एमसीयू में ‘‘डिजिटल मीडिया: ए चैलेंज फॉर डेवलपिंग नेशन्स’’ विषयक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 9 नवम्बर से

एमसीयू में ‘‘डिजिटल मीडिया: ए चैलेंज फॉर डेवलपिंग नेशन्स’’ विषयक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 9 नवम्बर से

 

भोपाल, 07 नवम्‍बर, 2019: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा 9 से 11 नवम्बर 2019 तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी का विषय ‘‘डिजिटल मीडिया: ए चैलेंज फॉर डेवलपिंग नेशन्स’’ हैं। संगोष्ठी उदघाटन 9 नवम्बर प्रातः 11 बजे विश्वविद्यालय के एम.पी. नगर स्थिति परिसर के सभागार में होगा। उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि म.प्र. के जनसंपर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा होंगे। सत्र की मुख्य वक्ता नीदरलैंड की वरिष्ठ पत्रकार तेन्जा वेन बर्जर होंगी। सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी करेंगे।

          यह संगोष्ठी इंडियन कौंसिल ऑफ़ सोशल साइंस एण्ड रिसर्च की इम्प्रेस परियोजना के अन्तर्गत किया जा रहा है। संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय के विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा किया जा रहा है। इस संगोष्ठी में डिजिटल मीडिया और विकाशसील राष्ट्रों के समक्ष आ रही चुनौतियों के विविध पहलुओं पर भारत के विभिन्न राज्यों के सौ से अधिक शिक्षकशोधार्थी एवं मीडिया कर्मी विचार विमर्श करेंगे। संगोष्ठी में प्राप्त शोध पत्रों को संपादित कर तैयार की गई पुस्तक का विमोचन भी संगोष्ठी में किया जाएगा। संगोष्ठी में आठ तकनीकी सत्रों में डिजिटल मीडिया के विविध पहलुओं पर शोधार्थियों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किये जाएंगे। संगोष्ठी में विभिन्न सत्रों में डिजिटल मीडिया की चुनौतियों पर विषय विशेषज्ञ डॉ. हेमा बनातीश्री दयाशंकर मिश्राश्री दिवाकर शुक्ला एवं श्री अनुज खरे अपने विचार रखेंगे।

एमसीयू में ‘‘डिजिटल मीडिया: ए चैलेंज फॉर डेवलपिंग नेशन्स’’ विषयक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 9 नवम्बर से   भोपाल, 07 नवम्‍बर, 2019: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा 9 से 11 नवम्बर 2019 तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी का विषय ‘‘डिजिटल मीडिया: ए चैलेंज फॉर डेवलपिंग नेशन्स’’ हैं। संगोष्ठी उदघाटन 9 नवम्बर प्रातः 11 बजे विश्वविद्यालय के एम.पी. नगर…

Three Day International Conference on “Digital Media: A Challenge For Developing Nations” in MCU  from 9 November

Three Day International Conference on “Digital Media: A Challenge For Developing Nations” in MCU  from 9 November

Bhopal, 07th November, 2019: Makhanlal Chaturvedi  National University of Journalism and Communication is organising a Three-day  International Conference on” Digital Media: A Challenge For Developing Nations” on   9 to 11 November 2019.The conference will be inaugurated in the university campus at M.P. Nagar at 11 am on 9 November.  Shri P.C. Sharma, Minister Public Relations will be the chief guest for the Inaugural session and Shri Sanjay Shukla, Principal Secretary, Public Relations will be the Guest of honour. The key note speaker for the session will be Mrs. Tanja Van Bergen, Senior journalist from Netherlands. Vice Chancellor of the University Shri Deepak Tiwari will chair the session. This Conference is being organised under the Impress Project of Indian Council of Social Science Research by the Department of Advertising Public Relations of the University. The conference will provide a platform to more than 100 Academicians, Research Scholars and media professionals from across the country to discuss the challenges of digital media faced by developing nations.  The research papers compiled in the form of a book will also be released during the conference. The researchers will present their research papers on the different aspects of digital media in eight technical sessions of the conference. Eminent experts including Dr.Hema Banati, Shri Dayashankar Mishra. Shri Diwakar Shukla and Shri Anuj Khare will also present their thoughts in the various sessions during  the 3 day Conference.

