did not cross their boundaries.

Addressing the session on ‘Patrakaron ki Lakshaman Rekha’ during the three-day orientation programme of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication, Shri Mehta said journalists should make efforts to save credibility of media, which is the biggest challenge. Media persons should avoid news which create confusion in public.

Journalist has to be pro-people

Presiding over the session, Vice Chancellor of the University, Prof  KG Suresh said ‘there is no change in basic principles of journalism. Only technology has changed. New media and digital media have democratized and decentralised the information world. Prof Suresh said a journalist does not favour opposition or ruling side. He favours only public.

Digital consumption has grown

Discussing with students on ‘New Media: Opportunities and Challenges’, Media Director and President of Reliance Industries, Umesh Upadhyay said use and consumption of digital media has increased exponentially in Covid-19 period. People in rural pockets are consuming digital content. At present, data consumption of an average person in India is 12 GB. As a student of journalism and communication, one must understand data and its analytics. News world has been limited in smart phone. Around 91 percent data is being used through mobile phones.

Quality of content should not be compromised in experiment

Senior Consulting Editor of DD News Ashok Shrivastava spoke on ‘Changing Dimensions of Television News’. He said television journalism has witnessed remarkable change in the last three decades. Experiments should go on in news and presentation but there should be no compromise with quality of content. He said TRP system should be abolished.

Public Relations simplifies communication

Talking on ‘In Post Covid World, Business will Require PR Vaccine’, Founder and Director of Grey Matters Communication Dr Navneet Anand said image branding and perception management is the prime area of public relations field. Public Relations officers simplify communication and motivate people for participation. Public Relations practice will be required as a vaccine for promotion of business in the post Covid age.

Valedictory session today

Editor-in-Chief of Business World, Shri Anurag Batra will interact with students on ‘Media Management’ at 10 am. Dean of School of Computer Science, UPS, Dehradun, Dr Manish Pratik will deliver lecture ‘Prospects in Computer Science Field’, at 11.30 am and famous RJ Simran Kohli will interact with students on ‘Future of Broadcast’ at 2 pm. Vice Chancellor of Mahatma Gandhi Central University, Motihari, Prof Sanjeev Sharma will be chief guest and keynote speaker of the valedictory function to be held at 3.30 pm. He will address on ‘Research in Communication: Indian Perspectives’. Vice Chancellor Prof Suresh will chair the session.

‘We can take risk in journalism, if we follow ‘Lakshman Rekha’ Senior journalist Alok Mehta, Umesh Upadhyay, Ashok Shrivastava and Navneeet Anand address new students on second day in Orientation Programme in MCU Bhopal, 27 October, 2020: Senior journalist and Padmashri recipient Shri Alok Mehta today said there have been challenges in journalism in every…