Three Day International Conference on “Digital Media: A Challenge For Developing Nations” in MCU  from 9 November Bhopal, 07th November, 2019: Makhanlal Chaturvedi  National University of Journalism and Communication is organising a Three-day  International Conference on” Digital Media: A Challenge For Developing Nations” on   9 to 11 November 2019.The conference will be inaugurated in the…

दो दिवसीय संकाय विकास कार्यशाला का सफलतापूर्वक समापन

दो दिवसीय संकाय विकास कार्यशाला का सफलतापूर्वक समापन

भोपाल, 5 नवंबर, 2019: लाईनेक्स विषय पर आयोजित दो दिवसीय संकाय विकास कार्यशाला का सफलतापूर्वक समापन प्रतिभागियों से अंतर्संवाद और विषय के लघु प्रस्तुतिकरण के साथ हुआ। इस अवसर पर कुलपति श्री दीपक तिवारी ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। आज द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र की शुरूआत लाईनेक्स की आधारभूत प्रणाली पर वक्तव्य से शुरू हुई। सत्र में विषय विशेषज्ञों द्वारा लाईनेक्स के ग्राफीकल यूजर इंटरफेस व पैकेज इंस्टालेशन से संबंधित जानकारी दी गई। भोजन अवकाश सत्र के पश्चात लाईनेक्स विषय के सभी तकनीकी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई व प्रस्तुतिकरण भी हुए। प्रतिभागियों ने एकमत से कार्यशाला की सराहना की तथा भविष्य में क्लाउड कम्प्यूटिंग, मोबाईल एप्लीकेशन, सायबर सुरक्षा आदि पर भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के सुझाव दिए। इस अवसर पर विश्‍वविद्यालय के कुलाधिसचिव, डॉ. श्रीकांत सिंह, कुलसचिव, श्री दीपेन्द्र सिंह बघेल, निदेशक, ए.एस.आई., डॉ. मनीष माहेश्‍वरी, निदेशक प्रशिक्षण, डॉ. अनुराग सीठा और परीक्षा नियंत्रक, डॉ. राजेश पाठक उपस्थित हुए।

संबद्ध अध्ययन केन्द्र संस्थाएं विभाग की ओर से आभार श्री विवेक सावरीकर, सहायक कुलसचिव ने व्यक्त किया।

Download all images of 05 November, 2019

दो दिवसीय संकाय विकास कार्यशाला का सफलतापूर्वक समापन भोपाल, 5 नवंबर, 2019: लाईनेक्स विषय पर आयोजित दो दिवसीय संकाय विकास कार्यशाला का सफलतापूर्वक समापन प्रतिभागियों से अंतर्संवाद और विषय के लघु प्रस्तुतिकरण के साथ हुआ। इस अवसर पर कुलपति श्री दीपक तिवारी ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।…

सम्बद्ध अध्ययन संस्थाओं के शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आज से शुरू

सम्बद्ध अध्ययन संस्थाओं के शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आज से शुरू

भोपाल, 4 नवम्बर, 2019: विश्‍वविद्यालय के सम्बद्ध अध्ययन संस्थाओं के कम्प्यूटर शिक्षकों को ‘लाईनेक्स’ विषय की बारीकियों से अवगत कराने के लिए दो दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम (फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम) आज से विश्‍वविद्यालय परिसर में शुरू हुआ। इस अवसर पर प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कुलपति श्री दीपक तिवारी ने कहा कि विद्यार्थियों को हर दृष्टि से उत्कृष्ट बनाना आवश्‍यक है। इसके लिए शिक्षकों को चाहिए कि वे वैचारिक संकीर्णता से दूर होकर विद्यार्थियों के मन में भारतीय संविधान की भावना का संचार करें। तभी विद्यार्थी वास्तविक अर्थ में उत्कृष्टता की ओर बढ़ेंगे।

उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में हर जाति, भाषा, धर्म, नस्ल के नागरिकों को समान अधिकार प्रदत्त हैं। परंतु कतिपय तत्वों द्वारा सोशल मीडिया के संसाधनों का दुरूपयोग कर संगठित रूप से वैमनस्यता का जहर समाज में फैलाया जा रहा है। शिक्षकों का कर्तव्य है कि वे तकनीकी ज्ञान से विद्यार्थियों को परिचित कराते समय इन खतरों के प्रति भी उन्हें आगाह करें।

बीसीए पाठ्यक्रम के एक महत्वपूर्ण विषय- ‘‘लाईनेक्स’’ पर केन्द्रित इस कार्यशाला में प्रदेश के 25 शहरों से सम्बद्ध अध्ययन संस्थाओं के कुल 44 संकाय सदस्य भाग ले रहे हैं। कार्यशाला के प्रथम दिन के चार सत्रों में प्रतिभागियों को लाईनेक्स का परिचय, पर्सनल कम्प्यूटर पर लाईनेक्स का उपयोग, वी.आई.एम. एडीटर एवं लाईनेक्स कमाण्ड्स तथा शैल प्रोग्रामिंग और लाईनेक्स इंस्टालेशन पर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। निदेशक (एएसआई) डॉ. मनीष माहैश्‍वरी ने कार्यशाला का विषय प्रवर्तन किया। उन्होंने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि विश्‍वविद्यालय द्वारा विषय आधारित तकनीकी प्रशिक्षण दिये जाने की पहल की गई है। संकाय विकास कार्यशाला का यह शुरूआती प्रयास है और भविष्य में सम्बद्ध अध्ययन संस्थाओं के शिक्षकों का तकनीकी कौशल बढ़ाने के लिए और भी विषयों को लेकर ऐसे प्रशिक्षण आयोजन किए जाते रहेंगे। कम्प्यूटर विभाग के प्राध्यापक और निदेशक, प्रशिक्षण डॉ. अनुराग सीठा ने लाईनेक्स विषय की उपयोगिता और महत्व पर प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र का संचालन सहायक कुलसचिव श्री विवेक सावरीकर ने किया। इसके पूर्व गाडरवारा की सारा कम्प्यूटर एज्युकेशन की संकाय सदस्य सुश्री अंजुम बानो और विक्रमादित्य इंस्टीट्यूट ऑफ कम्प्यूटर साइंस एण्ड टेक्नोलाजी, भोपाल के श्री गिरीराज हारोड़े ने कुलपति का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया।

सम्बद्ध अध्ययन संस्थाओं के शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आज से शुरू भोपाल, 4 नवम्बर, 2019: विश्‍वविद्यालय के सम्बद्ध अध्ययन संस्थाओं के कम्प्यूटर शिक्षकों को ‘लाईनेक्स’ विषय की बारीकियों से अवगत कराने के लिए दो दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम (फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम) आज से विश्‍वविद्यालय परिसर में शुरू हुआ। इस अवसर पर प्रतिभागियों को संबोधित करते…

एमसीयू और यूनिसेफ बाल अधिकारों पर मिलकर काम करेंगे

एमसीयू और यूनिसेफ बाल अधिकारों पर मिलकर काम करेंगे

भोपाल, 29 अक्टूबर, 2019: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय एवं यूनिसेफ बाल अधिकारों पर साथ मिलकर काम करेंगे। इस आशय का सहमति पत्र आज विश्वविद्यालय में हस्ताक्षरित किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी की उपस्थिति में यूनिसेफ की ओर से मध्यप्रदेश प्रमुख श्री माइकल जूमा एवं विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव श्री दीपेन्द्र सिंह बघेल ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये।

विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने बताया कि विश्वविद्यालय ने बाल अधिकारों के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार में भागीदारी का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय बाल अधिकारों से जुड़े विभिन्न पक्षों को मीडिया के विभिन्न पाठ्यक्रमों में शामिल करेगा। बाल अधिकारों पर केन्द्रित कार्यशालाओं का आयोजन करेगा। इसके साथ ही विद्यार्थियों के लिए बाल अधिकारों पर केन्द्रित कुछ फैलोशिप भी विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जायेंगी। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं में बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता पैदा करना है और उन्हें बाल अधिकारों के प्रति संवेदनशील बनाना है।

यूनीसेफ के मध्यप्रदेश प्रमुख श्री माइकल जूमा ने बताया कि विश्व बाल अधिकार समझौते के हस्ताक्षर की 30वीं वर्षगांठ मना रहा है। आज भी बाल अधिकारों पर सक्रियता से काम करने की आवश्यकता है। इसी को देखते हुए यूनीसेफ ने विश्वविद्यालय के साथ बाल अधिकारों के क्षेत्र में मिलकर काम करने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर यूनीसेफ के संचार विशेषज्ञ श्री अनिल गुलाटी विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव प्रो. श्रीकांत सिंह, डीन अकादमिक प्रो. पवित्र श्रीवास्तव एवं निदेशक प्रशिक्षण डा. अनुराग सीठा उपस्थित थे।

एमसीयू और यूनिसेफ बाल अधिकारों पर मिलकर काम करेंगे भोपाल, 29 अक्टूबर, 2019: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय एवं यूनिसेफ बाल अधिकारों पर साथ मिलकर काम करेंगे। इस आशय का सहमति पत्र आज विश्वविद्यालय में हस्ताक्षरित किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी की उपस्थिति में यूनिसेफ की ओर से मध्यप्रदेश प्रमुख…

पत्रकारिता विश्वविद्यालय के फिल्म प्रोडक्शन के विद्यार्थियों का इंग्लैंड में परचम

पत्रकारिता विश्वविद्यालय के फिल्म प्रोडक्शन के विद्यार्थियों का इंग्लैंड में परचम

“इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल” में शॉर्ट-फिल्म “बरखा-ए-बरकत” को “7 वां” स्थान

भोपाल, बुधवार 23 अक्‍टूबर, 2019: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्विद्यालय भोपाल के विद्यार्थियों ने इंग्लैंड के “इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल” में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। इंग्लैंड में आयोजित अतंर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव “द लिफ्ट ऑफ सेशन” में विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के अंतर्गत एम.एससी. फिल्म प्रोडक्शन के विद्यार्थियों की बनाई गई शॉर्ट-फिल्म “बरखा-ए-बरकत” को “7 वां” स्थान प्राप्त हुआ है। फिल्म प्रोडक्शन के विद्यार्थी महरुख अली अंसारी इसके डायरेक्टर, प्रोड्यूसर हैं, तो वहीं इस मूवी की सिनेमेटोग्राफी भी उन्होंने ही की हैं । विद्यार्थी शैलेन्द्र सिंह एवं सिमोन स्वराज ने इसे एडिट किया है । शशांक सिंह एवं विनय कुमार यादव ने इसमें संवाद लिखे हैं । शशांक सिंह, रवि किस्पोट्टा, एवं गगन लोधी ने इस शॉर्ट फिल्म में अभिनय किया है, वहीं फिल्म की पटकथा कोमल केसरवानी एवं महरुख अली अंसारी ने लिखी है। डायरेक्टर ऑफ लाइटिंग का कार्य राजेश साहू द्वारा किया गया है । उल्लेखनीय है कि इंग्लैंड के इस प्रतिष्ठित “इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल” के लिए पूरे विश्व से 115 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया था, जिसमें पत्रकारिता विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के द्वारा बनाई गई इस शॉर्ट फिल्म को “7 वां” स्थान प्राप्त हुआ है । 3 मिनट 48 सेकेण्ड की यह शॉर्ट फिल्म मध्यप्रदेश सरकार की किसान कर्ज माफी योजना पर केंद्रित है। विद्यार्थियों की इस बड़ी सफलता पर विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने “बरखा-ए-बरकत” शॉर्ट-फिल्म के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

पत्रकारिता विश्वविद्यालय के फिल्म प्रोडक्शन के विद्यार्थियों का इंग्लैंड में परचम “इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल” में शॉर्ट-फिल्म “बरखा-ए-बरकत” को “7 वां” स्थान भोपाल, बुधवार 23 अक्‍टूबर, 2019: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्विद्यालय भोपाल के विद्यार्थियों ने इंग्लैंड के “इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल” में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। इंग्लैंड में आयोजित अतंर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव…

मीडिया प्रबंधन विभाग के ‘कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन’ विद्यार्थियों द्वारा “कॉर्पोरेट कम्युनिस” नामक हाउस जर्नल का कुलपति द्वारा विमोचन

मीडिया प्रबंधन विभाग के ‘कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन’ विद्यार्थियों द्वारा “कॉर्पोरेट कम्युनिस” नामक हाउस जर्नल का कुलपति द्वारा विमोचन

भोपाल, गुरूवार, 22 अक्टूबर, 2019: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के मीडिया प्रबंधन विभाग के कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन के छात्रों द्वारा उनके असाइनमेंट के तौर पर “कॉर्पोरेट कम्युनिस” मैगज़ीन का विमोचन माननीय कुलपति द्वारा किया गया। इस जर्नल को छात्रों ने गांधीजी के 150वीं वर्षगांठ पर उन्हें समर्पित करते हुए बनाया है।

छात्रों ने इस जर्नल में विभाग में होने वाली गतिविधियां, इंडस्ट्रियल विजिट, एलुमनाई कार्नर साथ ही मैनेजमेंट से जुड़े मुद्दों पर लेख भी लिखा है।

इस जर्नल की एडिटिंग – अमन राज, दीपांकर कवठेकर ने की है।

कॉपी एडिटिंग- अंशुमान सिंह

रवि रंजन सिंह , पलक शुक्ल राहुल और आशुतोष भार्गव का भी अहम योगदान रहा है।

मीडिया प्रबंधन विभाग के ‘कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन’ विद्यार्थियों द्वारा “कॉर्पोरेट कम्युनिस” नामक हाउस जर्नल का कुलपति द्वारा विमोचन भोपाल, गुरूवार, 22 अक्टूबर, 2019: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के मीडिया प्रबंधन विभाग के कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन के छात्रों द्वारा उनके असाइनमेंट के तौर पर “कॉर्पोरेट कम्युनिस” मैगज़ीन का विमोचन माननीय कुलपति द्वारा किया गया। इस…

बिना लाइट्स के कभी फिल्में नहीं बन सकती : शिव कदम

बिना लाइट्स के कभी फिल्में नहीं बन सकती : शिव कदम

कैमरे में बहुत ताकत होती है : अनवर जमाल

एमसीयू में फिल्म एप्रीसिएशन कार्यशाला का हुआ समापन

कुलाधिसचिव डॉ. सिंह, जनंसचार विभाग के अध्यक्ष संजीव गुप्ता थे उपस्थित

भोपाल, शुक्रवार, 18 अक्‍टूबर, 2019: बिना लाइट के कभी फिल्में नहीं बन सकती, क्योंकि फिल्मों में लाइट्स का बड़ा महत्व होता है। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्विद्यालय में चल रही पांच दिवसीय फिल्म एप्रीसिएशन वर्कशॉप के समापन पर ये बात मराठी एवं हिन्दी फिल्मों के प्रसिद्ध लेखक एवं निर्देशक श्री शिव कदम ने कही। पहले सत्र में “कंटेपरी डेवलपमेंट:डिजिटल टेक्नोलॉजी,स्पेशल इफेक्ट्स, एनीमेंशन, सिनेमा” एवं दूसरे सत्र में “चैंजिंग ट्रेंड्स ऑफ फिल्म प्रोडक्शन” विषय पर उन्होंने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया । श्री कदम ने जहां फिल्मों में इफेक्ट्स की बारीकियों को बहुत ही अच्छे ढंग से समझाया, तो वहीं उन्होंने आवाज के महत्व को भी बड़ी ही खूबी के साथ बताया।

आग, कप्पचीनो, जवानी जिंदाबाद विंग्स ऑफ फायर, जैसे कई मराठी फिल्मों को लिखने के साथ ही निर्देशित कर चुके कदम ने कहा कि फिल्मों में 50 प्रतिशत महत्व साउंड का होता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ विजुअल का ही फिल्मों में महत्व नहीं है, बिना साउंड के फिल्मों में जान नहीं रहेगी। एक उदाहरण के जरिए उन्होंने कहा कि फिल्मों में हड्डी टूटने की जो आवाज आपको सुनाई देती है, उस आवाज के लिए लौकी का उपयोग का किया जाता है। एक लौकी को डीप फ्रीजर में सात दिन के लिए रखा जाता है और जब इसे तोड़ा जाता है तो हड्डी टूटने जैसी आवाज निकलती है, जिसका उपयोग फिल्मों में किया जाता है। उन्होंने कहा जितने अच्छे से आप साउंड सेट करेंगे, उतनी अच्छी आप मूवी बना पाएंगे। 11 बेंगलुरु इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में जूरी रहे कदम ने कहा कि मूवी में एक-एक शॉट के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है, इसलिए जब आप फिल्में देखने जाओ तो उसे अवेयरनेश के साथ देखो । फिल्म लाइन में लगभग 20 सालों से अधिक का अनुभव रखने वाले कदम ने डिजिटल तकनीक के उपयोग के बारे में भी प्रतिभागियों को बताया।

देश के मशहूर लेखक एवं डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता श्री अनवर जमाल ने फिल्म “एनालिसिस एक्सरसाइज एवं शॉर्ट फिल्म” विषय पर कहा कि कैमरे में बहुत ताकत होती है। उन्होंने कहा कि इसमें इतनी ताकत होती है कि व्यक्ति अन्य चीजों को भूल जाता है। जमाल ने भाषा पर बोलते हुए कहा कि भाषा ऐसी होनी चाहिए कि जिससे भाव स्पष्ट हो, यदि आपकी रचना में थोड़ी भी भावना का अंश है तो आपकी रचना बड़ी हो जाएगी। कहानियों पर उन्होंने कहा कि व्यक्ति को हर वक्त कहानी बुननी चाहिए । जमाल के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति फिल्मकार बनना चाहता है तो, उसे सचेत होना होगा, और यदि वह एक एक्टर बनना चाहता हैं तो उसे खुद को ढूंढना होगा । 2002 में अपनी फीचर फिल्म स्वराज द लिटिल रिपब्लिक से प्रसिद्धि पा चुके श्री जमाल ने कहा कि दुनियां की सबसे वास्तविक चीज निरपराधता है। उन्होंने कहा यदि जीवन में उद्देश्य है तो आप उत्कृष्ट होंगे। 1989 में फ्रेंच टेलीविजन पर सामाजिक राजनीतिक कहानियों की श्रृंखला में निर्देशक के रुप में काम कर चुके श्री जमाल ने हॉलीवुड मूवीज पर भी बात की, साथ ही अपनी दो फिल्में द सेकेंड आई और कम्पार्टमेंट भी दिखाई।

पांच दिवसीय कार्यशाला के समापन के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव डॉ. श्रीकांत सिंह उपस्थित थे। समापन समारोह में कार्यशाला में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए । अंत में जनसंचार विभाग के अध्यक्ष एवं कार्यशाला के संयोजक डॉ. संजीव गुप्ता ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का आभार माना।

बिना लाइट्स के कभी फिल्में नहीं बन सकती : शिव कदम कैमरे में बहुत ताकत होती है : अनवर जमाल एमसीयू में फिल्म एप्रीसिएशन कार्यशाला का हुआ समापन कुलाधिसचिव डॉ. सिंह, जनंसचार विभाग के अध्यक्ष संजीव गुप्ता थे उपस्थित भोपाल, शुक्रवार, 18 अक्‍टूबर, 2019: बिना लाइट के कभी फिल्में नहीं बन सकती, क्योंकि फिल्मों में…

सिनेमा देखने के साथ ही समझना भी जरुरी : अनिल चौबे

सिनेमा देखने के साथ ही समझना भी जरुरी : अनिल चौबे

हर एक्ट का एक अर्थ होता है : अनवर जमाल

उदयन वाजपेयी ने सिनेमाई कलाओं की प्रकृति को समझाया

एमसीयू में चल रही फिल्म एप्रीसिएशन कार्यशाला का आज होगा समापन

भोपाल, गुरूवार, 17 अक्‍टूबर, 2019: सिनेमा मनोरंजन जरुर है, लेकिन ये पहले शिक्षित करता है, इसलिए सिनेमा देखने के साथ ही इसे समझना भी जरुरी है। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में फिल्म एप्रीसिएशन कार्यशाला के चौथे दिन ये बात फिल्म समीक्षक डॉ. अनिल चौबे ने कही। “कंटेम्परी इंडियन सिनेमा” विषय पर चयनित निर्देशकों के फिल्मी कार्य पर श्री चौबे ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सिनेमा में सब कलाएं हैं। एक फिल्म को हजारों लोग मिलकर बनाते हैं जो पर्दे के पीछे होते हैं,लेकिन पर्दे पर एक ही व्यक्ति दिखता हैं क्योंकि वह मुख्य पात्र होता है । चुनिंदा फिल्मों के कुछ खास शॉट को दिखाते हुए श्री चौबे ने विशेषतौर पर सिनेमेटोग्राफी की बाराकियों को समझाया। उन्होंने फिल्म “कागज के फूल” का उदाहरण देते हुए बताया कि इसमें जबर्दस्त सिनेमेटोग्राफी है। उन्होंने कहा कि असली हीरो वह है, जिसकी नजर से आप पर्दे पर अभिनेता को देखते हैं, और सिनेमेटोग्राफर वही काम करता है। सिनेमेटोग्राफर बड़ी गहरी समझ वाला होता है, क्योंकि वह जानता है कि निर्देशक क्या चाहता है।

सिनेमा के दृश्यों की गहरी समझ रखने वाले श्री चौबे ने सत्यजीत रे के बारे में कहा कि वे एक बड़े ग्रंथ के समान थे । रे की कई प्रसिद्ध फिल्मों की पटकथा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सत्यजीत रे भारतीय सिनेमा की वैश्विक धरोहर थे, उनमें फिल्मों की गहरी समझ थी। सिनेमा एवं नवाचार पर श्री चौबे ने कहा कि सिनेमा इनोवेशन के लिए भी जाना जाता है। सिनेमा में सबसे महत्वपूर्ण आब्जर्वेशन (अवलोकन) होता है । श्री चौबे ने कहा कि अच्छे कथानक एवं अच्छी कल्पनाशीलता के बगैर फिल्म अच्छी नहीं बन सकती । उन्होंने कहा कि सिनेमा जहां हमें चौंकाता है, वहीं एक नई दृष्टि भी देता है।

जाने माने फिल्म लेखक एवं डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता अनवर जमाल ने “इंटरप्रिटेशन ऑफ फिल्म बाय डिफरेंट डायरेक्टर्स” विषय पर कहा कि किसी भी एक्ट का, एक अर्थ होता है। बिना अर्थ के कोई एक्ट नहीं होता। जैसे क्लोजअप शॉट का अर्थ इमोशन से जुड़ा होता है। श्री जमाल ने जातक कथाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि इसमें कहानी में से कहानी निकलती है, इससे बहुत कुछ हम सीख सकते हैं। साउंड (आवाज) पर विशेष रुप से बात करते हुए उन्होंने बताया कि फिल्म में इसका कितना ज्यादा महत्व है । उन्होंने साउंड के महत्व एवं अर्थ को बताते हुए कहा कि साउंड को क्रिएट किया जाता है । सर्वश्रेष्ठ खोजी फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पा चुके श्री जमाल ने कहा कि कैमरे ने हमें क्रियटिव बनाया है, लेकिन साथ ही अत्याचारी भी बनाया है, क्योंकि आजकल कोई भी दुर्घटना घटती है तो लोग उसकी मदद करने की बजाय वीडियो बनाते लगते हैं, इसलिए हमें कैमरे के महत्व को समझते हुए, उसके साथ काम करना चाहिए। दूरदर्शन के उर्दू चैनल के सलाहकार रहे श्री जमाल ने कहा कि सिनेमा में रचनात्मकता का बहुत महत्व है।

पांच दिवसीय कार्यशाला के चौथे दिन के अंतिम सत्र में साहित्य, कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में चिर-परिचित नाम श्री उदयन वाजपेयी ने “द नेचर ऑफ सिनेमेटिक आर्ट” पर अपनी बात रखी। वाजपेयी ने सिनेमाई कलाओं की प्रकृति की बारीकियों को विशेष रुप से बताया एवं समझाया ।

जनसंचार विभाग के अध्यक्ष एवं कार्यशाला के संयोजक डॉ. संजीव गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को पांच दिवसीय कार्यशाला का समापन होगा । वर्कशॉप के अंतिम दिन औरंगाबाद के फिल्म मेकर एवं क्रियटिव डायरेक्टर श्री शिव कदम, एवं मध्यप्रदेश राज्य नाट्य अकादमी के डायरेक्टर श्री आलोक चटर्जी, लेखक एवं निर्माता श्री अनवर जमाल प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करेंगे।

सिनेमा देखने के साथ ही समझना भी जरुरी : अनिल चौबे हर एक्ट का एक अर्थ होता है : अनवर जमाल उदयन वाजपेयी ने सिनेमाई कलाओं की प्रकृति को समझाया एमसीयू में चल रही फिल्म एप्रीसिएशन कार्यशाला का आज होगा समापन भोपाल, गुरूवार, 17 अक्‍टूबर, 2019: सिनेमा मनोरंजन जरुर है, लेकिन ये पहले शिक्षित करता…

बहुत प्रभावित करते हैं फिल्मी गानेः तनुजा चतुर्वेदी

बहुत प्रभावित करते हैं फिल्मी गानेः तनुजा चतुर्वेदी

कई फिल्में एवं टीवी धारावाहिक लिख चुकी हैं तनुजा

उदयन वाजपेयी, डॉ. अनिल चौबे, अनवर जमाल के सत्र आज

भोपाल, 16 अक्‍टूबर, 2019: फिल्मों में गाने का प्रभाव बहुत अंदर तक होता है । गानों में सवाल-जवाब भी होते हैं, जिसे यदि संवाद के जरिए बोला जाए तो उतना अच्छा नहीं लगेगा, जितना गानों में लगता है। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में फिल्म एप्रीसिएशन कार्यशाला के तीसरे दिन ये बातें मुंबई से आई फिल्मकार, लेखक, निर्माता एवं निर्देशक सुश्री तनुजा चतुर्वेदी ने कही। स्टार प्लस, सोनी और जीटीवी जैसे नामी चैनल्स के कई धारावाहिकों के लिए स्क्रीन प्ले लिख चुकी तनुजा ने वर्कशॉप में गानों एवं फिल्मों की बारीकियों को विशेष रुप से बताया।

      उन्होंने महबूब खान की मदर इंडिया, विमल राय की उदास, गुरुदत्त की काजल के फूल, राजकपूर की प्रेमरोग, एवं बांग्लामूवी सुवर्णारेखा आदि फिल्मों के कुछ अंश भी दिखाए। उन्होंने इन फिल्मों की खूबी, स्क्रीन प्ले एवं गानों पर प्रतिभागियों के साथ चर्चा की । फिल्म एवं टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे से फिल्मों एवं स्क्रीन प्ले की बारीकियां सीख चुकीं सुश्री तनुजा ने कहा कि फिल्मकार समाज में घट रही चीजों को देखता है एवं इसे स्क्रीन के माध्यम से सामने दिखाता है। उन्होंने प्रतिभागियों को अच्छी कहानी, संवाद एवं शॉट के बार में महत्वपूर्ण जानकारी भी दी।

       जनसंचार विभाग के अध्यक्ष एवं कार्यशाला के संयोजक डॉ. संजीव गुप्ता ने कार्यशाला में चौथे दिन की जानकारी देते हुए बताया कि गुरुवार को फिल्म समीक्षक डॉ. अनिल चौबे, लेखक एवं निर्माता श्री अनवर जमाल एवं संस्कृतिकर्मी श्री उदयन वाजपेयी प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करेंगे।

बहुत प्रभावित करते हैं फिल्मी गानेः तनुजा चतुर्वेदी कई फिल्में एवं टीवी धारावाहिक लिख चुकी हैं तनुजा उदयन वाजपेयी, डॉ. अनिल चौबे, अनवर जमाल के सत्र आज भोपाल, 16 अक्‍टूबर, 2019: फिल्मों में गाने का प्रभाव बहुत अंदर तक होता है । गानों में सवाल-जवाब भी होते हैं, जिसे यदि संवाद के जरिए बोला जाए…